डॉक्टर कुमार विश्वास एक प्रोफेसर, कवि होने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के एक सक्रिय सदस्य भी रह चुके है। कुमार विश्वास एक ऐसे कवि है जो कवि सम्मेलनों में भी शामिल होते है। युवा वर्ग के लोगों द्वारा ये कवि के रूप में बहुत पसंद किये जाते है। कुमार मंच सञ्चालन, गायन, पाठन, लेखन, काव्य वाचन आदि विधाओं में निपुण हैं।कुमार विश्वास कविताओं के अलावा गीत और शायरी भी लिखते थे। यह हिंदी कवि मंच के एकमात्र ऐसे कवि है जिनकी कविता बिना किसी वाद्य यन्त्र के अपने ही स्वयं स्वर में देश के विभिन्न मोबाइल ओपेरटस के कॉलर ट्यून में शामिल है।
तो चलिए जानते है डॉक्टर कुमार विश्वास: जीवन परिचय, रचनाएँ और कविताएं (Biography of Kumar Vishwas in Hindi Jivani) .लेख विषय से सम्बन्धी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़े :-
डॉक्टर कुमार विश्वास: जीवन परिचय, रचनाएँ और कविताएं
डॉक्टर कुमार विश्वास एक कवि है। जिन्होंने हिंदी साहित्य और कविता को एक नए रूप में प्रस्तुत किया। यह युवाओं में बहुत लोकप्रिय कवि के रूप में स्थापित है। साथ ही उनकी गायन क्षमता अद्वितीय है। उनकी ओजपूर्ण कविताएं ही उनकी मूल रूप से पहचान है।
उनकी कविताओं को परम्परा और आधुनिकता के सेतु के रूप में देखा जा सकता है। यहाँ आपको कुमार विश्वास जी की शिक्षा, वैवाहिक जीवन, राजनैतिक जीवन, मंच, पुरस्कार आदि के बारे में बताया जा रहा है।
जन्म
डॉ कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 में पिलखुवा गाज़ियाबाद, उत्तरप्रदेश में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता जी का नाम डॉ चंद्रपाल शर्मा है जो एक स्कूल के अध्यापक थे। इनकी माता जी का नाम रमा शर्मा है जो एक गृहिणी है। कुमार विश्वास जी चार भाई और एक बहन है। भाई बहनों में ये सबसे छोटे है।
शिक्षा
विश्वास जी ने अपने प्राथमिक शिक्षा लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुवा गाज़ियाबाद से पूरी की। उन्होंने राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज, पिलखुवा से अपने माध्यमिक शिक्षा पूर्ण की।
जिसके बाद उनके पिताजी की इच्छा थी कि वे इंजीनियर बने जिस कारण उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश ले लिए लेकिन उनका मन इंजीनियरिंग में नहीं लगा और उन्होंने बीच में ही ये डिग्री छोड़ दी।
साहित्य क्षेत्र में ही वे आगे बढ़ना चाहते थे तो इसलिए उन्होंने हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी से स्नातक और फिर हिंदी साहित्य से स्नाकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होने कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
वैवाहिक जीवन
Dr. Kumar Vishvas की का विवाह मंजू शर्मा से हुआ था, मंजू शर्मा प्रोफेसर है। मंजू और कुमार की दो बेटियाँ भी है। बेटियों का नाम कुहू और अग्रता है। डॉ विश्वास कुमार और मंजू शर्मा का प्रेम विवाह हुआ था। इन दोनों की मुलाक़ात राजस्थान के कॉलेज में हुई थी जब कुमार जी एक प्रोफेसर थे और मंजू शर्मा भी उसी कॉलेज में प्रोफेसर थी।
दोनों का एक दूसरे से वही परिचित हुए और उनमें एक दूसरे के प्रति प्रेम भावना उत्पन्न हो गयी। दोनों की जाति अलग होने के कारण दोनों के परिवार ने शादी से इनकार कर दिया। जिसके बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली और दोनों अपने परिवारों से अलग रहने लगे लेकिन जब इनकी पुत्री का जन्म हुआ तो दोनों के परिवारों ने उनको दोबारा से अपना लिया।
कार्य क्षेत्र
Kumar Vishvas 1994 में राजस्थान के लाला लाजपत राय कॉलेज में हिंदी प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। आज कुमार विश्वास जी का नाम हिंदी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में गिना जाता है।
इन्होंने अब तक हज़ारों की संख्या में कवि सम्मेलनों में कविता पाठ किया है। यह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में गीतकात भी है। वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते भी है। चाय – गरम में अभिनय भी किया है। इन्होंने बेंचमार्क पब्लिकेशन के तहत कक्षा 1 से 8 तक के लिए अमरत्व नाम पुस्तक भी लिखी है
कुमार विश्वास जी श्रृंगार रस के कवि माने जाते है। उनके द्वारा बहुत सी सुंदर हिंदी कविताएं लिखी गयी है। इनका “कोई दीवाना कहता है” काव्य संग्रह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहा है।
उनके लिखे गए कुछ गीतों का फिल्मों में भी उपयोग किया गया है। उन्होंने पूर्व कवियों को श्रद्धांजलि देते हुए तर्पण नामक एक टीवी कार्यक्रम भी बनाया था जिसमें इन्होंने पुराने कवियों की कविताओं को अपना स्वर दिया है।
राजनैतिक जीवन
अगस्त 2011 में जन लोकपाल आंदोलन में गठित एक टीम अन्ना के भी सदस्य रहे है। जिसके बाद वे 26 जनवरी 2012 में गठित आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे है। इन्होंने अमेठी से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन वे राहुल गाँधी से हार गए थे। अपने राजनैतिक करियर को लेकर उनका कहना था कि राजनीति 10 साल 5 साल लेकिन कविता हज़ार साल।
मंच
कवि सम्मेलनों और मुशायरो के क्षेत्र में Dr. Kumar Vishvas एक महान कवि है। यह अब तक बहुत से कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता पाठ का सञ्चालन कर चुके है।
देश के बहुत से प्रतिष्ठत शिक्षण संस्थानों जैसे आई आई टी रुड़की, आई आई टी भुवनेश्वर, आई आई टी बी एच यू, आई टी खड़कपुर, एन आई टी जलंधर आदि में इनके कार्यक्रम होते रहते है।
भारत के छोटे बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा इन्होने बाहर विदेश में भी अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन बखूबी किया है। अमेरिका, दुबई, मस्कट, अबू धाबी, नेपाल, सिंगापुर, जापान जैसे देशो में नियमित रूप से कवि सम्मेलनो में शिरकत की है।
पुरस्कार
- 1994 में Dr. Kumar Vishvas डॉ कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवं पुरस्कार समिति द्वार काव्य कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2004 में उन्नाव में उन्हें साहित्य भर्ती द्वारा डॉ सुमन अलंकरण पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।
- हिंदी उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में साहित्य श्री पुरस्कार से नवाजा गया।
- डॉ उर्मिलेश जान चेतना मंच द्वारा बंदायू में 2010 में डॉ उर्मिलेश गीत श्री सम्मान दिया गया।
टीवी शो
- कुमार विश्वास इंडियन आइडल टेलीविज़न शो में अतिथि के रूप में जा चुके है।
- ज़ी टीवी के टैलेंट शो सारेगामापा लिटिल चैंप्स में भी अतिथि रह चुके है।
- 2018 की हिंदी फिल्म परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण में “दे दे जग” गीत लिखा।
- 1 जुलाई 2017 में द कपिल शर्मा शो में राहत इंदौरी के साथ अतिथि रहे।
- 21 सितम्बर 2019 के साथ दोबारा से कपिल शर्मा शो में पंकज त्रिपाठी और मनोज वाजपाई के साथ मुख्य अतिथि रहे।
- डॉक्टर कुमार विश्वास ने तर्पण नामक काव्य श्रंखला की प्रस्तुति दी जिसमे यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक कवियों की कविताओं का पाठ करते है।
रचनाएँ
- कोई दीवाना कहता है
- एक पगली लड़की के बिन
- उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती
- नेह के सन्दर्भ बौने हो गए
- कुछ छोटे सपनो के बदले
- खुद को आसान कर रही हो ना
- तुम्हारा फ़ोन आया है
- तुम्हारी छत पे निगरानी बहुत है
- दुःखी मत हो
- जाने कौन नगर ठहरेंगे
- तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा
- देवदास मत होना
- पवन ने कहा
- प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये
- जब भी मुँह ढक लेता हूँ
- प्रीतो!
- महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है
- फिर बसंत आना है
- रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है
- जिसकी धुन पर दुनिया नाचे
- बाँसुरी चली आओ
- विदा लाडो
- माँ
- मेरे सपनों के भाग में
- मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक
- रंग दुनिया ने दिखाया है
- मैं तो झोंका हूँ
- मौसम के गाँव
- बात करनी है, बात कौन करे
- ये इतने लोग कहाँ जाते हैं सुबह-सुबह
- सफ़ाई मत देना
- साल मुबारक
- हार गया तन-मन पुकार कर तुम्हें
- हो काल गति से परे चिरंतन
- होठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो
अनमोल विचार
- जो राष्ट्र अपने शिक्षक को सम्मान नहीं देता इतिहास उसे स्थान नहीं देता और न ही गति देता है।
- यदि अन्धकार से लड़ने का संकल्प कोई कर लेता है तो अकेला जुगनू भी तम (अन्धकार) हार लेता है।
- अपना प्रकाश स्वयं बने।
- गत 70 वर्षो में हमने राष्ट्र के रूप में प्रगति नहीं की है, हमारी निजी प्रगति ही देश की प्रगति बताई जाती है। एक मराठी प्रोफेसर के लड़के ने 10वी कक्षा में फ़ैल होना स्वीकार किया लेकिन वह तपती धुप में गेंद बल्ला की प्रैक्टिस की और आज पुरे विश्व में सचिन तेंदुलकर के नाम से विख्यात है।
- हमारा सम्पूर्ण डिस्कम्फर्ट हमारे खुद के साथ है।
- आप स्वार्थी बनिए लेकिन अपने लिए।
- कच्चे लोग जीवन में सफलता नहीं देते।
- साधना से ज्यादा साध्य महत्वपूर्ण है।
- आपके माँ पिता यदि आपकी किस प्रवृति पर नाराज हो तो आप समझ लेना आपने में कुछ अतिरिक्त है,, जो हो रहा इसमें लज्जित मत होना।
- महत्वकांशा अनंत रखना लेकिन लालच शून्य रखना।
- राजनीती एकक युगधर्म है।
- ज्यादातर लोग बिगड़ते लिखते है परन्तु बड़े होते नहीं।
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डॉक्टर कुमार विश्वास से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
डॉ कुमार विश्वास की प्रमुख रचनाएँ कौनसी है ?
डॉ कुमार विश्वास की प्रमुख रचनाएँ एक पगली लड़की के बिन (1996) और कोई दीवाना कहता है (2007 और 2010 दो संस्करण) है।
Kumar Vishwas को मुख्य रूप से प्रसिद्धि किस कारण मिली ?
डॉ कुमार विश्वास को मुख्य रूप से प्रसिद्धि कोई दीवाना कहता है कविता के जरिए मिली।
2023 में Kumar Vishwas की आयु कितनी है
2023 में विश्वास जी की उम्र 23 वर्ष है।
कुमार विश्वास किस राजनैतिक पार्टी से सम्बंधित थे ?
कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी से सम्बंधित थे।