द्विगु समास का विग्रह करने पर दो गायों का समूह होता है। समास का बोध करने पर प्रथम पद संख्यावाचक और कभी-कभी दूसरा पद भी संख्यावाचक होता है। किसी शब्द में संख्यावाचक का बोध होने से वह शब्द के उच्चारण की संख्या/ समूह को बताता है। तो आइये विस्तार से जानते है द्विगु समास किसे कहते है और इसकी परिभाषा क्या है? आर्टिकल से जुड़ी सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।
द्विगु समास की परिभाषा
जिस वाक्य के प्रथम पद में संख्यावाचक होता है एवं द्वितीय पद या समस्त पद किसी समूह या समाहार का बोध करवाता है, तो उसे द्विगु समास कहते हैं। इस समास में किसी एक शब्द को विभाजित करने पर हमेशा पहले पद में संख्या और अंत में समूह या समाहार का उच्चारण होता है। द्विगु समास का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए समास और उसके भेदो की जानकारी होनी महत्वपूर्ण हैं।
द्विगु समास के उदाहरण
समास | विभाजित होने पर |
नवरात्र | नौ रत्नों का समूह |
सतसई | सात सौ का समाहार |
दोराहा | दो राहों का समाहार |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
सप्तऋषि | सात ऋषिओं का समूह |
इकतारा | एक तारा |
द्विवेदी | दो वेदों को जानने वाला |
चतुर्वेद | चार वेद |
त्रिकोण | तीन कोण का समाहार |
द्विगु समास के भेद
- समाहार द्विगु समास
- उत्तरपद प्रधान द्विगु समास
1) समाहार द्विगु समास
समाहार शब्द का अर्थ होता है समुदाय, इकट्ठा होना और समेटना। इसी समाहार को द्विगु समास कहते है।
समाहार द्विगु समास के उदाहरण :-
- तीन लोकों का समाहार = त्रिलोक
- तीन भुवनो का समाहार = त्रिभुवन
- पांचों वेटो का समाहार = पंचवटी
2) उत्तरपद प्रधान द्विगु समास
इस समास में वाक्य के उत्तरपद पर जोर दिया जाता है।
उत्तरपद प्रधान द्विगु समास के उदाहरण :-
- दो माँ का = दुमाता
- पांच प्रमाण = पंचप्रमाण
- दो सुतों के मेल का =दुसुति
- पांच हत्थड = पंचहत्थड
द्विगु समास से संबंधित प्रश्नोत्तर FAQs –
द्विगु समास किसे कहते है ?
वह समास जिसमे संख्या का बोध होता हो और इस समास में पहला पद संख्यावाचक होता है। शब्दों का विग्रह करने पर समूह का बोध होता है।
द्विगु समास कितने प्रकार के होते है ?
द्विगु समास दो प्रकार के होते है – समाहार द्विगु समास, उत्तरपद प्रधान द्विगु समास।
समाहार समास किसे कहते हैं ?
ऐसे वाक्य जिसमे किसी समहू, समुदाय, इकट्ठा होना और समेटना का बोध होता है, उसे समाहार समास कहते है। इस समास में संख्या का बोध होना भी अनिवार्य है। जैसे – त्रिभुज, त्रिभुवन और पंचवटी आदि शब्दों में तीन और पांच संख्या का बोध हो रहा है।
द्विगु समास के उदाहरण बताइए ?
सतसई – सात सौ (दोहों) का समाहार, पंजाब – पाँच आबों (नदियों) का समूह, चौमासा – चार मासों का समूह और नवग्रह – नौ ग्रहों का समूह।
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