भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर – 10 Famous Temples of India in Hindi

दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहां आपको विभिन्न धर्मों के अनेक धार्मिक पूजनीय स्थल देखने को मिल जाएंगे। चाहे धर्म स्थल कोई सा भी हो पुरातन समय से ही भारत में लोगों की आस्था इन मंदिरों , देवस्थलों से जुड़ी रही है। अपनी इसी आस्था के कारण देश ... Read more

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Reported by Dhruv Gotra

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दोस्तों जैसा की आप जानते हैं की भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है यहां आपको विभिन्न धर्मों के अनेक धार्मिक पूजनीय स्थल देखने को मिल जाएंगे। चाहे धर्म स्थल कोई सा भी हो पुरातन समय से ही भारत में लोगों की आस्था इन मंदिरों , देवस्थलों से जुड़ी रही है। अपनी इसी आस्था के कारण देश भर से लोग मंदिरों में पूजा, अर्चना और दर्शन हेतु दूर-दूर से यात्राएं कर आते हैं। दोस्तों आज के आर्टिकल में आपको भात के कुछ ऐसे 10 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी आस्था और मनोकामना पूर्ति ले लिए विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। चलिए आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन मंदिरों के बारे में।

भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर – 10 Famous Temples of India in Hindi

1. भारत के प्रसिद्ध मंदिर- माता वैष्णो देवी मंदिर

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  • दोस्तों माता वैष्णो देवी मंदिर हिन्दुओं का एक बहुप्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है जहां हर साल देश एवं विदेश से लाखों माता के भक्त और श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
  • आपको बता दें की यह पवित्र धार्मिक स्थल आराध्य देवी माता रानी वैष्णो देवी के शक्ति स्वरुप को समर्पित है।
  • अगर हम बात करें वैष्णो देवी मंदिर के लोकेशन की तो वैष्णो देवी मंदिर भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू संम्भाग में त्रिकूट पर्वत पर स्थित है।
  • माता वैष्णो देवी मंदिर को उत्तर भारत का एक प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है।
  • यदि हम बात करें समुद्र तल से ऊंचाई की तो वैष्णो देवी मंदिर धाम समुद्र तल से लगभग 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।
  • वैष्णो देवी मंदिर आने के लिए आप हवाई ,सड़क एवं रेल मार्ग सभी माध्यमों से आ सकते हैं।
  • मंदिर के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन कटरा से वैष्णों देवी मंदिर की दूरी लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) है।
  • आपको बताते चलें की माता वैष्णों देवी मंदिर एक प्राकृतिक गुफा के अंदर स्थित है और यहाँ तीन देवियों (लक्ष्मी , पार्वती और सरस्वती) की शिला रूप मूर्ति स्थापित हैं। दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु को इन शिलाओं की पूजा करना अनिवार्य होता है।
  • मंदिर की देखभाल और रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ मंडल न्यास और श्राइन बोर्ड के पास है।
  • यदि आप दर्शन हेतु मंदिर आना चाहते हैं तो आप मार्च से लेकर जून महीने के बीच और अक्टूबर से लेकर नवंबर महीने के बीच यहाँ माता रानी के दर्शन हेतु आ सकते हैं। यह समय मंदिर दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त रहता है।
  • माता वैष्णों देवी के पास सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है भैरोनाथ मंदिर पौराणिक मान्यता है की जब माँ वैष्णों देवी ने भैरोनाथ बाबा का वध किया था तो भैरोनाथ का सिर मंदिर से 3 किलोमीटर दूर एक स्थान पर जाकर गिरा। जहाँ भैरोनाथ का सिर गिरा था आज वहीँ बाबा भैरोनाथ मंदिर है।
  • लोगों की मान्यताएं हैं की वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन का फल किसी श्रद्धालु को तब तक नहीं मिलता जब तक कोई भैरोनाथ बाबा के दर्शन नहीं कर लेता।
  • दोस्तों आपको बता दें की वैष्णों देवी मंदिर के पास अनेकों दर्शनीय स्थल हैं जो देखने लायक हैं जैसे जम्मू का अमर महल , बहु फोर्ट ,मंसर लेक, रघुनाथ टेंपल आदि।
  • इसी तरह जम्मू से लगभग 112 किलोमीटर दूर पटनी टॉप हिल स्टेशन है जहाँ सैलानी सर्दियों में snow fall का मजा लेने आते हैं। इसके अलावा आप कटरा के नजदीक शिव खोरी, झज्झर कोटली, सनासर, बाबा धनसार, मानतलाई, कुद, बटोट आदि प्राकृतिक प्राचीन मंदिरों में दर्शन के लिए जा सकते हैं।

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2. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple):

Kashi Vishwanath Temple
काशी विश्वनाथ मन्दिर
  • भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर को देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। आपको बता दें की यह प्राचीनतम मंदिर कई हजार वर्षों पुराना है।
  • देश के कोने-कोने से लोग यहाँ मोक्ष की प्राप्ति हेतु पवित्र गंगा में स्नान करने के लिए आते हैं।
  • आपको बता दें की इतिहास में कई महापुरुष (आदि शंकराचार्य , संत एकनाथ , रामकृष्ण परमहंस , स्वामी विवेकानंद , महर्षि दयानन्द , गोस्वामी तुलसीदास आदि) काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए आये थे।
  • यदि हम बात करें मन्दिर की भौगोलिक स्थिति की तो काशी विश्वनाथ प्राचीन मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर के बीचोबीच पवित्र नदी गंगा के किनारे पर स्थित है।
  • इतिहासकारों के अनुसार प्राचीनतम काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने सन 1780 में करवाया था। यह प्राचीन मंदिर हिन्दू स्थापत्य कला का एक बेहतरीन नमूना है।
  • भगवान शिव के महापर्व महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि को प्रत्येक वर्ष ढोल नगाड़ों के साथ नगर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है।
  • आपको बताते चलें की प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दृढ़ संकल्प के साथ 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर के नए स्वरुप काशी कोरिडोर का शिलान्यास किया।
  • इसी के साथ 32 महीनों में काशी कोरिडोर का निर्माण कार्य समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 13 दिसम्बर 2021 को काशी कोरिडोर का भव्य लोकार्पण (Inauguration) किया गया।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की 11 शताब्दी में राजा हरिश्चंद्र जी के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
  • इसके बाद वर्ष 1194 में आक्रांता मुग़ल शासक मुहम्मद गौरी के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर को तुड़वा दिया गया था। जिसे बाद में एक बार दोबारा बनवाया गया।
  • लेकिन बाद में वर्ष 1447 में जौनपुर के शासक रहे महमूद शाह ने मंदिर को पुनः तुड़वा दिया गया। परन्तु बाद में मंदिर को एक बार फिर बनवा दिया गया। मंदिर के इस तोड़ने और बनवाने के क्रम ने मंदिर का मूल स्वरुप बदल दिया।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर के संबंध में एक पौराणिक कथा यह प्रसिद्ध है की एक बार भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने शिव से अपने पिता के घर चलने का आग्रह किया। लेकिन भगवान शिव पार्वती की बात मानकर उन्हें काशी ले आये। जहां शिव ने स्वयं को विश्वनाथ-ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित किया।
  • मंदिर के समीप आपको प्रसिद्ध दशाश्वेमघ ,लोलार्ककुण्ड ,बिन्दुमाधव ,केशव और मणिकर्णिका आदि गंगा घाट देखने को मिल जाएंगे। इन घाटों में मोक्ष प्राप्ति के लिए लोगों का अंतिम दाह संस्कार किया जाता है।
  • आपको बताते चलें की मंदिर का रखरखाव चंद्र वंशी गोप सेवा समिति के द्वारा किया जाता है।

3.भारत के प्रसिद्ध मंदिर- स्वर्ण मंदिर (Golden Temple):

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स्वर्ण मंदिर
  • स्वर्ण मंदिर जिसे हम गोल्डन टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है देश में सिख सम्प्रदाय को मानने वाले लोगों का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सिखों का एक प्रमुख गुरुद्वारा है। जहाँ हर साल विभिन्न एवं सिख धर्म के लाखों भक्त एवं श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
  • प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर पंजाब राज्य के अमृतसर शहर में स्थित है। आपको बता दें की पूरा अमृतसर शहर श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे के चारों ओर बसा हुआ है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की स्वर्ण मंदिर का एक और पवित्र एवं प्रख्यात नाम दरबार साहिब या हरिमंदर साहिब भी है।
  • स्वर्ण मंदिर के आस पास पवित्र सरोवर है जिसमें आने वाले तीर्थयात्रीयों दर्शन करने से पहले स्नान करना होता है।
  • इतिहास के अनुसार वर्तमान स्वरुप पवित्र हर मंदिर साहिब धर्म स्थल का निर्माण एवं डिज़ाइन सिक्खों के 5वें गुरु रहे गुरु अर्जुन देव ने तैयार किया था।
  • गुरु अर्जुन देव ही प्रसिद्ध वर्तमान स्वर्ण मंदिर के वास्तुकार थे।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की हरमंदिर साहिब का निर्माण कार्य दिसम्बर 1585 से प्रारम्भ होकर अगस्त 1604 में समाप्त हुआ। स्वर्ण मंदिर के निर्माण कार्य में लगभग 19 वर्षों का समय लगा।
  • गोल्डन टेम्पल सिख स्थापत्य कला का एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है।
  • दोस्तों यदि दर्शन एवं घूमने हेतु स्वर्ण मंदिर आना चाहते हैं तो आप हवाई , सड़क एवं रेल मार्ग किसी भी साधन से आ सकते हैं। दिल्ली से पंजाब के लिए आपको 24 घंटे ट्रेन मिल जायेगी।
  • हरमंदिर साहिब के बाहरी हिस्सा सोने के बने होने के कारण इसे स्वर्ण मंदिर नाम दिया गया।
  • स्वर्ण मंदिर के बारे में एक तथ्य यह है की हैदराबाद के सातवें निजाम रहे मीर उस्मान अली खान हर साल मंदिर को दान दिया करते थे।
  • मंदिर में दर्शन के लिए कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति धर्म का हो आ सकता है। मंदिर में 24 घंटे विश्राम सेवा और लंगर चलते रहते हैं।
  • सिक्खों के प्रथम गुरु नानक देव जी के जन्म अवसर पर यहां प्रत्येक वर्ष प्रकाशोत्सव मनाया जाता है।
  • रात के ढाई बजे से आरम्भ प्रकाशोत्सव में गुरु ग्रंथ साहिब को गुरुद्वारे कक्ष में लाया जाता है। संगतों की टोली भजन-कीर्तन के साथ गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में सजाकर गुरुद्वारे लाती है। जहां भक्त लोग गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करते हैं। इसी तरह गुरु ग्रंथ साहिब को अपने स्थान में वापस स्थापित कर दिया जाता है।
  • प्रकाशोत्सव में 24 घंटे तीर्थयात्रियों और भक्तों के लिए कड़ाह प्रसाद (हलवा) की व्यवस्था रहती है।
  • स्वर्ण मंदिर में दर्शन के लिए आप साल के किसी भी मौसम में आ सकते हैं मंदिर साल के 365 दिन खुला रहता है।

4. तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir):

Tirupati Balaji temple
Tirupati Balaji temple
  • तिरुपति या तिरुमला बाला जी मंदिर जिसको तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में स्थित है।
  • प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
  • दोस्तों यदि हम बात करें मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई की तो तिरुपति बाला जी मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,200 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।
  • ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार तिरुपति बाला जी मंदिर की शिल्पकला द्रविड़ शैली की है।
  • इतिहासकार बताते हैं की तिरुपति बाला जी मंदिर में पाए गए अभिलेख द्रविड़ और संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर के आस पास आपको पद्मावती समोवर मंदिर , गोविन्द राजस्वामी मंदिर , कपिलेश्वर मंदिर आदि दर्शनीय स्थल देखने को मिल जाएंगे।

बाला जी मंदिर के बारे में जानें कुछ महत्वपूर्ण रोचक तथ्य:

  • दोस्तों जब आप तिरुमाला बालाजी मंदिर में बाहर से खड़े होकर तिरुपति जी की मूर्ति को देखते हैं तो ऐसा लगता है की मूर्ति मंदिर के गर्भ गृह में मध्य भाग में स्थित है। जबकि ऐसा नहीं है तिरुपति बालाजी की मूर्ति मंदिर के गर्भ गृह में दाईं तरफ कोने में है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की तिरुपति बालाजी की मूर्ति पर चढ़ाई जाने वाली सभी प्रकार की सामग्री मंदिर से 23 किलोमीटर दूर एक गांव से आती है। मंदिर प्रशासन के अनुसार उस गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है।
  • भगवान बाला जी के बाल हमेशा रेशमी ही रहते हैं और यह कभी उलझते नहीं हैं। पुजारी बताते हैं की तिरुपति बाला जी के केश हमेशा ताजे ही रहते हैं।
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर के मुख्य द्वार में दाएं कोने की तरफ बालाजी भगवान के बाल रूप को ठोड़ी से खून (रक्त) निकला था जिसके बाद से ही भगवान बालाजी की ठोड़ी पर चंदन लगाने की परम्परा की शुरुआत हुई।
  • मन्दिर के पुजारी लोग बताते हैं की तिरुपति बालाजी की मूर्ति की पीठ को जितनी बार भी साफ़ किया जाता है। मूर्ति में नमीं और गीलापन रहता है। मूर्ति के समीप जाकर कान लगाकर सुनने से समुद्र का शोर सुनाई देता है।
  • माना जाता है की भगवान तिरुपति बालाजी के वक्ष स्थल पर साक्षात मां लक्ष्मी जी निवास करती हैं। सप्ताह में प्रत्येक गुरुवार को भगवान बालाजी की चंदन से सजावट की जाती है। जब यह चंदन हटाया जाता है तो मूर्ति में देवी महा लक्ष्मी जी की छवि नज़र आती है।
  • बालाजी के जलकुंड में विसर्जित होने वाली वस्तुएं तिरुपति बालाजी मंदिर से 20 किलोमीटर दूर स्थित वेरपेडू नामक जल स्त्रोत से बाहर निकल कर आती हैं।
  • भगवान बाला जी को प्रतिदिन धोती और साड़ी पहना कर सजाया जाता है।
  • तमिल भाषा में लिखे गए साहित्य में बताया गया है की संगम के किनारे स्थित होने के कारण तिरुपति जी को त्रिवेंगदम के नाम से उल्लेखित किया गया है।

5. श्री साईं बाबा मंदिर (Shree Saain Baba Temple):

भारत के प्रसिद्ध मंदिर shree saain baba mandir
श्री साईं बाबा मंदिर
  • महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी साईं मंदिर बाबा साईं के समाधि स्थल में बना एक पवित्र धाम है।
  • शिरडी के साईं बाबा मंदिर हिन्दू धर्म के लोगों का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहाँ हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
  • यदि आप दर्शन हेतु शिरडी साईं धाम मंदिर आना चाहते हैं तो आप सड़क , रेल या किसी भी मार्ग से आ सकते हैं। मंदिर साल के सभी मौसम में दर्शन के लिए खुला रहता है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की मुंबई से शिरडी साईं धाम मंदिर की दूरी लगभग 296 किलोमीटर है।
  • आप शिरडी धाम मंदिर में आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं जिसके लिए आपको शिरडी बाबा साईं धाम मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा।
6. ओंकारेश्वर महादेव मंदिर (Omkareshwar Mahadev Temple):
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ओम्कारेश्वर महादेव मंदिर
  • मध्य प्रदेश के खांडवा जिले में स्थित ओम्कारेश्वर महादेव मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है।
  • आपको बता दें की ओम्कारेश्वर महादेव मंदिर नर्मदा नदी के बीच मान्धाता के शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है।
  • ओम्कारेश्वर मंदिर को देश के बारह शिव ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है।
  • ऐसा माना जाता है की कई शताब्दी पहले भील जनजाति के द्वारा यहाँ बस्तियां बसाई गयीं थी।
  • मंदिर के बारे में एक रोचक तथ्य यह है की ओम्कारेश्वर मंदिर से 14 किलोमीटर दूर बसा मोरटक्का गाँव पवित्र चिन्ह ॐ के आकार का बना हुआ है।
  • महादेव मंदिर के दो भाग हैं ओम्कारेश्वर और ममलेश्वर यह दोनों ही तीर्थयात्रियों के लिए प्रसिद्ध आकर्षण का केंद्र रहते हैं।

7. बैद्यनाथ धाम मंदिर (Baidyanath Dham Temple):

Baidyanath Dham Temple
Baidyanath Dham Temple
  • भगवान शिव का एक प्रसिद्ध धाम बैध्यनाथ जो की झारखंड राज्य के देवघर नामक स्थान पर स्थित है।
  • भगवान शिव बैध्यनाथ मंदिर धाम को रावणेश्वर, वैद्येश्वर, बैजुनाथ, बैजनाथ को आदि नामों से जाना जाता है।
  • इस पवित्र धाम में दो मंदिर हैं एक भगवान शिव का और दूसरा मां पार्वती का यह दोनों ही मंदिर लाल रंग की रस्सी से बंधे हुए हैं।
  • इतिहास के विद्वानों के अनुसार वर्तमान स्वरुप में मौजूद बैध्यनाथ मंदिर का निर्माण राजा पूरनमल ने करवाया था। मंदिर निर्माण में शिल्पकला के देवता विश्वकर्मा का भी अहम योगदान रहा।
  • देवघर मंदिर में स्थित भगवान शिव के लिंग को “कामना लिंग” कहा जाता है।
  • दोस्तों आपको हम बताते चलें की हर साल सावन में झारखण्ड के बैध्यनाथ देवघर मंदिर बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
  • सावन के महीने में सभी शिव भक्त सौ किलोमीटर की यात्रा करके सुल्तानगंज से पवित्र गंगा जल को लेकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए जाते हैं।

8. अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple):

भारत के प्रसिद्ध मंदिर akshardham temple
अक्षर धाम मंदिर
  • गुजरात राज्य के गांधी नगर में स्थित अक्षर धाम मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
  • अक्षर धाम मन्दिर भक्ति और वास्तुकला का एक दुर्लभ संयोग है। गुजरात का यह प्रसिद्ध मंदिर स्वामी नारायण सम्प्रदाय के द्वारा बनवाया गया था।
  • दोस्तों यदि हम बात करें मंदिर के भौतिकी की तो मंदिर की ऊंचाई लगभग 32 मीटर है , मंदिर की लम्बाई 73 मीटर है। और चौड़ाई में अक्षर धाम मंदिर 39 मीटर है।
  • अक्षर धाम मंदिर भगवान स्वामी नारायण को समर्पित लगभग 6,000 बलुआ पत्थरों से मिलकर बना है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की अक्षर धाम मंदिर के निर्माण में कहीं पर भी सीमेंट और इस्पात (लोहे ) का उपयोग नहीं हुआ है।
  • इस मंदिर के प्रथम तल में हरी मंडप एक सबसे पवित्र स्थल है। कहा जाता है की भगवान स्वामी नारायण के शिष्यों ने यहीं मूर्तियां स्थापित की थी।
  • अक्षर धाम मंदिर के बाग़ बगीचे और फाउंटेन बेहद ही आकर्षक हैं। जो तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

9. जग्गनाथ मंन्दिर (Jagannath Temple):

jaggnath-Temple भारत के प्रसिद्ध मंदिर
भारत के प्रसिद्ध मंदिर जग्गनाथ मंदिर
  • भारत के उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पूरी में स्थित श्री जग्गनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है।
  • दोस्तों आपको बता दें की जग्गनाथ शब्द का अर्थ होता है की स्वामी अर्थात जो पुरे विश्व के स्वामी हैं।
  • पूरी स्थित यह जग्गनाथ मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला वैष्णव सम्प्रदाय से प्रेरित हुई मालुम पड़ती है।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें की जग्गनाथ मंदिर में तीन प्रमुख देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। पहली मूर्ति भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम की , दूसरी मूर्ति भगवान श्री कृष्ण की तथा तीसरी मूर्ति बलराम और श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा की।
  • पहले समय में श्री जग्गनाथ पूरी भगवान नील माधव के नाम से पूजे जाते थे जो की भील सरदार विश्वासु के आराध्य देव थे।
  • ऐतिहासिक दस्तावेज और मंदिर की शिल्पकला बताती है की जग्गनाथ मंदिर का निर्माण कलिंग वास्तु कला शैली में हुआ है।
  • हर साल जून या जुलाई माह में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा में तीनों देवताओं के लकड़ी से बने रथों को साज सजावट के साथ तैयार किया जाता है।
  • जग्गनाथ पूरी की निकलने वाली भव्य यात्रा लगभग 5 किलोमीटर लम्बी होती है। हजारों लाखों की संख्या में श्रदालु इस भव्य यात्रा में भाग लेते हैं।

10. भारत के प्रसिद्ध मंदिर-केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple):

भारत के प्रसिद्ध मंदिर kedarnath-shiv-mandir
केदारनाथ महादेव मन्दिर
  • भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर है।
  • हिमालय पर्वत की गोद में बसा केदारनाथ मंदिर देश के बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है। वहीँ अगर हम उत्तराखंड की बात करें तो केदारनाथ धाम मंदिर यहाँ के पंच केदार मंदिर में से एक है।
  • 2013 में आयी प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र केदारनाथ मंदिर और इसके आस पास का क्षेत्र रहा।
  • केदारनाथ मंदिर के बारे में कई ऐतिहासिक प्रमाण मिलते हैं। इतिहासकार मानते हैं की केदारनाथ मंदिर आज से कई हजार वर्ष पुराना प्राचीन मंदिर है जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है।
  • आपको बताते चलें की केदारनाथ मंदिर का निर्माण एक 6 फ़ीट ऊँचे चोकौर चबूतरे पर किया गया है। मुख्यतः मंदिर के तीन भाग हैं गर्भ गृह , मध्य भाग और सभा मंडप।
  • केदारनाथ मंदिर के मुख्य भाग में मंडप और गर्भ गृह हैं। इसी गर्भगृह में भगवान शिव स्वयंभू ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं।
  • मंदिर के बाहर चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ है जहाँ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर की परिक्रमा करते हैं।
  • मंदिर के बाहर प्रांगण में भगवान शिव की सवारी नंदी बैल वाहन के रूप में मौजूद हैं।
  • केदारनाथ मंदिर के चारों ओर बड़े एवं विशालकाय चार खम्भे मौजूद हैं। माना जाता है की मंदिर के यह चार खम्भे हमारे चार वेदों को प्रदर्शित करते हैं।
  • इसके बाद इन चार स्तम्भों में केदारनाथ मंदिर की कमल के आकार की विशालकाय छत स्थित है।
  • केदारनाथ शिव मंदिर में ज्योतिर्लिंग से पश्चिम दिशा की ओर एक अंखड दीपक जलता रहता है। जो हजारों सालों से निरन्तर जलता चला आ रहा है।
  • यदि आप मंदिर के गर्भ गृह की वास्तुकला की बात करें तो आपको गर्भगृह की दीवारों पर आकर्षक फूल पत्ती और कलाकृतियों के बने हुए चित्र देखने को मिल जाएंगे।
  • केदार नाथ मंदिर के गर्भगृह की अटारी पर सोने का पतर चढ़ा हुआ है।
  • आपको हम बताते चलें की ऐतिहासिक दस्तावेजों ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं की केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था। परन्तु इतना कहा जा सकता है आदिकाल के महापुरुष रहे और देश में बारह ज्योतिर्लिंग की स्थापना करने वाले आदि गुरु शंकराचार्य ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है की जब भगवान शिव कठोर तपस्या में लीन रहते हुए अंतर्ध्यान हुए तो भगवान शिव का शरीर कई टुकड़ों में विभाजित हो गया। शिव के शरीर का ऊपरी भाग नेपाल के काठमांडू में प्रकट हुआ जिसे बाद में पशुपतिनाथ कहा गया यहीं पर आज का पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है। इसी प्रकार शिव की भुजाएं जहाँ गिरीं वहां आज का तुंगनाथ मंदिर स्थित है। शिव के मुख को रुद्रनाथ मंदिर और नाभि को मध्यमहेश्वर एवं भगवान शिव की जटाओं को कल्पेश्वर मन्दिर के रूप में स्थापित होना पड़ा। दोस्तों इन्हीं स्थानों को उत्तराखंड के पंच केदार धाम कहा गया।
  • आपको हम बताते चलें समुद्र तल से केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 3,562 मीटर है।
  • प्राचीन पुराणों में राहुल सांकृत्यायन द्वारा लिखित तथ्यों से पता चलता है की केदारनाथ मंदिर का निर्माण काल 10 से 12वीं शताब्दी के बीच रहा।
  • आपको बता दें की मंदिर से प्राप्त हुए कई पुराने अभिलेख ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं जिनको अभी तक पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है।

भारत के प्रसिद्ध मंदिर (FAQs):

माता वैष्णो देवी मंदिर यात्रा की ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें ?

यदि आप माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना चाहते हैं तो आप वैष्णो देवी मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट maavaishnodevi.org पर जाकर कर सकते हैं।

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प्रसिद्ध कामख्या मंदिर कहाँ स्थित है ?

प्रसिद्ध कामख्या मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी में स्थित है।

अमरनाथ मंदिर जाने के लिए उपयुक्त समय क्या है ?

यदि आप अमरनाथ मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप जून से ले के अगस्त माह के बीच अमरनाथ धाम मंदिर यात्रा में जा सकते हैं। हर साल इसी समय श्राइन बोर्ड के द्वारा अमरनाथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर किस देवता को समर्पित है ?

दोस्तों केरल राज्य में तिरुवंतपुरम नामक स्थान में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है।

तिरुमला बाला जी मंदिर को और किस नाम से जाना जाता है ?

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तिरुमला बाला जी मंदिर को तिरुपति वेंकटेश मंदिर के नाम से जाना जाता है।

उत्तराखंड के पांच केदार कौन-कौन से हैं ?

उत्तराखंड के पांच केदार इस प्रकार निम्नलिखित हैं –
1 केदारनाथ महादेव मंदिर
2 तुंगनाथ शिव मंदिर
3 रुद्रनाथ मंदिर
4 मध्यमहेश्वर मंदिर
5 कल्पेश्वर मंदिर

तिरुपति बाला जी मंदिर धाम की आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?

तिरुपति बाला जी मंदिर धाम की आधिकारिक वेबसाइट www.tirumala.org है।

दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है ?

कम्बोडिया का अंकोरवाट मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है जिसका पुराना नाम यशोधरपुर था।

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