NGO क्या है कैसे कार्य करता है और अपना एनजीओ कैसे बनाएं ? पूरी जानकारी हिंदी में

आप ने कभी न कभी एनजीओ के बारे में सुना होगा। एक ऐसी संस्था जो सामज में अनेकों जरुरतमंदो की सहायता करती है और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्यरत होती है। ये एक प्रकार की गैर सरकारी संगठन होता है। जिसे बनाने का उद्देश्य ही समाज की सेवा करना है। आइये आज ... Read more

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Reported by Dhruv Gotra

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आप ने कभी न कभी एनजीओ के बारे में सुना होगा। एक ऐसी संस्था जो सामज में अनेकों जरुरतमंदो की सहायता करती है और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्यरत होती है। ये एक प्रकार की गैर सरकारी संगठन होता है। जिसे बनाने का उद्देश्य ही समाज की सेवा करना है। आइये आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि NGO क्या है कैसे कार्य करता है और अपना एनजीओ कैसे बनाएं ? इस संबंध में आप को सभी जानकारी यहाँ विस्तार से मिल जाएगी। जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

NGO क्या है ?

जैसे की आप ने जाना कि एनजीओ एक प्रकार का गैर सरकारी संगठन है। ये एक निजी संगठन होता है जिसे समाज सुधार व सहायता करने के इच्छुक कुछ समाजसेवी लोगों द्वारा शुरू किया जाता है। इनमे से कुछ वो लोग जो आर्थिक रूप से मजबूत हैं और कोई अच्छा व्यवसाय चलाते हैं, वो आगे बढ़कर समाज की बेहतरी के लिए की किसी एनजीओ की शुरुआत करते हैं। जिस के मदद से वो समाज में अलग अलग वर्ग से अधिक से अधिक जरूरतमंदों की मदद करते हैं। ये कोई पारम्परिक लाभ का व्यवसाय नहीं है जो किसी निजी स्वार्थ या लाभ के लिए शुरू किया गया हो। प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को विश्व NGO दिवस मनाया जाता है।

जैसे की – गरीबों को भोजन आदि उपलब्ध कराना, समाज में अकेले बुजुर्गों को रहने खाने की व्यवस्था करना, परित्यक्त और विधवा महिलाओं को आवास व अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों की पूर्ती हेतु सहायता उपलब्ध कराना और गरीब बच्चों की पढाई, खानपान आदि अनेक ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की सहायता करना ही इन एनजीओ का कार्य होता है। हालाँकि विभिन्न एनजीओ यहाँ बताये गए कार्यों के अतिरिक्त अन्य समाज उत्थान के कार्य भी करते हैं।

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NGO क्या है

जानिये एनजीओ का फुल फॉर्म

यदि आप को नहीं पता की NGO Ka Full Form Kya Hai तो आप को बता दें कि एनजीओ (NGO) का फुल फॉर्म होता है – Non Governmental Organization . इसका हिंदी में मतलब होता है गैर सरकारी संगठन।

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कैसे कार्य करता है NGO ?

लेख में अभी तक आप ने NGO Ka Matlab, एनजीओ का फुल फॉर्म हिंदी और इंग्लिश में जाना। आइये अब जानते हैं की NGO कार्य कैसे करता है ? दरअसल ये एक ऐसी संस्था है जिसका सरकार से कोई लेना देना नहीं होता। हालाँकि किसी भी एनजीओ को चलाने के लिए सबसे पहले आप को इसका पंजीकरण होता है। पंजीकरण होने से आप को ये सुविधा मिल सकती है कि सरकार द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए आप आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप के पास किसी निजी कंपनी या समाज के ही कुछ इच्छुक और सामान उद्देश्य वाले लोगों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं और इसके साथ ही एनजीओ के माध्यम से सभी जरूरतमंदों की सहायता करें।

अपना एनजीओ कैसे बनाएं ?

यदि आप भी समाज व मानव कल्याण हेतु अपना एनजीओ शुरू करना चाहते हैं तो आप को इसके लिए सबसे पहले अपने एनजीओ का पंजीकरण कराना होगा। आप की जानकारी के लिए बता दें कि पजीकरण के आधार पर ही एनजीओ के तीन मुख्य प्रकार हैं। आप को इन्ही के अनुसार अपने एनजीओ के बारे सभी जानकारी देनी है और इन तीनों में से किसी एक के तहत अपने NGO का पंजीकरण करना है। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी आवश्यकता होगी। जिसकी सूची आप को लेख में नीचे दी गयी है।

पंजीकरण हेतु महत्वपूर्ण दस्तावेज :

  • पहचान पत्र (जैसे कि-वोटर आईडी/आधार कार्ड आदि)
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पंजीकृत कार्यालय का पता व उस के स्वामित्व से जुड़े अन्य कागजात जैसे – किराया समझौता (अगर परिसर NGO के स्वामित्व में नहीं है तो)
  • पासपोर्ट (compulsory)
  • नियम और विनियम और मेमोरेंडम होना चाहिए। कम से कम तीन व्यक्तियों द्वारा निर्देशनुसार हस्ताक्षरित हो।
  • शुरुआत के लिए कम से कम 7 व्यक्ति होने चाहिए। चाहे वो सदस्य्ता या मेमोरेंडम के लिए इच्छुक व्यक्ति हों।
  • NOC के साथ Sale deed या house tax receipt जिस से स्वामित्व का पता चलता हो।
  • आयकर पैन होना आवश्यक है।
  • कम से कम दो शेयरधारक, कम से कम 2 निदेशक, जिन में से कम से कम एक निदेशक भारतीय निवासी होना चाहिए।

NGO का पंजीकरण

आप अपने एनजीओ का पंजीकरण नीचे दिए गए तीन प्रकारों के अंतर्गत करा सकते हैं –

  1. एक चैरिटेबल ट्रस्ट तौर पर / ट्रस्ट अधिनियम : A Charitable Trust
  2. एक सोसाइटी के तौर पर/ समाज अधिनियम (As a Society under Society Registration Act, 1860)
  3. एक कंपनी के तौर पर/ कंपनी अधिनियम (As a Company Under section 8 of Company Act, 2013)

एक चैरिटेबल ट्रस्ट तौर पर / ट्रस्ट अधिनियम : A Charitable Trust

हमारे देश भारत में अलग-अलग राज्यों में ट्रस्ट अधिनियम हैं, जिनके आधार पर आप अपने राज्य में एनजीओ खोलने के लिए उनका पालन कर सकते हैं। हालाँकि जिन राज्यों में ट्रस्ट अधिनियम नहीं हैं उन राज्यों में NGO की शुरुआत करने के लिए 1882 ट्रस्ट अधिनियम के तहत पंञ्जीकरण किया जा सकता है।

अपने NGO को इस अधिनियम के तहत पंजीकृत करने के लिए आप को चैरिटी कमिश्नर या फिर रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा। इससे पहले आप को ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लोकल रजिस्ट्रार से लेनी होगी जिसके बाद आप कार्यालय जा सकते हैं।

  • ट्रस्ट दो प्रकार के होते हैं – पब्लिक ट्रस्ट: जो सभी के लिए सामान रूप से कार्य करते है वहीँ दूसरा होता है प्राइवेट ट्रस्ट : जिस में कुछ सीमित वर्ग / विषयों के लिए ही कार्य किया जाता है।
  • ट्रस्ट की स्थापना हेतु कम से कम 2 लोगों (ट्रस्टी) की आवश्यकता होती है।
  • इसमें deed की बनाते हैं।

एक सोसाइटी के तौर पर/ समाज अधिनियम (As a Society under Society Registration Act, 1860)

  • इसमें कम से कम 7 लोगों की आवश्यकता होती है।
  • जानकारी दे दें की सोसाइटी राज्य स्तर पर भी बन सकती है और राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकती है।
  • इसमें जुड़े 7 लोग अलग अलग बैकग्राउंड या क्षेत्र से होते हैं जो अपने अनुभवों का इस्तेमाल करने के लिए सोसाइटी का निर्माण करते हैं और समाज कल्याण के लिए सक्रीय होते हैं।
  • इसमें सभी ७ लोगों के केवाईसी डाक्यूमेंट्स वगैरह होने चाहिए।
  • पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस में जाना होगा।

एक कंपनी के तौर पर/ कंपनी अधिनियम (As a Company Under section 8 of Company Act, 2013)

  • सेक्शन 8 कंपनी की शुरुआत पारदर्शिता के लिए किया गया था।
  • डायरेक्ट सेंट्रल लेवल पर भी कार्य हो सकता है।
  • इसका अनुपालन सरल होता है। क्यूंकि ऑनलाइन प्रक्रिया होती है।
  • कम से कम 2 लोगों की आवश्यकता होती है।
  • सभी सदस्यों के kyc के दस्तावेज महत्वपूर्ण दस्तावेज।
  • सोसाइटी और ट्रस्ट के तरह ही काम होता है।

एनजीओ से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

NGO क्या होता है ?

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एनजीओ एक प्रकार का गैर सरकार संगठन होता जिसे समाज कल्याण हेतु किये जाने वाले कार्यों को पूरा करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। ये एक ऐसा संगठन होता है जो समाज में सभी जरूरतमंद लोगों की सहायता करता है। इन संगठनों के माध्यम से समाज के विभिन वर्गों की सहायता की जाती है जैसे – विधवा महिलाओं, त्यक्त महिलाएं व बुजुर्ग की सुरक्षा व उनके देख रेख का जिम्मा उठाने से लेकर गरीब बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा व अन्य महत्वपूर्ण खर्चे उठाये जाते हैं।

एनजीओ के कितने प्रकार के होते हैं ?

इसके मुख्य तीन प्रकार है – ट्रस्ट अधिनियम, सोसाइटी अधिनियम, कंपनी अधिनियम। एनजीओ के प्रकार उन्हें चलाने के रणनीति और विभिन्न दिशानिर्देशों के आधार पर होता है।

एनजीओ में कौन कौन सी पोस्ट होती है?

एनजीओ में विभिन्न स्तरों पर विभिन्न पोस्ट होती है जिनमे में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ,सचिव, सलाहकार, कोषाध्यक्ष, कार्यकर्ता आदि के पद शामिल होते हैं।

भारत में कितने NGO हैं ?

हमारे देश भारत में 30 लाख से भी अधिक NGO रजिस्टरड हैं।

किसी भी NGO में कितने सदस्य होने चाहिए ?

एक एनजीओ में 10 से 15 सदस्य होते हैं। इसमें कम से कम 5 या 7 सदस्य हो सकते हैं। हालाँकि इसके अधिकतम सदस्यों की सीमा कितनी भी हो सकती है।

भारत के सबसे बड़े एनजीओ का क्या नाम है ?

भारत में सबसे बड़े NGO का नाम स्माइल फाउंडेशन है।

आज इस लेख में आप ने एनजीओ के बारे में पढ़ा। साथ ही इस से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी आप ने इसमें पढ़ी। उम्मीद है ये जानकारी आप के लिए उपयोगी होगी। ऐसे ही अन्य लेखों को पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

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1 thought on “NGO क्या है कैसे कार्य करता है और अपना एनजीओ कैसे बनाएं ? पूरी जानकारी हिंदी में”

  1. क्या एक फ़र्म ओवनर ख़ुद का ही एनजीओ बना के ख़ुदके स्तर पे उसमे काम करता है और बाक़ी 5 सस्स्य क्या फ़र्म ओवनर उस NGO का अध्यक्ष बने या सचिव ताकि उस एनजीओ की रूपरेखा सब। उसके हिसाब से। चले

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