पंचवर्षीय योजना | भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ 1947 से 2017 तक | Five Year Plans in hindi

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Reported by Dhruv Gotra

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दोस्तों पंचवर्षीय योजना केंद्र सरकार द्वारा लायी योजना है। आपको बता दे की हर पांच वर्षों में देश में इस योजना की शुरुवात की जाती है मतलब Five Year Plans हर 5 साल में देश की जनता के सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए शुरू की गयी योजना है। यह एक एकीकृत राष्ट्रीय तथा केंद्रीकृत आर्थिक कार्यक्रम है। योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 12वीं Panchvarshiya Yojana का सञ्चालन (operations) किया गया है।

पंचवर्षीय योजना क्या है? भारत की 13वीं पंचवर्षीय योजना की जानकारी | Five Year Plans in hindi
Panchvarshiya Yojana क्या है?

वर्ष 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना को प्रारंभ किया गया था तथा उसके बाद 2017 में लास्ट Five Year Plans योजना शुरू की गयी थी। योजना आयोग द्वारा इन Panchvarshiya Yojana का सञ्चालन किया जाता था परन्तु अब इस योजना का सञ्चालन नीति आयोग द्वारा ही किया जाता है। आपको बता दे की वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पंचवर्षीय योजना को अब बंद कर दिया गया है। दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में पंचवर्षीय योजना क्या है? भारत की 13वीं पंचवर्षीय योजना की जानकारी | आपके साथ जानकारी साझा करेंगे।

पंचवर्षीय योजना क्या है ?

सरकार द्वारा चलायी जाने वाली पंचवर्षीय योजना जिसे हम एक केंद्रीय योजना भी कह सकते है। यह एक पंचवर्षीय योजना है जो हर पांच वर्षों में शुरु की जाती है यह योजना देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा देश के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाना है ताकि हमारा देश उन्नति कर सके इस योजना को लाने के पीछे यही ही नहीं कई उद्देश्य थे।

उदहारण- देश में कृषि के क्षेत्र का विकास करना, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार करना, देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना तथा देश की जनता को आत्मनिर्भर बन सके तथा देश तरक्की कर सके। लोगो को रोजगार प्राप्त हो सके ताकि उनकी आर्थिक स्तिथि में सुधार आ सके। योजना का उद्देश्य है की देश के हर क्षेत्र में सभी लोगो को इस योजना का लाभ प्राप्त हो।

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दोस्तों पहले पंचवर्षीय योजना का सञ्चालन योजना आयोग द्वारा किया जाता था लेकिन अब नीति आयोग द्वारा इस योजना को संचालित किया जाता है। 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग की Establishment (स्थापना) हुई थी।

आपको बता दे नीति आयोग को राज्यों के विषय में कोई भी फैसला लेने की जरुरत नहीं है मतलब वह कोई भी फैसला नहीं ले सकता। नीति आयोग इस योजना में यदि काम करेगा तो वह एक संस्था सलाहकार के रूप में ही काम करेगा।

इस योजना का प्रचलन देश में काफी हुआ देश के अनेक लोगो को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ। जो अब 13 Five Year Plans है वह भी देश में निम्न उद्देश्य से शुरू की जाएगी जैसे- देश में सब बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सबको स्वरोजगार पाने का अवसर प्रदान हो, कृषि के क्षेत्र में विकास आदि और भी योजनाए है।

पंचवर्षीय योजना के मुख्य बिंदु

पंचवर्षीय योजना के मुख्य बिंदु निम्न प्रकार से टेबल में दर्शा रखे है-

योजना का नाम पंचवर्षीय योजना (Five Year Plans)
शुरू हुई1951
प्रारम्भ की किसके द्वारा की गईभारत सरकार द्वारा
योजना आयोग गठन15 मार्च 1990
कुल पंचवर्षीय योजना13
नीति आयोग का गठन1 जनवरी 2015
लाभार्थीसभी वर्ग के लोग (आरक्षित, अनुसूचित तथा सामान्य जाति)
पहली पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ8 जुलाई
उद्देश्यदेश की जनता की आर्थिक स्तिथि में सुधार आये तथा लोग आत्म निर्भर बनके देश का विकास कर सके।
श्रेणीकेंद्रीय सरकारी योजना
नयी वेबसाइटniti.gov.in

पंचवर्षीय योजना का क्या इतिहास है?

1928 में सोवियत संग के अंग्रेजी शासक जोसेफ स्टालिन ने सबसे पहले Panchvarshiya Yojana को प्रारम्भ किया था। भारत में 8 जुलाई 1951 में पंचवर्षीय योजना की शुरुवात भारत देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवहारलाल नेहरू द्वारा संसद में किया गया था। प्रधानमंत्री पंडित जवहारलाल नेहरू द्वारा इस योजना को इस लिए प्रारम्भ किया गया ताकि देश की आर्थिक स्तिथि सुधर सके।

देश में योजना का प्रारम्भ देश में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए किया गया था देश की आर्थिक स्तिथि को मजबूत कर देश में विकास हो सके। देश की गरीब जाना को रोजगार प्रदान करना, कृषि को लेकर भी तथा अन्य सभी क्षेत्रों में विकास हो सके।

Five Year Plans योजना की विशेषताएं

योजना की निम्न लिखित विशेषताएं है-

  • 8 जुलाई 1951 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा पंचवर्षीय योजना की शुरुवात की गयी थी।
  • Panchvarshiya Yojana को और विकसित करने के लिए 15 मार्च 1990 में योजना आयोग का आयोजन किया गया था।
  • इस योजना के अंतर्गत देश में यह योजना पांच वर्ष तक जारी की जाती है ताकि देश का विकास हो सके। उसके बाद पांच साल के लिए इस योजना में नई योजनाएं अवधारित की जाती है।
  • ये योजना देश में लगभग 13 बार संचालित की जा चुकी है।
  • इस योजना से देश की आर्थिक स्तिथि में सुधार आ सके देश की जनता के जीवन में सुधार आए वो देश के लिए तरक्की कर सके।
  • देश में योजना का संचालित इस लिए किया गया ताकि देश की गरीब जनता के जीवन में उन्नति हो सके उनको रोजगार के अवसर प्राप्त हो उनके जीवन में आर्थिक तंगी की समस्या से वे छुटकारा पा सके, अपना स्वरोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सके।

पंचवर्षीय योजनाओं की लिस्ट

दोस्तों आपने पंचवर्षीय योजना का नाम तो सुन लिया पर जब से यह शुरू हुई उसके अंदर कितनी योजनाएं आ गयी है तथा वह किस वर्ष में प्रारम्भ की गए ये भी जानना जरुरी है इन सब योजनाओं की जानकारी हमने नीचे टेबल में दी हुई है आप देख सकते है-

वर्षपंचवर्षीय योजनाउद्देश्य (Objective)
1951-1956पहली पंचवर्षीय योजनाकृषि क्षेत्र तथा बहुउदेश्यीय परियोजना का आरम्भ
1956-1961दूसरी पंचवर्षीय योजनाऔद्योगिक विकास
1961-1966तीसरी पंचवर्षीय योजनाअर्थव्यवस्था को मजबूत तथा जनता को आत्मनिर्भर बनाना
1969-1974चौथी पंचवर्षीय योजनाआत्मनिर्भरता तथा देश का आर्थिक विकास
1974-1979 पांचवी पंचवर्षीय योजनाकृषि उत्पादकता तथा आत्मनिर्भर भारत
1980-1985छठी पंचवर्षीय योजनागरीबी को खत्म कर देश में आर्थिक विकास लाना
1985-1990सातवीं पंचवर्षीय योजनासामाजिक सेवा, ग्रामीण विकास, देश को गरीबी से मुक्त तथा देश की जनता के लिए नए रोजगार लाना।
1992-1997आठवीं पंचवर्षीय योजनाअनेक संस्थाओं का निर्माण करना तथा सामाजिक सार्वजानिक सामान को (नगर पालिका, पंचायत) आदि में निर्माण का कार्य कर मजबूत बनाना
1997-2002नौवीं पंचवर्षीय योजनासरकार ने जो भी संस्थान बनाये गए है उनको सही तरीके से प्रयोग में लाया जाएँ।
20022007दसवीं पंचवर्षीय योजनाइस योजना के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ाया गया, कृषि क्षेत्र को बढ़ने का प्रयास किया गया तथा ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कर वहां के निवासियों को रोजगार प्रदान किया गया।
2007-2012ग्यारवीं पंचवर्षीय योजनायोजना के माध्यम से देश में विकास को बढ़ाया गया इसके तहत आम आदमी बीमा योजना, राजीव आवासीय योजना तथा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनाओं की शुरुवात की गयी।
2012-2017बारवीं पंचवर्षीय योजना10% का लक्ष्य रखा गया ताकि देश में आर्थिक विकास इतना हो सके तथा जब ग्यारवीं पंचवर्षीय आयी तब 9% को कम कर 8.1 कर दिया गया था।
2017-2035तेरवीं पंचवर्षीय योजनानीति आयोग द्वारा इस योजना का 15 साल का ढांचा तैयार किया गया है अब मतलब जो पहले पंचवर्षीय योजना होती थी अब वो बंद कर दी गयी है।

पहली पंचवर्षीय योजना (1951 से 1956)

आपको बता दे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवहार लाल नेहरू द्वारा संसद में 8 दिसंबर 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना का प्रारम्भ किया गया था। जैसे ही देश में इस योजना को प्रारम्भ करने की खबर पहुंची तो देश की जनता में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी लोग देश में यह योजना लागू होने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक थे। आपको बता दे हेराल्ड डोमर मॉडल पर ही पहली पंचवर्षीय योजना आधारित है। यह भारत की एक राष्ट्रीय योजना थी। उस समय कृषि क्षेत्र की स्तिथि बहुत ज्यादा खराब थी।

इस समस्या पर चिंतित हो कर सबसे पहले योजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सुधार किया गया तथा सिंचाई के लिए बांधों के निर्माण पर भी जोर दिया गया जैसे-हीराकुंड बांध, भाखला नांगल बांध आदि। सरकार द्वारा 2.1% का लक्ष्य निर्धारित किया गया जिसके तहत 3.6% की वृद्धि होने लगी थी।

जब प्रथम योजना का सञ्चालन किया गया था तब उस समय में पांच इस्पात सयंत्रों की भी नींव रखी गयी थी। इस योजना में बजट भी पारित किया गया था जो 2603 अरब का था। देश की आजादी के बाद इस योजना की शुरुवात की गयी थी तथा इस योजना को सबसे सफल योजना भी माना गया। योजना में 7 व्यापक क्षेत्रों में प्रथम पंचवर्षीय योजना को आमंत्रित किया गया था जो निम्न प्रकार से है-

  1. उद्योग
  2. भूमि पुनर्वास के लिए
  3. परिवहन और संचार
  4. सिंचाई और ऊर्जा
  5. सामाजिक सेवाएं
  6. कृषि एवं सामुदायिक में विकास
  7. और अन्य क्षेत्र तथा सेवाएं

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • सबसे पहले कृषि के विकास अधिक करने पर प्रयास किया गया। किसानो की आर्थिक स्तिथि में सुधार किया गया उनको हुए नुक्सान का मुवाबजा दिया गया।
  • देश में शरणार्थियों को पुनर्वास किया गया।
  • कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए बांध बनाने का निर्माण किया गया।
  • देश की जनता की आर्थिक स्तिथि में सुधार आये और उसके आलावा हर क्षेत्र में विकास हो सके।
  • देश की जनता के लिए रोजगार उपलब्ध करा कर जनता को आत्मनिर्भर बनाना।

दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956 से 1961)

1951 से 1956 तक पहली पंचवर्षीय योजना खत्म होने के बाद दूसरी पंचवर्षीय योजना को प्रारम्भ किया गया जो 1956 से 1961 तक चली थी। इस योजना का प्रारम्भ मुख्य रूप से INDUSTRIES (उद्योग) के काम को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था तथा घरेलू उत्पादनों में विकास को प्रोत्साहित किया गया।

देश की जनता के जीवन स्तर में सुधार कर 5 साल में राष्ट्रीय आय में 25% की बढ़ोतरी करने का लक्ष्य तैयार किया गया था। Panchvarshiya Yojana के माध्यम से स्टील प्लांट मिल शहरों जैसे-राउरकेला, भिलाई तथा दुर्गापुर आदि में पनबिजली तथा अन्य भारी परियोजनाओं को आधारित (Established) किया गया था।

इन योजनाओं के पीछे देश का विकास छुपा हुआ था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना पी० सी० महालनोबिस मॉडल पर आधारित है।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • योजना में प्राथमिकता औद्योगिक उत्पादन के विकास को दी गयी है।
  • नए उद्योगों की निर्माण हेतु तैयारियां शुरू की गयी।
  • योजना के माध्यम से कोयले के उत्पादन में बढ़ावा किया गया।
  • योजना के माध्यम से देश में घरेलू उत्पादन को भी बढ़ावा किया गया।
  • योजना के तहत दुर्गापुर, राउरकेला तथा भिलाई जैसे बड़े इस्पात बनाये गए।
  • योजना में पूंजीगत वस्तुओं तथा व्यवसायिक गतिविधि आयात के केंद्रों में भी ध्यान दिया गया।
  • छात्रों को पढ़ाई में मदद मिल सके इसके लिए 1957 में बच्चों को छात्रवृति देने की शुरुवात की गयी।

तीसरी पंचवर्षीय योजना (1961 से 1966)

तीसरी पंचवर्षीय योजना जॉन सेंडी और सुखमय चक्रवर्ती मॉडल पर आधारित है। इस योजना को गाडगिल योजना नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दे भारत और चीन का युद्ध 1962 में हुआ तथा उस वक्त भारत में तीसरी पंचवर्षीय योजना का प्रारम्भ किया गया था। उसके बाद 1965 में भारत और पाक का युद्ध हुआ था। इस युद्ध ने देश की आर्थिक व्यवस्था को हिला दिया देश में बहुत नुकसान हो गया तथा जो तीसरी पंचवर्षीय योजना शुरु की गयी थी उसका लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।

नुक्सान के बावजुद भी इस योजना में कई कार्यों को आरम्भ किया गया जैसे-बांध निर्माण कार्य, ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों का निर्माण तथा कृषि के क्षेत्र में विकास शुरू किया गया था। योजना में घरेलू उत्पादन का 5.6% का लक्ष्य रखा गया जिसके तहत 2.84% की वृद्धि ही हुई थी।

जब तीसरी पंचवर्षीय योजना (1961 से 1966) समयकाल खत्म हुआ उसके बाद 1967 से 1969 तक सरकार द्वारा कोई भी पंचवर्षीय योजना का प्रारम्भ नहीं किया गया। इसे एक नया नाम दिया गया प्लेन हॉलिडे

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • सिंचाई तथा बांध के कार्य में अधिक ध्यान दिया जाये।
  • पंजाब राज्य में अधिक मात्रा में गेहूं का उत्पादन किया जा सके इसके लिए यह योजना प्रारम्भ की गयी।
  • योजना में अधिक प्राथमिकता कृषि के क्षेत्र को दी गयी।
  • इस योजना के तहत देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना तथा देश की जनता को आत्मनिर्भर बनाना गया।
  • योजना में घरेलू उत्पादन का 5.6% का लक्ष्य रखा गया जिसके तहत 2.84% की वृद्धि हुई थी।
  • तीसरी पंचवर्षीय योजना में सीमेंट तथा रासायनिक खाद्य आदि के उद्योगों को बढ़ाने में ध्यान दिया गया।

चौथी पंचवर्षीय योजना (1969 से 1974)

जब चौथी पंचवर्षीय योजना 1969 में आरम्भ की गयी थी उसी समय भारत देश में पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंद्रा गांधी बनी थी। तथा इस योजना का कार्यकाल 1969 से 1974 तक था। चौथी पंचवर्षीय योजना के तहत सरकार द्वारा 14 भारतीय बैंकों nationalized किया गया था। तथा कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए हरित क्रांति अभियान भी शुरू किया गया था। सरकार ने इसका लक्ष्य 5.7% रखा था परन्तु जो केवल 3.3% ही हुआ।

प्रधानमंत्री द्वारा गरीबी हटाओं का नारा 1971 में दिया गया था। डी. पी गाडगिल जो की योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे उनके ही द्वारा इस योजना को तैयार किया गया था। यह जो योजना है इसे अशोक रूद्र व ए० मान्ने मॉडल पर आधारित किया गया है।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि सबसे पहले देश की आर्थिक व्यवस्था को प्राथमिकता मिले।
  • योजना में 5.7% विकास का लक्ष्य रखा गया परन्तु विकास दर केवल 3.3% ही हो पायी।
  • देश की जनता का आर्थिक विकास हो सके और वे आत्मनिर्भर बन सके योजना का ये उद्देश्य था।
  • चौथी पंचवर्षीय योजना में देश के निवासियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया था उनके लिए रोजगार उपलभ्ध करना ये मुख्य लक्ष्य था।
  • इस योजना के दौरान ही ISRO की स्थापना भी की गयी थी।
  • योजना के तहत 14 भारतीय बैंकों को सरकार द्वारा nationalized किया गया था।

पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974 से 1979)

पांचवी पंचवर्षीय योजना देश में 1974 में शुरू की गयी थी तथा योजना का कार्यकाल 1974 से 1979 तक था। पांचवी पंचवर्षीय योजना डी. पी. धार मॉडल पर आधारित है। योजना में सबसे पहले कृषि क्षेत्र में ध्यान दिया गया ताकि हम इसमें कैसे उन्नति कर सके। कृषि क्षेत्र में कैसे सुधार किया जा सके मतलब इस काम के लिए सर्वप्रथम ऐसे ही प्राथमिकता मिली थी।

योजना के अंतर्गत दूसरी प्राथमिकता उद्योग निर्माण के लिए की गयी थी। तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकों का निर्माण हो सके वहाँ के लोग अपना काम-काज आसानी से कर सके। देश की जनता का गरीबी से हाल छूट सके उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान कराएं जाये।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • इस योजना के अंतर्गत 2 अक्टूबर 1975 को बैंकों की स्थापना की गयी थी।
  • सड़कों में बढ़ते ट्रेफिक की समस्या को लेकर सड़कों को चौड़ा करने के लिए लक्ष्य रखा गया।
  • देश में गरीबी की समस्या को हटाना यह मुख्य उद्देश्य बनाया गया।
  • योजना के माध्यम से सोशल फॉरेस्ट्री की योजनाओं को भी शुरू किया गया।
  • योजना के तहत हाईवे सिस्टम को भी शामिल किया गया ताकि नेशनल हाईवे का निर्माण हो सके।

Important Details:

दोस्तों जैसा की आपने अभी पढ़ा कि पांचवी पंचवर्षीय योजना के शुरुवात के समय इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थी परन्तु उस समय देसमे RE-इलैक्शन हो गए थे जिसके कारण उनकी सरकार सिर्फ चार वर्ष तक ही रह पायी। उसके बाद मोरारजी देसाई को जनता पार्टी से प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया। जो ये योजनाएं चालू थी उनको बंद कर दिया गया।

छठी पंचवर्षीय योजना (1980 से 1985)

छठी पंचवर्षीय योजना में देश के आर्थिक विकास तथा गरीबी को जड़ से खत्म करने का कार्य मुख्य माना गया था या ये कहे की योजना में आर्थिक उदारीकरण को प्रारम्भ किया गया था। राशन की जो दुकाने थी उनको बंद कर मूल्य नियंत्रण को समाप्त किया गया। तथा खाद्य की जो कीमते थे उनकी बढ़ोतरी हुई।

देश में बढ़ती हुई जनसँख्या को देखकर इसके निवारण के लिए परिवार नियोजन योजना की भी शुरुवात की गयी ताकि देश में बढ़ती हुई जनसँख्या को सीमित रखा जा सके। इसी समय के दौरान अनवरत योजना 1978 से 1983 के समयकाल में शुरु की गयी थी। तथा इंदिरा गाँधी की सरकार द्वारा 1980 में इस योजना को खत्म कर दिया गया। तथा इस दौरान फिर से छठी पंचवर्षीय योजना को शुरू किया गया और यह योजना सफल भी हुई।

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योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • छठी पंचवर्षीय योजना के तहत नाबर्ड (NABARD) बैंक की स्थापना की गयी।
  • योजना के तहत फॅमिली प्लानिंग या परिवार नियोजन योजना की भी शुरुवात की गयी।
  • देश के सभी बेरोजगार नागरिको को रोजगार प्रदान किये जाये इसके लिए कार्य किया गया।
  • उसी समय देश में इकॉनोमिक लिब्रलाइजेशन योजना को भी प्रारम्भ किया गया।
  • देश की आर्थिक उन्नति पर ध्यान केंद्रित किया गया देश में गरीबी को खत्म करना ये मुख्य उद्देश्य था देश तथा देश के नागरिकों का आर्थिक विकास हो सके।
  • योजना के तहत आधुनिकीकरण तथा सामाजिक न्याय भी स्थापित किया गया।
  • इस योजना में मुद्रास्फीर्ति का 16.7% का लक्ष्य रखा गया जो केवल 5% ही हुआ।
  • योजना के अंतर्गत न्यूनतम अभिषेक कार्यक्रम योजना की भी चालू किया गया गया ताकि निम्न वर्ग के लोगो की आय में वृद्धि की जा सके।
  • योजना में 5.0% का लक्ष्य रखा गया जिसमे 6.01% की बढ़ोतरी हुई।

सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985 से 1990)

सातवीं पंचवर्षीय योजना को 1985 में शुरू किया गया था जिसका कार्यकाल 1985 से लेकर 1990 तक था। आपको बता दे इस सातवीं पंचवर्षीय योजना योजना का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया था तथा उस समय प्रधानमंत्री राजीव गाँधी थे। योजना के अंतर्गत अनाज के उत्पादन, देश की जनता तक सामाजिक सेवा को पहुंचना, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तथा देश में नए रोजगार लाकर देश की जनता को रोजगार दे कर बेरोजगारी को खत्म करना इसका मुख्य उद्देश्य था।

किसके तहत 5.0% का का लक्ष्य रखा गया था जिसमे 6.0% की बढ़ोतरी हुई। योजना के तहत इंदिरा आवास योजना (1985-1986), नेहरू रोजगार योजना (1989) तथा जवहार लाल रोजगार योजना की शुरुवात की गयी थी। खाद्यान उत्पादन में भी बढ़ावा इसको प्राथमिकता दी गयी थी। सातवीं पंचवर्षीय योजना में समाजवाद तथा बड़े पैमाने पर ऊर्जा का उत्पादन हो सके इस पर जोर दिया गया।

सातवीं पंचवर्षीय योजना में जिस क्षेत्र में मुख्य रूप से काम किये गए थे या योजना की शुरुवात इनके लिए ही की गयी थी- आधुनिक तकनीक का उपयोग हो, सामाजिक न्याय,कृषि क्षेत्र विकास, आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की समस्याओं को दूर करना, वस्त्र तथा हर किसी को आश्रय मिल सके, भोजन प्राप्ति तथा अर्थव्यवस्था को करना आदि।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • योजना के तहत नई नीति तथा कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गयी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास हो सके इसके के लिए योजनाएं बनायीं गई।
  • बेरोजगार लोगो को रोजगार मिल सके इसके लिए रोजगार प्रदान किये गए।
  • देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर लोगो को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य रखा गया।
  • योजना के तहत भोजन, कार्य तथा उत्पादन को बढ़ाया जाये इसके लिए नारे लगाए गए।
  • देश के प्रत्येक क्षेत्र में सभी लोगो तक सामाजिक सेवाएं पहुंच सके इसके लिए नयी नीतियां बनायीं गयी।

Important Details:

देश में केंद्र सरकार की परिवर्तनशीलता (volatility) हो गयी थी। जिसकी वजह से आठवीं पंचवर्षीय योजना जिस समय में शुरू होनी थी वो उस समय पर आरम्भ नहीं हुई। तथा देश दो सालीये योजना (1990-91 से 1991-92) को प्रारम्भ किया गया। उसी समय के दौरान Small Industries Development Bank of India (SIDBI) की शुरुवात वर्ष 1980 में की गयी थी।

आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992 से 1997)

आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992 में शुरू की गयी थी जिसका कार्यकाल 1992 से 1997 तक था। यह योजना जॉन डब्लू मिलर मॉडल पर आधारित है। आठवीं पंचवर्षीय योजना देश के निवासियों के विकास को लेकर तथा कई उद्देश्यों को पूरा करने के लिए शुरू की गयी थी जैसे- शिक्षा क्षेत्र में विकास या सुधार, विद्यालयों का निर्माण या पुराने विद्यालयों की मरम्मत करना, सामाजिक विकास के लिए नयी नीतियां बनाना और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सभी को आदि।

इसी योजना के दौरान ही प्रधानमंत्री योजना की भी शुरुवात की गयी थी। ऊर्जा में प्राथमिकता ऊर्जा के क्षेत्र में होने वाले खर्च को 26.6% दी गयी। तथा यह कामयाब योजना रही, सरकार द्वारा 5.6% इस योजना का लक्ष्य रखा गया तथा जिसकी प्राप्ति में 6.8% की बढ़ोतरी हुई।

योजना के ही चलते नरसिम्हा राव ने आर्थिक नीति को भी स्वीकृत कर दिया था जैसे- निजीकरण, वैश्वीकरण तथा उदारीकरण आदि।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • आठवीं पंचवर्षीय योजना के तहत 15 से 35 वर्ष के लोगो में illiteracy को भी समाप्त किया गया।
  • शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया जाये इसके लिए प्रथम प्राथमिकता दी गयी।
  • रोजगार हेतु भी चर्चाएं की गयी।
  • योजना के तहत मैला ढोने की प्रथा को भी खत्म किया गया तथा पीने के लिए साफ पानी मिल सके। देश वासियों का विकास हो सके इसके लिए मुख्य कार्य किये गए।
  • योजना के अंतर्गत नयी संस्थाओं का निर्माण किया गया ताकि देश में विकास की वृद्धि हो सके।
  • सिंचाई, परिवहन तथा ऊर्जा के क्षेत्र में वृद्धि हो सके इसके लिए योजना में कार्य किये गए।
  • मानव संसाधन, पंचायत राज तथा नगर पालिका में होने वाले कार्यों को मजबूत बनाना इसके लिए नए उद्देश्य बनाये गए।

नवीं पंचवर्षीय योजना (1997 से 2002)

नवीं पंचवर्षीय योजना जब भारत का 50वां वर्ष पूरा हुआ था उसी समय योजना को प्रारम्भ किया गया था। तथा नवीं पंचवर्षीय योजना को आगत-निर्गत मॉडल पर आधारित मानते है। देश में कई क्षेत्रों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए योजना की शुरुवात की गयी थी। योजना में विकास हेतु नयी नीति को भी अपनाया गया जो की 15 साल पुरानी योजना नीति थी परन्तु यह योजना आर्थिक विकास कार्य में सफल ना हो सकी।

योजना के अंतर्गत और कार्यो पर ध्यान दिया गया जैसे- देश में जनता के लिए नए रोजगार लाना, मानव विकास का कल्याण हो सके, घरेलू संसाधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता की और अग्रसर करना, शिक्षा क्षेत्र में विकास, देश में कृषि को अधिक महत्व प्रदान करना, ग्रामीण निवासियों का विकास और सबको पीने के लिए स्वच्छ जल मिले आदि के क्षेत्रों में कार्य किये गए।

योजना के तहत इन कामों का 6.5% लक्ष्य निर्धारित किया गया परन्तु इसकी वृद्धि केवल 5.5% ही हुई। योजना के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना, जवहार ग्राम समृद्धि योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना तथा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार आदि योजनाओं की शुरुवात गयी।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य में अधिक जोर दिया गया।
  • योजना के तहत नए रोजगार के अवसर , देश में गरीबी को समाप्त करना तथा घरेलू संसाधनों द्वारा लोगो को आत्मनिर्भर बनाना इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
  • प्राथमिक संस्थानों का सही ढंग से प्रयोग करना तथा नए संस्थानों का निर्माण करना।
  • देश का आर्थिक विकास हो सके।

दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002 से 2007)

दसवीं पंचवर्षीय योजना शुरू करने का मुख्य लक्ष्य देश में गरीबी को समाप्त करना था और देश के प्रत्येक क्षेत्र के लोगो को रोजगार मिल सके तथा देश में कोई भी व्यक्ति बेरोजगार ना रहे। रोजगार कर रहे नागरिकों की आय को दुगुमा करने का लक्ष्य गया ताकि कोई भी परिवार आर्थिक तंगी से परेशान हो। स्कूलों का निर्माण कर बच्चों को 2003 में प्रवेश दिया गया।

देश में जनसँख्या घटाव 16.2% हो गया मतलब उस वक्त जनसँख्या दर घट गयी थी तथा जनसँख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया गया और 8% का टारगेट रखा गया जिसमे केवल 7.7% की बढ़ोतरी हुई।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • योजना के अंतर्गत उन क्षेत्रों में भी रोजगार दिए गए जो पिछड़े वर्ग क्षेत्र में आते है रोजगार प्राप्त कर वहां के लोगो को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया गया।
  • योजना के तहत 2007 में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र के स्थान को सबसे ऊंचा दर्जा प्रदान किया गया।
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना में और क्षेत्रों को तो प्राथमिकता दी गयी परन्तु सबसे अधिक प्राथमिकता ऊर्जा के क्षेत्र में विकास तथा कृषि क्षेत्र में सुधार को दिया गया।

ग्यारवहीं पंचवर्षीय योजना (2007 से 2012)

ग्यारवहीं पंचवर्षीय योजना जब शुरू की गयी उस समय मनमोहन सिहं देश के प्रधानमंत्री थे। योजना को 2007 में देश के विकास को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। योजना का मुख्य लक्ष्य था की सबको स्वच्छ जल पीने को मिले इसके लिए सभी नदियों तथा क्षेत्रों ने सफाई करने के लिए 2012 में फैसला लिया गया था। योजना के दौरान राजीव आवासीय योजना, प्रधानमंत्री ग्राम योजना तथा आम आदमी योजनाओं का प्रारम्भ किया गया था।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • ऊर्जा के क्षेत्र में विकास करके ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि करना तथा जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं है वहां बिजली को पहुंचाना।
  • वर्ष भर के विकास के लिए 9% का टारगेट रखा गया।
  • कृषि के क्षेत्र में हो इसका मुख्य उद्देश्य रखा गया।
  • योजना के तहत जल को स्वच्छ करने का मुख्य उद्देश्य बनाया गया जिसके तहत सबको स्वच्छ जल पीने को मिल सके।

बारवीं पंचवर्षीय योजना (2012 से 2017)

बारवीं पंचवर्षीय योजना को 2012 में शुरू किया गया था। तथा हर Panchvarshiya Yojana की तरह इसके भी मुख्य उद्देश्य थे जैसे- कृषि के क्षेत्र में विकास,ग्रामीण तथा शहरी विकास हेतु ऊर्जा उपलब्ध करना, शिक्षा,ऊर्जा,उद्योग तथा सामाजिक कार्यों में ध्यान दिया गया इन क्षेत्रों में कार्य किया गया।

योजना के अंतर्गत मुख्य कार्य एवं उद्देश्य

  • योजना के तहत सभी क्षेत्र में बैंकिंग सुविधा के प्रति सबको जागरूक बनाना है।
  • स्वच्छ जल हेतु अभियान शुरू करना।
  • योजना के अंतर्गत 2017 तक एक लक्ष्य निर्धारित किया गया था की सभी ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तक बिजली पहुंच सके।
  • बारवीं पंचवर्षीय योजना (2012 से 2017) ये लास्ट Panchvarshiya Yojana थी, अब सिर्फ पाँच वर्ष का डिफेंस प्लान ही प्रयुक्त होगा।

तेहरवीं पंचवर्षीय योजना

दोस्तों आपको बता दे की 13 Panchvarshiya Yojana के शुरू होने पर तब से ये जो योजनाए शुरू होती थी इनको अब बंद कर दिया गया है। 12वीं ही पंचवर्षीय योजना अंतिम थी जिसे शुरू किया गया था तथा तेहरवीं पंचवर्षीय योजना नहीं बनायीं गयी। 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद नीति आयोग द्वारा ड्राफ्ट प्लान शुरू किया गया जिसके अंतगत 15 वर्ष का लॉन्ग टर्म रहेगा। रणनीति बनायीं गयी जो 7 साल की थी। तेहरवीं पंचवर्षीय योजना को बदलकर THREE YEAR ACTION AGENDA पेश किया गया। सरकार द्वारा नागरिकों के लिए क्या सुविधाएँ दी जाएँगी जिसमे उनका हित हो।

पंचवर्षीय योजना क्या है? से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

पंचवर्षीय योजना क्या है बताइये?

सरकार द्वारा चलायी जाने वाली पंचवर्षीय योजना जिसे हम एक केंद्रीय योजना भी कह सकते है। यह एक पंचवर्षीय योजना है जो हर पांच वर्षों में शुरु की जाती है यह योजना देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा देश के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाना है ताकि हमारा देश उन्नति कर सके इस योजना को लाने के पीछे यही ही नहीं कई उद्देश्य थे।

देश में पंचवर्षीय योजना को शुरू करने का क्या उद्देश्य था?

देश की जनता की आर्थिक स्तिथि में सुधार आये तथा लोग आत्म निर्भर बनके देश का विकास कर सके।

पहली पंचवर्षीय योजना के विषय में बताईये।

आपको बता दे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवहार लाल नेहरू द्वारा संसद में 8 दिसंबर 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना का प्रारम्भ किया गया था। जैसे ही देश में इस योजना को प्रारम्भ करने की खबर पहुंची तो देश की जनता में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी लोग देश में यह योजना लागू होने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक थे। आपको बता दे हेराल्ड डोमर मॉडल पर ही पहली पंचवर्षीय योजना आधारित है। यह भारत की एक राष्ट्रीय योजना थी।

नवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत दो मुख्य कार्य एवं उद्देश्य बताईये।

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य में अधिक जोर दिया गया।
योजना के तहत नए रोजगार के अवसर , देश में गरीबी को समाप्त करना तथा घरेलू संसाधनों द्वारा लोगो को आत्मनिर्भर बनाना इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

कौन-सी पंचवर्षीय योजना सफल हुई थी?

ग्यारवहीं पंचवर्षीय योजना सबसे सफल Panchvarshiya Yojana कही जाती थी।

नीति आयोग का गठन कब किया गया था?

नीति आयोग का गठन 1 जनवरी 2015 को किया गया था।

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