बिहार सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में ऑटो और टोटो से स्कूली बच्चों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सड़क हादसों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। परिवहन विभाग द्वारा इस नए नियम को अप्रैल 2024 से लागू किया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, यह निर्णय उन कारणों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिनमें ऑटो और टोटो में सुरक्षा सुविधाओं का अभाव, क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाना और यातायात नियमों का उल्लंघन प्रमुख हैं। इस फैसले का प्रभाव खासकर पटना में दिखेगा, जहां फिलहाल लगभग 4000 ऑटो-टोटो स्कूली बच्चों को ले जाते हैं।
अप्रैल 2024 से लागू होंगे सख्त प्रतिबंध
बिहार परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि अप्रैल 2024 से पूरे राज्य में यह प्रतिबंध प्रभावी हो जाएगा। इसके तहत स्कूली बच्चों को ले जाने वाले ऑटो और टोटो वाहनों के संचालन पर रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा, स्कूल संचालकों को अब बच्चों के लिए सुरक्षित और लाइसेंस प्राप्त वाहनों का प्रबंध करना अनिवार्य होगा।
पटना डीटीओ उपेंद्र कुमार पाल ने कहा कि ऑटो और टोटो बच्चों के परिवहन के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इसके अलावा, पटना ट्रैफिक एसपी ने बताया कि जाड़े की छुट्टियों के बाद जब स्कूल फिर से खुलेंगे, तो यातायात पुलिस और परिवहन विभाग इन नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
पटना में 40 हजार वाहनों पर पड़ेगा असर
पटना में इस निर्णय का बड़ा असर देखने को मिलेगा। वर्तमान में यहां 4000 से अधिक ऑटो और टोटो स्कूली बच्चों को ले जाने में लगे हुए हैं। इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद, इन वाहनों के चालकों को नए नियमों का पालन करना होगा। इसके अलावा, यह निर्णय सड़क सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हादसों में कमी आने की संभावना है।
जर्जर ऑटो और ओवरलोडिंग पर चिंता
हाल ही में बिहटा में हुए एक बड़े सड़क हादसे ने बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। इस हादसे में जर्जर ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने के कारण कई बच्चों की जान चली गई। यह एक बड़ी चेतावनी है कि बच्चों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों को अपनाना जरूरी है।
ग्रामीण इलाकों में, खासतौर पर जर्जर ऑटो और टोटो में ओवरलोडिंग आम बात हो गई है। इनमें बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं होते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
ट्रांसपोर्ट और ऑटो संघों का समर्थन
बिहार सरकार के इस निर्णय को ट्रांसपोर्ट और ऑटो संघों ने भी सराहा है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा और ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। उनका मानना है कि यह निर्णय बच्चों के जीवन को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन पर जोर
सरकार के इस फैसले के बाद स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन का विषय चर्चा में आ गया है। अब स्कूलों को केवल लाइसेंस प्राप्त और मानकों के अनुरूप वाहनों का ही उपयोग करना होगा। परिवहन विभाग का यह कदम राज्य में सड़क सुरक्षा और स्कूली बच्चों की सुरक्षा दोनों में सुधार लाने की दिशा में अहम साबित होगा।
FAQs
1. बिहार में ऑटो और टोटो से बच्चों के परिवहन पर कब से प्रतिबंध लागू होगा?
अप्रैल 2024 से यह प्रतिबंध पूरे बिहार में लागू होगा।
2. इस प्रतिबंध के पीछे मुख्य कारण क्या है?
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सड़क हादसों को रोकना इस फैसले के मुख्य कारण हैं।
3. क्या ऑटो और टोटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
हां, जो वाहन चालक इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
4. पटना में इस फैसले का क्या असर होगा?
पटना में लगभग 4000 ऑटो और टोटो स्कूली बच्चों को ले जाते हैं, जो इस प्रतिबंध से प्रभावित होंगे।
5. सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या अन्य कदम उठाए हैं?
स्कूल संचालकों को बच्चों के लिए सुरक्षित और लाइसेंस प्राप्त वाहनों का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
6. क्या यह प्रतिबंध ग्रामीण इलाकों में भी लागू होगा?
हां, यह प्रतिबंध पूरे राज्य में लागू होगा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल हैं।
7. ट्रांसपोर्ट और ऑटो संघों ने इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
ट्रांसपोर्ट और ऑटो संघों ने इस फैसले का समर्थन किया है और इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है।
8. क्या इस फैसले से सड़क हादसों में कमी आएगी?
हां, सुरक्षित वाहनों के उपयोग से सड़क हादसों में कमी आने की संभावना है।