Henri Fayol 14 Principles of Management – हेनरी फेयोल के प्रबंधन के 14 सिद्धांत

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Reported by Rohit Kumar

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किसी भी बड़े कार्य को आप सही ढंग से तभी कर सकते हैं जब आपके पास कार्य को करने हेतु सही प्लान, एक अच्छी संगठित टीम, समन्वय एवं नियंत्रण हो। दोस्तों फ़्रांस के प्रसिद्ध प्रबंधन सिद्धांतकार (Management theorist) Henri Fayol ने 14 सिद्धांत दिए हैं जिसको अपनाकर आप कोई कार्य को अच्छे और बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

Henri Fayol 14 Principles of Management - हेनरी फेयोल के प्रबंधन के 14 सिद्धांत
Henri Fayol 14 Principles of Management – हेनरी फेयोल के प्रबंधन के 14 सिद्धांत

आज के इस आर्टिकल में हम आपको हेनरी फेयोल के प्रसिद्ध 14 प्रबंधन सिद्धांतों के बारे में बताने जा रहे हैं। आर्टिकल में हमने हेनरी फेयोल के 14 सिद्धांतों को विस्तृत रूप में समझाने का प्रयास किया है। आप आर्टिकल को पढ़कर आप इन 14 प्रबंधन सिद्धांतों (Principles of Management) को अच्छी तरह से समझ पायेंगे। चलिए आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं जानते और समझते हैं हेनरी फेयोल द्वारा दिए गए सिद्धान्तों को।

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1.कार्य का विभाजन (Division of Work):

हेनरी फेयोल का पहला सिद्धांत है कार्य का विभाजन जिसे Division of Work भी कहा जाता है। यह सिद्धांत कार्य की विशिष्टता के ऊपर आधारित है। हेनरी फेयोल के कार्य के विभाजन का सिद्धांत (Principles) का मतलब है की हर एक व्यक्ति, हर एक कार्य के लिए योग्य नहीं होता है। प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता और तरीका अलग – अलग होते हैं।

diverse people working office

कोई भी व्यक्ति सभी कार्यों में दक्ष (Perfect) नहीं हो सकता। इसलिए हेनरी फ्यूल कहते हैं की किये जाने वाले कार्य का विभाजन ऐसे होना चाहिए की जो व्यक्ति जिस कार्य करने में सक्षम है उसे वही कार्य देना चाहिए। इससे हमारा कार्य जल्दी होगा और समय की बचत होगी।

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2.अधिकार एवं उत्तरदायित्व (Author & Responsibility):

हेनरी फेयोल के 14 सिद्धांतों में दुसरा सिद्धांत है व्यक्ति के अधिकार और उससे संबंधित उत्तरदायित्व का। यदि व्यक्ति को अपने अधिकार और उत्तरदायित्व पता हैं तो वह अपने कार्य का निर्वाहन अच्छे ढंग से कर सकता है।

author and responsibility

इसके लिए जरूरी है कि जो भी दायित्व या कार्य व्यक्ति को सौंपा जाय तो व्यक्ति को अपने उत्तर दायित्व का अच्छे ढंग से ज्ञान हो। उत्तरदायित्व का अधिकार व्यक्ति को जिम्मेदार होना सिखाता है।

3.अनुशासन (Discipline):

जैसा की आप जानते हैं की अनुशासन का हम सभी के जीवन में बड़ा ही महत्व है। यदि जीवन में हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति करनी है तो अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। हेनरी फेयोल का तीसरा सिद्धांत भी यही कहता है

Discipline on work

कि किसी भी संस्था में कर्मचारियों के बीच आज्ञाकारिता व्यवहार, नीति एवं नियम, कार्य विधि और आदर में अनुशासन के होने से हम अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

4.आदेश की एकता (Unity of Command):

हेनरी फेयोल का चौथा सिद्धांत है आदेश की एकता। इस सिद्धांत के अनुसार हेनरी फेयोल कहते हैं की एक समय पर एक व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति एक ही आदेश मिलना चाहिए।

unity of command

एक ही समय पर एक से अधिक कार्यों के आदेश मिलने पर कार्य की गुणवत्ता घटती है। एक से अधिक कार्यों के आदेश मिलने पर कार्य करने की अनुशासत्मकता भंग हो जाती है।

5.निर्देश की एकता (Unity of Direction):

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कार्य करने हेतु तय की गई योजना में प्राप्त निर्देशों में एकरूपता होनी चाहिए। हेनरी फेयोल कहते हैं की किसी भी संगठन के कुशलपूर्वक संचालन के लिए कार्यों के निर्देशों में एकता का होना अति आवश्यक है। अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समूह या व्यक्ति द्वारा दिए गए निर्देशों में एकता हमेशा ही मददगार होती है।

6. व्यक्तिगत हितों का सामान्य हितों के पक्ष में समर्पण (surrender of individual interests in favor of common interests):

किसी भी संगठन की सफलता के लिए यह जरूरी है की वह अपने व्यक्तिगत हितों से ऊपर सामान्य और सामाजिक हितों को रखे। कई बार हमारे सामने ऐसी परिस्थितियां होती हैं की अपने व्यक्तिगत हित से ऊपर सामाजिक हित को रखना कठिन हो जाता है।

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जिस कारण कभी-कभी प्रबंधक के दायित्व एवं सामान्य हित के बीच टकराव हो जाता है। दोस्तों हेनरी फेयोल ने बताया है की ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने आप सामूहिक हितों की रक्षा के लिए समर्पित हो जाना चाहिए।

7.कर्मचारियों को पारिश्रमिक (Remuneration to Employee):

Remuneration-to-Employee

हर कोई यही चाहता है की उसे अपने कार्य परिश्रम के बदले अच्छा खासा पारिश्रमिक मिले। संगठन को यह तय करना चाहिए की उसके यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों समय से और उचित पारिश्रमिक मिले। यदि कर्मचारी, मजदूर को उनका पारिश्रमिक समय से मिलता है तो वह और लगन और मेहनत के साथ संगठन के साथ कार्य करते हैं।

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8.केन्द्रीकरण और विकेन्द्रीकरण (Centralization and Decentralization):

Centralization and Decentralization

अपने आठवें सिद्धांत में हेनरी फेयोल का कहना है की किसी भी संगठन में उसके अपने अधिकारों का केन्द्रीकरण उस सीमा तक होना चाहिए जिससे संगठन के अधिकार और कर्मचारियों के दायित्वों के बीच संतुलन बना रहे है। संगठन का केन्द्रीकरण इस बात पर निर्भर करता है की उस संगठन में काम करने वाले कर्मचारियों का एक दूसरे के प्रति व्यवहार कैसा है।

9.श्रेणी श्रृंखला (Scalar Chain):

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यहाँ हेनरी फेयोल के 9वें सिद्धांत का मतलब है की किसी कार्य को श्रेणी श्रृंखला के योजना बद्ध तरीके के रूप से किया जाना चाहिए। श्रेणी श्रृंखला हमें बताती है की कोई भी कार्य का अंत दूसरे कार्य का आरम्भ भी हो सकता है। यदि हम अपने कार्य संचालन में श्रेणी श्रृंखला का पालन करते हैं तो हेनरी फेयोल के तीसरे सिद्धांत आदेश की एकता का स्वतः ही पालन हो जाता है।

10.व्यवस्था (Order):

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हेनरी फेयोल का दसवां सिद्धांत हमें बताता है की कार्य में उपयोग की जाने वाली वस्तु का प्रयोग होने के बाद वस्तु को उसके निर्धारित स्थान में रख देना चाहिए ताकि अगली बार कार्य करने हेतु वस्तु की उपयोगिता महसूस होने पर वस्तु आसानी से मिल जाए वस्तु को ढूंढने में समय की बर्बादी ना हो। यदि किसी व्यक्ति द्वारा वस्तु को उसके विशिष्ट स्थान पर नहीं रखा जाता है तो उस व्यक्ति को वस्तु के उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।

11.समानता (Equity):

equality

प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है की सब के साथ समानता का व्यवहार किया जाये। समानता कर्मचारियों के अंदर कार्य के प्रति निष्ठा और समर्पण की भावना को जन्म देती है। यदि कर्मचारी के मन में अपने कार्य के प्रति निष्ठा और समर्पण की भावना होगी तो इससे उनके कार्य क्षमता में वृद्धि होगी।

12.कर्मचारियों के कार्यकाल में स्थायित्व (Stability of Tenure of Employee):

Stability of Tenure of Employee

कर्मचारियों को कार्य करने का ऐसा माहौल मिलना चाहिए जिसमें उन्हें अपने कार्यकाल के खत्म होने का भय ना हो। कार्यकाल में स्थायित्व कर्मचारियों के मन में सेवा की असुरक्षा की भावना को समाप्त करने का कार्य करता है। हेनरी फेयोल का 12वां सिद्धांत कहता है की स्थायित्व संस्था के कार्मिक दल के बहुत ही महत्वपूर्ण पूंजी है।

13.पहल की क्षमता(Initiative):

Initiative

हेनरी फेयोल का तीसरा सिद्धांत पहल करने से संबंधित है। यदि किसी संस्था में किसी समस्या का हल किसी कर्मचारी के पास है (चाहे वह किसी पद पर कार्यरत हो) तो उसे स्वयं से पहल करना आना चाहिये। पहल करना किसी भी संगठन / व्यक्ति के लिए गर्व की बात है।

14.सहयोग की भावना (Sense of Union or Espirit De-Crops):

Sense-of-Union-or-Espirit-De-Crops

हेनरी फेयोल का 14वां और अंतिम अध्याय कहता है की कर्मचारियों में एकता , समानता , निष्ठा को बढ़ाने के लिए आपस में सहयोग की भावना होना बहुत जरूरी है। सहयोग की भावना होने कर्मचारियों में विश्वास और समझ दोनों ही बढ़ती हैं। बिना एक दूसरे के सहयोग से किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है। कर्मचारियों को अपने आपसी मतभेद भुलाकर सहयोग की भावना रखनी चाहिए।

Henri-fayol-14-principles-of-management से जुड़े प्रश्न एवं उत्तर

हेनरी फेयोल कौन थे ?

हेनरी फेयोल एक बहुप्रसिद्ध फ्रांसिस खनन इंजीनियर और प्रबंधन सिद्धांतकार थे। फेयोल ने अपने सहकर्मियों के विकास हेतु 14 वैज्ञानिक प्रबंधन सिद्धांत दिए थे जो आज के समय में भी लागू हैं।

हेनरी फेयोल का 10वां सिद्धांत कौन सा है ?

हेनरी फेयोल का 10वां सिद्धांत व्यवस्था और आर्डर से संबंधित है। इस सिद्धांत में व्यवस्थित कार्य , वस्तु , समय , क्रम आदि के बारे में बताया गया है।

हेनरी फेयोल ने पहली बार अपने 14 सिद्धांत कहाँ प्रकशित किये ?

हिनरी फेयोल ने सन 1917 में एडमिनिस्ट्रेशन इंडस्ट्रेली एट जैनेरेली नाम की पुस्तक में दुनिया को अपने 14 प्रबंधन सिद्धांतों के बारे में बता

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