अल्प विराम चिह्न: परिभाषा, प्रयोग और नियम – Alp Viram Chinh

हिंदी भाषा में चिन्हों का बहुत महत्व है। किसी भी वाक्य का सही अर्थ व्यक्त करने के लिए अल्प विराम का चिन्ह (Alp Viram Chinh) लगाया जाता है। अल्प विराम का अर्थ है- थोड़ी देर के लिए रुकना या ठहरना। कई लोगों को यह जानकारी नहीं होती है कि अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग कब ... Read more

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Reported by Saloni Uniyal

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हिंदी भाषा में चिन्हों का बहुत महत्व है। किसी भी वाक्य का सही अर्थ व्यक्त करने के लिए अल्प विराम का चिन्ह (Alp Viram Chinh) लगाया जाता है। अल्प विराम का अर्थ है- थोड़ी देर के लिए रुकना या ठहरना। कई लोगों को यह जानकारी नहीं होती है कि अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग कब और कहां किया जाता है। तो आज हम आपको अपने इस आर्टिकल की सहायता से अल्प विराम चिह्न: परिभाषा, प्रयोग और नियम सभी की जानकारी देने वाले है। उसके लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।

Alp Viram Chinh | अल्प विराम चिह्न: परिभाषा, प्रयोग और नियम
Alp Viram Chinh

यह भी पढ़े :- संज्ञा (Sangya) – परिभाषा, भेद और उदाहरण: Sangya in Hindi

अल्प विराम चिह्न की परिभाषा

वाक्यों को लिखते समय उनके बीच में थोड़ा ठहराव देने या थोड़ी देर रुकने के लिए अल्प विराम चिन्ह दिया जाता है। इसे अंग्रेजी भाषा में Comma (,) कहते है। जैसे – राम, शाम, रोहन, सोहन, मुकेश, राजू, आकाश, विमल आदि। इसी प्रकार से कई जगह पर अल्प विराम चिन्ह दिया जाता है। हिंदी व्याकरण में चिन्हों का बहुत महत्व है, इसलिए हमें विराम चिन्ह, भेद, प्रयोग और नियम की जानकारी भी होनी चाहिए।

उदाहरण :-

  • नमस्ते, मेरा नाम मीना है।
  • मैं आज सुबह उठी, तैयार हुई, नाश्ता किया और फिर स्कूल चले गई।
  • मेरे भाई दिल्ली से मिठाई, कपड़े, फल, किताबे, मोबाइल आदि चीज़े लेकर आया है।
  • रुको मत, जाने दो।
  • रोको, हम सब भी आ रहे है।

अल्प विराम का प्रयोग और नियम

हिंदी और अंग्रेजी भाषा में किसी वाक्य का स्पष्ट अर्थ निकलने के लिए अल्प विराम चिन्ह (,) का प्रयोग किया जाता है। तो आइये जानते है संक्षिप्त में पूरी जानकारी –

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नियम –

  1. जब किसी वाक्य में दो या दो से अधिक समान श्रेणी के पद आते हैं तो उनके मध्य और, तथा, एवं, व का प्रयोग न करके अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अंतिम के 2 पदों के मध्य संयोजक शब्द (और, तथा, एवं, व) का प्रयोग किया जाता है। जैसे – मोहन एक महीने में दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरिद्वार, चंडीगढ़, राजस्थान और गुजरात घूम आया है।
  2. जिन वाक्यों में किसी दूसरे के प्रति भाव प्रकट किया जाता है, वहाँ पर अल्पविराम लगाया जाता है। जैसे – वह बहुत ही ताकतवर इंसान है, मैंने उसे कई बार देखा है।
  3. वाक्य में अवतरण चिन्ह से ठीक पहले अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है जैसे – शिक्षक ने कहा, “तुम बहुत ईमानदार व्यक्ति हो।”
  4. यदि किसी वाक्य के मध्य ( जो, तो, किन्तु, पर, इसलिए, परंतु, बल्कि, लेकीन, क्योकि, अंतः, तथापि, जिसमें) आदि शब्दों का उपयोग होते है, तो उससे पहले अल्पविराम चिन्ह लगाया जाता है। जैसे – मुझे कल से बुखार है, इसलिए आज नहीं आ पायी। मोहन कॉलेज नहीं आया, क्योकि उसकी तबियत ख़राब है।
  5. अंकों का स्पष्ट रूप से समझने के लिए लिखते समय अलग -अलग अंकों के मध्य अल्प विराम लगाया जाता है। जैसे – 1,2,3,4,5,10,20,30,50….
  6. किसी वाक्य में दिनांक महीने लिखने के बाद और सन लिखने से पहले अल्पविराम लगाया जाता है जैसे – 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था।
  7. कई बार एक ही वाक्य को अनेक बार दोहराया जाता है, उनके बीच में भी अल्पविराम लगाया जाता है। जैसे – नहीं, नहीं, नहीं, मैंने उसे नहीं मारा।
  8. जब कोई वाक्य हाँ, नहीं, अच्छा, बस, सचमुच, अंतः, वस्तुत जैसे शब्दों से शुरू होता है, तो इन शब्दों के बाद अल्पविराम लगाया जाता है। जैसे – बस, अब कुछ मत कहो, अच्छा, आप यह ले लीजिए।

अल्पविराम से सम्बंधित प्रश्नोत्तर –

अल्पविराम किसे कहते है ?

वैसे तो अल्पविराम चिन्ह का प्रयोग कई जगहों पर किया जाता है, लेकिन किसी वाक्य के बीच में थोड़ा -थोड़ा रुकने या ठहराव का संकेत देने के लिए अल्पविराम चिन्ह (,) लगाया जाता है।

अल्पविराम की आवश्यकता क्यों होती हैं ?

जब हम कुछ लिखते ये बोलते है तो अपने वाक्यों को स्पष्ट रूप से बोलने, भावपूर्ण समझने के लिए वाक्य के मध्य थोड़ा ठहराव देने की जरुरत होती है, ताकि वाक्य को अर्थपूर्ण समझा जा सकें।

अल्पविराम चिन्ह को कैसे दर्शाया जाता है ?

अल्पविराम चिन्ह को (,) के द्वारा दर्शाया जाता है, इसे अंग्रेजी भाषा में Comma कहते है।

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