आपने बचपन से ही बहुत से पहेलियाँ पढ़ी और सुनीं होंगी और पहेलियों से संबंधित खेल भी खेले होंगे। आपको पता होगा की Paheliyan हमारे दिमाग के विकास के लिए बहुत ही सहायक होती हैं। प्राचीन काल से ही मनुष्य पहेली जैसे खेल खेलता आ रहा है। जितना पुराना इतिहास मानव सभ्यता का है उतना ही पुराना इतिहास पहेली का है। आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी की कुछ ऐसी Majedar पहेलियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको जानकर आपको आश्चर्य भी होगा और मजा भी आएगा। पुराने समय से ही पहेली पूछा जाना एक प्रकार का खेल रहा है। चलिए आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं हिंदी की बूझो तो जानें विचित्र और मजेदार पहेलियों के बारे में।
पहेली किसे कहते हैं ?
पहेली क्रमबद्ध भाषायी शब्दों एक ऐसा समूह है जिसमें पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर निहित होता है। जब भी हम किसी व्यक्ति के बुद्धि, समझ एवं तर्क क्षमता को परखने के लिए एक लाइन, छंद, पैरा में प्रश्न को इस तरह से पूछा जाये की प्रश्न में उसका उत्तर छिपा हो तो वह छंद, पैरा, श्लोक आदि पहेली कहलायेगा। सामान्य तौर पर समझें तो पहेली के रूप में पूछे जाने वाले प्रश्न में जिस विषय वस्तु के बारे में प्रश्न पूछा गया है। उस प्रश्न में वस्तु के गुण, रूप और कार्य का वर्णन इस प्रकार से किया जाता है की जिससे प्रश्न पूछा गया है उसे उत्तर के लिए काफी सोच विचार करना पड़े। पहेली सुनने, पढ़ने और बोलने में कर्णप्रिय होती हैं।
आपको यह भी बता दें की पहेली शब्द संस्कृत के ‘प्रहेलिका’ या ‘प्रहेलि’ शब्द से लिया गया है। इस संस्कृत शब्द के अनेक पर्यायवाची शब्द भी हैं जैसे प्रवल्हिका, प्रवह्लि, प्रहेली, प्रह्लीका, प्रश्नदूती, तथा प्रवह्ली आदि। आप यह समझ लें की हर देश चाहे (यूरोप, चीन, अफ्रीका, ईरान आदि) कोई भी देश रहा हो सभी के इतिहास और संस्कृति में पहेली का पूछा जाना शामिल रहा है। आगे आर्टिकल में हम आपको हिंदी की कुछ मजेदार पहेलियों के बारे में बता रहे हैं।
Paheliyan with Answer in Hindi
- ऊंट की बैठक
हिरण सी तेज चाल
वो कौन सा जानवर
जिसके पूंछ न बाल
उत्तर : मेंढक
- गोल हूं पर गेंद नहीं
पूंछ है पर पशु नहीं
पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे
फिर भी मेरे आंसू न निकलते।
उत्तर : गुब्बारा (Balloon)
- एक लाठी की सुनो कहानी,
भरा इसमें मीठा पानी।
उत्तर : गन्ना (Sugarcane)
- आपस की उलझन सुलझाकर
अगल अलग जो बांटता। दांत नहीं वह काटता।
उत्तर : कंघी (Comb)
- एक पैर है काली धोती
जाड़े में वह हरदम सोती
गर्मी में है छाया देती
सावन में वह हरदम रोती।
उत्तर : छतरी (Umbrella)
- चार कोनों का नगर बना
चार कुंए बिन पानी
चोर 18 उसमें बैठ लिए,
एक रानी, आया एक दरोगा
सबको पीट-पीट कर कुंए में डाला
बताओ मैं कौन?
उत्तर : कैरम बोर्ड
- मुझमें भार सदा ही रहता
जगह घेरना मुझको आता
हर वस्तु से गहरा रिश्ता
हर जगह मैं पाया जाता।
उत्तर : गैस (Gas)
- पत्ते के अंदर है बंद
स्वादिष्ट जैसे कलाकंद
बाजार हो या मेला
खाया जाता है अकेला
उत्तर : केला (banana)
बूझो तो जानें पहेलियाँ (Paheli in Hindi)
तीन अक्षर का उसका नाम, उल्टा-सीधा एक समान, आवागमन का प्रमुख साधन, बोलो बच्चों उसका नाम ? |
उत्तर : जहाज |
कर बोले कर ही सुने, श्रवण सुने नहीं थाह, कहें पहेली बीरबल, बूझो अकबर शाह! |
उत्तर : नब्ज़ (नाड़ी) Narve |
प्रथम कटे तो दर हो जाऊं, अंत कटे तो बंद हो जाऊं, केला मिले तो खाता जाऊं, बताओ मैं हूँ कौन |
उत्तर : बंदर (Monkey) |
चार टांग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद, पीड़ित को आराम मैं देती, बतलाओ भैया यह भेद? |
उत्तर : खटिया (चारपाई) bedstead |
दिन में सोये, रात को रोये जितना रोये उतना खोये। |
उत्तर : मोमबत्ती (Candels) |
यदि मुझको उल्टा कर देखो, लगता हूँ मैं नव जवान। कोई प्रथक कोई नहीं रहता, बूढ़ा, बच्चा या जवान। |
उत्तर : हवा (Air) |
अगर नाक से चढ़ जाऊ, कान पकड़ कर तुम्हें पढ़ाऊँ |
उत्तर : चश्मा (Spectacles) |
मैं हूँ हरे रंग की रानी, देखकर आये मुँह में पानी। जो भी मुझको चबाएँ उसका मुँह लाला हो जाए। |
उत्तर : पान |
पैर नहीं पर चलती हूँ, कभी न राह बदलती हूँ। नाप-नाप कर चलती हूँ, तो भी न घर से टलती है। |
उत्तर : घड़ी (Watch) |
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हिंदी विचित्र पहेलियाँ उत्तर सहित:
- एक मुर्गा चश्मदीदम चलते चलते थक गया लाए चाकू
काटी गर्दन फिर से चलने लग गया बताओ क्या ?
उत्तर: पेन्सिल
- चलने को तो चलाता हूं गर्मी में सुख पहुंचाता हूं
पैर भी है मेरे तीन मगर आगे बढ़ नहीं पाता ?
उत्तर: पंखा
- हरा चोर लाल मकान उसमें बैठा काला शैतान गर्मी में वह है
दिखाता सर्दी में गायब हो जाता बताओ क्या ?
उत्तर: तरबूज
- भरा बदन रेखाएं तीन दाना खाती हाथ से बीन बताओ क्या ?
उत्तर: गिलहरी (squirrel)
- मैं हूँ एक ऐसा जीव,
कभी नहीं मर सकता हूँ,
मेरा निश्चित आकार नहीं,
जैसा चाहूँ बन जाता हूँ।
उत्तर: अमीबा
- तारों की जो ओढ़ चुनरिया,
साँझ ढले आ जाती है,
बच्चों, बोलो कौन हैं वो,
जो चाँद से मिलवाती है।
उत्तर: रात
- मैं अलबेला कारीगर
काटू काली घास,
राजा, रंक और सिपाही,
सिर झुकाते मेरे पास।
उत्तर: नाई
- मुझे सुनाती सबकी नानी,
प्रथम कटे तो होती हानि,
बच्चे भूले खाना, पानी,
एक था राजा, एक थी रानी।
उत्तर: कहानी
- लाल घोड़ा अड़ा रहे,
काला घोड़ा भागता जाये।
उत्तर: आग और धुँआ
- गोल-गोल चेहरा,
पेट से रिश्ता गहरा।
उत्तर: रोटी
- बिना तेल के जलाता है,
पैर बिना वो चलता है।
उजियारे को बिखार कर,
अंधियारे को दूर करता है।
उत्तर: सूरज
- काला हूँ, कलूटा हूँ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ।
उत्तर: कड़ाही
- जितना ज्यादा सेवा करता उतना घटता जाता हूं
सभी रंग का नीला पीला पानी के संग भाता हूं बताओ क्या ?
उत्तर: साबुन
- दो सुंदर लड़के दोनों एक रंग के एक बिछड़ जाए तो दूसरा काम ना आए ?
उत्तर: जूता
- एक महल के दो रखवाले,
दोनों लम्बे दोनों काले,
ठाकुरों की शान है वह,
मर्दों की जान है वह।
उत्तर: मूंछ
- बेशक न हो हाथ में हाथ पर जीता है वह आपके साथ बताओ क्या ?
उत्तर: परछाई
- सुंदर-सुंदर ख्वाब दिखाती पास सभी के रात में आती थके मंडे को दे आराम जल्द बताओ उसका नाम ?
उत्तर: नींद
- अंत काटे कौवा बन जाए प्रथम कांटे दूरी का माप मध्य कटे तो कार्य बने तीन अक्षर का उसका नाम
उत्तर: काजल
- ऐसा घोड़ा ऐसा जिसकी छः टांगे दो सुम और तमाशा ऐसा देखा पीठ के ऊपर दुम ?
उत्तर: तराजू
- बाला था जब सबको भाया, बढ़ा हुआ कुछ काम न आया।
खुसरो कह वीया उसका नाँव अर्थ करो नहिं छोड़ो गाँव।।
उत्तर: वीया
- एक थाल मोती से भरा, सबके सिर पर औंधा धरा।
चारों ओर वह थाली फिरे, मोती उससे एक न गिरे।।
उत्तर: आकाश या आसमान
हिंदी की रोचक पहेलियाँ उत्तर सहित:
“ऐसी कौन सी चीज है, जिसे Boy हर रोज पहनता है, और Girl साल मे एक बार पहनती है” |
उत्तर : जनेऊ |
पापा ने बोला बेटी से, भूख लगे तो खा लेना, प्यास लगे तो पी लेना, ठण्ड लगे तो जला लेना |
उत्तर: नारियल(Coconut) |
वो कौन सी चीज है जो हमेशा बढ़ती है कभी कम नहीं होती है |
उत्तर: उम्र (Age) |
जहां शहर तो है पर जीवन नहीं, जहां नदी तो है पर जल नहीं |
उत्तर: नक्शा (Map) |
आदत कुछ कर गुजर जाने की, जरूरत बस आपका साथ निभाने की। कहानियों को दी साँसे, इतिहास किया दफ़न, मैंने ही सींचे सपने, करो मेरी शक्ति को नमन।। |
उत्तर: कलम |
आसमान में उड़े पेड़ पर, घोंसला न बनाएँ। तूफान से डरे रहने को, धरती पर आ जाएँ।। |
उत्तर: हवाई जहाज (Aeroplan) |
अश्व की सवारी, भाला ले भारी। घास की रोटी खाई, जारी रखी लड़ाई।। |
उत्तर: महाराणा प्रताप सिंह |
आज यहाँ कल वहाँ रहे, नहीं किसी के पास रुके। और रुक जाए किसी के घर, तो फिर घुमा देता है सर।। |
उत्तर: पैसा (Money) |
आगे ‘प‘ है मध्य में भी ‘प‘, अंत में इसके ‘ह‘ है, कटी पतंग नहीं ये भैया। न बिल्ली चूहा है, वन में पेड़ों पर रहता है, सुर में रहकर कुछ कहता है, बताओ क्या।। |
उत्तर: पपीहा |
चक दाना बिचक दाना, दाने ऊपर दाना। छज्जे ऊपर मोर नाचे, लड़का है दीवाना।। |
उत्तर: अनार |
एक नारी के हैं दो बालक, दोनों एकहिं रंग। एक फिरे एक ठाठ रहे, फिर भी दोनों संग।। |
उत्तर: चक्की |
एक बादल ऐसा, जब मन आये गरजता। वैसे तो दुःख और सुख है इसके, मौसम पर बिन मौसम भी बरसता।। दुःख का यह साथी बनता, सुख में भी जमकर बरसता। समय की ना परवाह करे, सब के पास हर पल यूँ ही पड़े रहे।। |
उत्तर: आंसू |
- एक साथ आए दो भाई, बिन उसके बजे ना शहनाई।
पीट-पीटकर मिलता संगत, उसके बिना महफ़िल में आए ना रंगत।।
उत्तर: तबला (Percussion instrument)
- एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुँह काला।
पूंछ पकड़ कर आग लगाई, झट कर दिया-उजाला।।
उत्तर: माचिस
- एक जानवर ऐसा।
जिसकी दुम पर पैसा।।
उत्तर: मोर(Peacock)
- ऐसी कौन सी चीज है, जो हमें अपने जीवन में दो बार तो फ्री में मिलती है।
लेकिन तीसरी बार हमें पैसे देने पड़ते हैं।।
उत्तर: दांत (Teeth)
- ऐसा कौन सा फल है,
जो मीठा होने के बावजूद बाज़ार में नहीं बिकता।।
उत्तर: सब्र का फल
- केरल से आया टिंगू काला।
चार कान और टोपी वाला।।
उत्तर: लौंग
- कोई कहे मुझे आँसू, कोई कहे मुझे मोती।
सरिसर्प मुझे चाट लेटे, मैं जब भी पत्तों पर होती।।
उत्तर: ओस (Dew)
- काला मुँह लाल शरीर, कागज को वो खा जाता।
रोज शाम को पेट फाड़कर, कोई उन्हें ले जाता।।
उत्तर: लेटर बॉक्स
- काँटों से निकले, फूलो में उलझे।
नाम बतलाओ, समस्या सुलझे।।
उत्तर: तितली
- खाना कभी नहीं खाता वह, और ना ही पीता पानी।
उसकी बुद्धि के आगे, हार गये बड़े-बड़े ज्ञानी।।
उत्तर: कंप्यूटर(Computer)
- गोरी सुन्दर पातली, केहर काले रंग।
ग्यारह देवर छोड़ कर, चली जेठ के संग।।
उत्तर: अरहर की दाल
- चार अंगुल का पेड़, सवा मन का पत्ता।
फल लागे अलग-अलग, पक जाए इकट्ठा।।
उत्तर: कुम्हार की चाक
- डिब्बा देखा एक निराला, ना ढकना न ताला।
न पेंदा ना ही कोना, बंद है उसमें चांदी सोना।।
उत्तर: अंडा(Egg)
- चाय गरम है, गरम है पानी, दूध गरम, घंटे बीते।
चाहे संकट हो, रात हो चाहे, बड़े मजे से सब पीते।।
उत्तर: थर्मस
- चार खंभे चलते जाएं, सबसे आगे अजगर।
पीछे सबके सांप चल रहा, फिर भी तनिक नहीं है डर।।
उत्तर: हाथी (Elephant)
- छीलो तो छिलका नहीं, काटो तो गुठली नहीं।
खाओ तो गूदा नहीं, तो बताओ क्या।।
उत्तर: बर्फ (Ice)
- जन्म तो हुआ जंगल में।
नाचे पर गहरे जल में।।
उत्तर: नाव (Boat)
- टोपी है हरी मेरी, लाल है दुशाला।
पेट में अजीब लगी, दानों की माला।।
उत्तर: मिर्च(Chilly)
- तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर।
आगे तीतर पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर।।
उत्तर: तीन तीतर
- तेरा नाम जानती हूँ, तेरा पता मैं जानती हूँ।
मुझे देख दुनिया यह कहे, हाँ इसे मैं जानती हूँ।।
उत्तर: पहचान पत्र (Identity Card)
- तीन टांगो पर हो के सवार, चलता जा रहा मेरा यार।
सुबह से रुके ना शाम, गर्मी में आऊँ मैं काम।।
उत्तर: छत का पंखा (Ceiling fan)
धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह। जो पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए।। |
उत्तर: विद्या / शिक्षा / पढ़ाई |
धूप देख मैं आ जाऊँ, छाँव देख शर्मा जाऊँ। जब हवा करे मुझे स्पर्श, मैं उसमें समा जाऊँ, बताओ क्या।। |
उत्तर: पसीना |
पानी का मटका, पेड़ पर लटका। हवा हो या झटका, उसको नहीं पटका।। |
उत्तर: टमाटर |
पानी पीकर हवा उगलता, गरमी में आता हूँ काम। सर्दी में मेरा नाम न लेना, अब बतला दो मेरा नाम।। |
उत्तर: कूलर (Cooler) |
पीली हरी हवेली एक, उसमें बैठे कालू राम। पेट साफ करता हूँ मैं, बोलो बहू मेरा नाम।। |
उत्तर: पपीता (Papaya) |
फ़ारसी बोली आईना, तुर्की सोच न पाईना। हिन्दी बोलते आरसी, आए मुँह देखे जो उसे बताए।। |
उत्तर: दर्पण / शीशा |
बोटी-बोटी करूं सरे आम, गली-कूचों में मैं बदनाम। दो अक्षर का नाम मेरा, रोज पड़े दुनिया को काम।। |
उत्तर: चाक़ू |
मांस नहीं, हड्डी नहीं, सिर्फ उंगलियां मेरी। नाम बता भई कौन हूँ मैं, जानूँ अक्ल मैं तेरी।। |
उत्तर: दस्ताने (gloves) |
हरी- भरी देखो काया , चार आखर का नाम हैं पाया | छुते ही मैं कुम्हला जाती हूं , बतलाओ क्या मैं कहलाती हूं | |
उत्तर: छुई मुई |
एक बगिया मे पुष्प अनेक , उन पुष्पों का राजा एक , बगिया मे जब चन्द्रमा आए , बगिया चम-चम कही -खिल जाए | | |
उत्तर: चाँद (Moon) |
देखने वाला उसे पहन न पाए , पहनने वाला उसे देख न पाए | इस अजीब वस्तु का नाम बताओ अक्लमंद होने का सबूत पाओ | |
उत्तर: कफ़न (Shroud) |
छज्जे पर बैठा है वह , गाता वह गाना | भोला है, भीरु भी है, खाता है वह दाना | |
उत्तर: कबूतर (Pigeon) |
तीन – चार घेरो की हैं चकरी , पीला उसका हैं रंग | पोर -पोर है उसका रस मे भीगा , खाओ तो दूध के संग | |
उत्तर: जलेबी (Jalebi) |
काली तो है, पर काग़ नहीं, लंबी तो है, पर नाग नहीं । बल तो खाती, पर डोर नहीं, बांधते तो है, पर ढोर नहीं. |
उत्तर: बांसुरी (flute) |
गणित की मजेदार पहेलियाँ उत्तर सहित:
- 1 से 100 के बीच कुल कितने 8 के अंक आते हैं ?
- उत्तर: कुल 8 के अंक होंगे = 20
- 8,18,28,38,48,58,68,78,80,81,82,83,84,85,86,87,88,89,98
- एक खाली टोकरी है, जिसका व्यास 1 मीटर है. इस इस टोकरी के खाली रहते एक-एक करके कितने सेब तुम इसमें रख सकते हो ?
- उत्तर: केवल 1, पहला सेब रखते ही टोकरी खाली नहीं रहेगी।
- सुमित का जन्म 1 जनवरी, 25 ईसा. पूर्व हुआ था और उसकी मृत्यु 2 जनवरी, 25 ईस्वी में हुई. रमेश कुल कितने वर्ष ज़िंदा रहा?
- उत्तर: 49 साल. क्योंकि सुमित की मृत्यु 25 ईस्वी के शुरुआत में ही हो गई और ई.पू. और ई. के बीच कोई साल नहीं है मतलब शून्य वर्ष इसलिए सुमित की उम्र 25+25-1 = 49 वर्ष
- सुलेखा देवी के 5 लड़कियाँ हैं और उन सभी लड़कियों का एक-एक भाई है. सुलेखा देवी की कुल कितनी संतानें हैं?
- उत्तर: 6 बच्चे , क्योंकि 5 बहनों के बीच एक कॉमन भाई है. इस प्रकार सुलेखा देवी की 5 बेटियां और 1 बेटा है।
- दूधवाले के पास 5 लीटर का और 3 लीटर नापने का डिब्बा है। वह 1 लीटर दूध कैसे नापेगा?
- उत्तर: दूधवाला पहले 3 लीटर वाले डब्बे को दूध से भरेगा।
- इसके बाद भरे हुए तीन लीटर वाले दूध के डब्बे को 5 लीटर वाले डब्बे में पलटेगा। अब 5 लीटर वाले डब्बे में सिर्फ 2 लीटर दूध की जगह है।
- इसके बाद दूधवाला खाली हुए 3 लीटर वाले डब्बे को दोबारा दूध से भरेगा। इसके बाद फिर 3 लीटर वाले दूध का डब्बा 5 लीटर वाले दूध के डब्बे में पलटेगा।
- दूध पलटने के बाद 3 लीटर वाले दूध के डब्बे में 1 लीटर दूध बच जाएगा। इस तरह दूधवाला ग्राहक को 1 लीटर दूध दे देगा।
- फार्मूला ट्रिक:- 3 x 2 = 6 – 5 = 1 लीटर
- 16 आदमी मिलकर किसी काम को 10 दिनों मे पूरा करते हैं तो बताओ उसी काम को 80 दिन में पूरा करने के लिए कितने आदमी की जरूरत होगी ?
- उत्तर: 2 आदमी, क्योंकि 16×10/80 =2 तो इस तरह 2 व्यक्ति किसी काम को 80 दिन में पूरा करेंगे।
- अमित 1 साल की उम्र से अपने प्रत्येक जन्मदिन पर 100 रूपये अपने गुल्लक में डालता था। जब वह 60 साल का हुआ तब उसने अपना गुल्लक तोड़ा लेकिन उसमें केवल 1500 रुपए ही थे। बताइए ऐसा क्यों ?
- उत्तर: क्योंकि अमित का जन्मदिन 29 फरवरी को आता था और 29 फरवरी दिनांक 4 साल में एक बार आता है। 60/4 = 15, 15×100 = 1500/- रुपये।
- एक औरत 1935 में पैदा हुई और 1935 में ही उसकी मौत हो गयी। जब वो मरी तो उसकी उम्र 70 साल थी। बताइये ये कैसे मुमकिन है ?
- उत्तर: वह औरत जिस हॉस्पिटल के रूप में पैदा हुई थी उसका रूम नंबर 1935 था|
- एक वृत्त (Circle) के कितने भाग होते हैं ?
- उत्तर: वृत्त के दो भाग होते हैं, बाहरी और आंतरिक भाग
पहेली का संक्षिप्त इतिहास (History):
दोस्तों जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं की हमारे देश में पहेलियों का इतिहास वैदिक काल से रहा है। प्राचीन काल से ही पहेलियों का पूछा जाना प्रचलित खेलों में से एक रहा है। हमारे चार वेदों में से एक ऋग्वेद में कतिपय मंत्रों पहेली का उल्लेख मिलता है उदाहरण:
चत्वारि श्रंगा त्रयो अस्य पादा, द्वे शीर्षे सप्त हस्तासोऽस्य।
त्रिधा बद्धो वृषभो रौरवीति, महादेवो मर्त्या या विवेश:।।
श्लोक का अर्थ: आप यह समझें की उपरोक्त श्लोक में पहेली के रूप में पूछे गए प्रश्न में एक ऐसे जानवर रूप को वर्णित किया गया है। जिसके चार सींग हैं, दो सिर हैं, तीन पैर हैं, सात हाथ हैं जो तीन स्थानों से बंधा हुआ है। श्लोक का गूढ़ अर्थ यह है की चार सींग हमारे चार वेदों (सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद और ऋग्वेद) को प्रदर्शित करते हैं। इसी तरह तीन पैर एक दिवस या दिन के तीन पहर (प्रातः काल, मध्यान्ह और सायंकाल) को प्रदर्शित करते हैं। इसी क्रम में यदि हम आगे बढ़ें तो दो सिर सूर्य की दोनों अवस्था (सूर्योदय और सूर्यास्त) को प्रदर्शित करते हैं। और सात हाथ सात प्रकार के छंद हैं।
इतिहासकार मानते हैं की पहेलियों की उत्पत्ति चार वेदों में सबसे प्रसिद्ध ऋग्वेद के बलोदयों के विकासोन्मुख् अवस्था से उत्पन्न हुए हैं। इसी तरह कुछ इतिहासकारों का मानना है की पहेलियों का उद्गम महाभारत काल में वेदव्यास द्वारा रचित प्राचीन महाकाव्य ग्रन्थ महाभारत से हुआ है। ऐसा माना जाता है की वेदव्यास मुनि जी के द्वारा उच्चारित महाभारत ग्रन्थ को भगवान श्री गणेश जी ने अपने अनुरूप लिपिबद्ध करके छंदों और पहेलियों में महाभारत ग्रन्थ को लिखा था।
पहेली से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर (FAQs):
पहेली (Paheli) शब्द की कहाँ से लिया गया है ?
दोस्तों आपको बता दें की पहेली शब्द हमारे सबसे पुराने वेदों में से एक ऋग्वेद में उल्लेखित श्लोक से लिया गया है। पहेली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द प्रहेलिका’ या ‘प्रहेलि’ से हुई है।
पहेली के कितने प्रकार होते हैं ?
अपने प्रश्न और स्वरूप के आधार पर पहेली को बहुत से वर्ग में विभाजित किया गया है
जैसे : गणित पहेली , निर्माण पहेली , स्थिति पहेली , भूल-भुलैया पहेली, वर्ग पहेली आदि।
पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा।
बिना पानी के घर बनाए, वह कारीगर कैसा।।
मकड़ी (Spider)
पंख नहीं उड़ती हूँ पर।
हाथ नहीं लड़ती हूँ पर।।
पतंग (kite)
पहेली बनाने वाले कुछ प्रसिद्ध रचनाकारों के नाम बताइये ?
बोरिस कोर्डेम्स्की
डेविड जे. बॉडीकोम्बे
विल शॉर्ट्ज़
ऑस्कर वैन डेवेंटर
लॉयड किंग
मार्टिन गार्डनर
रेमंड स्मुलियान
एर्नो रूबिको
सैम लोयड
हेनरी डुडेनी
किस सवाल का जवाब हर वक्त बदलता रहता है?
समय (Time) पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर हर वक्त बदलता रहता है।
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