लिंग की परिभाषा: भेद, उदाहरण और नियम | Gender/Ling in Hindi

लिंग शब्द का अर्थ है "जाति" या "प्रकार"। व्याकरण में, लिंग संज्ञाओं को श्रेणियों में वर्गीकृत करने का एक तरीका है:

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Reported by Rohit Kumar

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लिंग की परिभाषा– संज्ञा में लिंग, वचन और कारक के कारण रुपांतर होता है। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग कहते हैं। हिंदी में लिंग (Gender in Hindi) के आधार पर संज्ञा में जो रुपांतर होता है, वह या तो पुरुष जाति के रूप में होता है या स्त्री जाति के रूप में। इस संसार की सभी प्राणी वाचक और अप्राणी वाचक संज्ञाओं को लिंग के आधार पर दो वर्गों में बांट सकते हैं; स्त्रीलिंग और पुल्लिंग। इस लेख में हम हिंदी में लिंग की परिभाषा (Gender in Hindi), प्रकार आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं।

लिंग (Gender) की परिभाषा

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग (Ling) कहते हैं। लिंग का अर्थ चिह्न या पहचान होता है। हिंदी भाषा की मूल भाषा, संस्कृत भाषा, में तीन प्रकार के लिंग (Ling) होते हैं। परन्तु हिंदी भाषा में तीन प्रकार के लिंग की व्यवस्था न होकर, दो प्रकार के लिंग की व्यवस्था है।

लिंग के भेद

हिंदी में लिंग के दो प्रकार होते हैं:- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।

  1. पुल्लिंग
  2. स्त्रीलिंग

पुल्लिंग (Pulling)

  • पुल्लिंग की परिभाषा:- संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु की पुरुष जाति होने का बोध होता हो उसे पुल्लिंग (Pulling) कहते हैं। जैसे:- गोविन्द, शहर, गाँव, गिलास, अध्यापक, काला, बकरा, ऊँट, शंकर, विजय, घर, लड़का, दादा, चाचा इत्यादि।

स्त्रीलिंग (Striling)

  • पुल्लिंग की परिभाषा:- संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु की स्त्री जाति होने का बोध होता हो उसे स्त्रीलिंग (Striling) कहते हैं। जैसे:- गीता, गाय, कार, वीणा, अध्यापिका, काली, बकरी, भैंस, सीता, गीता, सड़क इत्यादि।

यह भी देखें :- वचन की परिभाषा, भेद और प्रयोग के नियम

लिंग की परिभाषा: भेद, उदाहरण और नियम | Gender/Ling in Hindi
लिंग की परिभाषा: भेद, उदाहरण और नियम

लिंग की पहचान (Ling in Hindi)

शब्दों के लिंग की पहचान शब्दों के व्यवहार से होती है। हिंदी के अनेक शब्द सदैव पुल्लिंग ही रहते हैं तो कुछ शब्द सदैव स्त्रीलिंग ही रहते है, जबकि बहुत से ऐसे शब्द भी होते हैं जिनका रूप पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में बदला जा सकता है।

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आइए, लिंग की पहचान करने के नियम जानते हैं।

पुल्लिंग शब्दों की पहचान कैसे करें

  • पर्वतों के नाम, देशों के नाम, अनाज़ों के नाम, हिंदी महीनों के नाम, दिनों के नाम, जलस्थलों के नाम, विभागों के नाम, ग्रह-नक्षत्रों के नाम, पेड़ों के नाम इत्यादि पुल्लिंग होते हैं, कुछ अपवादों को छोड़ कर।
  • पर्वतों के नाम:– हिमालय, सतपुड़ा, अरावली, कैलाश।
  • महीनों के नाम:- अंग्रेज़ी एवं भारतीय महीनों के नाम।
  • दिन या वारों के नाम:– सोमवार, मंगलवार, शनिवार, रविवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार।
  • देशों के नाम:- भारत, अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, इंडोनेशिया।
  • ग्रहों के नाम:– सूर्य, चंद्रमा, मंगल, शुक्र, राहु, केतु, अरुण, वरुण, यम। 
  • धातुओं के नाम:– सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा। 
  • वृक्षों के नाम:– नीम, बरगद, बबूल, आम, पीपल, अशोक।
  • अनाजों के नाम:– चावल, गेहूँ, बाजरा, जौ। 
  • द्रव पदार्थों के नाम:- तेल, घी, दूध, शर्बत, मक्खन, पानी। 
  • समय सूचक नाम:- क्षण, सेकण्ड, मिनट, घण्टा, दिन, सप्ताह, पक्ष, माह।
  • वर्णमाला के वर्ण:- इ, ई तथा  को छोड़कर सभी स्वर तथा क से ह तक के व्यंजन।
  • समुद्रों के नाम :– हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अरब सागर।
  • मूल्यवान पत्थर एवं रत्नों के नाम:- हीरा, पुखराज, नीलम, पन्ना, मोती, माणिक्य।
  • शरीर के अंगों के नाम:– सिर, बाल, नाक, कान, दाँत, गाल, हाथ, पैर, अँगूठा, घुटना, टखना, नाख़ून, ओंठ, मुँह।
  • देवताओं के नाम:– इन्द्र, यम, वरुण, ब्रह्मा, विष्णु, महेश।

लिंग में परिवर्तन करने के नियम

  • हिंदी के जिन शब्दों के अंत में अ, इ, उ आता है, उनमें से अधिकतर शब्द पुल्लिंग शब्द होते हैं, अर्थात अकारांत, इकारांत या उकारांत शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं। उदाहरण के तौर पर -जग, जल, जीव, मन, संसार, शरीर, तन, धन, कवि, ऋणि, मुनि, साधु, ध्वज, जन्तु, इत्यादि।
  • हिंदी के जिन शब्दों के अन्त में त्र, न, ण, ख, ज, आर, आय अक्षर आते हों, उनमें से अधिकतर शब्द पुल्लिंग शब्द होते हैं। उदाहरण के तौर पर- चित्र, मित्र, पत्र, पालन, वदन, जीवन, आंदोलन, जागरण, पोषण, भरण, हरण, रुख, सुख, दु:ख, मुख, सरोज, मनोज, भोज, अनाज, श्रृंगार, विहार, आहार, संचार, आचार, विचार, प्रचार, आकार, अधिकार, चमत्कार, व्यवसाय, अध्याय, न्याय इत्यादि।
  • अनेक संज्ञा शब्दों में त्व, पा, पन आदि प्रत्यय जोड़ने पर बनने वाला शब्द अक्सर पुल्लिंग होता है। उदाहरण के तौर पर- शिवत्व, मनुष्यत्व, पशुत्व, गुरुत्व, बचपन, लड़कपन, बाँकपन, बुढ़ापा, मोटापा, बन्धुत्व, पुरुषत्व, पागलपन, भोलापन, छुटपन, बाँझपन इत्यादि।

स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान कैसे करें

तिथियों के नाम, भाषाओँ के नाम, लिपियों के नाम, बोलियों के नाम, नदियों के नाम, नक्षत्रों के नाम, देवियों के नाम, महिलाओं के नाम, लताओं के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

तिथियों के नामप्रथमा, द्वितीय, एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा इत्यादि।
भाषाओ के नामहिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू इत्यादि।
लिपियों के नामदेवनागिरी, रोमन, अरबी, फ़ारसी इत्यादि।
बोलियों के नामब्रज, राजस्थानी, हरयाणवी, जयपुरी इत्यादि।
नदियों के नामगंगा, व्यास, सतलज इत्यादि।
नक्षत्रों के नामरोहिणी, अश्विनी, भरणी इत्यादि।
देवियों के नामदुर्गा, काली, उमा इत्यादि।
महिलाओं के नामकमला, विमला, बसन्ती, सरोजनी, लीलावती, कलावती, पद्मिनी, मोहिनी इत्यादि
लताओं के नामअमर, बेल, मालती इत्यादि।
  • हिंदी के जिन शब्दों के अंत में आ या ई की मात्रा आती है, उनमें से अधिकतर शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। उदाहरण के तौर पर -रमा, सीता, गीता, अनुजा, कली, नदी, रोटी, टोपी, सब्जी, राधा, गली, पीली, काली, चमकीली इत्यादि।
  • हिंदी के बहुत से शब्दों में ता, आस, आहट, आवट, आई, ई इत्यादि प्रत्यय जोड़ देने पर बनने वाले शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। उदाहरण के तौर पर-
ता प्रत्ययलघुता, स्पृश्यता, मधुता, कविता, सुनीता, विवशता, अकर्मण्यता, पशुता, मध्यस्थता, क्रूूरता, मानसिकता इत्यादि।
आवट प्रत्ययलिखावट, तरावट, थकावट, सजावट, दिखावट, रूकावट इत्यादि
आई प्रत्ययलड़ाई, भलाई, बुराई, अच्छाई, ऊँचाई, जुदाई, सफ़ाई, चौड़ाई इत्यादि।
ई प्रत्ययगर्मी, दूरी, हँसी, बोली, धमकी, बड़ाई, देवी, बेटी, काकी, घोड़ी इत्यादि।
आहट प्रत्ययघबराहट, चिल्लाहट, सजावट, रुकावट, बनावट, मिलावट, चिकनाहट, गुर्राहट इत्यादि।
आस प्रत्ययप्यास, मिठास, खटास, परिहास, सुहास, प्रभास, समास, अहसास इत्यादि।

3.हिंदी के अनेक प्राणी वाचक शब्दों का प्रयोग सदैव स्त्रीलिंग में ही होता है। उदाहरण के तौर पर- सेना, सरकार, पुलिस, संतान, संतति इत्यादि।

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम

पुल्लिंग शब्दों में ‘आनी’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर-

भवभवानी
देवरदेवरानी
नौकरनौकरानी
सेठसेठानी
इन्द्रइन्द्राणी

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘ई’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

देवदेवी
दासदासी
पुत्रपुत्री
भतीजाभतीजी
भान्जाभान्जी

अनेक पुल्लिंग शब्दों में ‘इन’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

लोहारलोहारिन
ठाकुरठकुराईन
पंडितपंडिताईन
बाघबाघिन
पुजारीपुजारिन
कुम्हारकुम्हारिन
नातीनातिन
धोबीधोबिन

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘आ’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • सुत – सुता
  • श्याम – श्यामा
  • निर्मल – निर्मला
  • चंचल – चंचला
  • प्रिय – प्रिया
  • छात्र – छात्रा
  • पूज्य – पूज्या
  • भवदीय – भवदीया
  • अनुज – अनुजा
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अनेक पुल्लिंग शब्दों में ‘आइन’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं

  • ठाकुर – ठकुराइन
  • ओझा – ओझाइन
  • पंडित – पंडिताइन

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अक’ प्रयुक्त हुआ हो, उन शब्दों में ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • लेखक – लेखिका
  • नायक – नायिका
  • सेवक – सेविका
  • गायक – गायिका
  • अध्यापक – अध्यापिका
  • बालक – बालिका
  • पाठक – पाठिका
  • विधायक – विधायिका

हिंदी के जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘वान’ आया हो, उन शब्दों के अंत में ‘वान’ के स्थान पर ‘वती’ का तथा जिन शब्दों के अंत में ‘मान’ आया हो उनके अंत में ‘मति’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • बलवान – बलवती
  • भगवान – भगवती
  • धनवान – धनवती
  • श्रीमान – श्रीमती
  • बुद्धिमान – बुद्धिमती

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘आ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘इया’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • बूढ़ा – बुढ़िया
  • डिब्बा – डिब्बिया
  • कुत्ता – कुतिया
  • चिड़ा – चिड़िया
  • चूहा – चुहिया
  • बेटा – बिटिया
  • लोटा – लुटिया

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘आ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘ई’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं

  • नाना – नानी
  • लड़का – लड़की
  • घोड़ा – घोड़ी
  • बेटा – बेटी
  • रस्सा – रस्सी
  • चाचा – चाची
  • काका – काकी
  • बकरा – बकरी
  • दादा – दादी

पुल्लिंग शब्दों में ‘नी’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं।

  • शेर – शेरनी
  • मोर – मोरनी
  • जाट – जाटनी

जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘ई’ प्रयुक्त हुआ हो, उन शब्दों में ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं

  • हाथी – हथिनी
  • स्वामी – स्वामिनी
  • तपस्वी – तपस्विनी

अनेक पुल्लिंग संज्ञाओं के आगे ‘मादा’ शब्द लगाकर उसका स्त्रीलिंग बनाया जाता है.

  • खरगोश – मादा खरगोश
  • भालू – मादा भालू
  • भेड़िया – मादा भेड़िया

लिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • हिंदी में ऐसे अनेक पुल्लिंग शब्द होते हैं, जो हिंदी की मूल भाषा संस्कृत भाषा में स्त्रीलिंग होते हैं. जैसे:- तारा, देवता, व्यक्ति आदि.
  • हिंदी में ऐसे अनेक स्त्रीलिंग शब्द होते हैं, जो हिंदी की मूल भाषा संस्कृत भाषा में पुल्लिंग होते हैं. जैसे:- आत्मा, बूँद आदि.
  • सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है.

लिंग की परिभाषा से सम्बन्धित प्रश्न

लिंग की परिभाषा क्या है?

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग (Ling) अथवा जेंडर (Gender) कहते हैं। कहते हैं। लिंग के दो भेद होते हैं:- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।

देवनागरी का लिंग क्या है?

देवनागरी का लिंग स्त्रीलिंग होता है.

लिंग में परिवर्तन करने का क्या नियम है?

आमतौर पर लिंगवाचक संज्ञा के अंत में आने वाले प्रत्यय को किसी दूसरे प्रत्यय से बदल देने पर संज्ञा के लिंग में परिवर्तन किया जाता है। लिंग परिवर्तन के सभी महत्वपूर्ण नियम दिये गये लेख में विस्तारपूर्वक वर्णित किये गये हैं।

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