समास के 6 भेद में से बहुव्रीहि समास भी एक है। इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है। यानी जब दो पद आपस में मिलते है तो वह तीसरे पद का निर्माण करते है। इसे ही बहुव्रीहि समास कहते है।
उदाहरण के रूप में :
- चतुर्भुज – चार हैं भुजाएं (विष्णु)
- पीताम्बर – वह जिसके पीत अम्बर (वस्त्र) है (कृष्ण/विष्णु)
ऊपर बताएं गए उदाहरण में प्रथम पद और उत्तर पद (पीछे वाला शब्द) दोनों प्रधान नहीं है। दोनों शब्द मिलकर तीसरे शब्द का निर्माण कर रहे है। पहले वाले उदाहरण में वह शब्द विष्णु की ओर संकेत दे रहा है, और दूसरा भी कृष्ण/विष्णु की ओर संकेत दे रहा है। समास की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण जान लीजिए।
बहुव्रीहि समास के भेद
बहुव्रीहि समास पांच प्रकार के होते है, जैसे –
- समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
- व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
- तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
- व्यतिहार बहुव्रीहि समास
- प्रादी बहुव्रीहि समास
1) समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
जिस समास में विभक्ति वाले शब्दों का उच्चारण होता है उसे समानाधिकरण बहुव्रीहि समास कहते है। उदाहरण के लिए –
- गोपाल – गौ का पालन करता है जोे
- मृत्युजंय – मृत्यु को जीतने वाला अर्थात् शंकर
- त्रिनेत्र – तीन है नेत्र जिसके अर्थात् शिवजी
2) व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
इस समास में प्रथम पद और द्वितीय पद दोनों विभक्त होते है। उसे ही व्याधिकरण बहुव्रीहि समास कहते है। उदाहरण के लिए –
- नकटा – कट गई है नाक जिसकी
- सूर्यपुत्र – वह जो सूर्य का पुत्र है (कर्ण)
- शशिधर – शशि को धारण किया है जिसने यानी शिव जी
3) तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
इस समास में पहला पद ‘सह’ होता है, और सह का अर्थ है साथ होना। इस समास को लिखने में ‘सह’ के स्थान पर केवल ‘स’ का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए –
- सशरीर – शरीर जे साथ है जो
- सपरिवार – परिवार के साथ है जो
- सबल- जो बल के साथ है।
4) व्यतिहार बहुव्रीहि समास
जिस समास में घात -प्रतिघात सूचक पद हो उसे व्यतिहार बहुव्रीहि समास कहते है। उदाहरण –
- मारामारी – मारने से जो लड़ाई हुई।
- बाताबाती – बातों से जो लड़ाई हुई।
- मुक्कामुक्की – मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई
5) प्रादी बहुव्रीहि समास
वह समास जिसमे प्रथम पद/पूर्व पद उपसर्ग होता है, उसे प्रादी बहुव्रीहि समास कहते है, उदाहरण –
- बेरहम – नहीं है रहम जिसमें
- निर्जन – नहीं है जन जहां
- पंचानन – पाँच हैं आनन अर्थात् ‘शंकर’
बहुव्रीहि समास से संबंधित सवालों के जवाब –
बहुव्रीहि समास किसे कहते है ?
जिस समास में प्रथम पद और द्वितीय पद में कोई भी प्रधान नहीं होता है, बल्कि वह तीसरे पद का निर्माण करता है।
बहुव्रीहि समास कितने प्रकार के होते है।
बहुव्रीहि समास मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते है।
बहुव्रीहि समास के उदाहरण बताइए ?
वक्रोदर = वक्र है उदर जिसका वह (गणेश), तिरंगा = तीन है रंग जिसमें वह (राष्ट्रध्वज) और चंद्रमौली = चंद्र है मौली पर जिसके वह (शिव जी)
यह भी देखें
संधि की परिभाषा और भेद
विशेषण किसे कहते हैं
सर्वनाम किसे कहते हैं
विराम चिन्ह : भेद (12), प्रयोग और नियम
व्यक्ति वाचक संज्ञा