श्री गजानन महाराज एक रहस्य वादी, संत एवं भारतीय हिन्दू गुरु थे। इनके जन्म, माता-पिता एवं परिवार के विषय में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं होती है। ऐसा बोला जाता है जब ये 30 साल की उम्र के थे तो उस समय यह एक युवा के रूप में सर्वप्रथम महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले के एक छोटे से शेवांग गांव में प्रकट हुए या कहें लोगों को इनके दर्शन हुए। लोग बताते हैं यह 23 फरवरी की तारीख को वर्ष 1887 ईस्वी में प्रकट हुए। गजानन महाराज प्रकट दिवस के रूप में और ऋषि पंचमी को इनकी मृत्यु को इनके भक्त इसी तिथि के रूप में मानते हैं। आज इस लेख में हम आपको श्री गजानन महाराज जीवनी (Biography of Shri Gajanan Maharaj in Hindi Jivani) से सम्बंधित जानकारी प्रदान करने जा रहें है, जो भी इच्छुक नागरिक इस जीवनी की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं वे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़ें।
श्री गजानन महाराज जीवनी
श्री गजानन महाराज जी के जन्म की बात को लेकर इतिहासकारों में अभी भी कई मत भेद पाए जाते है, इनका जन्म कब हुआ और किस जगह हुआ इसके कोई सत्यता प्रमाण उपस्थित नहीं है। कई लोगों द्वारा ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 1878 के फरवरी माह में शेवांग में ये पहली बार प्रकट हुए। इनके ऊपर एक जीवनी शेवांग के एक व्यक्ति भार्गवराम येओडेकर द्वारा लिखी गई थी, इस जीवनी का नाम श्री गजानन महाराज चरित्र-कोष रखा गया था।
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Biography of Shri Gajanan Maharaj in Hindi Jivani
नाम | श्री गजानन महाराज |
जन्म | 23 फरवरी 1878 |
जन्म स्थान | शेवांग, भारत |
मृत्यु | 8 सितम्बर 1910 |
मृत्यु स्थान | शेवांग, भारत |
गजानन के सबसे बड़े भक्त
जैसा कि हमने आपको बताया कि महाराज को भगवान का तीसरा और आखिरी अवतार बताया गया है और लोग इन्हें भगवान समझ कर पूजते थे। कहते हैं कि इनके एक बहुत बड़े भक्त थे जो इनके विचारों से अत्यधिक प्रभावित हुए थे। इनका नाम गंगाधर तिलक था। ये कई बार गांव आते थे ताकि इनके दर्शन कर पाएं। ऐसा भी कहा जाता है जो भी भक्त इनके आश्रम इनसे मिलने आता था तो वह महाराज से वरदान मांगते थे।
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गजानन महाराज पहली बार कब प्रकट हुए
संत महाराज की का जन्म कब हुआ कहाँ हुआ, ये कही और से आए या नहीं आए एवं इनका जन्म हुआ कि नहीं हुआ इन सब की जानकारी का कोई भी प्रमाण हासिल नहीं होता है। ऐसा कहा जाता है कि इनका जन्म महाराष्ट्र राज्य के शेगांव गांव में एक सम्पूर्ण परिवार में हुआ था। और इनका जब जन्म हुआ तो परिवार वाले अत्यंत खुश थे और उन्होंने पूरे गांव के लोगों को दावत खिलायी थी। खाना खाते हुए जमींदार ने देखा कि यह बच्चा लोग द्वारा छोड़े गए खाने को खा रहा तो उसने खाने से मना किया तो महाराज ने उत्तर दिया ‘अन्न ब्रम्हेति’, अन्न को कभी भी बेकार ना जाने दे। यह सुनकर जमींदार आश्चर्यचकित हो गया।
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इस घटना के बाद गजानन ने कई तरह के चमत्कार दिखाए और कहा जाता है इनके चमत्कार कोई ईश्वरीय चमत्कार से कम नहीं थे। आज के समय की बात करें तो कई संत अपनी चर्चाओं से देश-विदेशों में प्रसिद्ध हुए हैं लेकिन इनकी तरह का संत आज के समय में कोई भी नहीं है जो इतने चमत्कार कर सके।
इनके चमत्कारों को देखकर लोगों ने इन्हें जान लिया कि ये कोई साधारण व्यक्ति नहीं बल्कि एक भगवान है जो एक व्यक्ति के रूप में इस धरती पर आएं है। इनके भक्त जब भी इनके दर्शन करने आते तो इनके लिए मूल्यवान सामान लाते थे और इन्हें अर्पित करते थे यह उस सामान को सम्मानपूर्वक तो पकड़ लेते थे लेकिन फिर उसे अन्य लोगों को दान दे देते थे अर्थात इन्हें किसी भी चीज या मूल्यवान वस्तु का बिल्कुल भी लोभ नहीं था।
आपको बता दे श्री गजानन महाराज के आश्रम में एक राम मंदिर का निर्माण किया गया है जिसमें वर्तमान समय में एक बहुत पुरानी हनुमान जी मूर्ति को रखा गया।
Shri Gajanan Maharaj के चमत्कार
Shri Gajanan Maharaj एक भगवान थे जिन्होंने कई प्रकार के चमत्कार किए जिसकी जानकारी हम नीचे देने जा रहें है।
- कोई भी व्यक्ति कितनी गंभीर से गंभीर बीमारी से पीड़ित हो महाराज अपने चमत्कार से उसे स्वस्थ कर देते थे।
- जिनकी कोई संतान नहीं होती थी वे इनसे आशीर्वाद लेने जाते थे और इनके आशीर्वाद से संतान प्राप्ति अवश्य पूरी होती थी।
- ये जिस भी बीमार व्यक्ति को छूते थे वह उसी समय ठीक हो जाता था।
- ये पशु-पक्षियों तथा जानवरों से बातें भी करते थे अर्थात ये इनकी भाषा को समझते थे।
- इन्होंने एक कोढ़ ग्रस्त महिला को भी सामान्य कर दिया था।
- ऐसा भी कहा जाता था कि इन्होंने सूखे पड़े कुँओं को एक चुटकी में भर दिया।
- किसी व्यक्ति ने कितना भी बड़ा पाप किया हो वे इसे सेकेंडों में खत्म कर देते थे।
- इनके आश्रम में लाखों लोगों की भीड़ लगती थी जिसमें इन्हें प्रसाद दिया जाता है और इस प्रसाद को ग्रहण करके लोगों की दुख परेशानियां समाप्त हो जाती थी।
- इन्होंने खारे पानी को भी मीठा बना दिया।
शेगांव कैसे जाएं
यदि आप शेगांव महाराज जी के मंदिर जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले महाराष्ट्र राज्य के बुलढाणा जिले में जाना है, यहां से शेगांव का गर्ग आपको सेन्ट्रल रेलवे के मुंबई-नागपुर में मिलेगा। यदि आप यहां से मंदिर जाते हैं तो आपको कोई भी परेशानी नहीं होगी क्योंकि स्टेशन से आने-जाने के लिए बसें लगी हुई, इसके अतिरिक्त मुंबई, अमरावती, नागपुर अकोला, वर्धा, भंडारा, नांदेड़, यवतमाल, चंद्रपुर तथा भूसवाल आदि शहरों में भी यह सेवाएं उपलब्ध है। जहां आप बिना कोई खर्च किए आराम से पहुँच सकते है। इस मंदिर भगवान के दर्शन के लिए एक दिन में करीबन 35000 तीर्थ यात्री से भी अधिक आते हैं। वाहन सेवाएं तो यहाँ पर आपको चौबीस घंटे नजर आएगी। यदि यहां यात्री रुकते हैं तो इनके लिए धर्मशालाएं तथा होटल भी बनाए गए है जिसमें वह अपनी इच्छानुसार रह सकते हैं।
श्री गजानन महाराज जीवनी से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर
श्री गजानन महाराज का जन्म कब हुआ?
इनका जन्म 23 फरवरी 1878 को महाराष्ट्र राज्य के एक छोटे से शेवांग गांव में बताया गया है।
Shri Gajanan Maharaj कौन थे?
यह भारत के एक महान एवं प्रसिद्ध संत थे। लोगों ने इन्हें भगवान का दर्जा दिया था और इनको दत्तात्रेय भगवान का अवतार कहा जाता है।
क्या Shri Gajanan Maharaj का जन्म हुआ या ये प्रकट हुए?
इसकी सच्चाई अभी भी पता नहीं चली कुछ लोग कहते हैं कि इनका जन्म 23 फरवरी 1878 को हुआ तो कुछ लोग कहते हैं कि 23 फरवरी 1878 को ये प्रकट हुए थे।
Shri Gajanan Maharaj को किस भगवान का अवतार बताया जाता था?
यह एक संत थे और इन्हें भारतीय रहस्यवादी गुरु भी कहा जाता है, इन्हें लोग गणेश भगवान का अवतार बताते थे और इनकी पूजा करते थे।
श्री गजानन महाराज का निधन कब हुआ?
इनका निधन 8 सितम्बर 1910 को शेवांग गांव में हुआ था।
गजानन महाराज जी का मंदिर कहाँ स्थित है?
महाराज जी का मंदिर महाराष्ट्र के जिले बुलढाणा के शेगांव में स्थित है।
बुलढाणा क्या है?
बुलढाणा महाराष्ट्र राज्य का एक जिला है।
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