15 अगस्त 2024 को भारत अपना 77 साल पुरे करके 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इसी दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। यह दिन आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है। 15 अगस्त के दिन स्कूल, कॉलेजों में भाषण आदि का आयोजन किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस में मौके पर अगर आप अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं। और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण की तैयारी करना चाहते हैं तो आप हमारे द्वारा यहां लिखे गए 15 August Speech in Hindi को इस्तेमाल कर सकते हैं। 15 अगस्त स्पीच इन हिंदी फॉर स्कूल (Independence Day Speech) स्पेशली बच्चों के तैयारी के लिए तैयार किये गए हैं।
स्वतंत्रता दिवस क्विज में भाग लें – Independence Day Quiz:
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Independence Day Speech In Hindi (भाषण-1)
आदरणीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सभी अध्यापक गण, अभिभावक और मेरे प्यारे दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही है कि आज हम यहाँ पर अपने देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष में एकत्रित हुए है। सबसे पहले मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ /देती हूँ। 15 अगस्त भारतवर्ष का राष्ट्रीय पर्व है। भारत देश वर्ष 1857- वर्ष 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के पश्चात ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त वर्ष 1947 को मुक्त हुआ और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। तभी से भारतवासी इस दिन को “स्वतंत्रता दिवस” के रूप में बहुत सी धूम-धाम और हर्षोल्लास से मनाते है।
आओ झुककर सलाम करें उन्हें,
जिनकी जिंदगी में मुकाम आया है,
किस कदर खुशनसीब है वो लोग,
जिनका लहू भारत के काम आया है !!
स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत तब से हुई जब मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी को ब्रिटिश शासन के अंग्रेज अधिकारी ने गोली मारी थी। तभी से सम्पूर्ण भारत देशवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई। हमें और हमारे देश को ब्रिटिशों से यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है। देश की आजादी पाने के लिए बहुत से क्रांतिकारी सेनानियों ने बलिदान दिया जैसे कि- महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोक मान्य तिलक, लाला लाजपत राय और खुदीराम बोस आदि। आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया और कई बार तो उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। क्योंकि उनका एकमात्र लक्ष्य भारत देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाना था और काफी अत्याचार सहने और संघर्ष करने के पश्चात फलस्वरूप वे सफल भी हुए। स्वतंत्रता सेनानीओं के लिए कुछ लाइनें कहना चाहूँगी/चाहूँगा –
नमन है उन वीरों को जिन्होंने इस देश को बचाया,
गुलामी की मजबूत बेड़ियों को,
अपने बलिदान के रक्त से पिघलाया,
और भारत माँ को आजाद है कराया।
15 अगस्त वर्ष 1947 को भारत के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। इसी दिन देश के आजाद होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था। तभी से प्रत्येक वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल लिखे पर झंडा फहराते है, राष्ट्र गान गाते है और सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों से श्रद्धांजलि दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री हर साल देशवासियों को अपने भाषण के द्वारा सम्बोधित करते है और सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करते है। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ पूर्ण जोश रहता है। आजादी के बाद भारत देश अब तक बहुत उन्नति कर चुका है।
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी विद्यालय, कॉलिज, संस्थान, बाजार, कार्यालय और कारखाने आदि बंद रहते है। इस दिन सरकारी छुट्टी होती है। जगह-जगह पर झंडा फहराया जाता है। स्कूलों, कॉलिजों आदि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी छात्र-छात्राएं भाग लेते है और देशभक्ति के गीत गाते है, कोई कविता सुनाता है तो कोई सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य करते है।
15 August भारत देश के गर्व और सौभाग्य का दिवस है। यह पर्व हमारे हृदय में नवीन स्फूर्ति, नवीन आशा, उत्साह तथा देश-भक्ति का संचार है। स्वतंत्रता दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमने कितनी कुर्बानियाँ देकर यह आजादी प्राप्त की है, जिसकी रक्षा हमें हर कीमत पर करनी है। चाहे हमें इसके लिए अपने प्राणों का त्याग क्यों न करना पड़ें। इस प्रकार हम स्वतंत्रता दिवस के पर्व को पूर्ण उत्साह, उमंग और जोश के साथ मनाते है और राष्ट्र की स्वतंत्रता और सार्वभौमिकता की रक्षा का प्रण लेते है। जाते-जाते मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी/चाहूंगा कि –
भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान,
इस दिन ले लिए जो हुए थे हँसकर कुर्बान,
आजादी की खुशियाँ मनाकर लो शपथ ये कि,
बनाएंगे देश भारत को और भी महान।
जय हिन्द !………. जय भारत !……..
इस भाषण की पीडीऍफ़ यहां से डाउनलोड करें।
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स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 2
आदरणीय प्राचार्य जी, शिक्षक गण और मेरे प्यारे साथियों आज (15 अगस्त) स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम सभी यहाँ पर इकट्ठा हुए है और मुझे आप सभी के समक्ष स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर अपने विचार रखने का मौका मिला है, यह मेरा सौभाग्य है। सबसे पहले आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। क्या आप जानते है इस वर्ष भारत का कौन-सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है? इस वर्ष भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। आज मैं स्वतंत्रता दिवस पर अपने कुछ विचार आपके सामने रखने जा रहा/रही हूँ। शुरुआत करते है कुछ लाइनों से –
जब आँख खुलें तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आँख बंद हो टी यादें हिन्दुस्तान की हों,
हम मर भी जाएँ टी कोई गम नहीं….
मरते वक्त मिटटी हिन्दुस्तान की हो।
हमारा भारत देश 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा। देश को आजाद कराने के लिए हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानीओं जैसे – बाल गंगाधर तिलक, लोक मान्य तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, खुदीराम बोस, सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडे आदि ने बलिदान दिए और अत्याचार सहते हुए भी वे देश को आजादी दिलाने के लिए सदैव तत्पर रहें। वर्ष 1857-1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के बाद और काफी अत्याचार सहने के बाद 15 अगस्त वर्ष 1947 को हमारा भारत देश ब्रिटिश शासन की बेड़ियों से मुक्त हुआ और सभी भारतवासियों ने आजादी की सांस ली। आज के स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के लिए कुछ शब्द कहना चाहूँगी/चाहूँगा।
फांसी चढ़ गए और सीने और गोली खाई,
हम उन शहीदों को प्रणाम करते है ,
जो मिट गए देश पर,
हम शहीदों को प्रणाम करते है।
प्रतिवर्ष 15 अगस्त को भारत देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। हर साल देश प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते है जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाय जाता है, सेना द्वारा परेड मार्च और शक्ति प्रदर्शन किया जाता है और साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। देश के प्रधानमंत्री देश को सम्बोधित करते है। राष्ट्र ध्वज के सम्मान में कुछ लाइन कहना चाहूँगी/चाहूँगा।
दे सलामी इस तिरंगे को,
जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक दिल में जान है !!
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के पर्व को सम्पूर्ण देश में बहुत ही जोश, उमंग और देशभक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। स्कूल और कॉलिजों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें अधिकतर बच्चे भाग लेते है और अलग-अलग पेशकश पेश करते है। कोई देशभक्ति गीत सुनाता है, कोई देशभक्ति से संबंधित कविता सुनाता है और कोई सांस्कृतिक गीतों पर नृत्य तैयार करते है। छात्र भगत सिंह महात्मा गांधी और अन्य क्रांतिकारी बनते है और नाटक पेश करते है। सभी दफ्तरों, कार्यालयों, संस्थानों आदि का सरकारी अवकाश रहता है।
हमने अंग्रेजों के शासन से आजादी ऐसे ही नहीं मिली है। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया है। हमें सभी शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों और याद रखते हुए अपने राष्ट्र का सम्मान करते हुए राष्ट्र के सम्मान को बनाये रखने का प्रण लेना चाहिए। आइये स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ दिन पर हम सभी मिलकर राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाये रखने का प्रण लेते है। कुछ लाइनों के साथ अपनी बात को समाप्त करती/करता हूँ –
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
जय हिन्द !…….. जय भारत !…..
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स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 3
दोस्तों नमस्कार, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत – बहुत हार्दिक शुभकामनाएं, जैसा की आप जानते हैं की आज हमारा देश स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगाँठ मना रहा है। जो हमारे देश और हम सब के लिए गौरव की बात है। अंग्रेजों के 200 वर्षों के शासन के बाद हमें आजादी मिली। दोस्तों आपको पता ही होगा की अंग्रेजों से यह आजादी हमें ऐसे ही नहीं मिली इस आजादी को पाने के लिए देश के महापुरुषों (महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाला लाजपत राय, रामप्रसाद बिस्मिल आदि) और स्वतंत्रता सेनानियों ने त्याग, तपस्या और खून का बलिदान दिया तब जाकर ये आजादी मिली। जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो अंग्रेजों ने हम भारतीयों के ऊपर बहुत अत्याचार किये।
दोस्तों मैं आपको बताता हूँ की गुलामी के समय भारतीयों को किसी भी सरकारी संस्था के उच्च पद नहीं रखा जाता था। आजादी के पहले तक सभी उच्च पद अंग्रेजों को दिए जाते थे। दोस्तों आपको बता दें की देश में अंग्रेजों का आगमन व्यापार के उद्देश्य को लेकर हुआ था। लेकिन जब अंग्रेजों ने देखा की देश तो पूरी तरह से बंटा हुआ हैं लोग जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे को मरने मारने पर उतारूं हैं। देश के अंदर हर राजा की अपने राज्य और राजधानी हैं और इनके बीच हमेशा ही युद्ध एवं लड़ाइयां चलती रहती हैं। तो यह देख अंग्रेजों ने सोचा की क्यों ना इस परिस्थिति का लाभ उठाया जाये। अंग्रेजों ने आपस में देश के विभिन्न राज्यों के राजाओं को लड़वाया और अपना शासन स्थापित करने में कामयाब रहे।
धीरे-धीरे इस तरह की रणनीति अपनाते हुए पुरे देश पर अंग्रेजों का कब्ज़ा हो गया। अंग्रेजों के शासन को देश से उखाड़ फेंकने के लिए पहली क्रांति सन 1857 में मानी जाती है। जब महान क्रांतिकारी मंगल पांडे ने उत्तर प्रदेश की मेरठ छावनी में अंग्रेजों के द्वारा दी गयी बंदूक को चलाने से मना कर दिया था। क्योंकि उस समय की बंदूकों में उपयोग होने वाले कारतूस में गाय की चर्बी का उपयोग किया जाता था। पर क्योंकि मंगल पांडे एक ब्राह्मण थे तो उन्होंने इस चर्बी वाली कारतूस बन्दूक को चलाने से मना कर दिया।
जिसने पुरे देश में क्रांति की ज्वाला को भड़का दिया और पुरे देश में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत हुई। दोस्तों इसके बाद महान क्रांतिकारियों के सालों के अथक प्रयासों के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से शासन से आजादी मिली। जिसको देश का स्वाधीनता या कहें की स्वतंत्रता दिवस कहा गया। नमस्कार दोस्तों , भारत माता की जय , जय हिन्द इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 4
दोस्तों वैसे तो आपने 15 अगस्त पर बहुत से भाषण सुने होंगे। यदि आप 15 अगस्त पर स्पीच की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपको यहां 15 अगस्त पर दी जाने वाली स्पीच के कुछ उदाहरण देकर आपको बता रहे हैं की स्वतंत्रता दिवस पर दी जाने वाली Speech (भाषण) कैसा होना चाहिए। भाषण में आपको सबसे पहले आदरणीय अतिथियों और अपने शिक्षकों के सम्मान में दो लाइन कहें। यहाँ हम आपको भाषण का प्रारूप बता रहे हैं।
माननीय शिक्षक गण, आदरणीय अतिथि गण सभी को मेरा सादर प्रणाम। दोस्तों और साथियों आज के इस स्वतंत्रता दिवस के पावन मौके पर मैं आप सभी को दिल से 15 अगस्त की शुभकामनाएं देता हूँ। दोस्तों मैं इस 15 अगस्त के शुभ अवसर पर कहना चाहता हूँ की ये आज़ादी हमने बड़े संघर्षों और मुश्किलों से पायी है। आज़ादी का महत्व वही समझ सकता है जिसने बरसों तक गुलामी की बेड़ियों में अपना जीवन बिताया हो। आप तो जानते हैं की देश के महापुरुषों देश के प्रति अपना सब कुछ न्यौछावर और बलिदान देकर हमें ये आज़ादी दिलवाई है। जैसा की आपको पता है की 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के द्वारा लाल किले पर तिरंगा झंडा लहराने के साथ ही भारत में एक नए आज़ाद युग की शुरुआत हुई। 15 अगस्त के दिन लाल किले पर झंडा फहराने की यह परम्परा आज तक निभायी जाती है।
जो भी देश के वर्तमान प्रधानमंत्री होते हैं वह 15 अगस्त के दिन लाल किले पर झंडा फहराते हैं। 15 अगस्त किसी एक व्यक्ति विशेष का नहीं यह सम्पूर्ण देश का त्यौहार होता है। लेकिन आज के माहौल को देखते हुए मैं यह कहना चाहूंगा की जिस सुन्दर भारत देश की कल्पना हमारे महापुरुषों ने की थी। क्या हम वैसा देश बनाने की ओर अग्रसर हैं जहाँ आये दिन देश में घोटाले, भ्रष्टाचार, आदि के मामले पढ़ने और सुनने को मिलते हैं। दोस्तों हम सभी को अपने प्रयासों से देश की यह तस्वीर बदलनी होगी। अंत मैं दोस्तों यही कहना चाहूंगा की यह देश हम सब के लिए राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। हम सब आपसी झगड़ों को भुलाकर आपस में मिलकर और सौहार्द से इस देश को सुन्दर बना सकते हैं। वन्दे मातरम, इंकलाब जिंदा बाद के शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूँ। धन्यवाद।
15 August (स्वतंत्रता दिवस) पर Speech – 5
सभी मित्र गण को नमस्कार, Respectfully Guest और मेरे प्यारे देशवासियों आज हमारा देश बहुत जोश और उमंग के साथ अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आप तो जानते हैं की हमारे देश को आज़ाद हुए 76 वर्ष पुरे हो चुके हैं। दोस्तों जैसा की आपको पता है की हर साल 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिल्ली के लाल किले पर देश का तिरंगा झंडा फहराया जाता है। पर दोस्तों मैं आपके साथ अपने देश के तिरंगे झंडे से संबंधित कुछ जानकारियां साझा करना चाहता हूँ उम्मीद करता हूँ की मेरे द्वारा दी गयी यह जानकारियां आपको जरूर पसंद आएगी।
- मित्रों जो तिरंगा झंडा हम आज देखते हैं जिसे हमने अपना राष्ट्रीय ध्वज माना है उसका डिज़ाइन किसने तैयार किया था ? यदि आपको नहीं पता तो चलिए मैं आपको बताता हूँ।
- दोस्तों मैं आपको बता दूँ की आज के राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना मद्रास (वर्तमान में आंध्र प्रदेश) के मछलीपट्नम के रहने वाले महान क्रन्तिकारी और देशभक्त पिंगली वैंकया ने की थी। उन्होंने ही आज के राष्ट्रीय ध्वज जिसमें केसरिया , सफ़ेद और हरे रंग की तीन पट्टियां और सफ़ेद पट्टी में अशोक चक्र स्थित है का Design तैयार किया था।
- पिंगली वैंकया ने झंडे का डिज़ाइन तब तैयार किया था जब वह बॉम्वोलार्ट कंबोडिया कपास अनुसन्धान केंद्र में कपास की विभिन्न फसलों के तुलनात्मक अध्ययन कर रहे थे।
- दोस्तों मैं आपको बता दूँ की सन 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अखिल भारतीय सम्मेलन में ध्वज के तिरंगे डिज़ाइन को सम्पूर्ण सभा के द्वारा सर्वसम्मति के साथ स्वीकार कर लिया गया।
लेकिन दोस्तों मैं आपसे कहना चाहता हूँ की आज कल हम देखते हैं की 15 अगस्त के दिन तो सभी स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में देशभक्ति के कार्यक्रमों के द्वारा सभी अपनी देशभक्ति दिखाते हैं परन्तु जब अगले दिन हम देखते हैं की छोटे – छोटे बने देश के तिरंगे झंडे को लोगों ने यहाँ वहां कूड़े में फेंका होता है। जो लोग 15 अगस्त को अपनी देशभक्ति दिखा रहे थे वही अगले दिन देश के तिरंगे झंडे का अपमान करने से भी बाज नहीं आते। दोस्तों मैं आपसे कहना चाहूंगा की यह गलत है हमें अपने देश के ध्वज का राष्ट्रीय सम्मान हमेशा करना चाहिए।
इस तरह की हरकतों से पूरी दुनिया में हमारा और हमारे देश के राष्ट्रीय सम्मान कम होता है। दोस्तों मैं आपसे यही कहना चाहूंगा की हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए की जिससे हमारे देश के सम्मान को ठेस पहुंचे। अंत में मैं भारत माता की जय, जय हिन्द, जय जवान जय किसान आदि शब्दों के साथ अपने भाषण को खत्म करना चाहूंगा। जाते-जाते अपने देश के संबंध में प्रसिद्ध यह एक पंक्ति कहना चाहूंगा।
सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।।
मित्रों आओ हम सब मिलकर एक ऐसाअपने देश हिंदुस्तान ऐसा बनाये जो दुनिया में सबसे प्यारा और अच्छा हो।
15 August Par Bhashan Hindi Me
Independence Day Speech – 15 अगस्त पर जोशीला भाषण – 3
जो भरा नहीं है भावों से ,बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं वो पत्थर है ,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
यहाँ उपस्थित प्रिंसिपल महोदय, गुरुजनों / अध्यापकों, मुख्य अतिथि महोदय और सभी गणमान्य व्यक्तियों को 15 अगस्त के इस पावन अवसर पर मेरी तरफ से शुभकामनाएं। आज मैं आप सब के समक्ष 15 अगस्त के उपलक्ष में अपने विचार प्रस्तुत करना चाहती हूँ। जैसा की हम जानते हैं कि आज का दिन यानी 15 अगस्त को हम अपने देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। आज ही के दिन हमारे देश को अंग्रेज़ों से 200 वर्षों बाद आज़ादी मिली थी। देश में व्यापार के लिए आये अंग्रेज़ों ने 200 वर्षों तक हमारे देश पर राज किया और यहाँ की सम्पदा का दोहन किया।
हमारा देश हमेशा से ही एक शांतिप्रिय देश रहा है। लेकिन पराधीनता का वो दौर जब देश की जनता पर अत्याचार बढ़ते जा रहे थे और देश के टुकड़े हो रहे थे तब हमारे देश भक्तों ने अपने अनेक प्रयासों और शहादतों से इस देश की रक्षा की। उस दौर में इस पराधीनता के जीवन से मुक्त कराने के लिए हमारे देश में बहुत से महान वीर सुपूतों ने जन्म लिया। जिनके अथक प्रयासों के चलते हमें आज आज़ाद भारत में जीने का मौका मिला है। बचपन से लेकर आज तक आप भी महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आज़ाद, भगत सिंह और सरदार वल्लभ भाई पटेल व अनेक देश भक्तों के नाम सुनते ही आ रहे हैं।
ये वो भारत माता के वो सपूत हैं जो अपनी पूरी ज़िन्दगी मातृभूमि की सेवा ही करते रहे। देश की अखण्डता, सम्प्रभुता और सम्मान के खातिर कोई भी कसर नहीं छोड़ी। अंग्रेज़ों द्वारा कितने ही प्रताड़ित क्यों न किये गए हों लेकिन उन्होंने अंत तक हार नहीं मानी। और स्वयं की न सोच उन्होंने अपने देश में आगे आने वाली पीढ़ी के भविष्य की चिंता की।
हम भाग्यशाली हैं जो हमें आज़ाद भारत में जन्म मिला। वो आज़ाद भारत जिसकी आज़ादी की कीमत हमारे पूर्वजों के द्वारा चुकायी गयी है। मातृभूमि की गोद में जन्में ये स्वतंत्रता सेनानी अपनी जान की परवाह न करते हुए 1857 से ही आज़ादी की लड़ाई शुरू कर चुके थे और सन 1947 में पूर्ण आज़ादी देते हुए अपनी मातृभूमि के खातिर शहीद हो गए। आज भी पूरा देश इन वीर सुपूतों को याद करता है और उनके देशभक्ति के जज़्बे को नमन करता है। आज उन सभी वीर सुपूतों को श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं जो देश की सम्प्रभुता, अखंडता, एकता की रक्षा के लिए शहीद हो गए।
आज का भारत पहले के अपेक्षा बहुत से क्षेत्रों में विकसित हुआ है। फिर चाहे वो तकनीकी का क्षेत्र हो, मेडिकल का क्षेत्र हो , कृषि क्षेत्र या अन्य कोई क्षेत्र हो, भारत सभी क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है। हमारा देश दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र उदाहरण हैं। हमारे देश की सशस्त्र सेना बल बहुत मजबूत है साथ ही हमारा देश अब दुनिया की परमाणु शक्ति संपन्न देशों में से एक बन चूका है। आज भारत एक प्रगतिशील और सम्मानित शांतिप्रिय देश के तौर जाना जाता है ।
आज भी हमारी आज़ादी को बनाये रखने के लिए देश की सरहदों पर हमारे सशस्त्र सेना बल के जवान दिन रात खड़े रहकर हमारी और संपूर्ण देश की सुरक्षा कर रहे हैं। हमें सलाम करना होगा उनकी इस देशभक्ति को जो हमारे लिए अपने घर परिवार को छोड़कर विषम प्राकृतिक परिस्थितियों में भी हमारी सुरक्षा कर रहे हैं। धन्य हैं वो माताएं जो अपने सबूतों को देश के लिए स्वयं से दूर कर देती हैं ताकि वो अपनी मातृभूमि के सम्मान की रक्षा कर सकें। साथ ही भाग्यशाली हैं वो बहने और वो पत्नियां जो जो अपनी राखी और सिन्दूर से पहले अपने देश के सम्मान को पहले रखती हैं। हमें गर्व होना चाहिए की हम ऐसे देश के नागरिक हैं। 15 अगस्त मनाने का मकसद हमारा तभी पूरा होगा जब हम आज़ादी के सही मायने समझेंगे। आज इस अवसर पर हम इसी सन्दर्भ / बारे में चर्चा करेंगे।
आज आज़ादी के इतने सालों बाद हम हर साल 15 अगस्त को आज़ादी के दिवस को मनाते हैं पर क्या हमें असल में आज़ादी के मायने पता हैं ? क्या हम पूरी तरह से आज़ाद हैं ? क्या हमे वो आज़ादी मिली जिसकी कल्पना हमारे पूर्वजों ने की थी? हमारा वो देश जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने इतना सब कुछ किया उस देश के लिए क्या हम व्यक्तिगत स्तर पर अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा सकतें ? क्या आप को नहीं लगता कि हम ऐसे सम्मानित देश के नागरिक हैं जिसका बहुत ही वैभवशाली इतिहास है, जो बेहद शांतिप्रिय है और जिसके नागरिक होने के नाते हमारा ये फ़र्ज़ बनता है की हम भी अपने देश को और भी बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दें।
हम हर साल आज़ादी का दिवस मानते हैं, हर साल अलग-अलग भाषण देते हैं और इस के बाद अपनी इति श्री समझ लेते हैं। लेकिन दोस्तों क्या ये सब करके हम सच्चे मायने में देश भक्त बन जाते हैं ? हर साल भाषण देकर और देशभक्ति के गाने गाकर व बजाकर और देशभक्ति के नारे लगाकर हम देशभक्त नहीं बन जाते। हमारी जिम्मेदारी यहाँ पूरी नहीं होती। जी हाँ, इतना काफी नहीं है। इसके लिए आवश्यक है की हम आज़ादी के सही मायने समझें और साथ ही देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी भी। अपने बेहतर राष्ट्र निर्माण के लिए हमें आज के दिन बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाये कुछ छोटी-छोटी कोशिशें करनी होंगी।
आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी आज बहुत से ऐसे पक्ष हैं, जो हमारे आज़ाद भारत की कल्पना से परे हैं। समाज में आज भी अशिक्षा, बेरोजगारी, मानव तस्करी, गरीबी, बेरोजगारी, बाल मजदूरी, भ्रष्टाचार, देह व्यापार, बेईमानी आदि समस्याओं से छुटकारा पाना बाकी है। दोस्तों अगर आज ये हमारे स्वतंत्रता सेनानी ज़िंदा होते तो सोचिये, क्या वो आज के भारत को देख कर गर्व से कह सकते की ये उनके सपनों का भारत है? शायद नहीं। वो आज सड़क पर भूखे नंगे घुमते उन बच्चों को जिन्हें भारत का भविष्य कहा जाएगा वो इस तरह भीख मांगते, कूड़ा बीनते दिखेंगे तो क्या पहचान पाएंगे वो अपने भारत को? नहीं, बिलकुल नहीं, ये उनका भारत नहीं है जिसके लिए उन्होंने अपनी कुर्बानी दी।
उनका भारत बनाने के लिए अब हमें आगे आना होगा। हमें अपने स्तर पर आगे बढ़ना होगा। सब कुछ सरकार के भरोसे न छोड़े, सरकार समय-समय पर बदल जाती है। आप सरकार का चुनाव करते हैं लेकिन सिर्फ इतना काफी नहीं है, सरकार को जिस कारण से लाये हैं उस मकसद को पूरा करने के लिए दबाव बना कर रखें। साथ ही स्वयं भी एक ज़िम्मेदार नागरिक बनें। लोकतंत्र के नाम पर आप ठगे न जाएँ इसके लिए ऐसा करना आवश्यक है। समाज में एकरूपता लाने, समाज से गरीबी दूर करने, बेटियों को आज़ादी देने और देश को मजबूत करने के लिए जो भी बन पड़े वो अपने स्तर पर करते रहे।
देशभक्ति मतलब सिर्फ देश के ध्वज को लहराना नहीं है,
बल्कि अपने देश को मजबूत और सशक्त बनाने में सहायता करना भी है.
अब सवाल उठता है की ऐसा क्या करें जो हम अपने स्तर पर देश की बेहतरी के लिए कर सकें। आप की देशभक्ति सिर्फ एक दिन की देशभक्ति न रह जाए। आप हमेशा अपने देश को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहे। तो इसके लिए क्या करें अब इसी पर अपने विचार रखती हूँ। देश को पहले की तरह विश्व गुरु बनाने के लिए हमें अपने देश के विभिन्न पक्षों / क्षेत्रों को मजबूत करना होगा, जिसके लिए आवश्यक है की हम सभी मिलकर इस ओर कदम बढ़ाएं।
इस बात का इंतज़ार न करें की सरकार क्या करेगी ? अपनी ज़िम्मेदारी को समझें। देश हमारा है, हमें ही इसे आगे बढ़ाना है। हमें ही आत्मनिर्भर बनना होगा और देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा। यूँ हाथ पर हाथ रखे बैठने से कुछ नहीं होगा। जब आज तक नहीं हुआ तो आगे भी नहीं होगा। अगर कुछ बेहतर चाहते हैं तो कुछ बेहतर करना होगा। हमें साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा।
सबसे पहले स्वदेशी अपनाएं। जैसे की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नारा दिया है की वोकल फॉर लोकल बने। आप अगर अपने देश से प्रेम करते हैं तो आप को अपने देश में निर्मित वस्तुओं पर भरोसा करना होगा। उनका इस्तेमाल करना होगा। आप को आत्मनिर्भर बनना होगा। इस का ये मतलब नहीं है की आप देश के बाहर की वस्तुओं को त्याग दें। आप उनका इस्तेमाल करें, उनसे सीखें और स्वयं अपने प्रोडक्ट में सुधार करें, उन्हें निर्मित करें। सीधे शब्दों में आप उन्हें सीखकर बेहतर बनाए। अपने देश में बनाएं।
आज भी बहुत से लोग हैं जो पाश्चात्य सभ्यता का अनुसरण करने को बिलकुल गलत मानते हैं। लेकिन यहाँ मेरा विचार है की आप किसी भी सभ्यता का अनुसरण अपने देश के परिप्रेक्ष्य में सोच समझ कर करें और सिर्फ उतना ही करें जिसमें आप की सभ्यता का अस्तित्व खतरे में न पड़े। आप सभी जगह से कुछ न कुछ अच्छा ले सकते हैं। अगर इसमें आप के देश आप के लोगों की भलाई है तो आप एक सीमा तक अनुसरण कर सकते हैं।
सिर्फ सोशल मीडिया पर अपने जज़्बात लिखना देशभक्ति नहीं होती। साल में सिर्फ 2 दिन तिरंगा लहराना काफी नहीं, बल्कि सालभर अपने व देश के लिए अपना कार्य पूरी लगन, ईमानदारी सच्ची निष्ठा से करे तो वही देशभक्ति है। विडंबना देखिये देश के पढ़े लिखे नौजवान देश की हालत के लिए राजनीति को ज़िम्मेदार ठहराते हैं। जबकि उन्हें तो देश की हालात सुधारने का बेडा उठाना चाहिए। समय की जरूरत है की सभी पढ़े लिखे नौजवानों को अब राजनीति की मुख्य धारा में आना होगा और अपने देश को सदियों से चले आ रहे कुरीतियों और पुराने विचारों से आज़ाद करना होगा। नई सोच के साथ नए देश का निर्माण करना होगा। इसी के साथ कुछ पंक्तियों के माध्यम अपनी वाणी को विराम देती हूँ।
सुंदर है जग में सबसे, नाम भी न्यारा है,
जहां जाति-भाषा से बढ़कर, देश-प्रेम की धारा है,
निश्छल , पावन , प्रेम,पुराना, वो भारत देश हमारा हैं।
short speech on Independence Day in Hindi
1 minute Independence Day Speech in Hindi :- भारत हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है,1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद हर साल भव्य रूप से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। हर साल, प्रधान मंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। स्कूल और कॉलेज में इस दिन भाषण, देशभक्ति गीत प्रतियोगिताएं आदि आयोजित की जाती हैं। यह (1 minute Independence Day Speech in Hindi) 1 मिनट का स्वतंत्रता दिवस भाषण आपके लिए आसान करेगा कि भाषण कैसे लिखना है।
सबसे अच्छा भाषण कैसे लिखें या दें
- अपना परिचय दें
- अपने भाषण की संरचना करें
- लंबे वाक्य से बचें
- अपने विषय पर ध्यान दें
- दर्शकों को भी देखते रहें
- कविता या देशभक्ति शायरी के साथ भाषण समाप्त करें।
यहां उपस्थित सभी सज्जनों (गुरुजनों )को मेरा नमस्कार या प्रणाम
आज हम सब यहां भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम गुलाम होने का दर्द नहीं समझ सकते। हम शांति से रह रहे हैं क्योंकि उन्होंने हमारी आजादी के लिए खुद को बलिदान कर दिया। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य लोगों ने हमारे देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। आजादी की लड़ाई 1857 में शुरू हुई जिसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीयों का जन आंदोलन हुआ। फिर महात्मा गांधी एवं कई और आगे आए आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए।
तो आइए, आजादी के बाद की अपनी उपलब्धियों को याद करने की कोशिश करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के बाद, भारत ने प्रत्येक वयस्क को वोट देने का अधिकार दिया। 1951 में रेलवे नेटवर्क का राष्ट्रीयकरण किया गया था और अब यह दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। 1951 में भारत में पहला आम चुनाव हुए, जिसमें जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने। भारत ने अपना पहला विश्व कप 1983 में जीता। भारत ने 2008 में ओलंपिक खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। हम कह सकते हैं कि भारत केवल आगे और आगे बढ़ रहा है।
आज, हमें अपने शिक्षा के अधिकार, बोलने के अधिकार की स्वतंत्रता है। हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है। भारत डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है। आजादी के बाद हम काफी आगे आ चुके हैं।
आजादी की लड़ाई के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने लोगों के अंदर परिवर्तन लाने की शुरुआत की जिसके फल स्वरूप देश आजाद हुआ , परिवर्तन आप से शुरू होता है – परिवर्तन के लिए न पूछें और न ही प्रतीक्षा करें। चीजें तभी बदलेंगी जब आप बदलना शुरू करेंगे। अगर आपको लगता है कि आपकी कॉलोनी साफ-सुथरी होनी चाहिए, तो शुरुआत अपने कमरे की सफाई से करें।
हमें अपने जीवन में सपने देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए, अगर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र भारत का सपना देखा है, तो यही कारण है कि वे इसे हासिल करने में सक्षम हुए थे। सपने देखना कभी बंद न करें क्योंकि अगर आप सपने देखना बंद कर देते हैं तो आप जीना बंद कर देते हैं।
तो आइए आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने आप से एक वादा करें कि हम भाईचारा बनाए रखते हुए, सभी की मदद करके और खुद को शिक्षित करके हमेशा अपने देश की रक्षा करेंगे। अब, मैं अपना स्वतंत्रता दिवस भाषण कुछ पंक्तियों के साथ समाप्त करना चाहूंगा
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..!! जय हिंद, जय भारत।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं !!!!