केंद्रीय प्रवृत्ति की माप: आपने गणित में औसत, माध्य, माध्यिका आदि के बारे में जरूर पढ़ा होगा। किसी श्रेणी या सारणी (Table) में दिए गए डाटा का संख्यात्मक विश्लेषण डाटा के गणितीय रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए जरूरी है। यदि हम उदाहरण से समझें तो जैसे आप किसी कक्षा में होने वाली परीक्षा में छात्रों के द्वारा प्राप्त औसत अंक, किसी फैक्टरी में कार्य करने वाले मजदूरों का औसत उत्पादन, किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की औसत आय आदि यह सभी गणित विषय में उपयोग की जाने वाली केंद्रीय प्रवृत्ति की माप के उदाहरण हैं।
केंद्रीय प्रवृत्ति की माप क्या है?
केंद्रीय प्रवृत्ति को हम इस तरह से सरल शब्दों में समझ सकते हैं की किसी आंकड़ों की श्रेणी का एक ऐसा अंक जो श्रेणी के मध्य में स्थित होता है। यह अंक सारणी या श्रेणी के महत्वपूर्ण लक्षणों का प्रतिनिधित्व करता है। श्रेणी के मध्य में स्थित यह अंक केंद्रीय प्रवृत्ति की माप या माध्य कहलाती है। केंद्रीय प्रवृत्ति की माप आंकड़ों को संक्षिप्त रूप से व्यक्त करने की संख्यात्मक विधि है।
केंद्रीय प्रवृत्ति की माप के संबंध में अलग-अलग महान गणितज्ञों ने निम्नलिखित परिभाषाएं दी हैं जो इस प्रकार से हैं –
- सिम्पसन एवं काफ्का के अनुसार – ‘केंद्रीय प्रवृत्ति की माप एक ऐसा प्रतिरूपी मूल्य है जिसकी ओर, अन्य संख्याएँ संकेंद्रित होती हैं।”
- स्पुर, केलॉग और स्मिथ के अनुसार – “माध्य, कभी-कभी केंद्रीय प्रवृत्ति की माप इसलिये कहलाता है। क्योंकि व्यक्तिगत चर-मूल्य इसके चारों ओर अधिकतम जमा होते हैं।
- क्रोक्सटन एवं काउडेन के अनुसार – माध्य, समंकों के विस्तार के अंतर्गत स्थित एक ऐसा मूल्य है, जिसका प्रयोग श्रेणी के सभी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है। समंक श्रेणी के विस्तार के बीच में होने के कारण माध्य को केंद्रीय प्रवृत्ति का माप भी कहा जाता है।”
यह भी पढ़े :- Chemistry Formulas in Hindi – रसायन विज्ञान सूत्र
Measures of Central Tendency का उद्देश्य
दोस्तों केंद्रीय प्रवृत्ति जिसे सांख्यिकी माध्य भी कहा जाता है विद्वानों ने इसके उद्देश्यों कार्यों और उपयोगिता के आधार पर विभिन्न रूप में विभाजित किया है।
- डाटा को सूक्ष्म एवं सरल रूप में प्रस्तुत करना:
- डाटा/आंकड़ों के आधार पर सांख्यिकी का विश्लेषण करना:
- सम्पूर्ण श्रेणी का प्रतिनिधित्व करना:
- गणितीय सूत्र एवं संबंधों का पता करना:
मध्य या मध्यमान क्या होता है ?
जब हम किसी डाटा सेट के औसत के बारे में बात करते हैं तो वह औसत डाटा सेट का मध्य या मध्यमान (Mean Value) कहलाता है। इस मध्यमान को कैलकुलेट करने के लिए दिए गए डाटा सेट की सभी आंकड़ों का Sum निकाला जाता है। इसके टोटल सम को डाटा सेट में जितनी भी संख्याएं या पद दी गयी हैं उस टोटल सम को कुल संख्या से विभाजित करके डाटा सेट का मध्य या मध्यमान निकाल लिया जाता है। किसी डाटा सेट का मध्य (औसत) निकालने के लिए निम्नलिखित गणितीय सूत्र का उपयोग किया जाता है –
Mean = (x1+x2+x3+…….xn)/n
आप नीचे दिए उदाहरण से अच्छी तरह समझ जायेंगे की किसी डाटा सेट का मध्य क्या होता है –
उदाहरण (Examples): प्रश्न में हमें कुछ विषम और सम अंकों का डाटा सेट संग्रह दिया गया है। यह डाटा संग्रह अवरोही क्रम में है 23, 21, 18, 16, 15, 13, 12, 10, 9, 7, 6, 5, और 2 हमें इस डाटा संग्रह का औसत या मध्य ज्ञात करना है ?
उपरोक्त चित्र में हम देख सकते हैं की हमें डाटा संग्रह में कुल मिलाकर 13 अंक दिए गए हैं। दिए गए इन 13 अंकों का जोड़ यदि हम ज्ञात करें तो Total Sum होगा = (23+21+18+16+15+13+12+10+9+7+6+5+2) = 157
उपरोक्त सूत्र के अनुसार मध्य (Mean) होगा = (157 / 13) = 12.07
दोस्तों हमें उत्तर में 12.07 प्राप्त हुआ यदि हम दशमलव के बाद के अंकों को नगण्य मान लें तो ऊपर दिए गए डाटा सेट संग्रह का औसत (मध्य) होगा 12 यही हमारे प्रश्न का उत्तर है।
माध्य या माध्यमान की विशेषताएं एवं कार्य:
- जब दी गई श्रेणी का डाटा वितरण सामान्य होता है तो हम श्रेणी का माध्य आसानी से निकाल सकते हैं।
- जब आपको किसी श्रेणी का सत्य बहुलांक ज्ञात करना हो तो उस स्थिति में श्रेणी का माध्य ज्ञात किया जाता है।
- किसी डाटा सेट के प्रामाणिक परिणाम को ज्ञात करने के लिए हम श्रेणी का मध्य मान निकालते हैं।
माध्य के कितने प्रकार होते हैं ?
गणित के केंद्रीय प्रवृत्ति की माप के अध्याय के तहत माध्य को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है –
- समांतर माध्य (Arithmetic Mean): जब किसी श्रेणी में अंकों के क्रम के तहत समान अंतर की पुनरावृत्ति हो रही हो और उस श्रेणी का माध्य निकाला जाये तो वह माध्य औसत (Average) या समान्तर माध्य कहलाता है। समांतर माध्य को अंग्रेजी में Arithmetic Mean कहा जाता है।
- किसी श्रेणी के समान्तर माध्य को ज्ञात करने के लिए हम निम्नलिखित गणितीय सूत्र का उपयोग करते हैं जो इस प्रकार से है –
- हरात्मक माध्य (Harmonics Mean): जब किसी श्रेणी के पदों का अनुपात (Raito) एक निश्चित दर के तहत समान हो तो उस श्रेणी का माध्य हरात्मक माध्य कहलाता है। हरात्मक श्रेणी माध्य को अंग्रेजी में (Harmonics Mean) कहा जाता है।
- किसी भी सामान अनुपात वाली श्रेणी के हरात्मक माध्य को ज्ञात करने के लिए हम निम्नलिखित गणितीय सूत्र का उपयोग करते हैं –
- ज्यामितीय माध्य (Geometric mean): ज्यामितीय या जिसे गुणोत्तर माध्य भी कहा जाता है। गुणोत्तर माध्य किसी दिए गए डाटा सेट सीरीज के आंकड़ों के n संख्याओं के गुणनफल के nवें पद के मूल के बराबर होता है।
- गुणोत्तर माध्य को कैलकुलेट करने के लिए हम निम्नलिखित गणितीय सूत्र का उपयोग करते हैं –
माध्यिका (Median) क्या होती है ?
जब किसी सीरीज (श्रेणी) के परिमाण को इस तरह से व्यवस्थित किया जाये की उस श्रेणी के बीच के पद में कोई अंतर ना हो। वह बीच का पद श्रेणी का माध्यिका (Median) कहलाता है। यहाँ पर कहने का अर्थ यह है की श्रेणी का क्रम चाहे आरोही हो या अवरोही हो उसके बीच पद यानी माध्यिका में कोई अंतर नहीं होता है।
माध्यिका की गणना निम्नलिखित सूत्रों (formulas) को स्टेप बाय स्टेप फॉलो करके की जाती है –
- जब किसी श्रेणी के सभी पद (n) विषम (odd) हो तो श्रेणी की माध्यिका का सूत्र (n+1)/2 होगा।
- जब किसी श्रेणी के सभी पद (n) सम (even) हो तो श्रेणी का माध्यिका पद [(n/2) + 1] होगा। श्रेणी की यह माध्यिका समांतर माध्यिका कहलाएगी।
- ध्यान रखें की श्रेणी की माध्यिका ज्ञात करने के लिए आपको सबसे पहले (n/2) का मान ज्ञात करना है। इसके बाद आपको देखना है की श्रेणी के सभी पद सम या विषम तो नहीं। यदि कोई भी श्रेणी सम या विषम के तहत आती है तो आप उपरोक्त बताये गए सूत्र का उपयोग करके श्रेणी की माध्यिका ज्ञात कर सकते हैं।
माध्य, माध्यिका तथा बहुलक के संबंधित सूत्र (Formulas)
समांतर माध्य, माध्यिका और भूयिष्ठक या बहुलक के आपसी संबंध को दर्शाने के लिए निम्नलिखित गणितीय सूत्र का उपयोग किया जाता है जो इस प्रकार से है –
माध्य – बहुलक = 3(माध्य – माध्यिका)
या
बहुलक = 3 (माध्यिका) – 2 (माध्य)
उपरोक्त सूत्र को इस तरह से गणितीय रूप में व्यक्त किया जा सकता है –
a – Z = 3(a – M)
(जहाँ a = अंकगणितीय माध्य, Z = भूयिष्ठक या बहुलक, M = माध्यिका।)
बहुलक या Mode किसे कहते हैं?
जब किसी डाटा सेट या श्रेणी में किसी एक अंक या पद की पुनरावृत्ति एक से अधिक बार हो रही हो तो वह अंक या पद श्रेणी का बहुलक (Mode) कहलायेगा। आगे हमने आपको उदाहरण के माध्यम से बहुलक को समझाने की कोशिश की है।
उदाहरण (Examples): आप देखें की प्रश्न में हमें कुछ नंबर की सीरीज (श्रेणी) दी गई है जो इस प्रकार से है –
5, 4, 2, 3, 2, 1, 5, 4, 5
दोस्तों उपरोक्त दिए गए डाटा सेट या श्रेणी में हम देखें को अंक 5 की पुनरावृत्ति हो रही है। श्रेणी का विश्लेषण करने पर हम पाते हैं की उपरोक्त श्रेणी में अंक 5 तीन बार आया है। अतः हम कह सकते हैं की उपरोक्त श्रेणी का बहुलक या मोड 5 होगा। इस तरह से हम किसी भी डाटा सेट या श्रेणी का बहुलक ज्ञात कर सकते हैं। किसी श्रेणीं का बहुलक निकालते समय एक महत्वपूर्ण बात यह ध्यान देने लायक है की अगर श्रेणी में किन्हीं दो पदों या अंकों की पुनरावृत्ति बराबर हो रही हो तो उस श्रेणी का बहुलक जीरो माना जायेगा।
उदाहरण (Examples): इन 8 अंकों के डाटा सेट का बहुलक (Mode) ज्ञात कीजिये ?
2,17,16 ,2 ,6 ,19, 8, 6
दोस्तों यदि हम उपरोक्त दी गई श्रेणी की बात करें तो दो पद या अंक हैं जिनकी पुनरावृत्ति हुई है। एक अंक है 2 जो की श्रेणी में दो बार आया है ठीक उसी तरह अंक 6 भी श्रेणी में दो बार आया है। अतः यहां पर हम देखते हैं की दोनों ही अंकों की पुनरावृत्ति समान बार हुई है तो इस श्रेणी का बहुलक शून्य (Zero) माना जायेगा।
केंद्रीय प्रवृत्ति की माप से सम्बंधित प्रश्न FAQs:
माध्य, माध्यिका तथा बहुलक का गणितीय सूत्र क्या है ?
a – Z = 3(a – M)
(जहाँ a = अंकगणितीय माध्य, Z = भूयिष्ठक या बहुलक, M = माध्यिका।)
केंद्रीय प्रवृत्ति की माप को कितने भागों में बांटा गया है ?
मुख्य रूप से केंद्रीय प्रवृत्ति के तीन भाग हैं जो इस प्रकार से हैं –
माध्य
माध्यिका
बहुलक
माध्य कितने प्रकार के होते हैं ?
गणित की गणना के अनुसार माध्य को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है –
समान्तर माध्य (Arithmetic Mean)
हरात्मक माध्य (Harmonic Mean)
ज्यामितीय माध्य (Geometric Mean)
हरात्मक माध्य, गुणोत्तर माध्य एवं समांतर माध्य में क्या संबंध है ?
दोस्तों हरात्मक माध्य (गुणोत्तर माध्य एवं समान्तर माध्य) दोनों से छोटा होता है। तीनों माध्यों के संबंध को निम्नलिखित गणितीय सूत्र से प्रदर्शित कर सकते हैं –
HM AM and GM relaion formula
जहां A समानांतर माध्य , G ज्यामितीय माध्य और H हरात्मक माध्य है।