कर्मधारय समास: परिभाषा, भेद और उदाहरण – Karmadharaya Samas

कर्मधारय समास (Karmdharaya Samas) एक प्रकार का समास है जिसमें पूर्वपद विशेषण होता है और उत्तरपद विशेष्य होता है। दूसरे शब्दों में, इस समास में पहला शब्द दूसरे शब्द का विशेषण बताता है।

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Reported by Rohit Kumar

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कर्मधारय समास: परिभाषा: वह समास जिसका प्रथम पद विशेषण/ विशेष्य और दूसरा पद या उत्तम पद विशेष्य/ उपमेय होता है। तो उसे कर्मधारय समास (Oppositional Determinative Compound) कहते है। प्रथम पद के विशेषण का सम्बन्ध विशेष्य और उपमान का संबंध उपमेय से होता है। यह समास स्वतंत्र कर्मधारय होते है। जैसे :-

  • नीलकमल – नीला है जो कमल
  • महादेव – महान है जो देव
  • श्वेतांबर – श्वेत है जो अंबर (वस्त्र)
  • सद्धर्म – सत् है जो धर्म
  • नीलगगन – नीला है जो गगन
  • महात्मा – महान है जो आत्मा
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Karmadharaya Samas

कर्मधारय समास की परिभाषा

समास का ऐसा रूप जिसमे वाक्य का पहला पद विशेषण होता है, और दूसरा पर विशेष्य होता हैं। इस समास के अंतर्गत उपमान और उपमेय से युक्त पद भी शामिल होते है। इस समास का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए विशेषण की जानकारी होना बेहद आवश्यक है, पर क्या आप जानते हो विशेषण किसे कहते है, एवं इसमें कितने भेद होते है।

जैसे :- राधा एक सुन्दर लड़की है, इस वाक्य में ‘सुन्दर’ शब्द विशेषण और ‘राधा’ शब्द विशेष्य है।

कर्मधारय समास के उदाहरण

  • नृसिंह = सिंह के समान है जो नर
  • घनश्याम = घन के समान है जो श्याम
  • उषानगरी = उषा रूपी नगरी
  • मनमंदिर = मन रूपी मंदिर
  • दुरात्मा – दुर् (बुरी) है जो आत्मा
  • लालटोपी – लाल है जो टोपी
  • महाविद्यालय – महान है जो विद्यालय
  • अधपका – आधा है जो पका
  • नीलकंठ – नीला है जो कंठ
  • कालीमिर्च – काली है जो मिर्च

कर्मधारय समास के भेद

विशेषता वाचक कर्मधारय समास 4 प्रकार के होते है –

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  • विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास
  • विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास
  • विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास
  • विशेष्योंभयपद कर्मधारय समास

(1) विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास

इस समास में पहला पद विशेषण होता है। जैसे :-

  • नीलकंठ – नीला है जो कंठ 
  • महाकाव्य – महान है जो काव्य 
  • अल्पसंख्यक – अल्प है संख्या जो 
  • अंधभक्ति – अंध है जो भक्ति 
  • परमात्मा – परम है जो आत्मा 

(2) विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास

जिस समास में पहला पद विशेष्य होता है, उसे विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास कहते है। जैसे –

  • धर्मबुद्धि – धर्म है यह बुद्धि
  • विंध्य पर्वत – विंध्य नामक पर्वत 
  • कुमारश्रमणा – कुमारी श्रमणा

(3) विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास

जिस समास में दोनों पद विशेषण होते है, उसे विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास कहते है। जैसे –

  • श्यामसुन्दर – जो श्याम है जो सुंदर है 
  • शुद्धाशुद्ध – शुद्ध है जो अशुद्ध है जो 
  • लालचट्ट – अत्यंत लाल 
  • बड़ा – छोटा – जो बड़ा है जो छोटा है 
  • श्यामसुन्दर – जो श्याम है जो सुंदर है 

(4) विशेष्योंभयपद कर्मधारय समास

जिस समास में दोनों पर विशेष्य होते है, उसे विशेष्योंभयपद कर्मधारय समास कहते है। जैसे –

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  • वायस-दम्पति

कर्मधारय समास से संबंधित सवाल FAQs

कर्मधारय समास किसे कहते है?

जिस समास का पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो तो उसे कर्मधारक समास कहते है। इसमें प्रथम पद और उत्तर पद में उपमान -उपमेय का संबंध होता है।

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विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास किसे कहते है, उदाहरण सहित बताइए?

जिस समास में पहला पद प्रधान या विशेषण होता है, उसे विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास कहते है। जैसे :- महाजन – महान है जो जन,  नीलकमल – नीला है जो कमल, बड़ाघर – बड़ा है जो घर, कृष्ण सर्प –  कृष्ण है सर्प जो आदि।

कर्मधारय समास में कितने भेद होते है ?

कर्मधारक समास के कुल 4 भेद होते है – विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास, विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास, विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास और विशेष्योंभयपद कर्मधारय समास।

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