बैंक डूबने पर कितने मिलेंगे पैसे? छोटे बैंक-बड़े बैंक सबके लिए ये नियम

देश में 97,619 बैंकों में ग्राहकों का पैसा कितना सुरक्षित है? DICGC की गारंटी से अब हर जमाकर्ता को मिलेगा 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर। जानें कैसे आपकी मेहनत की कमाई बैंक फेल होने पर भी रहेगी सुरक्षित

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Reported by Saloni Uniyal

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बैंक डूबने पर कितने मिलेंगे पैसे? छोटे बैंक-बड़े बैंक सबके लिए ये नियम
बैंक डूबने पर कितने मिलेंगे पैसे? छोटे बैंक-बड़े बैंक सबके लिए ये नियम

भारत में बैंकों की संख्या और उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए खास व्यवस्था की गई है। देश में लगभग 97,619 बैंक हैं, जिनमें सबसे अधिक 96,000 ग्रामीण सहकारी बैंक और 1,485 शहरी सहकारी बैंक शामिल हैं। इसके अलावा, देश में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी हैं। इन बैंकों की स्थिरता और ग्राहकों के धन की सुरक्षा के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

यदि किसी बैंक की वित्तीय स्थिति खराब होती है और वह फेल हो जाता है, तो ग्राहकों को उनके खातों में जमा धनराशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। यह बीमा कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा प्रदान किया जाता है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक सहायक इकाई है।

क्या है DICGC और कैसे करता है यह काम?

डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंक जमाकर्ताओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए कार्य करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंकों में जमा किए गए धन की सुरक्षा हो और किसी भी वित्तीय संकट में ग्राहकों को राहत मिल सके।

यदि किसी बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ती है और वह दिवालिया हो जाता है, तो जमाकर्ताओं को मुख्य राशि और ब्याज सहित अधिकतम 5 लाख रुपये का भुगतान DICGC द्वारा किया जाता है। यह बीमा कवर हर ग्राहक के प्रति बैंक के आधार पर लागू होता है।

कैसे होता है बीमा कवरेज का प्रावधान?

DICGC द्वारा प्रदान किया जाने वाला बीमा कवर सभी प्रकार के जमाओं पर लागू होता है, जिसमें बचत खाता, चालू खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), और आवर्ती जमा (RD) शामिल हैं।

ग्राहकों के खाते में जमा धनराशि को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। यदि किसी ग्राहक के एक ही बैंक में एक से अधिक खाते हैं, तो सभी खातों की कुल राशि पर 5 लाख रुपये तक का कवर लागू होता है। इसका मतलब यह है कि एक ही बैंक में ग्राहक की कुल जमा राशि चाहे जितनी भी हो, बीमा की सीमा 5 लाख रुपये तक ही होती है।

क्यों जरूरी है यह बीमा कवर?

पिछले कुछ वर्षों में कई बैंक फेल हुए हैं, जिससे जमाकर्ताओं को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा। इन मामलों में ग्राहकों की मेहनत की कमाई फंस जाती है और उन्हें अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद कम हो जाती है। ऐसे में DICGC का बीमा कवर जमाकर्ताओं को मानसिक शांति प्रदान करता है और उनके धन को सुरक्षा की गारंटी देता है।

यह व्यवस्था बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि उनका धन सुरक्षित है, भले ही बैंक वित्तीय संकट में क्यों न हो।

कौन-कौन से बैंक आते हैं इस बीमा के दायरे में?

DICGC बीमा कवर देश में कार्यरत सभी प्रकार के बैंकों पर लागू होता है। इसमें शामिल हैं:

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
  • निजी क्षेत्र के बैंक
  • विदेशी बैंक
  • ग्रामीण सहकारी बैंक
  • शहरी सहकारी बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)

हालांकि, राज्य सहकारी बैंक और कुछ प्रकार के वित्तीय संस्थान इस बीमा के दायरे से बाहर हो सकते हैं।

DICGC कवर का दायरा बढ़ाने की मांग

हाल के वर्षों में बैंकिंग प्रणाली की बढ़ती जटिलताओं को देखते हुए, कई विशेषज्ञ और ग्राहक DICGC कवर की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में 5 लाख रुपये का कवर पर्याप्त नहीं है, खासकर उन जमाकर्ताओं के लिए जिनके पास बड़ी मात्रा में जमा राशि है।

सरकार और RBI इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं, ताकि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली में स्थिरता को और मजबूत किया जा सके।

बैंक ग्राहकों के लिए सलाह

बैंकिंग विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ग्राहकों को अपने धन को एक ही बैंक में रखने के बजाय विभिन्न बैंकों में वितरित करना चाहिए। इससे जोखिम कम होता है और DICGC बीमा कवर का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।

ग्राहकों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बैंक DICGC बीमा के अंतर्गत आता है या नहीं। यह जानकारी आमतौर पर बैंक की शाखाओं और उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध होती है।

Q1. DICGC बीमा कवर कितनी राशि तक का होता है?
Ans: प्रत्येक ग्राहक के प्रति बैंक के आधार पर अधिकतम 5 लाख रुपये का बीमा कवर होता है, जिसमें मूल राशि और ब्याज शामिल है।

Q2. क्या सभी बैंक DICGC के तहत आते हैं?
Ans: सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी, और ग्रामीण बैंक DICGC के तहत आते हैं, लेकिन कुछ संस्थान इससे बाहर हो सकते हैं।

Q3. यदि एक व्यक्ति के एक ही बैंक में कई खाते हैं तो क्या हर खाते पर बीमा मिलेगा?
Ans: नहीं, एक बैंक में सभी खातों की कुल जमा राशि पर केवल 5 लाख रुपये का कवर मिलेगा।

Q4. क्या यह बीमा कवर संयुक्त खातों पर भी लागू होता है?
Ans: हां, संयुक्त खातों पर भी यह बीमा कवर लागू होता है, लेकिन बीमा राशि कुल मिलाकर 5 लाख रुपये तक ही होगी।

Q5. DICGC बीमा कवर कैसे प्राप्त करें?
Ans: यदि कोई बैंक फेल होता है, तो DICGC बीमा कवर स्वचालित रूप से लागू होता है और ग्राहक को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है।

Q6. क्या विदेशी नागरिकों के खाते पर भी यह कवर लागू होता है?
Ans: हां, यदि खाता भारतीय बैंक में है और DICGC के तहत है, तो विदेशी नागरिक भी इस कवर का लाभ उठा सकते हैं।

Q7. बीमा कवर की सीमा बढ़ाने का क्या कोई प्रस्ताव है?
Ans: सरकार और RBI इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

Q8. DICGC बीमा के लिए कोई शुल्क देना पड़ता है?
Ans: ग्राहकों को अलग से कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। यह शुल्क बैंक द्वारा DICGC को अदा किया जाता है।

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