डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) क्या है, योजना के घटक, चुनौतियाँ

डीबीटी एक ऐसा सिस्टम है जिसके माध्यम से लाभार्थी नागरिकों के खाते में ऑनलाइन सब्सिडी ट्रांसफर की जाती है।

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Reported by Saloni Uniyal

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कोरोना वायरस महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए भारत सरकार द्वारा डीबीटी योजना को शुरू किया गया। लॉकडाउन अवधि के दौरान वर्ष 2020 में डीबीटी सिस्टम के तहत 16.01 करोड़ नागरिकों की सहायता के लिए सरकार द्वारा उनके बैंक अकाउंट में 36,659 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। डीबीटी या प्रत्यक्ष लाभ अंतरण लाभार्थियों को सरलता से सब्सिडी हस्तांतरित करती है। जो कि एक कल्याणकारी योजना है। जो सुनिश्चित करता है कि वह अपना कार्य सुरक्षा व भरोसे के साथ कर सके। तो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) क्या है? चलिए जानते हैं।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) क्या है, योजना के घटक, चुनौतियाँ
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) क्या है, योजना के घटक, चुनौतियाँ

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) क्या है?

सब्सिडी हस्तांतरित करने की व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए डीबीटी अथवा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में शुरू की एक योजना है। इस योजना के तहत नागरिकों के लिंक बैंक अकाउंट में सीधे सब्सिडी हस्तांतरित की जाएगी। इसके साथ ही बैंक खातों में सब्सिडी जमा करने में कोई भी परेशानी नहीं आएगी जैसे की सब्सिडी में देरी तथा अन्य समस्या।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBTDBT) का इतिहास

देश में 1 जनवरी 2013 को भारत सरकार द्वारा कुछ शहरों में डीबीटी कार्यक्रम की शुरुआत की गई। केंद्रीय ग्रामीण विकास के पूर्व मंत्री जयराम रमेश तथा आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन. किरण कुमार रेड्डी द्वारा पूर्वी गोदावरी जिले के गोलाप्रोलू में इस स्किम को 6 जनवरी 2013 को जारी किया गया।

डीबीटी की शुरुआत पहले 43 district में की गई थी। उस समय इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा छात्रवृति शामिल की गई थी। वर्ष 2014 में इस योजना को पूरे देश में शुरू कर दिया गया। इसके पश्चात डीबीट में 34 स्कीम्स के साथ मनरेगा को भी शामिल किया गया।

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DBT के माध्यम से कैसे होते हैं पैसे ट्रांसफर?

डीबीटी एक ऐसा सिस्टम है जिसके माध्यम से लाभार्थी नागरिकों के खाते में ऑनलाइन सब्सिडी ट्रांसफर की जाती है। जब भी केंद्र सरकार द्वारा देश में योजनाएं जारी की जाती हैं तो उसके तहत जो भी वित्तीय सहायता लाभ मिलता है वह लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में सीधे बिना किसी समस्या के भेज दिए जाते हैं इसे ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कहा जाता है।

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक सुरक्षित योजना है जो किसी भी तरह के धोखाधड़ी जैसे मामलों को होने से रोकती है क्योंकि इसके तहत सरकार डायरेक्ट खाते में पैसे ट्रांसफर करती है अतः बीच में कोई चोरी अथवा धोखाधड़ी होने का खतरा नहीं है। इसमें नकद राशि सीधे जनता को अपने बैंक खाते में सुरक्षित मिल जाती है और समस्या भी नहीं होती है अर्थात हमें एक साथ कई लाभ प्राप्त होते हैं। जनता इस योजना का लाभ पूरी तरह से प्राप्त कर रही है।

DBT योजना कैसे करती है काम?

केंद्रीय योजना निगरानी प्रणाली के तहत सरकार द्वारा योजना का लाभ वितरित करने के लिए पात्र लोगों की लिस्ट तैयारी करती है। इसके बाद लाभार्थी का आधार कार्ड लिया जाता है जो की एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। यदि आपका लाभार्थी का बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक है तो योजना का लाभ आसानी से इन्हें हस्तांतरित किया जाता है।

लेकिन यदि आपका आधार कार्ड लिंक नहीं है तो सरकार डीबीटी प्रणाली का उपयोग जन धन खाते तथा मोबाइल कनेक्शन से भी कर सकती है। इस स्कीम्स के माध्यम से अभी तक 43 करोड़ लाभार्थियों को 316 करोड़ की डीबीटी के तहत सब्सिडी प्राप्त भी हो चुकी है।

आपको बता दें आरबीआई बैंक, सहकारी, क्षेत्रीय बैंक, निजी बैंकों सहित कई अन्य बैंक भी हैं जो डीबीटी का उपयोग कर लाभार्थी के बैंक खाते में भुगतान करते हैं।

DBT का उद्देश्य

अक्सर आपने पहले देखा होगा कि सरकारी स्कीम्स के तहत मिलने वाली धनराशि को लाखों आबादी तक पहुंचाने में बहुत समय तथा परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिससे अधिक बेईमानी का खतरा अधिक बढ़ जाता है। लेकिन वर्तमान में डीबीटी प्रणाली के आने से यह सभी परेशानियां खत्म हो गई है। अब सरकार आसानी से लाभार्थी नागरिकों के खाते में ऑनलाइन पैसे भेज सकती है वो भी सुरक्षित और बिना धोखाधड़ी के।

Direct Benefit Transfer के अंतर्गत प्रमुख सरकारी योजनाएं

आपको बता भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गए 317 योजनाएं हैं जो DBT के अंतर्गत आती हैं। डीबीटी योजना के तहत आने वाली मुख्य स्कीम्स निम्नलिखित हैं-

  • खेलो इंडिया
  • अटल पेंशन योजना
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
  • प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
  • आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY)
  • हरित भरता मिशन राष्ट्रीय वनरोपण
  • दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एन-एनआरएलएम)
  • राष्ट्रीय आयुष मिशन
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी)
  • सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमएस)
  • स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लाभ

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डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के कई लाभ हैं जिनकी जानकारी हम आपको नीचे देने जा रहें हैं-

  • डीबीटी जब अपना कार्य करता है तो उसमें बिचौलिया आए ऐसा कोई प्रश्न ही नहीं है अर्थात लोगों को धोखाधड़ी के शिकार से बचाता है इसमें भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाती है।
  • इसके द्वारा किए गए कार्य में कोई देरी की सम्भावना नहीं है।
  • इस योजना के तहत सार्वजनिक धन का दुरुपयोग ना हो उसे कम अथवा रोकने में सहायता करता है।
  • डीबीटी के तहत जिन लाभार्थियों के बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक होंगे उनके खाते में धनराशि को सुरक्षित बिना किसी परेशानी के भेज दिया जाता है।
  • इसके तहत योग्य आवेदकों को सरकारी मदद प्रदान की जाती है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना का सबसे अधिक इस्तेमाल कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन लागू होने के समय हुआ था उस समय यह योजना सबसे अधिक लाभकारी साबित हुई। इसके बाद देश की जनता के खाते में सरकारी योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को सुरक्षित भेजा गया।

कोविड-19 के दौरान DBT

Covid-19 महामारी के दौरान डीबीटी प्रणाली ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस समय सामाजिक दूरी को देखते हुए सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश को लॉकडाउन किया गया था ताकि इस बीमारी को अधिक फैलने से रोका जा सके। साथ ही लाखों लोगों की सहायता और राहत प्रदान करने के लिए डीबीटी प्रणाली एक चमत्कार साबित हुई। इस बीमारी की वजह से जितने भी लोगों की आजीविका प्रभावित हुई उन्हें सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।

30 मार्च, 2020 को एक ही दिन में PFMS द्वारा 2.19 करोड़ रुपए का लेन देन भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया गया। और यह सबसे बड़ा पैमाना था जो डीबीटी द्वारा एक ही दिन में किया गया। 24 मार्च से 17 अप्रैल के बीच, PFMS के तहत 11.42 करोड़ लोगों के अकाउंट में 27,442.08 करोड़ रुपए की धनराशि DBT भुगतान की गई। यह भुगतान केंद्र सरकारी योजनाओं जैसे-पीएम किसान, महात्मा गाँधी योजना के तहत किया गया था।

विभिन्न योजना के तहत हुआ भुगतान

डीबीटी प्रणाली ने सब्सिडी प्रदान करने की सुविधा को अब और भी आसान कर दिया है। इसके अंतर्गत करीबन 180 कल्याणकारी योजनाओं को शामिल किया गया तथा राज्य सरकारों द्वारा 9,21722 करोड़ रुपए की धनराशि को 4.59 करोड़ लाभार्थी की वितरित किया गया।

समस्या अधिक बढ़ने के पश्चात देश में लाभार्थियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने लगी, यह देखकर डीबीटी की संरचना को और विकसित करके परीक्षण किया गया। वर्ष 2020 से 2021 तक डीबीटी से 47 करोड़ नागरिकों को लाभ प्रदान किया गया। इन लाभार्थियों को लगभग 1,41,714 करोड़ की डीबीटी प्रदान हुई।

किसान सम्मान निधि अंतर्गत 1,77,33.53 करोड़ रुपए का भुगतान

कोरोना वायरस के समय बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर तथा अन्य सभी राज्यों में लाभार्थी नागरिकों के अकाउंट में पैसे ऑनलाइन डीबीटी के माध्यम से भेजे गए। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत 8,43,79,326 लाभार्थियों को 1,77,33.53 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई।

मनरेगा के तहत 5,406.09 करोड़ रूपए का भुगतान

ठीक इसी तरह मनरेगा में 5,406.09 करोड़ रुपए का भुगतान 1,55,68,86 लाभार्थियों के खाते में किया गया है। ठीक ऐसे ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना स्कीम्स के माध्यम से 209.47 करोड़ रुपए का भुगतान 7,58,153 लाभार्थियों को दिया गया तथा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 280.80 करोड़ रुपए का भुगतान 10,98,128 लाभार्थियों को प्रदान किया गया।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

DBT की फुल फॉर्म बताइए?

DBT की फुल Direct benefit transfer है जिसे हिंदी में प्रत्यक्ष लाभ भुगतान कहा जाता है।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की शुरुआत कब की गई?

1 जनवरी 2013 में भारत सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की शुरुआत की गई।

Direct benefit transfer के अंतर्गत आने वाली दो योजनाएं बताइए?

स्वच्छ भारत मिशन तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना Direct benefit transfer के अंतर्गत आती हैं।

DBT का क्या कार्य होता है?

देश की सरकार योजनाओं का सभी लाभ जनता को डीबीटी के माध्यम से प्रदान करती है। इसका फायदा यह है कि यह जो भुगतान होता डायरेक्ट लाभार्थी के अकाउंट में ट्रांसफर होता है। इसे भ्रष्टाचार की सम्भावना भी कम हो जाती है।

क्या डीबीटी करने के लिए आधार की आवश्यकता होती है?

जी नहीं, सरकार आपके जान धन अकाउंट यह बैंक अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर से भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकती है।

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