Income Tax: अब ₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? सरकार की बड़ी तैयारी मिलेगी राहत!

सरकार के प्रस्ताव से बढ़ेगी डिस्पोजेबल इनकम, कम होगा टैक्स बोझ। क्या यह कदम आपकी जेब में डाल सकता है ज्यादा पैसे? जानें नए टैक्स रिजीम के फायदे और बजट 2025 के असर का पूरा विश्लेषण

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Reported by Saloni Uniyal

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Income Tax: अब ₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? सरकार की बड़ी तैयारी मिलेगी राहत!
Income Tax: अब ₹10,50,000 तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? सरकार की बड़ी तैयारी मिलेगी राहत!

आगामी बजट 2025 में मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देने की संभावना है। खबरों के अनुसार, 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले इस बजट में 10.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स की देनदारी कम की जा सकती है। इस कदम का उद्देश्य देश में धीमी होती आर्थिक वृद्धि और बढ़ती महंगाई के बीच उपभोग को बढ़ावा देना है।

मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए यह प्रस्ताव बड़ी राहत बन सकता है। इसके जरिए सरकार न केवल खपत को बढ़ावा देने बल्कि टैक्स सिस्टम को अधिक सरल और प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है। आने वाले बजट में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था और आम जनता दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

वर्तमान टैक्स संरचना और प्रस्तावित बदलाव

फिलहाल, ₹3 लाख से ₹10.5 लाख तक की आय पर 5% से 20% तक का टैक्स लगाया जाता है, जबकि ₹10.5 लाख से अधिक की आय पर 30% की दर से टैक्स देना पड़ता है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो टैक्सपेयर्स के हाथ में अधिक डिस्पोजेबल इनकम आएगी, जिससे उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी।

सरकार का उद्देश्य इस कटौती के जरिए अधिक लोगों को 2020 में पेश किए गए नए टैक्स रिजीम को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

दो टैक्स रिजीम का विकल्प

वर्तमान में टैक्सपेयर्स के पास दो विकल्प हैं:

  1. ओल्ड रिजीम: यह हाउस रेंट, बीमा और अन्य कर छूट प्रदान करता है।
  2. न्यू रिजीम (2020): इसमें कम टैक्स दरें हैं लेकिन अधिकांश छूट हटा दी गई हैं।

सरकार का ध्यान अधिक टैक्सपेयर्स को नए स्ट्रक्चर की ओर आकर्षित करने पर है। इस प्रस्तावित कटौती से नई टैक्स प्रणाली को और लोकप्रिय बनाया जा सकता है।

आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में पिछले कुछ समय में गिरावट देखी गई है। जुलाई-सितंबर 2024 के दौरान, GDP ग्रोथ पिछले सात तिमाहियों में सबसे कमजोर रही। इसके साथ ही, खाद्य मुद्रास्फीति ने शहरी परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा दिया है।

वाहनों, घरेलू सामानों और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की मांग में गिरावट देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टैक्स कटौती का यह प्रस्ताव लागू होता है, तो घरेलू खपत में वृद्धि होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

सरकार का दृष्टिकोण

सूत्रों के अनुसार, टैक्स कटौती के आकार और अन्य पहलुओं को बजट के करीब अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

माना जा रहा है कि टैक्स कटौती के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई अधिक लोगों द्वारा न्यू टैक्स रिजीम अपनाने के जरिए की जाएगी।

टैक्स कटौती का संभावित लाभ

इस प्रस्ताव के लागू होने से लाखों मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।

  • डिस्पोजेबल इनकम में वृद्धि: टैक्सपेयर्स को अधिक पैसा बचाने का मौका मिलेगा, जिसे वे खपत में खर्च कर सकते हैं।
  • आर्थिक गतिविधियों में तेजी: घरेलू खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • सरलीकृत टैक्स ढांचे को अपनाने का बढ़ावा: नए टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाया जा सकेगा।

FAQs

Q1. बजट 2025 में टैक्स कटौती का प्रस्ताव क्या है?
Ans: सरकार 10.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स देनदारी को घटाने का प्रस्ताव दे सकती है।

Q2. यह प्रस्ताव किस उद्देश्य से लाया जा रहा है?
Ans: इसका उद्देश्य धीमी आर्थिक वृद्धि और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है।

Q3. वर्तमान टैक्स स्लैब क्या हैं?
Ans: ₹3 लाख से ₹10.5 लाख तक की आय पर 5% से 20% तक टैक्स लगता है, जबकि ₹10.5 लाख से अधिक आय पर 30% की दर लागू होती है।

Q4. नई और पुरानी टैक्स रिजीम में क्या अंतर है?
Ans: ओल्ड रिजीम में हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट मिलती है, जबकि न्यू रिजीम में कम टैक्स दरों के साथ अधिकांश छूट हटा दी गई हैं।

Q5. टैक्स कटौती से अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?
Ans: इससे उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी, जिससे खपत और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

Q6. सरकार इस प्रस्ताव को क्यों ला रही है?
Ans: सरकार नई टैक्स रिजीम को अधिक आकर्षक बनाना चाहती है ताकि अधिक लोग इसे अपनाएं।

Q7. क्या टैक्स कटौती से सरकार के राजस्व पर असर पड़ेगा?
Ans: हां, लेकिन नए टैक्स रिजीम के साथ अधिक लोगों के जुड़ने से राजस्व की भरपाई की जा सकेगी।

Q8. यह प्रस्ताव कब लागू हो सकता है?
Ans: अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो इसे 1 फरवरी 2025 को बजट घोषणा के साथ लागू किया जा सकता है।

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