माना जाता है कि पंजाब भारत का सबसे समृद्ध राज्य है और इसे सिख धर्म का घर भी कहा जाता है। यह भारत का एक कृषि प्रधान राज्य है जिसका राज्य की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। भारत के विभाजन के समय पर ही पंजाब राज्य दो भागों में बंट गया मुस्लिम पश्चिमी भाग पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में शामिल हुआ जबकि सिख पूर्वी भाग भारतीय पंजाब राज्य के रूप में सामने आया।
भारत के विभाजन के बाद से ही बहुत से दंगे होते आ रहे हैं, खालिस्तानी और अलगाववादी आंदोलन समय-समय पर उजागर होते रहते हैं। कुछ समय पूर्व दीप सिद्धू जो कि ‘वारिस पंजाब दे’ नामक सिख समर्थन संगठन के प्रमुख थे, इन्होने पूरे राज्य में जगह-जगह पर दंगा करके राज्य तथा देख की शांति भंग की और बहुत बड़ा बबाल काटा था।
इनके खिलाफ कानूनी कारवाही भी चली, अंत में दीप सिद्धू की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी। उसके बाद एक नाम सामने आता है अमृतपाल सिंह आखिर अमृतपाल सिंह कौन है ? आज हम इसी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
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खालिस्तान की मांग को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आंदोलन चलते रहते हैं। इसके समर्थक चाहते हैं कि हमें भारत से अलग करके खालिस्तान नाम दे दिया जाय। जो केवल सिख धर्म के लोगों की मातृभूमि होगी। इन्हीं मांगों को लेकर एक के बाद एक संगठन बने और साथ में उनके प्रमुख ने नए-नए चेहरे सामने आए कभी जनरैल सिंह भिंडरावाले का नाम इस से जुड़ा तो कभी दीप सिद्धू और अब आए हैं।
अमृतपाल सिंह जिन्हें ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन का प्रमुख माना जाता है। ये सभी लोग खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने में अपना पूरा समर्थन देते आए हैं जो कि पूरे देश की संप्रभुता के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है।
अमृतपाल सिंह कौन है ?
यह एक ऐसा नाम है जो अचानक सामने आया, इस नाम को पहले न कभी किसी ने सुना न ही किसी भी आंदोलन में इसे देखा गया हो। यहाँ तक कि जिस संगठन (वारिस पंजाब दे) के ये प्रमुख है उसमें भी इन्हें कभी नहीं देखा गया है। कुछ महीने पहले अजनाला पुलिस स्टेशन में बहुत बड़ी संख्या में हथियारों से लेस लोगों ने पुलिस स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया जिसमें हजारों की संख्या में लोग थे और इन सभी ने बैरिकेड्स तोड़कर स्टेशन में हंगाम किया।
भीड़ ने बन्दूक, लाठियां, तलवारें चलाना शुरू कर दिया जिसमें कई पुलिस जख्मी भी हुए। ये हंगामा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि अमृतपाल सिंह के साथी लवप्रीत तूफान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया। यहीं से अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का नाम सुर्खियों में आता है।
अमृतपाल सिंह पंजाब अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल का जन्म 18 जनवरी 1993 को हुआ था। इनके पिता का नाम तरसेम सिंह तथा माता का नाम बलविंदर कौर है, अमृतपाल का एक बड़ा भाई है और इनकी 2 जुड़वाँ बहनें है।
इन्होने 12वीं तक पढाई की और उसके बाद ये दुबई चले गए। जहाँ पर इन्होने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था उस समय यह दीप सिद्धू जो कि वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख थे इनके सम्पर्क में आया था। इनकी कभी मुलाक़ात नहीं हुई सिर्फ इंटरनेट के जरिये ये एक दुसरे से जुड़े रहे।
Amritpal Singh Biography Highlights
नाम | अमृतपाल सिंह |
उम्र | 30 साल |
जन्मतिथि | 18 जनवरी 1993 |
जन्म स्थान | जल्लूपुर खेड़ा, अमृतसर, पंजाब |
पिता का नाम | तरसीम सिंह |
माता का नाम | बलविंदर कौर |
पत्नी का नाम | किरणदीप कौर |
शिक्षा | 12वीं पास |
धर्म | सिख (पंजाबी) |
संगठन | वारिस पंजाब डे के प्रमुख |
वारिस पंजाब दे क्या है ?
वारिस पंजाब दे एक सिख समुदाय का संगठन है, जिसका मकसद है पंजाब के अधिकारों की रक्षा करना तथा युवाओं को जागृत कर सिख धर्म के मार्ग पर लाना। इसकी असली उद्देश्य पंजाब की आजादी के लिए लड़ना है। इस संगठन की स्थापना पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने 30 सितम्बर 2021 में की थी।
दीप सिद्धू तब चर्चा में आते हैं जब इन्होने किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा की और खालिस्तानी झंडा फहराया। उसके कुछ समय पश्चात इनकी कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। दीप सिद्धू खालिस्तानी आंदोलन चलने वाले जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक था।
दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह बनता है जिसकी खबर किसी को भी नहीं यहाँ तक कि दीप सिद्धू के परिवार वाले भी अमृतपाल सिंह को नहीं जानते। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अब इस संगठन को चलाता है और एक अलग सिख राज्य की मांग करता है।
अमृतपाल सिंह से जुड़े कुछ तथ्य
- अमृतपाल वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है।
- अमृतपाल का दुबई में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है।
- अमृतपाल ने 10 फ़रवरी को किरणदीप कौर के साथ विवाह किया।
- अमृतपाल का दुबई से लौटने का मुख्य कारण वारिस पंजाब दे ग्रुप का लीडर बनना और खालिस्तानी आंदोलन को आगे बढ़ाना है।
- दीप सिद्धू और अमृतपाल सिंह व्यक्तिगत रूप से कभी मिले नहीं थे।
अमृतपाल सिंह से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर (FAQ’s)
अमृतपाल सिंह जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है और ये 12वीं पास करके के बाद काम करने दुबई चला गया। जहाँ इसने ट्रांसपोर्ट का बिजनेस किया और अब यह भारत वापसी कर चुका है। इसे अब दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बना दिया गया है।
वारिस पंजाब दे संगठन की स्थापना 30 सितम्बर 2021 में दीप सिद्धू ने की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य पंजाब की आजादी के लिए लड़ना और युवाओं को जागृत कर सिख धर्म के मार्ग पर लाना है।
खालिस्तानी एक ग्रुप है जो पंजाब को एक अलग सिख देश खालिस्तान बनाना चाहते हैं और लगातार इनके द्वारा आंदोलन किये जाते हैं।
अमृतपाल सिंह और दीप सिद्धू इंटरनेट के जरिए ही एक दुसरे से मिले और फिर इनकी बातचीत हुई। वास्तव में ये दोनों आपस में कभी नहीं मिले हैं।