Anuchchhed Lekhan Definition, Topics, Tips and Examples – Class 10, 9 – (Paragraph Writing in Hindi), Format, Topics Examples

Paragraph Writing या अनुच्छेद लेखन कम शब्दों में अपने विचारों को प्रस्तुत करना है. यह व्याकरण की एक विधा है जिसमें कि मूल विषय को केंद्र में रखते हुए अपेक्षित तथ्यों के साथ अपने भावों और विचारों को प्रकट किया जाता है। अनुच्छेद लिखते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। माध्यमिक ... Read more

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Reported by Dhruv Gotra

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Paragraph Writing या अनुच्छेद लेखन कम शब्दों में अपने विचारों को प्रस्तुत करना है. यह व्याकरण की एक विधा है जिसमें कि मूल विषय को केंद्र में रखते हुए अपेक्षित तथ्यों के साथ अपने भावों और विचारों को प्रकट किया जाता है। अनुच्छेद लिखते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।

Anuchchhed Lekhan Definition, Topics, Tips and Examples – Class 10, 9 - Anuchchhed Lekhan (Paragraph Writing in Hindi), Format, Topics Examples
Anuchchhed Lekhan (Paragraph Writing in Hindi), Format, Topics Examples

माध्यमिक और उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी अनुच्छेद से जुडे प्रश्न आते हैं। कई प्रतियोगी परिक्षाओं में एक महत्वपूर्ण भाग अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writing) का होता है. इसलिये इस लेख में हम आपको बतायेंगे कि एक आदर्श पैराग्राफ कैसे लिखें और अनुच्छेद लिखते समय क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिये।

अनुच्छेद-लेखन की परिभाषा (Paragraph Writing Definition)

जब हम किसी विषय पर अपने विचारों को एक छोटे और संक्षिप्त रूप में बिना विषय की मौलिकता को खोये हुये व्यक्त करते हैं, तो व्याकरण की भाषा में ऐसे उद्वरण को अनुच्छेद लिखना कहा जाता है। अनुच्छेद को अंग्रेजी में पैराग्राफ (Paragraph) कहा जाता है। पैराग्राफ में हमें अपने विचारों को कम से कम 80 से 100 शब्दों में प्रकट करना होता है।

हालांकि इसे विषय के सन्दर्भ को देखते हुए बढ़ाया भी जा सकता है. यह पूरी तरह से विषय के ऊपर निर्भर करता है। क्योंकि संक्षिप्त रूप में विषय को पूर्ण करना होता है इसलिये अनुच्छेद लेखन में प्रत्येक वाक्य को अपने मूल विषय से जोडने का प्रयास किया जाता है। .

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साथ ही कम शब्दों का यह अर्थ कतई नहीं है कि विषय के मूल पक्ष को कमजोर कर दिया जाय। इसलिये अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writing) में व्याकरण के अन्य उपबन्धों जैसे भूमिका, प्रस्तावना आदि को अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो निरर्थक और अनावश्यक वाक्यों का प्रयोग किये बिना किसी विषय पर मूल तथ्य को केन्द्र में रखकर कम से कम शब्दों में की जाने वाली तथ्यात्मक रचना ही अनुच्छेद लेखन होता है।

हम जानते हैं कि किसी विचार और भावनाओं को हम मुहावरों और लोकोक्तियों के रूप में भी प्रकट कर सकते हैं, इसलिये अनुच्छेद लिखते समय मुहावरों और लोकोक्तियों का अधिकतर प्रयोग करने पर जोर दिया जाता है।

अनुच्छेद और निबंध में अंतर (Paragraph and Essay)

उद्वरण में समानता होने के कारण कई बार अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writing) की तुलना निबंध से भी की जाती है, जो कि उचित नहीं है। उद्वरण की दृष्टि से और मूल विषय में समानता हो सकती है लेकिन कुछ अन्य तथ्य हैं जिनके आधार पर निबन्ध या लघु निबन्ध और अनुच्छेद लेखन (Paragraph Writing) में अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई पडता है।

जैसे मुख्य अंतर तो स्वाभाविक रूप से शब्द सीमा का है। जहां निबन्ध में किसी प्रकार की कोई शब्द सीमा नहीं होती है वहीं अनुच्छेद में कम से कम शब्दों में और मूल विषय को केंद्र में रखकर विचार को व्यक्त किया जाता है। जैसे कम से कम 80 से 100 शब्द।

इसके अलावा अनुच्छेद में निबंध में प्रयोग होने वाले अन्य व्याकरण उपबन्धों जैसे प्रस्तावना, भूमिका, उपसंहार अथवा निष्कर्ष का प्रयोग करने से बचा जाता है। अनुच्छेद अपने आप में विषय का पूरा निचोड होता है, वहीं निबंध मूल विषय को अलग अलग परिपेक्ष्य में रखकर लिखा जाता है जिसमें अधिक पैराग्राफों का प्रयोग होता है। हालांकि निबन्ध की तरह ही अनुच्छेद में भी विषय चर्चा का निष्कर्ष लेख के अन्त में ही दिया जाता है।

अनुच्छेद लिखते समय सावधानियां (Paragraph Writing Precautions)

  • अनुच्छेद चरणबद्व तरीके से लिखा होना चाहिये।
  • अनुच्छेद में वाद विवाद की शैली का प्रयोग करने से बचना चाहिये। जहां तक संभव हो विषय के एक ही पक्ष के बारे में तथ्यों का वर्णन किया जाना चाहिये।
  • सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिये, कठिन भाषा का प्रयोग करने से बचें।
  • किसी एक शब्द या वाक्य को बार बार दोहनाने से बचना चाहिये। ऐसा करने से अनुच्छेद को संक्षिप्त रखा जा सकता है।
  • जितना संभव हो अनुच्छेद छोटा तथा स्पष्ट होना चाहिये।
  • अपने मूल विषय से नहीं हटना चाहिये।
  • अनुच्छेद संक्षिप्त होना चाहिये। विषय के अनुसार ही शब्द सीमा का चुनाव किया जाना चाहिए।
  • विषय के अनुरूप लोकोक्तियों, कहावतों और मुहावरों का प्रयोग संक्षिप्तता के लिये किया जा सकता है।

Paragraph Writing की प्रमुख विशेषताएँ

  • अनुच्छेद में मूल विषय से सम्बन्ध रखने वाले तथ्य ही सम्मिलित होते हैं। निरर्थक और विषय के प्रतिकूल तथ्यों को इसमें शामिल नहीं किया जाता है।
  • पूरे अनुच्छेद में एकरूपता रहती है। अनुच्छेद का प्रत्येक वाक्य मूल विषय के प्रसंग में ही होता है।
  • अनुच्छेद में वाक्यों और शब्दों को बार बार नहीं दोहराया जाता है।
  • अनुच्छेद अपने आप में एक पूरा लेख होता है। किसी निबंध या अन्य उद्वरण का भाग नहीं होता है।
  • एक आदर्श अनुच्छेद चरणबद्व तरीके से लिखा हुआ होता है और मूल विषय का निष्कर्ष अनुच्छेद की शुरूआत अथवा अन्त में व्यक्त किया जाता है।
  • अनुच्छेद की भाषा सरल, स्पष्ट और संक्षिप्त होती है। शब्दों की संख्या अनुच्छेद की विषयवस्तु पर भी निर्भर करती है।

अनुच्छेद के उदाहरण

यहाँ आपको कुछ महत्त्वपूर्ण विषयों पर लिखे अनुच्छेद उदाहरण के तौर पर दिए जा रहे है –

कंप्यूटर विषय पर अनुच्छेद

आज के डिजिटल दौर में कौन व्यक्ति कम्प्यूटर से परिचित नहीं है। कम्प्यूटर एक ऐसा उपकरण है जो कि जटिल से जटिल गणनाओं को भी चुटकियों में हल कर सकता है। वास्तव में कम्प्यूटर मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक है। कम्प्यूटर ने मनुष्य के जीवन को कई गुना सरल कर दिया है। वर्तमान समय में कम्प्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिये ही नहीं हो रहा है।

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आज के समय में रेलवे बस या हवाई जहाज के टिकट बुक करने में, सुरक्षा से सम्बन्धित योजनाओं और प्रक्रिया में और स्वास्थ्य सम्बन्धी परीक्षाओं और निदान में भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। मानव जीवन के अधिकांश कार्य अब ऑनलाईन माध्यम से कम्प्यूटर के द्वारा ही किये जा रहे हैं। कम्प्यूटर के द्वारा हमारा बहुत सारा समय बचता है। यदि कम्प्यूटर को आधुनिकता का प्रतीक कहें तो गलत नहीं होगा।

अब बच्चों के द्वारा भी शिक्षा के सम्बन्ध में कम्प्यूटर का काफी उपयोग किया जा रहा है। आधुनिक दौर की प्रगति के साथ साथ कम्प्यूटर का अंधाधुध इस्तेमाल भी बढ रहा है। जैसे बच्चे अब कम्प्यूटर में ही गेम खेलना पसन्द करते हैं जिससे उनका शारीरिक विकास अवरूद्व हो जाता है। इस क्षेत्र में साईबर अपराध भी लगातार बढ रहे हैं। आज के तकनीक के दौर में कम्प्यूटर एक जरूरत बन गया है। लेकिन हमें अपने जीवन और स्वास्थ्य के साथ सामंजस्य बिठाकर ही कम्प्यूटर को उपयोग में लाना चाहिये तभी हमें प्रगति के सकारात्मक परिणाम हासिल होंगे।

मित्र के जन्मदिवस पर अनुच्छेद (Paragraph on Friends Birthday)

पिछले सोमवार को मेरे अनन्य मित्र कमल का जन्म दिन था। 26 जनवरी को कमल का जन्म दिन होता है। जन्म दिन के दिन कमल के माता पिता के द्वारा एक छोटी सी पार्टी का आयोजन किया गया था तो कमल के द्वारा सभी सहपाठियों के साथ मुझे भी पार्टी में आमंत्रित किया गया था।

यह समारोह कमल के घर के आंगन में ही रखा गया था। मैं तय समय से पहले ही समारोह में पंहुच गया था ताकि घर की सजावट में अपना सहयोग दे सकूं। हमने पूरे घर को खूब सजाया। दीवारों पर रंग बिरंगी लडियां लगायी गयी और ढेर सारे गुब्बारे भी लगाये गये। करीब 6 बजे से मेहमान आने लगे। मैं और कमल मेहमानों की आवभगत करने लगे।

सभी लोग कमल को उसके जन्म दिन की शुभकामनायें दे रहे और कमल के लिये कोई न कोई उपहार लेकर आये थे। कमल उनका धन्यवाद करता हुआ उपहार और आर्शीवाद ले रहा था। मधुर संगीत बज रहा था इसीके साथ कुछ मित्रों ने अनेक प्रकार के गीत भी गाये। लगभग 8 बजे सभी की उपस्थिति में कमल ने केक काटा और अपने माता पिता से आर्शीवाद लिया।

सभी लोगो नें कमल के लिये गीत गाया। कमल के माता पिता ने उसे केक खिलाया। कमल ने भी अपने मित्रों को केक खिलाया। कुछ उत्साहित मित्रों ने कमल के मुंह पर पूरा केक मल दिया। इसके बाद सभी लोगों ने खाना खाया और पुनः कमल को बधाईयां और शुभकामनायें देते हुये हम सभी अपने घर की ओर चल दिये।

गांधी जयन्ती पर अनुच्छेद (Gandhi Jayanti)

महात्मा गांधी को हम राष्ट्रपिता के रूप में भी जानते हैं। उनके सहयोगी भी उन्हें प्यार से बापू पुकारा करते थे। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था। उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में बापू को श्रद्वांजलि देने और उनके द्वारा दिखाये गये मार्ग का स्मरण करने के लिये ही 2 अक्टूबर को उनके सम्मान में गांधी जयन्ती मनायी जाती है।

बचपन में गांधी जी एक औसत दर्जे के छात्र थे किन्तु बाद में गांधी जी उच्च शिक्षा के लिये इंगलैण्ड गये और वहां से वकालत की डिग्री लेकर भारत लौटे।दक्षिण अफ्रीका में लोगों के साथ हो रहे अत्याचार और रंगभेद नें उन्हें गहरी पीडा पंहुचाई और इस घटना ने उनका जीवन बदल दिया।

उन्होंने आजीवन समाज के पिछडे वर्ग और दलितों की मदद करने का संकल्प लिया। भारत आने के बाद उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सत्य और अहिंसा का जीवन भर पालन करने वाले महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गयी।आज के दौर में महात्मा गांधी के महान सिद्वांतों की हमारे समाज में कमी दिखाई पडती है।

सत्य, अंहिसा और प्रेम के मूल भूत सिद्वांतो को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा हमें महात्मा गांधी से लेनी चाहिये। अपने लक्ष्य पर अडिग रहने का साहस, और अनुशासन पूर्वक अपने नियमों को पूरा करने के लिये प्रत्येक भारतवासी को बापू के जीवन से अवश्य ही प्रेरणा लेनी चाहिये ताकि हमारा देश प्रगति के नये आयामों को छू सके।

दहेज प्रथा पर अनुच्छेद (Paragraph on Dowery)

दहेज प्रथा हमारे समाज में फैली बहुत ही गंभीर कुरीति है। यह विडंबना ही है कि आधुनिकता के इस दौर में दहेज प्रथा समाप्त होने के स्थान पर बढती जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप आत्महत्या, दहेज हत्या, अत्याचार और आपराधिक मामले लगातार बढ रहे हैं। दहेज प्रथा जैसी कुरीति के बढने में लैंगिक स्तर पर महिलाओं के साथ हो रहा भेदभाव और समाज में फैली अशिक्षा का ही योगदान है।

आज भी हमारे देश में अधिकांश महिलायें अशिक्षित हैं। अशिक्षित महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं है। ग्रामीण परिवेश में रहने वाले समाज में भी अशिक्षा की जडें काफी गहरी हैं जिस कारण किसी परिवार में दहेज देने को एक कुप्रथा के रूप में नहीं देखा जाता है। बेटी की शादी के लिये मजबूरन किसी निर्धन व्यक्ति को कर्ज के बोझ के तले दबना पडता है। इससे समाज में गरीबी तो बढ ही रही है, साथ ही दहेज की मांग पूरी न होने पर प्रताडना, हत्या और दहेज हत्या जैसे जघन्य अपराध भी समाज में दिन प्रतिदिन बढते जा रहे हैं।

इसलिये हमारे समाज में विशेष रूप से महिलाओं का शिक्षित होना अत्यधिक आवश्यक है जिससे दहेज प्रथा पर रोक लग सके। साथ ही प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होना चाहिये कि वह समाज में फैली इस कुप्रथा को बन्द करने के लिये अपना योगदान दे और अपने स्तर पर समाज को भी जागरूक करे।

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