लोकतंत्र क्या है (परिभाषा, अर्थ और विशेषताएँ) Democracy Meaning in Hindi

लोकतंत्र: वर्तमान में हम सभी जानते हैं कि हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि लोकतंत्र क्या है? किस देश को लोकतंत्र कहा जाता है (Democracy Meaning in Hindi) और लोकतंत्र होने के लिये क्या क्या शर्तें होती हैं। आपके मन में भी इस प्रकार के प्रश्न आते होंगे। आपके इन्हीं प्रश्नों का उत्तर आप हमारे इस लेख में पायेंगे। लोकतंत्र के विषय में सम्पूर्ण एवं विस्तृत जानकारी के लिये इस लेख को पूरा अवश्य पढें।

लोकतंत्र क्या है | Loktantra Kya Hai (परिभाषा, अर्थ और विशेषताएँ) | Democracy Meaning in Hindi
लोकतंत्र क्या है

लोकतंत्र क्या है (What is Democracy)

लोकतंत्र जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि, यदि हम शाब्दिक अर्थ लें तो लोकतंत्र का अर्थ है लोगों का तंत्र या शासन। आमतौर पर लोकतंत्र को सिर्फ और सिर्फ राजनीति से जोडकर देखा जाता है। लेकिन सिर्फ चुनावों में वोट देना और सरकार बनाना ही लोकतंत्र नहीं होता है। लोकतंत्र विश्व की कई शासन पद्वितियों में से एक है। वर्तमान में सभी शासन पद्वतियों में से लोकतंत्र को वैश्विक स्वीकार्यता प्राप्त है। यह सबसे कम विवादास्पद और सबसे अधिक व्यावहारिक पद्वति मानी जाती है। आधुनिक जगत में लोकतंत्र को बेहद महत्व दिया जाता है। शासन के अन्य प्रकार निम्न हैं-

  • उपनिवेश (Colony or Dependency)
  • संरक्षित राज्य (Protectorate State)
  • डोमिनियन (Dominion State)
  • संप्रभु राज्य (Sovereign State)

उपनिवेश (Colony or Dependency)

  • इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों के लिये यह शब्द नया नहीं है। उपनिवेश से तात्पर्य है कि किसी एक स्वतंत्र देश के द्वारा किसी दूसरे देश का सम्पूर्ण नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर 15 अगस्त 1947 से पहले हमारे देश भारत में भी उपनिवेश शासन पद्वति थी। उस दौर में भारत ब्रिटेन का उपनिवेश था। उपनिवेशित राज्य या देश के सभी आर्थिक, राजनीतिक, विदेश और सैन्य मामलों में कॉलोनी बनाने वाले देश का पूर्ण रूप से एकाधिकार होता है। उपनिवेशित राज्य या देश के पास किसी भी प्रकार के निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होता है।

संरक्षित राज्य (Protectorate State)

  • संरक्षित शासन पद्वति में किसी छोटे देश या राज्य की रक्षा और विदेश मामलों का अधिकार किसी बडे अथवा दूसरे देश के पास होता है। रक्षा और विदेशी संबंधो के मामले में बडे देश या राज्य का पूरा आधिपत्य होता है। इन दो नीतियों को छोडकर अन्य सभी मामलों में संरक्षित राज्य को लगभग पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर वर्ष 1975 में पूर्ण राज्य बनने से पहले उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम भी भारत के द्वारा संरक्षित राज्य हुआ करता था। भारत के द्वारा सिक्किम के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया जाता था। केवल रक्षा और विदेशी मामलों में ही सिक्किम भारत के अधीन था।

डोमिनियन (Dominion State)

  • डोमिनियन शासन पद्वति पश्चिम में काफी प्रचलित शासन पद्वति है। मोटे तौर पर इस शासन पद्वति में लगभग सभी अधिकार डोमिनियन राज्य को प्राप्त है। और यह एक तरह से स्वतंत्र राज्य ही होता है। लेकिन आधिकारिक रूप से डोमिनियन राज्य का प्रमुख उसके शासक राज्य का प्रमुख ही होता है। एक डोमिनियन स्टेट के पास अपने देश या राज्य के भीतर सभी निर्णयों को लेने का पूर्ण अधिकार होता है। यथा विदेशी मामले, रक्षा मामले, चुनाव, निर्वाचन आदि सभी मामलोें में डोमिनियन राज्य को पूर्ण स्वतंत्रता होती है। शासक स्टेट का दखल इसमें प्रतीकात्मक और नाममात्र होता है।

संप्रभु राज्य (Sovereign State) और लोकतंत्र

  • किसी देश के लिये संप्रभु होना लोकतंत्र के लिये सबसे पहली और आवश्यक शर्त है। अन्य शासन पद्वतियों मेें देश किसी न किसी बाहरी शक्ति पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से निर्भर रहता है। ऐसे में देश को पूर्ण संप्रभुता और देश के नागरिकों को पूर्ण स्वाधीनता की नहीं मिल पाती है। संप्रभु राष्ट्र यदि लोकतंत्र की नीति अपनाता है तो देश की शीर्ष सत्ता किसी एक व्यक्ति के पास न होकर लोगों समूहों में निहित होती है। जहां शक्ति और सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया जाता है। ऐसी व्यवस्था ही लोकतंत्र कहलाती है।

लोकतंत्र की परिभाषा (Definition of Democracy)

मुख्य रूप से लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें देश के नागरिक सत्ता का उपयोग करते हैं। या फिर सत्ता को चलाने के लिये अपने अनुसार बहुमत के आधार पर लोगों का चुनाव करते हैं। लोकतंत्र में उत्तराधिकार के द्वारा शासन नहीं किया जाता है। और जनता सीधे ही अपने नेता या शासक का चुनाव करती है। लोकतंत्र की कुछ प्रचलित परिभाषायें इस प्रकार से हैं-

  • प्रसिद्व अंग्रेज प्रोफेसर और राजनीतिज्ञ जॉन राबर्ट सीले के मुताबिक- लोकतंत्र एक ऐसी शासन पद्वति है जिसमें कि शासन में प्रत्येक व्यक्ति का एक हिस्सा हो।
  • प्रसिद्व न्यायविद् और प्रोफेसर अलबर्ट वेन डाइसी के मुताबिक-लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें शासी निकाय तुलनात्मक रूप से पूरे देश का एक बड़ा हिस्सा होता है।
  • यूनानी दार्शनिक हेरोडोटस के शब्दों में- लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें कि उच्च शक्ति समाज के सभी लोगों में समान रूप से वितरित होती है।
  • अमेरिका के प्रसिद्व शिक्षाविद और राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रेमण्ड गारफील्ड गेटल लोकतंत्र को इस प्रकार से परिभाषित करते हैं-लोकतंत्र सरकार का वह रूप है जिसमें जनता के पास संप्रभु शक्ति के प्रयोग में हिस्सा लेने का अधिकार होता है।

भारतीय संविधान के सभी 12 अनुसूचियां

लोकतंत्र की विशेषताएँ (Characteristics of Democracy)

यूं तो प्रत्येक देश में लोकतंत्र की परिस्थितिजन्य कारणों से भिन्न परिभाषायें दी जा सकती हैं। और प्रत्येक देश का लोकतंत्र और संविधान अपने आप में अनूठा और विशिष्ट होता है। लेकिन कुछ ऐसी विशेषतायें हैं जो कि दुनिया के लगभग हर लोकतांत्रिक देश में पायी जाती हैं। इनमें से मुख्य विशेषतायें इस प्रकार हैं-

संविधान (Constitution)

  • दुनिया के हर लोकतांत्रिक देश में संविधान अवश्य होता है। यह लिखित अथवा मौखिक अथवा दोनों प्रकार का हो सकता है। संविधान में देश के संघीय ढांचे का विवरण होता है। यह कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका की शक्तियों और सीमाओं का उल्लेख करता है। और साथ ही नागरिकों को भी उनका हक और अधिकार मुहैया कराता है। नागरिकों के दायित्वों और निर्वाचन की रूपरेखा का भी संविधान में उल्लेख होता है। संक्षेप में संविधान के अनुसार ही लोकतांत्रिक देश में न्यायसंगत शासन चलाया जा सकता है।

भारतीय संविधान सभा तथा संविधान निर्माण

कानून का शासन

  • लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति या संस्था का ही शासन नहीं चलता है। यह एक निर्धारित प्रणाली के तहत कार्य करता है। इसमें न्याय की दृष्टि में सभी बराबर होते हैं। यह धर्मनिरपेक्षता को बढावा देता है। यह सत्ता में आने वाले समूह को भी मनमाना व्यवहार करने से रोकता है। जो कि किसी भी लोकतंत्र के लिये आवश्यक है।

नियमित निर्वाचन (Regular Election)

  • यह किसी भी लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। लोकतंत्र में जनता ही अपने नेता का चुनाव करती है। इस प्रकार से जनता बहुमत के आधार पर अपना नेता और सांसदों का चुनाव करती है। यह चुनाव भी एक निश्चित अवधि के लिये होते हैं। बार बार चुनाव होना ही लोकतंत्र का विशेष गुण है। क्योंकि यदि एक बार ही चुनाव किये जायेंगे तो यह लोकतंत्र नहीं रह जायेगा।

शक्तियों का विकेन्द्रीकरण (Decentralization of Power)

  • शक्तियों का विकेन्द्रीकरण का अर्थ यह है कि किसी देश अथवा राज्य की सत्ता किसी एक व्यक्ति के ही अधीन होकर न रह जाये। ऐसा होने से तानाशाही का खतरा बढ जाता है और देश निरंकुशता की ओर चला जाता है। इसीलिये शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करते हुये इसे भिन्न भिन्न शाखाओं में बांट दिया जाता है। जैसे कि कार्यपालिका, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका आदि। इनमें से विधायिका कानून बनाती है, न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या और परीक्षण करती है तथा कार्यपालिका इन कानूनों को लागू करवाती है। इससे पूरी व्यवस्था में एक नियंत्रण और संतुलन बना रहता है।

मौलिक अधिकार – अनुच्छेद 12-35 (भारतीय संविधान का भाग III)

लोकतंत्र की अन्य विशेषतायें

  • एक से अधिक राजनीतिक दलों का अस्तित्व
  • एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के तहत शासन
  • कानून के समक्ष समानता
  • अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व होना
  • नागरिकों के मौलिक अधिकार
  • भाषण, अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
  • मीडिया के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का होना
  • राजनीतिक, व्यक्तिगत और सामाजिक समानता का होना
  • संविधान की सर्वोच्चता
  • न्यायपालिका का स्वतंत्र होना

भारत और लोकतंत्र (India and Democracy)

भारत को भी लोकतंत्र की शासन पद्वति को अपनाने के लिये काफी लम्बा रास्ता तय करना पडा था। आज भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतांत्रिक देश है। भारत में अंग्रेजों के आगमन से पहले राजशाही व्यवस्था का वर्चस्व था। जिसमें कि राजा की इच्छा पर ही शासन चलता था और राजाओं के अनुसार ही सभी फैसले लिये जाते थे। सत्ता का शीर्ष राजा और राजपरिवार होता था। धीरे धीरे जमींदारी व्यवस्था भी हावी होती गयी।

लोकतंत्र क्या है | Loktantra Kya Hai (परिभाषा, अर्थ और विशेषताएँ) | Democracy Meaning in hindi

ब्रिटिशर्स के आने के बाद भारत ब्रिटेन का एक उपनिवेश बन गया था। भारत और यहां के नागरिकों के सम्बन्ध में हर फैसला ब्रिटिश सरकार का होता था। भारत का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता था। रक्षा, विदेश, संचार, शिक्षा और नागरिक अधिकार आदि सभी मामलों पर इंग्लैण्ड का एकाधिकार था। दूसरे शब्दों में ब्रिटेन के लिये भारत की भूमिका एक दास अथवा गुलाम की तरह थी। इसके बाद जब ब्रिटेन ने भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा की तो भारत एक डोमिनियन स्टेट की भूमिका में भी रहा। 15 अगस्त 1947 को भारत का औपनिवेशिक राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था। साल 1950 में 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू होते ही भारत एक पूर्ण संप्रभु और लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया।

लोकतंत्र से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

लोकतंत्र क्या है?

संक्षिप्त रूप में जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिये निर्वाचित सरकार के द्वारा शासन ही लोकतंत्र कहा जाता है।

भारत एक लोकतंत्र कब बना?

भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था। लेकिन भारत में लोकतांत्रिक शासन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद आया था।

लोकतंत्र का अर्थ क्या है?

लोकतंत्र का अर्थ है जनता के द्वारा किया जाने वाला शासन। लोकतंत्र में सीधे जनता के द्वारा ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शीर्ष सत्ता का चुनाव नियमित रूप से किया जाता है।

Democracy की क्या विशेषतायें हैं?

लोकतंत्र एक विशिष्ट प्रकार की शासन पद्वति है। जनता का केन्द्र में होना, एक स्वतंत्र न्यायपालिका का होना और नागरिकों के मौलिक अधिकार और मताधिकार इसकी सबसे प्रमुख विशेषतायें हैं।

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें