पत्र लेखन मनुष्य के द्वारा विकसित एक ऐसी कला है जिसमें प्रेषक पत्र में अपने भाव, उद्देश्य, कारण आदि का वर्णन करता है। आज के इस लेख में हम आपको एक अच्छा और शालीन भाषा में लिखा पत्र कैसा होना चाहिए, प्रभावपूर्ण हिंदी पत्र लेखन (Patra Lekhan in Hindi) क्या होता हैं, पत्र लेखन के कितने प्रकार होते हैं आदि से संबंधित जानकारी प्रदान करेंगे।
जब से मानव ने अपना विकास किया है तब से मानव ने आपस में एक-दूसरे से संवाद के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करता आया है। प्राचीन समय में जब कागज़ का आविष्कार नहीं हुआ था। तब भी लोग एक-दूसरे से बात करने और सन्देश पहुंचाने के लिए ताम्रपत्र, पत्ते आदि का उपयोग किया करते थे। तब से लेकर आज तक दुनिया कितनी बदल चुकी है आज की इस डिजिटल दुनिया में किसी को सन्देश पहुँचाना जहाँ सेकेण्डों का काम हो गया है।
वही पत्र लेखन को आज भी लोगों ने पूर्ण रूप से छोड़ा नहीं है। आज भी आप देखेंगे की लोग पत्र व्यवहार के माध्यम से एक दूसरे को बधाई, निमंत्रण, शिकायत, व्यवसाय आदि से संबंधित कार्य कर रहे हैं।
क्या होता है पत्र लेखन?
पत्र लेखन वह माध्यम है जिसकी सहायता से आप किसी व्यक्ति, संस्था या अन्य किसी से परस्पर संवाद कर सकते हैं। पत्र लेखन यह ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए की पत्र की भाषा शालीन और प्रभावपूर्ण हो. पत्र में यह स्पष्ट जरूर हो पत्र किसके लिए लिखा गया है, पत्र में पत्र लिखने का कारण स्पष्ट हो, पत्र में प्रकट किये गए विचार। जिस भी पत्र में यह सभी जानकारियां समाहित होती हैं उसे एक अच्छा Patra Lekhan माना जाता है।
पत्र लेखन के समय किन बातों का रखें ध्यान
- पत्र लिखते समय लिखने वाले व्यक्ति यह स्पष्ट होना चाहिए की लिखे जाने वाले पत्र की भाषा शुद्ध, सरल और स्पष्ट होनी चाहिए। ताकि पत्र पढ़ने वाले व्यक्ति को पत्र लिखने वाले व्यक्ति का विचार और भाव अच्छी तरह से समझ आ सके।
- पत्र लिखते समय यह जरूर ध्यान रखा जाना चाहिए की किसी बात की एक से अधिक बार पुनरावृत्ति ना हो। बातों की अधिक पुनरावृत्ति होने पर पढ़ने वाले व्यक्ति को पत्र नीरस और बोझिल सा लग सकता है।
- जैसा की हम आपको बता चुके हैं की पत्र में यह जरूर स्पष्ट हो की पत्र किस व्यक्ति या संस्था के लिए लिखा गया है। ताकि वह पत्र सुलभता से पढ़ने वाले पास पहुँच सके।
पत्र लेखन के कितने प्रकार होते हैं ? – Hindi Patra Lekhan
पत्र लेखन को लिखने के आधार पर मुख्यतः दो रूपों औपचारिक पत्र (Formal Letter) और अनौपचारिक पत्र (Informal Letter) में बांटा गया है, जिसके बारे में हमने आपको आगे बताया है –
यह भी अवश्य जानिए :- Experience Letter Format and Sample
औपचारिक पत्र (Formal Letter)
औपचारिक पत्र में वह लेटर आते हैं जो किसी सरकारी / व्यावसायिक संस्था या किसी अधिकारी के द्वारा किसी व्यक्ति / संस्थान को लिखा जाता है। इस तरह के पत्र को सरकारी कार्यालयों के बीच पत्र व्यवहार के लिए, कॉलेज और स्टूडेंट के बीच पत्र व्यवहार के लिए आदि के संबंध में उपयोग किया जाता है।
औपचारिक पत्र का प्रारूप (Formal Letter Format) कैसा होता है ?
दोस्तों यहां आपको बता रहे हैं की औपचारिक पत्र (Formal letter writing format) किस तरह का होता है आप यहाँ बिंदुवार दी गयी जानकारियों में पढ़ सकते हैं –
- औपचारिक पत्र की शुरुआत सेवा में, श्री मान, मान्यवर, आदरणीय आदि जैसे शब्दों का उपयोग सम्बोधन के लिए किया जाता है।
- इसके बाद आगे Formal Letter पत्र में उस संस्था के पते या व्यक्ति के पते की जानकारी निहित होती है जिसके द्वारा पत्र लिखा और भेजा गया है।
- उपरोक्त जानकारी के बाद Formal Letter में पत्र लिखने का कारण अथवा पत्र से संबंधित विषय की जानकारी निहित होती है।
- इसके बाद पत्र में महोदय जैसे शब्दों का उपयोग कर सम्बोधन किया जाता है।
- सम्बोधन के बाद Formal Letter में विषय से संबंधित विस्तृत पूर्ण जानकारी को वर्णित किया जाता है या लिखा जाता है। पत्र के इस भाग में पुरे पत्र का भाव या सार छिपा रहता है।
- विस्तृत वर्णन के बाद भवदीय (Sincerely), आपका आभारी (Thankful), आपका आज्ञाकारी (obedient) इत्यादि शब्दों का उपयोग करके पत्र को प्राप्त करने वाले के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।
- औपचारिक पत्र (Formal Letter) के अंतिम भाग में पत्र को प्राप्त करने वाले संस्था / व्यक्ति का नाम, पता, दिनांक आदि की जानकारी को लिखा जाता है।
- इसके बाद अंत में पत्र को लिखने वाले या संबंधित किसी अधिकारी के हस्ताक्षर पत्र में अंकित किये जाते हैं।
- हमने आपको उपरोक्त 8 बिंदुओं में औपचारिक पत्र का पूरा प्रारूप बता दिया है इस प्रारूप के अनुसार आप औपचारिक पत्र (Formal Hindi Letter) लिख सकते हैं।
औपचारिक पत्र के प्रकार (Types of Formal Letter)
विभिन्न उपयोग के संबंध में औपचारिक पत्र अलग-अलग होते हैं। औपचारिक पत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पत्रों के बारे में हमने आपको नीचे बताया है –
औपचारिक पत्रों को मुख्यतः दो प्रकार के वर्ग में विभाजित किया गया है जो निम्नलिखित इस प्रकार है –
- व्यापारिक / व्यावसायिक पत्र (Business letter): जब किसी व्यक्ति अथवा कम्पनी के द्वारा दूसरे व्यक्ति / कंपनी के साथ बिजनेस हेतु पत्र लिखा जाता है तो वह पत्र व्यापारिक / व्यावसायिक पत्र कहलाते हैं।
व्यापारिक पत्र की विशेषताएं :-
- स्पष्टता
- संक्षिप्तता
- शिष्टता
- पूर्णता
- प्रभावोत्पादकता
- सरकारी (Government) या अर्ध – सरकारी (Semi-official) संस्था हेतु पत्र: जब किसी सरकारी संस्थान के द्वारा दूसरे सरकारी / अर्ध-सरकारी संस्थान के साथ ऑफिसियल रूप से पत्र व्यवहार किया जाता है तो ऐसे पत्र सरकार ऑफिसियल पत्र कहे जाते हैं।
उपरोक्त वर्ग के अंतर्गत निम्नलिखित श्रेणी के पत्र आते हैं जो हमने आपको नीचे बताये हैं।
- प्रार्थना पत्र (Application Letter): प्रार्थना पत्र उन पत्रों को कहा जाता है जिसमें किसी संस्थान / व्यक्ति के द्वारा किसी बात को लेकर निवेदन (Request) या प्रार्थना की गयी हो। इस तरह के पत्र का उपयोग शुल्क माफ़ी, छात्रवृति के संबंध, अवकाश आदि के लिए किया जाता है। प्रार्थना पत्र के प्रारूप के संबंध में हमने आपको नीचे इमेज में बताया है आप देख सकते हैं।
- आवेदन पत्र : इस तरह के पत्र में जब कोई किसी नौकरी या कहीं किसी स्कूल / कॉलेज में एडमिशन हेतु लिखे जाते हैं तो वह पत्र आवेदन पत्र की श्रेणी में आते हैं। इसमें आवेदक द्वारा अपने शिक्षा संबंधी जानकारी से लेकर यदि पूर्व में कोई नौकरी की है तो उन सभी के बारे में लिखना होता है। आवेदन पत्र का प्रारूप आप इमेज में देख सकते हैं।
- शिकायत पत्र (Complaint letter): जब किसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने हेतु कोई पत्र लिखा जाता है। तो वह लेटर शिकायत पत्र कहलाता है। ऐसे लिखे पत्र किसी व्यक्ति / संस्था आदि के खिलाफ शिकायत दर्ज करने को लेकर हो कर सकते हैं।
ऑफिसियल औपचारिक पत्र के प्रकार
- अर्द्ध शासकीय या अर्द्ध सरकारी पत्र
- अशासकीय पत्र
- पृष्ठांकन पत्र
- संकल्प या प्रस्ताव
- स्वीकृति या मंजूरी पत्र
- प्रेस विज्ञप्ति
- सूचना
- पावती
- निविदा
- कार्यालय टिप्पणी
- आरोप पत्र
- रेडियोग्राम
- मितव्यय पत्र
- विज्ञापन
- डिस्पैच (dispatch)
- अशुद्धि पत्र
- Corrigendum (शुद्धि पत्र)
- परिशिष्ट
- उद्घोषणाएं
- अन्तर्विभागीय टिप्पणी
- शासन काल
- कार्यालय आदेश
- परिपत्र
- अधिसूचना
- कार्यालय ज्ञापन
- ज्ञापन
अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
अनौपचारिक पत्र उनको कहा जाता है जो किसी व्यक्ति के द्वारा अपनी निजी रिश्तेदारों, मित्र गण, माता-पिता, पुत्र-पुत्री आदि को लिखा जाता है। ऐसे पत्र में बधाई सन्देश, निमंत्रण पत्र, शोक संदेश, पिता को पुत्र का पत्र, मित्र को पत्र आदि सम्मिलित हैं।
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप (Anaupcharik Patra format) कैसा होता है ?
- अनौपचारिक पत्र की शुरुआत में आपको सबसे पते की जानकारी दर्ज करनी होती जहां से पत्र लिखा जा रहा है।
- इसके बाद पत्र में उस दिनांक की जानकारी दर्ज करनी होती जिस दिनांक में पत्र लिखा गया है।
- दिनांक को लिखने के बाद आपको मूल सम्बोधन के साथ उस संबंधी व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी होती है जिसको पत्र लिखा जा रहा है।
- इसके बाद पत्र में अपने विषय से संबंधित जानकारी दे सकते हैं पर ऐच्छिक और वैकल्पिक होता है।
- विषय के अपने पत्र की मूल बातों को विस्तारपूर्वक वर्णित करें। ध्यान रखें इस में पत्र का भाव और विचार स्पष्ट रूप से प्रकट होना चाहिए।
- इसके बाद आप प्रिय, आज्ञाकारी शब्दों के साथ धन्यवाद का उपयोग करें।
- अंत अपना नाम एवं हस्ताक्षर को दर्ज कर पत्र का समापन करें। इस तरह से आप एक अच्छा और प्रभावपूर्ण अनौपचारिक पत्र लिख पाएंगे।
अनौपचारिक पत्र के प्रकार (Types of Informal Letter) :-
- सामाजिक पत्र (Social letter): जब कोई व्यक्ति अपने सगे संबंधी या अपने किसी मित्र को लिखता है तो ऐसे पत्रों को यह पत्र सामाजिक पत्र कहा जाता है। इस तरह के पत्र में शोक संदेश, बधाई संदेश, निमंत्रण आदि से संबंधित विषय / पत्र आते हैं।
- बधाई पत्र (Congratulation letter): ऐसे पत्रों के माध्यम से प्रेषक द्वारा अपने किसी मित्र या साथी को किसी त्यौहार या किसी बात को लेकर (जैसे: शादी को लेकर बधाई पत्र, नौकरी लग जाने को लेकर) आदि से संबंधित पत्र लिखे जाते हैं वह पत्र बधाई पत्र कहलाते हैं। नीचे हमने आपको बधाई पत्र का प्रारूप के बारे में बताया है।
5, गाँधी रोड,
दिल्ली ।5 अप्रैल, 20…..
प्रिय सुरेश ,
इस वर्ष तुम्हारे परीक्षा का परिणाम जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई। तुम प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुये हो एवं कक्षा में अच्छे स्थान पर भी आये हो। मैं तुम्हारा इस सफलता पर तुम्हें बधाई देता हूँ। मेरे परिवार के सभी सदस्य तुम्हारे इस परिणाम से अत्यन्त खुश है। अंकल एवं आण्टी को मेरा सादर प्रणाम। तुमसे शीघ्र ही पत्र के उत्तर की कामना रखता हूँ।
धन्यवाद ,
तुम्हारा प्रिय मित्र
सोहन
- निमंत्रण पत्र (Invitation letter): इस तरह के पत्रों का उपयोग तब किया जाता है जब हमें किसी को किसी समारोह के लिए के आमंत्रण देना होता हैं। आमंत्रण देने के लिए लिखे गए पत्र को निमंत्रण पत्र कहा जाता है।
- सांत्वना सन्देश पत्र / शोक सन्देश :- ऐसे पत्र जिसमें किसी की मृत्यु के बारे में सुचना हो या मृत्यु के बाद होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया गया हो। तो ऐसे पत्र शोक सन्देश पत्र या सांत्वना सन्देश पत्र कहे जाते हैं।
- पिता को पत्र :- इस तरह के पत्र में माता-पिता को नमस्कार या सादर प्रणाम बोल कर, बड़ों का हाल – चाल पूछा जाता है और उनसे आशीर्वाद की कामना रखकर पत्र को शुरू करना होता है। इसके बाद पत्र में अपने बारे में बताकर विस्तृत जानकारी को दर्ज करना होता है अंत में माता-पिता को मेरा प्रणाम के साथ आज्ञाकारी पुत्र को लिखकर पत्र को समाप्त करना होता है।
बाहुबली चौक
बारापत्थर
सिवनी
दिनांक- 7 जुलाई 2023
पूज्य पिताजी,
चरण स्पर्श प्रणाम।
मैं यहाँ पर कुशल पूर्वक हूँ। आशा करता हूँ आप भी माताजी और परिवार सहित सकुशल होगे। इस समय मेरी पढ़ाई बहुत अच्छी चल रही है। कोरोना काल की वजह से मेरी परीक्षाएँ आगामी समय तक के लिए बढ़ा दी गई है और अभी यह तय नहीं है कि परीक्षाएँ कब होंगी? किंतु मैंने अपनी पढ़ाई सतत रूप से जारी रखी है।मुझे अपने कमरे का किराया चुकाना है इस हेतु कुछ रुपयों की आवश्यकता है। आप मेरे बैंक अकाउंट में कुछ रुपए जमा करा दें, जिन्हें मैं अपने एटीएम से निकाल कर किराया का भुगतान कर सकूँ। बाकी सब ठीक है। परीक्षा समाप्ति के पश्चात से शीघ्र ही मैं घर पहुँचूंगा। माता जी को मेरा प्रणाम कहिएगा।
आपका प्रिय पुत्र
राहुल
औपचारिक (Formal) और अनौपचारिक (Informal) पत्र में अंतर
क्रम संख्या | औपचारिक पत्र (Formal letter) | अनौपचारिक पत्र (Informal letter) |
1 | औपचारिक पत्रों का उपयोग सरकारी या ऑफिसियल सूचनाओं के संवाद हेतु उपयोग किये जाते हैं। | अनौपचारिक पत्रों का उपयोग पारिवारिक, निजी सगे संबंधियों, मित्रों आदि के लिए किया जाता है। |
2 | औपचारिक पत्रों में प्रार्थना पत्र, शिकायत पत्र, आवेदन पत्र आदि का उपयोग किया जाता है। | अनौपचारिक पत्रों में निमंत्रण पत्र, बधाई पत्र, पिता को पत्र आदि का उपयोग होता है। |
3 | औपचारिक पत्र में व्यापार हेतु व्यावसायिक पत्र का उपयोग किया जाता है। | अनौपचारिक पत्र में किसी भी तरह के व्यावसायिक पत्र का उपयोग नहीं किया जाता है। |
4 | औपचारिक पत्र में पत्र का उद्देश्य, विषय आदि लिखना आवश्यक होता है। | अनौपचारिक पत्र में विषय या उद्देश्य लिखना एक ऐच्छिक होता है। |
5 | औपचारिक पत्र में भाव एवं विचारों का कोई विशेष महत्व नहीं। | अनौपचारिक पत्र में भाव एवं विचारों पर अधिक ध्यान दिया जाता है |
6 | औपचारिक पत्र में मुख्यतः तीन भागों के प्रारूप में लिखा जाता है। | अनौपचारिक पत्र मुख्यतः दो भागों के प्रारूप में लिखा जाता है। |
औपचारिक पत्र (Formal letter) के क्या -क्या तत्व होते हैं ?
औपचारिक पत्र (Formal letter) लिखते समय आपको इन निम्नलिखित तत्वों का ध्यान रखना होता है –
- सरलता
- स्पष्टता
- निश्चायत्मकता
- संक्षिप्तता
- मौलिकता
- उद्देश्यपूर्णता
अनौपचारिक पत्र (Informal letter) के क्या-क्या तत्व होते हैं ?
औपचारिक पत्र (Informal letter) लिखते समय आपको इन निम्नलिखित तत्वों का ध्यान रखना होता है –
- संक्षिप्तता
- मौलिकता
- प्रेषक का पता
- दिनांक
- मूल सम्बोधन
- विषय
- विस्तृत वर्णन
- उद्देश्यपूर्णता
- नाम
गर्मी की छुट्टियों पर अपने मित्र को अपने गाँव/शहर आने के लिए आमंत्रित करना
5/215
देव कॉलोनी, निर्माण नगर,
दिल्ली ।प्रिय कपिल,
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। समाचार ज्ञात हुआ कि तुम्हारा ग्रीष्मावकाश आरंभ हो गया है। इस बार के ग्रीष्मावकाश में मेरा मन कर रहा है हम दोनों मिलकर मेरे गांव में छुट्टियों का आनंद उठाये।
मेरा विचार यह है कि क्यों न तुम इस बार मेरे गाँव में आकर गर्मी की छुट्टियाँ व्यतीत करो। तुम तो जानते ही हो कि हमारे गाँव एक पर्यटन स्थल यहाँ पर देखने लायक हवेली है और साथ ही यहाँ गर्मियों में प्रतिवर्ष हमारे इष्ट देवता रामदेव जी का मेला लगता है।
उनका यहाँ बड़ा ही भव्य एवं प्राचीन मंदिर है। यहाँ पर लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते है। हम यहाँ पर मंदिर में सेवा कर के बहुत आनंद उठाते है। यदि तुम कुछ दिनों के लिए ही सही, यहाँ आ सको तो मुझे अपार खुशी होगी। मेरे माता-पिता भी यही इच्छा रखते हैं। मैं तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा करूँगा।
तुम्हारा प्रिय मित्र
रविंद्र कुमार
पत्र से संबंधित एवं अभिवादन
क्रम संख्या | अभिवादन हेतु शब्द | सम्बोधन |
1 | छोटों के लिए | प्रिय पुत्र/प्रिय अनुज/प्रिय राजू चिरायु हो/शुभाशीष प्रसन्न हो खुश रहो/शुभाशीर्वाद |
2 | बड़ों के लिए | पूज्य/पूजनीय/पूज्या श्रद्धेय/आदरणीय सादर प्रणाम! सादर चरण स्पर्श |
3 | मित्र के लिए | प्रिय मित्र/प्रिय बंधु/प्रिय रमेश/प्रिय सखी नमस्कार! जयहिन्द! सप्रेम नमस्ते ! |
हिंदी पत्र लेखन के कुछ उदाहरण
- अनौपचारिक पत्र – जन्मदिन पर उपहार भेजने के लिए नाना जी को धन्यवाद देते हुए पत्र –
मालवीय नगर
पुरानी दिल्ली
7 अप्रैल 2024
आदरणीय नाना जी
सादर प्रणामअपने जन्मदिन पर आपके द्वारा भेजी गई कहानियों की किताब प्राप्त हुई। मुझे आपका यह उपहार बहुत अच्छा और उपयोगी लगा। मैं बहुत लंबे समय से एक अच्छी कहानियों की किताब पढ़ना चाह रहा था, और उसकी खोज कर रहा था, जाने कैसे आपने मेरे मन की बात जान ली।
आपकी किताब पा कर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं इसे पढ़ने के लिए बहुत उत्साहित हूँ। मेरे बारे में इतना सोचने के लिए और मुझे मेरी पसंद का उपहार देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।आदरणीय नानी जी को मेरा प्रणाम कहियेगा।
आपका नाती
अभिषेक
- औपचारिक पत्र – शुल्क माफ़ी हेतु अपने स्कूल को प्रार्थना पत्र लिखना –
सेवा में,
श्री मान प्रधानाचार्य जी
उच्च माध्यमिक विद्यालय , लखनऊमहोदय,
मैं विकास कुमार आपके विद्यालय कक्षा 10 का छात्र हूँ आपको बता दूँ गत वर्षों में कक्षा 8 और 9 में मैंने पूरी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। प्रधानाचार्य जी मेरा आपसे यह कहना चाहता हूँ की मेरे पिता जी की मासिक आय 4,000 रुपये हैं और परिवार का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता है। आचार्य जी मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं और मेरे पिता जी विद्यालय का शुल्क देने में असमर्थ हैं। परन्तु मैं अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता हूँ। इसलिए मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूँ की मेरा विद्यालय का शुल्क माफ़ किया जाये। यदि आप मेरा शुल्क माफ़ करते हैं तो मैं मेरा परिवार आपके बहुत – बहुत आभारी होंगे।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
विकास कुमार
कक्षा 10
रोल नंबर :- 65
- औपचारिक पत्र – किताबें मंगवाने हेतु पत्र।
व्यवस्थापक महोदय
साकेत नगर, दरियागंज (नई दिल्ली)
पुस्तकमहल प्रकाशन (रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क)
विषय :- कक्षा 8 की संबंधित विषय की किताबें मंगवाने हेतु
सविनय निवेदन इस प्रकार है की पत्र में बतायी गयी पुस्तकों को ट्रांसपोर्ट कंपनी के द्वारा तुरंत भेजने की व्यवस्था करें पुस्तकों से संबंधित विवरण हमने आपको नीचे दिया है –
- हिंदी व्याकरण :- 50 प्रतियां
- English Grammar :- 60 प्रतियां
- गणित :- 40 प्रतियां
- सामान्य ज्ञान :- 50 प्रतियां
- तर्कशक्ति :- 30 प्रतियां
धन्यवाद
पुस्तक भेजने का पता :-
सुभाष नगर
शीतल गंज
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
भवदीय
डीलर
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक :- 7 जुलाई 2024
(Formal Letter) औपचारिक पत्र – सड़क के गड्ढों के कारण हो रही परेशानी के संबंध में पत्र।
11/4, नवादा
साकेत नगर
दिल्ली
दिनांक: 07 मार्च 2024
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,विषय- हमारे क्षेत्र में सड़क में गड्ढों के कारण हो रही परेशानी के संबंध में
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार के माध्यम से सम्बंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहता हूँ कि सड़कों पर गड्ढे होने के कारण हमें अपने क्षेत्र में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, कुछ दिन पहले ही बारिश का मौसम शुरू हुआ है जिससे हमारी समस्याएं और बढ़ गयी हैं।
इस संकट का सामना सबसे अधिक आम लोगों को, दुकानदारों को और छात्रों को करना पड़ रहा है। गड्ढों के कारण गाड़ियों को निकालने में दिक्कत होती है, जिसकी वजह से मुख्य सड़क पर लम्बा जाम लगा रहता है। राहगीरों के लिए भी सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। गड्ढों से होने वाले हादसों की समस्या तो और भी अधिक गंभीर हो गयी है।
इसलिए मैं आपके अखबार की सहायता से सम्बंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप हमारी मदद करने में सक्षम होंगे और जल्द से जल्द हमारी इस समस्या का समाधान निकालने का कार्य किया जाएगा। इस कार्य में आपके सहयोग के लिए मैं आपकी सदा आभारी रहूँगा।
धन्यवाद
भवदीय
दिनेश मेहरा
हिंदी लेटर राइटिंग से संबंधित FAQs
हिंदी पत्र लेखन कितने प्रकार की होती है ?
हिंदी पत्र लेखन दो प्रकार की होती है
औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र
औपचारिक (Formal) क्या होते हैं ?
जिन पत्रों का उपयोग ऑफिसियल पत्र व्यवहार के लिए किया जाता है ऐसे पत्रों को औपचारिक (Formal) पत्र कहा जाता है।
अनौपचारिक पत्र (Informal letter) क्या होते हैं
ऐसे पत्र जो अपने निजी और सगे संबंधियों के साथ पत्र व्यवहार के लिए उपयोग में लाये जाते हैं। ऐसे पत्रों को अनौपचारिक पत्र (Informal letter) कहा जाता है।
निमंत्रण पत्र (Invitation letter) क्या formal लेटर है ?
जी नहीं निमंत्रण पत्र Informal letter के तहत आता है।
Corrigendum (शुद्धि पत्र) क्या होते हैं ?
Corrigendum (शुद्धि पत्र) एक तरह के औपचारिक पत्र होते हैं जो किसी सरकारी संस्थान के द्वारा अपनी गलतियों के शुद्धिकरण की सूचना पब्लिक को बताने के लिए जारी किये जाते हैं।