जब भी हम भारत के इतिहास को पढ़ते है तो हम मौर्य साम्राज्य के बारे में तो अवश्य पढ़ते है और इस काल में कई महान महाराजा भी आये जिन्होंने अपने नाम पूरे भारत के साथ विश्व में रोशन किया है और अपने राज्य का विस्तार पूरे भारत देश में किया था इनके द्वारा कई महान कार्य भी किये गए है। ऐसी ही हम एक राजा की बात करने वाले है जिन्होंने अपने नाम की मिसाल पूरे भारत में कायम की थी इनका नाम चक्रवर्ती सम्राट अशोक (Samrat Ashoka) है। ये भारतीय इतिहास में एक महान राजा थे इनके द्वारा शासनकाल में कई महत्वपूर्ण एवं सुधार कार्य भी किये गए। आपको बता दे मौर्य साम्राज्य के यह तीसरे सम्राट है जब इनका शासन काल था तो इन्होने देश में शांति, नैतिकता स्थापित करने के लिए कई संघर्ष किए जिसके परिणाम भी सफल साबित हुए।
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आज हम आपको इस आर्टिकल में सम्राट अशोक जीवनी (Biography of Samrat Ashoka in Hindi Jivani) से सम्बंधित प्रत्येक जानकारी को साझा करने वाले है, इस लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ना होगा।
सम्राट अशोक जीवन परिचय
मौर्य वंश से तीसरे राजा तथा बिन्दुसार के पुत्र सम्राट अशोक है इनका जन्म बिहार के पाटलिपुत्र में 304 ई. पू में हुआ था। इनका पूरा नाम चक्रवर्ती अशोक सम्राट है। अशोक ने अपनी शक्ति के दम पर अपना साम्राज्य पूरे भारत में फैलाया। इसके पिता का नाम बिन्दुसार तथा माता का नाम शुभादंग्री था। तथा इनकी चार पत्नियां थी देवी, पद्मावती, कारुवाकी तथा तिष्यरक्षिता था और इनके चार पुत्र जिनका नाम कनाल, महेंद्र, तीवल, संघमित्रा तथा एक पुत्री जिसका नाम चारुमती था।
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शिक्षा
आपको बता दे अशोक जन्म से ही कुशल और तीव्र बुद्धि वाले व्यक्ति थी और ज्ञान के साथ-साथ वे एक महान शक्तिशाली शासक भी थे। वे गणित विषय के महान ज्ञाता थे। यह देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देना चाहते थे इसके लिए इन्होने स्कूल और कॉलेजों का निर्माण करवाया।
अशोक ने बिहार में एक उज्जैन केंद्र का निर्माण 284 ई. पू कराया था तथा अन्य कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों को भी स्थापित किया गया था। इसी कारण उन्हें एक महान शासक कहा जाता है।
Biography of Samrat Ashoka in Hindi Jivani
नाम | चक्रवर्ती सम्राट अशोक |
जन्म | 304 ई. पू |
धर्म | बौद्ध |
मृत्यु | 232 |
जन्म स्थान | बिहार के पाटलिपुत्र |
शासन काल का समय | 269 ई. पू से 232 ई. पू |
पिता | बिन्दुसार |
माता | रानी शुभादंग्री |
भाई | शुषेन तथा अन्य 99 भाई |
वंशज | मौर्य राजवंश |
पत्नी | देवी, कारुवाकी, तिष्यरक्षिता तथा पद्मावती |
संतान | तीवल, कनाल, महेंद्र तथा संघमित्रा व् चारुमती |
अशोक का साम्राज्य
सम्राट अशोक के साम्राज्य की बात करें तो पूरे भारत में विस्तृत था। इनका शासन उत्तर से लेकर दक्षिण भाग तक फैला हुआ था। आपको बता दे इनके राज्य का विस्तार उत्तर से हिन्दुकश की श्रेणियों तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में इराक एवं अफगानिस्तान तक है। वर्तमान के हिसाब से बताए तो भारत, भूटान, पकिस्तान, म्यांमार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, ईराक तथा नेपाल तक फैला हुआ था। ये देश पहले भारत के ही हिस्सा हुआ करते थे।
कलिंग का युद्ध
राज्य में जब अशोक का राज्याभिषेक हुआ था तो उसके ठीक सात साल बाद उसने कलिंग पर आक्रमण कर लिया। यह युद्ध बहुत ही खतरनाक था जिसमे बहुत लोग मारे गए। तेरहवें शिलालेख के आधार पर बताया है कि इस युद्ध में करीबन लाखों लोगो की बेरहम मौते हुई तथा कई लोग घायल हुए। जब अशोक ने इस तबाही को अपनी आँखों से देखा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ और उनका ह्रदय उसी समय बदल गया। अब वे राज्य के सामाजिक और धार्मिक प्रचार में लगे गए। उनके मन में लोगो के मन में दया भाव प्रकट हो गया। और अब उन्होंने फैसला लिया कि वे अब कभी युद्ध नहीं करेंगे।
बौद्ध धर्म
कलिंग युद्ध में हुए खून खराबे को देख कर अशोक ने युद्ध करना छोड़ दिया और उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया तथा वे इस धर्म के प्रशंसक बन गए। और अब उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार करना शुरू कर दिया और समाज में दया भाव से रहने लगे।
निर्माण कार्य
जैसा कि आप सबने पढ़ा कि भारत में अशोक का राज पूरे भारत में था तथा और जिस तरह से इनके दादा चंद्रगुत मौर्य जैन धर्म के प्रशंसक थे उसी तरह से अशोक भी जैन धर्म के प्रशंसक थे। इनके द्वारा भारत में कई प्रकार के स्तम्भ, भवन तथा मठ का निर्माण कराया। राजस्थान के बैराठ में आपको इनके स्तूप एवं मठ देखने को मिलेंगे। तथा साँची का स्तूप भी बहुत प्रसिद्ध है इसका निर्माण भी अशोक द्वारा ही कराया गया है।
अशोक मौर्य का शिलालेख
सम्राट अशोक द्वारा भारत में कई स्थानों में निर्माण कार्य करवाए गए थे। इनके द्वारा कई शिलालेख व्ही खुदवाए गए थे जिन्हे अशोक के नाम से जाना जाता है। अर्थात जो मौर्य वंश के शिलालेखों की जानकारी मिलती है वह इनके द्वारा ही स्थापित किये गए है। आपको बता दे ईरानी शासक की इंस्प्रिएशन (प्रेरणा) से खोदे। इनके जीवन इतिहास में लगभग 40 शिलालेख मिलते है इनमे से कई शिलालेख तो भारत में है और कई भारत बाहर नेपाल,पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान देशों में थे।
अशोक का धार्मिक परिचय
अशोक मौर्य वंश का एक महान शासक था। यह बौद्ध धर्म के एक प्रसंशक थे। इन्हे पशुओं से अत्यंत प्रेम था जिस कारण इन्होने पशु रक्षा को देखते हुए पशु की हत्या पर रोक लगाया था ये इसके सख्त खिलाफ थे। इन्होने अपने राज्य में स्वयं बौद्ध धर्म का प्रचार करना शुरू किया। इन्होने भारत के अलावा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने दूतों को अफगानिस्तान, सीरिया, श्रीलंका तथा नेपाल भी भेजा था।
इन्होने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र तथा पुत्री को भी इन देशों में भेजा था। क्योंकि वे दुनिया में भी लोगो को धार्मिक बनाना चाहते थे। अशोक हिंसा के मार्ग पर चल रहे थे इस कारण ही इन्होने इस धर्म को अपनाना शुरू किया और दुनिया को भी इसके बारे में बताना चाहा।
बौद्ध धर्म को अपना कर मनुष्यों में दया तथा जीवों की हत्या ना करना सीखाया जाता था। इस धर्म नीति को धर्म विजय नीति भी कहा जाता है।
अशोक की मृत्यु
ऐसा कहा जाता है कि जब अशोक का अंतिम जीवन समय था तो उस समय वे पाटलिपुत्र पटना में ही थे और लगभग उन्होंने 40 साल तक शासन किया और उसके बाद उनका देहांत हो गया।
सम्राट अशोक सीरियल तथा फिल्म
जैसा कि हमने आपको बताया कि Samrat Ashoka के एक महान शासक थे और उनके जीवन इतिहास के बारे में आजकल छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक जानते है। वर्ष 1992 में इनके नाम पर एक फिल्म भी बनी थी इसका नाम सम्राट अशोक था। एन.टी रामा राव इस फिल्म के निर्देशक थे। इसके अलावा इनके जीवन पर भी एक नाटक भी बनाया गया है जिसे टीवी में एक सीरियल के रूप में देखा जाता है।
सम्राट अशोक जीवनी से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर
Samrat Ashoka कौन था?
Samrat Ashoka मौर्य वंश का एक प्रमुख शासक था।
अशोक सम्राट का जन्म का हुआ?
304 ई. पू. अशोक सम्राट का जन्म हुआ था।
Samrat Ashoka द्वारा अपने जीवन में कितने युद्ध लड़े गए थे?
इनके द्वारा अपने जीवन काल में एक है युद्ध लड़ा गया था।
अशोक के पिता का क्या नाम था?
बिंदुआर इसके पिता का नाम था।
Samrat Ashoka कौन से धर्म का अनुयायी था?
यह बौद्ध धर्म का अनुयायी था।
Samrat Ashoka किस वंश का राजा था?
Samrat Ashoka मौर्य वंश का राजा था।
Ashoka मौर्य वंश के कौन से राजा थे?
अशोक मौर्य वंश के तीसरे राजा थे।
अशोक ने किस धर्म को अपनाया?
कलिंग युद्ध में हुए खून खराबे एवं अनेक मृत्यु को देखकर अशोक का ह्रदय परिवर्तन हो गया और उसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वे अब कभी भी युद्ध नहीं करेंगे और उन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए बौद्ध धर्म को अपना लिया।
इस लेख में हमने आपको Biography of Samrat Ashoka in Hindi Jivani से सम्बंधित सम्पूर्ण प्रकार की जानकारी को साझा कर लिया है यदि आप इस लेख के बारे में अन्य जानकारी या प्रश्न पूछना चाहते है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न लिख सकते है हमारी टीम द्वारा जल्द ही आपके प्रश्नो का उत्तर दिया जाएगा।
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