कंप्यूटर के बारे में जानिए – Details of Computer in Hindi

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Reported by Rohit Kumar

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वर्तमान में हम तकनीक के युग में प्रवेश कर चुके हैं। कंप्यूटर के बिना इस युग की कल्पना स करना असंभव सा प्रतीत होता है। किसी भी क्षेत्र में कंप्यूटर आज की आवश्यक जरूरत बन गया है। इस लेख में हम आपको कंप्यूटर के बारे में और कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (Details of Computer in Hindi) देने जा रहे हैं। जैसे कंप्यूटर क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके क्या लाभ हैं आदि। कंप्यूटर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिये इस लेख को पूरा अवश्य पढें।

कंप्यूटर के बारे में जानिए - Details of Computer in Hindi
कंप्यूटर के बारे में जानिए – Details of Computer in Hindi

कंप्यूटर क्या है? (What is Computer)

हमारे घरों से लेकर ऑफिस और व्यापारिक संस्थानों में Computer एक स्थायी हिस्सा बन चुका है। हमारे बैंको और विज्ञान के क्षेत्र में भी कंप्यूटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साधारण तौर पर देखें तो कंप्यूटर एक इलेक्ट्रानिक मशीन है जो कि असंख्य गणनायें एक साथ कर सकती है। और हमारे द्वारा दिये गये निर्देर्शों का बिना किसी त्रुटि के पालन करती है। कंप्यूटर के अंतर्गत उसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों आते हैं। इसलिये दूसरी शब्दों में कहें तो Computer उसके उपयोगकर्ता से इनपुट के रूप में आदेश लेता है, उसे दिये गये निर्देशों के अनुसार गणना करता है और परिणाम आउटपुट के रूप मे उपयोगकर्ता को दर्शाता है। यह गणना संख्यात्मक और गैर संख्यात्मक दोनों हो सकती है।

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कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

मूल रूप से कंप्यूटर का आविष्कार गणनाओं को आसानी से करने के लिये किया गया था। इसकी शुरूआत अबेकस के आविष्कार के साथ हो चुकी थी। समय के साथ इन उपकरणों का विकास होता गया कंप्यूटर के विकास के चरणों को इस प्रकार से समझा जा सकता है-

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कंप्यूटर का विकास

  • सामान्य गणनाओं के लिये सर्वप्रथम अबेकस का आविष्कार हुआ था। अबेकस का आविष्कार चीन में हुआ और एक लम्बे समयान्तराल तक यही हमारी गणनाओं का एक मात्र उपकरण रहा।
  • 10 वीं शताब्दी के अन्त में स्कॉटलैंड के गणितज्ञ और वैज्ञानिक जॉन नेपियर के द्वारा एक उपकरण का आविष्कार किया गया। इसे नेपियर बोन्स कहा जाता था। इस उपकरण के माध्यम से जोडने और घटाने के साथ साथ गुणा और भाग भी किया जा सकता था।
  • 17 वीं शताब्दी के आरम्भ में अंग्रेज गणितज्ञ और वैज्ञानिक विलियम आटर्ड के द्वारा साईड रूल का आविष्कार किया गया। साईड रूल के द्वारा गणनायें और आसान हो गयी थीं। इसके द्वारा सामान्य गणितीय क्रियाओं के साथ ही वर्गमूल और त्रिकोणमीति की गणनायें भी की जा सकती थीं।
  • इसी के कुछ समय के बाद इतिहास के पहले यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार हुआ।
  • वर्ष 1845 में इंग्लिश गणितज्ञ के द्वारा गणित की एक नई शाखा की शुरूआत की गयी। इसे बूलियन अलजेब्रा कहा जाता है। वर्तमान दौर का बाइनरी सिस्टम भी बूलियन अलजेब्रा की ही देन है।
  • वर्ष 1822 में चार्ल्स बैबेज के द्वारा पहले ऑटोमेटिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया गया।
  • इस कैलकुलेटर के द्वारा प्रोग्राम को स्टोर किया जा सकता था और इसे प्रिंट भी किया जा सकता था।
  • चार्ल्स बैबेज के द्वारा किया गया यह आविष्कार ही कंप्यूटर के विकास की नींव माना जाता है। इस कैलकुलेटर में वर्तमान कंप्यूटर की सभी मूूल विशेषतायें थी।
  • इसलिये चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक अथवा आधुनिक कंप्यूटर का पितामह भी कहा जाता है।

इस घटना के बाद समय समय पर कंप्यूटर का विकास बहुत तेज गति से हुआ। कंप्यूटर का आकार धीरे धीरे छोटा होता चला गया। आज हम पांचवीं पीढी के कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer)

वास्तव में कंप्यूटर को किसी एक परिभाषा में बांध पाना बहुत कठिन है। अलग अलग उपयोगकर्ताओं के आधार पर कंप्यूटर की परिभाषा अलग अलग हो सकती है। उदाहरण के लिये किसी बैंक कर्मचारी के लिये कंप्यूटर वित्तीय लेखा जोखा रखने वाली एक मशीन है। वहीं किसी लेखक के लिये यह एक टाईप करने वाली मशीन है। इस प्रकार मूल रूप से देखें तो हम पायेंगे कि कंप्यूटर वह इलेक्ट्रानिक मशीन है जो उपयोगकर्ता के द्वारा दिये गये कुछ निश्चित निर्देशों के सेटों के अनुसार उसका पालन करता है। दिये गये आंकडों को लेता है, उसे प्रोसेस करता है और आंकडों को सूचनाओं अथवा परिणामों मे बदलकर आउटपुट के रूप में प्रदर्शित करता है।

क्योंकि कंप्यूटर केवल दिये गये निर्देशों का पालन करता है और स्वयं से निर्देश नहीं लेता है। इसलिये कंप्यूटर के द्वारा दिया गया आउटपुट हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों पर निर्भर करता है। यदि हमारे द्वारा गलत निर्देश अथवा आंकडे दिये गये हैं तो कंप्यूटर के द्वारा दिया गया आउटपुट भी गलत ही होगा।

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कंप्यूटर का सामान्य परिचय (Introduction of Computer)

वर्तमान दौर में कंप्यूटर के बारे में सभी को जानकारी होना आवश्यक है। जब हम कंप्यूटर के द्वारा कोई कार्य लेते हैं तो सारा कार्य अकेले कंप्यूटर के द्वारा नहीं किया जाता है। कंप्यूटर के द्वारा अन्य उपकरणों और प्रोग्रामों की सहायता ली जाती है। या यूं कहें कि विभिन्न प्रोग्रामों और उपकरणों का मिला जुला रूप ही कंप्यूटर है। कंप्यूटर को निर्देश देने के लिये हमें इनपुट उपकरणों की आवश्यकता होती है। वहीं गणनाओं को करने के लिये प्रोग्राम्स की आवश्यकता होती है। कंप्यूटर से जुडे विभिन्न उपकरण इस प्रकार से हैं –

Parts of computer
Parts of computer

सिस्टम यूनिट (System Unit)

  • सिस्टम यूनिट को कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर को सुचारू रूप से चलाने के लिये कई प्रकार के यंत्र लगे होते हैं। इसे CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है। यह एक छोटे से बॉक्स में रखा होता है। कंप्यूटर की गणनाओं को करने के लिये आवश्यक प्रोग्राम्स भी CPU के द्वारा ही चलाये जाते हैं।

मॉनीटर (Monitor)

  • मॉनीटर टीवी जैसा दिखने वाला यंत्र होता है। यह हमें कंप्यूटर के द्वारा दिये गये निष्कर्ष को देखने में सहायता करता है। हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों और उनके परिणामों का विवरण हमें मॉनीटर की स्क्रीन पर प्राप्त होता है। वर्तमान में मॉनीटरों का आकार छोटा हो गया है। और इनकी जगह अब एल सी डी और एल ई डी स्क्रीन का प्रयोग किया जाता है।

की बोर्ड (Key Board)

  • की बोर्ड कंप्यूटर के इनपुट उपकरणों की श्रेणी में आता है। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर को निर्देश देने में किया जाता है। की बोर्ड में कई सारी कुंजियां होती हैं जिनके माध्यम से हम अपेक्षित निर्देश कंप्यूटर तक पंहुचा सकते हैं। की बोर्ड की सहायता से हम कंप्यूटर में टाईपिंग भी कर सकते हैं।

माउस (Mouse)

  • चूहे जैसी आकृति होने के कारण ही इसे माउस नाम दिया गया है। माउस का उपयोग भी कंप्यूटर को निर्देश देने में किया जाता है। मॉनीटर की स्क्रीन पर एक तीर का निशान हमें दिखाई देता है। इसे कर्सर कहते हैं। माउस की सहायता से हम कर्सर को मानीटर की स्क्रीन पर चला सकते हैं। कर्सर के स्थान पर क्लिक करके हम कंप्यूटर को निर्देश देने के साथ ही किसी भी प्रोग्राम का चुनाव कर सकते हैं।

स्पीकर (Speakers)

  • स्पीकर कंप्यूटर के आउटपुट उपकरणों में आता है। इनकी मदद से हम कंप्यूटर में चल रहे प्रोग्राम अथवा संगीत की ध्वनियों को सुन सकते हैं। गाने, फिल्में, वीडियो आदि को देखते वक्त स्पीकर का उपयोग किया जाता है।

प्रिंटर (Printer)

  • प्रिंटर की सहायता से कंप्यूटर के द्वारा दिये गये आउटपुट को किसी कागज में प्रिंट किया जा सकता है। मॉनीटर की स्क्रीन पर दिख रहे प्रोग्राम को प्रिंट करने के लिये प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। प्रिंट की गयी सूचनाओं को हार्ड कापी भी कहा जाता है।

कंप्यूटर की विशेषतायें

  • वर्तमान में कंप्यूटर के बारे में जानकारी का उपयोग तकनीकी से लेकर चिकित्सा तक के हर क्षेत्र में किया जा रहा है। ऐसा करने का मुख्य कारण कम्प्यूटर की विशेषतायें हैं। जैसे कि एक कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की तुलना में हजारों गुना अधिक तीव्रता से कार्य कर सकता है। साथ ही सटीकता जैसी कई विशेषतायें एक कंप्यूटर में होती हैैं। कंप्यूटर की मुख्य विशेषतायें इस निम्नलिखित हैं-

गति (Speed)

  • हम जानते हैं कि कंप्यूटर का आविष्कार मूल रूप से गणनाओं को अधिक सटीकता और तेजी के साथ किये जाने के विकल्प के तौर पर हुआ था। वर्तमान दौर के कंप्यूटर पलक झपकते ही हजारों गणनायें बेहद तेजी और सटीकता के साथ कर सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार कंप्यूटर एक नैनो सेकेण्ड से भी कम समय में गणना सटीकता के साथ कर सकता है।

भण्डारण (Storage)

  • भण्डारण कंप्यूटर की एक प्रमुख विशेषता है। कंप्यूटर अपनी मेमोरी में विशाल सूचनाओं और गणनाओं को सुरक्षित रख सकता है। विभिन्न प्रोग्रामों के भण्डारण के लिये कंप्यूटर के पास अपनी एक मेमोरी होती है। इसके साथ ही हम बाहरी साधनों जैसे सीडी पेन ड्राईव, हार्ड डिस्क आदि माध्यमों से रक्षित की गयी सूचनाओं, प्रोग्रामों और डाटा का आवश्यकता पडने पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

सटीक परिणाम (Accuracy)

  • हम जानते हैं कि कंप्यूटर बिना निर्देशों के गणनायें नहीं कर सकता है। यदि उपयोगकर्ता कंप्यूटर को निर्देश दे तो कंप्यूटर हजारों गणनायें बिना किसी त्रुटि के साथ कर सकता है। कम्प्यूटर कठिन से कठिन गणनाओं का बिल्कुल सही परिणाम देता है। यदि परिणाम में कोई त्रुटि पायी जाती है तो यह त्रुटि मानवीय होती है जैसे कि सही इनपुट न देना। यदि दिया गया इनपुट अथवा सूचनायें सही हैं तो कंप्यूटर बिना किसी भी त्रुटि के परिणाम प्रदर्शित कर देता है।

स्वचालन (Automation)

  • कंप्यूटर एक ऑटोमेटिक मशीन है। इसमें सूचनायें, निर्देश या इनपुट देने के पश्चात उपयोगकर्ता का कोई भी हस्तक्षेप नहीं रह जाता है। इससे गणना में त्रुटियों की संभावना खत्म हो जाती है। अथवा त्रुटियां केवल मानवीय स्तर पर ही होती है।

बहु उपयोगी (Versatility)

वर्तमान में कंप्यूटर की यह सबसे प्रमुख विशेषता है। इसलिये हम देखते हैं कि हमारे घरों, दफ्तरों से लेकर बैंक और रेलवे स्टेशनों तथा इंटरनेट आदि तक के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में कंप्यूटर केवल गणना करने का साधन मात्र नहीं है। कंप्यूटर उपयोगकर्ता के द्वारा दिये गये एक से अधिक निर्देशों का पालन एक साथ तेजी और सटीकता के साथ कर सकता है। इसलिये वर्तमान युग को कंप्यूटर का युग भी कहा जा रहा है।

इसके साथ ही कंप्यूटर किसी कार्य को बिना थके हजारों-लाखों बार कर सकता है। इससे मानव की उर्जा तथा समय की बहुत बचत होती है। हम अपनी कंप्यूटर के बारे में जानकारी का प्रयोग करके कठिन से कठिन गणनाओं के परिणाम आसानी से और बिना समय गंवाये प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में बडे और विशाल कंप्यूटर का स्थान छोटे डेस्कटॉप तथा लैपटॉप ने ले लिया है। अब हम कंप्यूटर को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण धीरे धीरे कंप्यूटर का मानव जीवन में प्रभाव और उपयोगिता दिन ब दिन बढती जा रही है।

कंप्यूटर के उपयोग (Usage of Computer)

  • वर्तमान दौर में लगभग हर क्षेत्र में ही कंप्यूटर की विशेषताओं और विश्वसनीयता को देखते हुये इसका उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर का उपयोग करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्र इस प्रकार हैं-

व्यापारिक क्षेत्र में

  • वर्तमान में हर छोटे से लेकर बडे व्यापार में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही ई कॉमर्स की बढती लोकप्रियता से व्यवसाय के क्षेत्र में कंप्यूटर के उपयोग को बढावा मिला है। कंप्यूटर की सहायता से व्यवसाय के लेन देन, स्टॉक आदि आंकडों को सटीकता से प्राप्त किया जा सकता है और इन्हें स्टोर भी किया जा सकता है। इसलिये कंप्यूटर के बारे मेें जानकारी हमारे व्यवसाय के विकास में बहुत सहायक होती है।

बैंकिंग के क्षेत्र में

  • बैंकिंग के क्षेत्र में व्यापक तौर पर कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। अकाउंट के लेन देन और खाता धारक की व्यक्तिगत जानकारी को बैंकों के द्वारा एक क्लिक में ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही इंटरनेट बैंकिंग में भी कंप्यूटर बहुत उपयोगी साधन है। यही कारण है कि वर्तमान में एक बटन दबाने पर ही हमारे बैंक अकाउंट से पैसा दूसरे बैंक अकाउंट में भेजा जा सकता है। तथा प्राप्त भी किया जा सकता है। इसके अलावा बैंक डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और चेकों का विवरण और उनके लेन देन का हिसाब भी कंप्यूटर की सहायता से आसानी से रखते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में

  • वर्तमान में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक में कंप्यूटर के प्रयोग से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति हुयी है। छात्रों को कक्षा में स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से पढाया जाने लगा है जिससे कि शिक्षा और अधिक सुगम और प्रभावशाली हो गयी है। प्रशासनिक तौर पर भी समय की बचत के लिये परीक्षा पत्र बनाना, उत्तर पुस्तिका और रिजल्ट बनाना आदि कार्य कंप्यूटर के द्वारा ही किये जाते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में तो परीक्षा देने के लिये भी कंप्यूटर का उपयोग किया जाने लगा है। इससे समय की तो बचत होती ही है। साथ ही कागज के प्रिंट न होने से पर्यावरण को भी फायदा पंहुचता है।

चिकित्सा के क्षेत्र में

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चिकित्सा के क्षेत्र के लिये कंपयूटर एक वरदान साबित हुआ है। स्वास्थ्य परीक्षणों जैसे खून की जांच, ब्लड प्रेशर, शुगर और हार्ट रेट आदि की जांच करने के लिये कंप्यूटर आधारित मशीनों और उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। त्वरित और सटीक परिणाम प्राप्त होने के कारण चिकित्सा में बहुत आसानी हो जाती है।

इसके अतिरिक्त निम्न क्षेत्रों में कंप्यूटर का उपयोग बडे और व्यापक तौर पर किया जाता है

  • ई कामर्स में इंटरनेट के रूप में।
  • अभियंत्रण (Engineering) के क्षेत्र में।
  • संचार व्यवस्था (Communication System) में।
  • अनुसंधान (Research) के क्षेत्र में
  • तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में।
  • सेना और रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में।
  • मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecast) और डाटा संग्रहण के क्षेत्र में।
  • अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में।
  • ऑडियो, वीडियो और फिल्म जगत में।

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