Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध :- भारत देश त्यौहारों का देश है। यहाँ प्रत्येक पर्व को बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत देश के विभिन्न प्रमुख त्यौहारों में से रक्षाबंधन भी एक मुख्य त्यौहार है। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। यह त्यौहार भारतीय भाई-बहनों के लिए एक ... Read more

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Reported by Pankaj Bhatt

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रक्षाबंधन पर निबंध :- भारत देश त्यौहारों का देश है। यहाँ प्रत्येक पर्व को बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत देश के विभिन्न प्रमुख त्यौहारों में से रक्षाबंधन भी एक मुख्य त्यौहार है। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। यह त्यौहार भारतीय भाई-बहनों के लिए एक बहुत ही खास दिन होता है। यह त्यौहार भाई-बहन के एक दूसरे के प्रति स्नेह को दर्शाता है। आज के समय में भी हर हिन्दू भाई के हृदय में अपनी बहन से राखी बंधवाने का उतना ही महत्व और आधार है जितना की प्राचीन काल में था। हालांकि आजकल रक्षाबंधन के त्यौहार की तैयारियाँ कुछ दिन पहले से ही की जाने लगती है।

रक्षाबंधन हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस त्यौहार को सम्पूर्ण भारतीय वासी बहुत ही उत्साह के साथ मनाते है। रक्षाबंधन को राखी का पर्व भी कहा जाता है। राखी का पर्व श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त 2024 को मनाया जायेगा। रक्षाबंधन के लिए सभी बहनें अपने भाइयों को रखी बांधती है और मिठाई खिलाती है और भगवान से उनकी रक्षा की कामना करती है।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi - रक्षाबंधन पर निबंध
Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

आर्टिकल का नाम रक्षाबंधन पर निबंध
साल 2024
त्यौहार का नामरक्षाबंधन
अन्य नामराखी का पर्व
कब मनाया जाता हैश्रावण पूर्णिमा
इस वर्ष रक्षाबंधन19 अगस्त 2024

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रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी

रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ – रक्षा करने वाला बंधन है। रक्षाबंधन के त्यौहार के कुछ दिन पहले से ही बाजार में रौनक बढ़ जाती है। मिठाइयों की दूकान में मिठाई खरीदने वालो की भीड़ लगी रहती है और बाजार में रंग-बिरंगी और बहुत ही सुंदर-सुंदर राखियां दिखाई देती है। सभी बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीदती है और सभी भाई अपनी बहनों के लिए राखी का उपहार खरीदते है। इस दिन प्रत्येक घर में अलग-अलग प्रकार के पकवान भी बनाये जाते है।

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रक्षाबंधन के शुभ दिन पर सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और मिठाई खिलाती है। और साथ की उनकी लम्बी आयु और रक्षा की मंगल कामना करती है। भारत सरकार द्वारा रक्षाबंधन के अवसर पर डाक सेवा पर कुछ छूट दी जाती है। राखी के पर्व को सम्पूर्ण भारत देश में मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन विवाहित बहने अपने भाई के घर राखी और मिठाई लेकर जाती है। इस दिन कुछ जगहों पर महिलाओं के लिए रिक्शा, बस ट्रेन आदि में फ्री यात्रा भी कर दी जाती है।

हर साल रक्षाबंधन के पर्व का सभी बहनों को बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है। भाई कही भी हो वे रक्षाबंधन के दिन अपनी बहनों से राखी बंधवाने के लिए पहुँच ही जाते है। पुराने समय में घर में जो सबसे छोटी बेटी होती थी वो अपने पिता को राखी बांधती थी। राखी के पर्व पर पंडित-पुरोहित अपने यजमानों के घर जाते है और मंत्रों का उच्चारण करने के साथ-साथ उनको रक्षा-सूत्र भी बांधते है। रक्षाबंधन के त्यौहार पर कुछ लाइनें इस प्रकार है –

कुछ कुछ जोड़कर,
रख लिया है गुल्लक तोड़ कर,
सिक्कों से एक गुड़िया सजाई है,
इस राखी पर मैंने तेरे लिए,
तेरी पसंद की चूड़ियां लायी है।

वे बहनें जिनके भाई नहीं होते है, वे भी अपने रिश्ते-नाते के भाइयों को राखी बांधती है और उन्हें अपनी रक्षा करने का भार सौंपते हुए मन में कोई संकोच नहीं रखती हैं। जिनके भाई विदेश में रहते है, वे बहनें अपने भाइयों को राखी भेजती है और उनके भाई भी उपहार भेजते है।

रक्षाबन्धन का इतिहास

बहुत समय पहले की बात है मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह की मृत्यु के बाद कुमार विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे। उस समय विक्रमादित्य बाल्यावस्था में थे और उस समय मेवाड़ के सरदारों में आपसी फूट पड़ गयी थी। अवसर मिलते ही उस समय मेवाड़ की रानी कर्णावती पर बहादुरशाह ने आक्रमण कर दिया था, उस समय मेवाड़ की रानी ने मुगल बादशाह हुमायूँ को रखी और एक पत्र भेजकर अपने राज्य की रक्षा के लिए सहायता की गुहार लगाई थी। बादशाह हुमायूँ ने पत्र और राखी को स्वीकार किया और रानी कर्णावती की रक्षा करने का संकल्प लिया। रानी कर्णावती एक वीर योद्धा थी और वे बहादुरशाह का सामना करने के लिए स्वयं युद्ध के मैदान में कूद पड़ी थी।

रक्षाबंधन का पर्व भारतीय परम्परा का एक ऐसा पर्व है, जो न केवल भाई-बहन के स्नेह को बल्कि हर सामाजिक बंधन को मजबूत करता है। हिन्दू समाज में बहुत सी परम्पराएं प्राचीन काल से चली आ रही है। जिनका सभी भारतीय आज भी सम्मान करते है। इन्हीं परम्पराओं को हम संस्कृति भी कहते है। इसी प्रकार रक्षाबंधन का पर्व भी प्राचीन काल से प्रचलित है। और हम सभी भारतीय इस पर्व को आज भी बहुत ही उत्साह के साथ मनाते है।

निष्कर्ष

जब एक स्त्री किसी भी पुरुष को अपना भाई मानकर राखी बांधती है और उसकी लम्बी आयु की प्रार्थना करती है तो वह पुरुष जन्म-जन्मांतर के लिए उसका भाई बन जाता है और उस राखी के बदलें अपनी बहन की रक्षा करने और उसे समाज की कुदृष्टि से बचाने का वचन देता है। इसी प्रकार राखी का पर्व भाई-बहन का त्यौहार है। इस त्यौहार को सभी भाई-बहन बड़े उत्साह के साथ मनाते है। रक्षाबंधन का त्यौहार भारतीय लोगो के लिए एक विशेष महत्व रखता है।

रक्षाबंधन पर निबंध से संबंधित कुछ प्रश्न और उनके उत्तर

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रक्षाबंधन का पर्व कौन मनाते है ?
इस पर्व को सभी भारतीय और हिन्दू धर्म के लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते है।

राखी का त्यौहार इस साल कब मनाया जायेगा ?
इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन के त्यौहार पर क्या-क्या करते है ?
इस दिन सभी बहने अपने भाइयों को राखी बांधती है और मिठाई खिलाती है और साथ ही अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती है। सभी भाई अपनी बहनों को उपहार देते है।

राखी के पर्व/रक्षाबंधन के त्यौहार से जुडी कुछ लाइनें ?
रक्षाबंधन के त्यौहार से जुडी कुछ लाइनें निम्न प्रकार है –
कुछ-कुछ जोड़कर,
रख लिया है गुल्लक तोड़ कर,
सिक्कों से एक गुड़िया सजाई है,
इस राखी पर मैंने तेरे लिए,
तेरी पसंद की चूड़ियां लायी है।

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