शादी इंसान के जीवन का एक हसीन पहलू होता है। हर किसी का ख्वाब होता है की उसकी शादी यादगार रहे किन्तु हर किसी के लिए अपनी शादी को धूम धाम से मना पाना आसान नहीं होता। कई हालातों में ऐसा होता है की जिसे आप अपना जीवन साथी बनाना चाहते हैं वह आपके परिवार को पसंद नहीं होता और परिवार वाले शादी की इजाजत नहीं देते। ऐसा खासकर तब होता है जब लड़का लड़की अलग-अलग बिरादरी से ताल्लुक रखते हों या इसके कुछ अन्य भी कारण हो सकते हैं।
ऐसे में आपके पास एक विकल्प बचता है वह है कोर्ट मैरिज। आप यदि बालिग हो चुके हैं और जिससे शादी करना चाहते हैं वह भी बालिग है तो नागरिकों को कानूनन रूप से दिए गए मानवीय अधिकार का लाभ लेकर आप Court Marriage कर सकते हैं। आज के आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की कोर्ट मैरिज क्या है ?और कोर्ट मैरिज के लिए कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैं ? साथ ही आप Court Marriage कैसे करें? इसकी प्रक्रिया को भी जान सकेंगे। कोर्ट मैरिज कैसे करें? इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए पाठकों से उम्मीद की जाती है की वे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें।
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Court Marriage क्या है?
कोर्ट मैरिज एक प्रकार से ऐसा विवाह है जिसे क़ानूनी रूप दर्जा देने के लिए लड़का लड़की दोनों की सहमति होने पर अपने शादी के लिए कानूनन आयु पूर्ण होने पर रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर सरकारी कागज़ातों के अनुसार शादी करते है। यह ज्यादातर तभी होता है जब लड़का लड़की के परिवार वाले दोनों की शादी के लिए रजामंद नहीं होते। किन्तु लड़का लड़की एक दूसरे से विवाह करना चाहते हैं। कोर्ट मैरिज करने की प्रक्रिया सारे भारत में एक जैसी ही है। चाहे आप शादी कन्याकुमारी में कर रहे हों या जम्मू-कश्मीर में। Court Marriage के लिए एक एक्ट है जिसे हम स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 कहते हैं, यह एक्ट सभी के लिए है।
वे सभी जो भी भारत के निवासी हैं, यहाँ तक की यह एक्ट विदेशियों के लिए भी है। यदि आप किसी विदेशी लड़के या लड़की से शादी करना चाहते हैं, तो आपकी शादी स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के हिसाब से होगी। अगर आपका धर्म अलग है तो भी आपकी शादी marriage act 1954 से की जा सकती है।
कोर्ट मैरिज करने के लिए आवश्यक शर्तें (conditions for Court Marriage)
शादी के लिए लड़के और लड़की दोनों को ही मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफिस में उपस्थित होना अति आवश्यक है। जैसे ही आप दोनों (लड़का लड़की जो कोर्ट मैरिज (शादी) करना चाहते हैं) उपस्थित हो जायेंगे इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया की संपन्न की जाती है। यदि आप Court Marriage करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको नीचे दी गयी स्थिति को ध्यानपूर्वक पढ़ लेना चाहिए। conditions for Court Marriage के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- लड़का या लड़की दोनों की इससे पहले कोई शादी न हुई हो।
- यदि आपकी लड़का या लड़की पहली शादी हुई है लेकिन उस लड़के या लड़की ने तलाक लिया हो।
- आयु सीमा -कोर्ट मैरिज के लिए लड़की की उम्र 18 पूरी हो और लड़के की आयु 21 वर्ष पूरी हो चुकी हो।
- दोनों लड़का या लड़की दोनों एक दूसरे के रिश्ते में भाई बहन न लगते हों।
- दोनोंं (लड़का, लड़की) की मानसिक हालत सही होनी चाहिए।
कोर्ट मैरिज कैसे करें ?
विशेष विवाह अधिनियम, 1954 जिसे हम Special Marriage Act के नाम से भी जानते हैं। जो की भारत की संसद का एक अधिनियम है जिसके तहत भारत तथा विदेशी देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए विवाह का विशेष रूप प्रदान करता है, फिर चाहे वह व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो। Court Marriageकोई भी धर्म जाति का व्यक्ति कर सकता है Court Marriage Kaise karen? इसके लिए आपको नीचे Court Marriage की प्रक्रिया को बताया गया है –
- कोर्ट मैरिज के लिए आपको सबसे पहले मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में एक लिखित नोटिस देना होता है। इस नोटिस में आपको (आवेदनकर्ता को )अपने शादी करने के इरादे को लिखित रूप में देना होता है।
- आवेदनकर्ता (लड़का, लड़की को जिस भी जिले में शादी करनी है उस जिले में एक माह से अधिक समय तक निवास कर चुके हों।
- अब आपके नोटिस को मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगाया जाता है।
- किसी व्यक्ति द्वारा यदि इस शादी को लेकर आपत्ति जताई जाती है तो वह व्यक्ति 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के समक्ष अपनी आपत्ति जाता सकता है।
- यदि रजिस्ट्रार द्वारा आपत्ति जताने वाले व्यक्ति की आपत्ति को जायज मान लिया जाता है तो वह शादी की प्रक्रिया समाप्त कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा 30 दिनों के भीतर इस शादी के लिए आपत्ति नहीं जताई जाती है तो ऐसा में शादी की प्रक्रिया शुरू की जाती है यानि की शादी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है।
- यदि आवेदक लड़का लड़की चाहे तो रजिस्ट्रार द्वारा आपत्ति को स्वीकार कर लेने के खिलाफ जिला कोर्ट में इसकी अपील कर सकते हैं क्यूंकि उन्हें यह अधिकार है। किन्तु यहाँ आवेदक को यह ध्यान देना होगा की यह अपील आपत्ति को स्वीकार कर लेने के एक महीने के भीतर करनी होगी।
- क्या यह शादी किसी दबाब में आकर तो नहीं कर रहे हैं इसके लिए Court Marriage से पहले लड़का, लड़की तथा गवाहों को रजिस्ट्रार के सामने एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर (सिग्नेचर) करने होते हैं। इस घोषणा पत्र में यह लिखा होता है – “वह ये शादी बगैर किसी दबाव के अपनी मर्जी से कर रहे हैं।”
- रजिस्ट्रार ऑफिस या उसके निकटवर्ती स्थान में Court Marriage को संम्पन्न किया जा सकता है और इसके लिए आपको एक निर्धारित फीस भी देनी होती है।
- अब Court Marriage संपन्न हो जाने के बाद रजिस्ट्रार सभी ब्योरा भरकर आपको मैरिज सर्टिफिकेट जारी कर देता है।
नोट :- आवेदनकर्ता ध्यान दें शादी के नोटिस के प्रकाशन हो जाने के तीन महीने के अंदर अंदर यदि किसी वजह से आपका विवाह नहीं होता है तो इसके लिए आपको बाद में शादी के लिए दोबारा से नोटिस रजिस्ट्रार ऑफिस में देना होता है।
कोर्ट मैरिज के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents required for Court Marriage)
यदि आप Court Marriage करना चाहते हैं तो इसके लिए आवेदन करते समय आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरुरत भी पड़ेगी। आपको Court Marriage के लिए इन Documents की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार से हैं –
- जानकारियों से भरा हुआ आवेदन फॉर्म ।
- लड़के तथा लड़की दोनों की 4 पासपोर्ट साइज की फोटो
- फीस की राशि।
- दसवीं की मार्कशीट (उम्र प्रमाणित करने के लिए )
- आवास और पहचान प्रमाण पत्र
- पहचान के लिए ड्राइविंग लाइसेंंस या फिर आधार कार्ड।
- शपथ पत्र (लड़का और लड़की दोनों में से कोई अवैध रिश्ते मेंं नहीं है इसकी पुष्टि के लिए )
- तलाकशुदा के मामले मेंं तलाक का आदेश।
- यदि लड़की विधवा है तो इस मामले में पहले जीवनसाथी का मृत्यु प्रमाण पत्र
- कोर्ट मैरिज के लिए गवाहों की फोटो।
- पैन कार्ड
Court Marriage में लगने वाला खर्चा
Court Marriage में आपकी कितनी फीस लगती है ?यह इस बात पर निर्भर करता है की आप किस राज्य के निवासी हैं। court marriage के लिए अलग अलग राज्य में अलग अलग फीस लगती है। वैसे सरकार द्वारा Court Marriage करने पर आपको 1000 रुपए तक का खर्चा लग जाता है।
कोर्ट मैरिज (Court Marriage) से सम्बन्धित कुछ प्रश्नोत्तर –
कोर्ट मैरिज क्या है?
कोर्ट मैरिज एक ऐसा शादी समारोह होता है जिसमे लड़का लड़की अपने विवाह आयु जिसमे लड़की 18 और लड़का 21 वर्ष पूरी कर चूका हो और दोनों ही रजिस्ट्रार ऑफिस में उपस्थित होकर सरकारी कागज़ातों के अनुसार तथा कुछ गवाहों के सामने शादी करते है।
क्या कोर्ट मैरिज करने पर प्रोत्साहन राशि प्राप्त होती है?अगर हाँ तो कैसे ?
अंतरजातीय विवाह के मामले में जब दंपत्ति विवाह करते है,यानि की दोनों लड़का और लड़की अलग -अलग जाति के हों और वे दोनों कोर्ट मैरिज करते हैं। तो ऐसे में सरकार की तरफ से दंपति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 250000 धनराशि की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
Court Marriage में कितनी फीस लगती है ?
हर स्टेट में कोर्ट मैरिज के लिए आपको अलग अलग फीस देनी होती है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की फीस हर राज्य में अलग अलग है। कोर्ट मैरिज करने पर 1000 रुपये तक का खर्चा लगभग लग जाता है।
क्या कोर्ट मैरिज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे ?
नही, आप कोर्ट मैरिज करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकते है। इसके लिए लड़का लड़की को जिला कचहरी में उपस्थित होना आवश्यक है और साथ में 3 गवाह भी होने चाहिए।
कोर्ट मैरिज के लिए लड़का और लड़की की आयु क्या होनी चाहिए ?
कोर्ट मैरिज के लिए लड़का की आयु 21 से ऊपर और लड़की की आयु 18 पूरी हो जानी चाहिए।
कोर्ट मैरिज किस अधिनियम के अंतर्गत संपन्न की जाती है?
कोर्ट मैरिज शादी अधिनियम 1954 (स्पेशल मैरिज एक्ट 1954) के अंतर्गत संपन्न की जाती है।
आशा करते हैं आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से कोर्ट मैरिज क्या है? कोर्ट मैरिज कैसे करें – कोर्ट मैरिज के लिए कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैंआदि के बारे में आवश्यक जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही जानकारियों के लिए hindi.nvshq.org को बुकमार्क करना न भूलें।