अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनेस्को के द्वारा प्रत्येक वर्ष रामसर साइट (Ramsar Sites) की सूची को अपडेट किया जाता है। और आवश्यकता पडने पर इनमें नयी साइट्स भी शामिल की जाती हैं। भारत में भी यूनेस्को के द्वारा कई स्थलों को रामसर साइट (Ramsar Sites in India) घोषित किया गया है। आज हम आपको इन्हीं रामसर साइट के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप भी रामसर साइट के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अवश्य पढें। रामसर साइट क्या है और भारत के 75 रामसर स्थल (75 Ramsar Sites in India) कौन से हैं आदि पूरी जानकारी इस लेख में दी जा रही है।
रामसर साइट क्या हैं ? (What is Ramsar Sites)
रामसर साइट एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसमें कि अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिये कार्य किया जाता है। इसे रामसर कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1971 में यूनेस्को के द्वारा इस संधि की शुरूआत की गयी थी। रामसर संधि को मान्यता देने के लिये विभिन्न देशों के द्वारा इस संधि में हस्ताक्षर किये गये थे। ईरान के रामसर शहर में यूनेस्को के द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसी रामसर शहर में पहली बार देशों के द्वारा इस संधि पर हस्ताक्षर किये गये थे। इसलिये इस संधि को रामसर संधि का नाम दिया गया।
इस संधि का मानना था कि यह ग्रह केवल मनुष्यों के रहने के लिये ही नहीं है। अन्य प्रजातियों का भी इस धरती पर मनुष्यों के बराबर ही अधिकार है। वन्य जीव जंतुओं और पशु पक्षियों को बचाने के लिये ही यूनेस्को के द्वारा यह कदम उठाया गया। रामसर स्थल के विकास के लिये यूनेस्को के द्वारा वित्तीय मदद दी जाती है। इसमें विभिन्न प्रकार के अभयारण्य, पक्षी विहार और आर्द्र भूमि को शामिल किया जाता है। लुप्त प्राय जीवों की प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से यह संधि की गयी थी।
भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रान्ति
भारत की रामसर साइट (Ramsar Sites in India)
India में भी यूनेस्को के द्वारा कई स्थलों को रामसर साइट घोषित किया गया है। वर्तमान में भारत के 75 स्थान ऐसे हैं जो कि किसी न किसी रूप में संरक्षित स्थल हैं। यूनेस्को के द्वारा इन स्थलों को संरक्षित घोषित किया गया है। इसी के साथ साथ भारत सरकार के द्वारा भी इन स्थानों को संरक्षित घोषित किया गया है। भारत में स्थित रामसर साइट की सूची नीचे दी जा रही है।
क्रम संख्या | रामसर साइट | शामिल वर्ष | राज्य | विशेषता |
1 | चिल्का झील | 1981 | उडीसा | यह भारत की सबसे बडी झील है। प्रवासी पक्षियों के लिये इस झील को आरक्षित किया गया है। यह भारत की सबसे पुरानी रामसर साइट भी है। |
2 | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | 1981 | राजस्थान | यह भारत की सबसे पहली रामसर साइट में से एक है। यह प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्व है। |
3 | लोकटक झील | 1990 | मणिपुर | यह झील अपने तैरते उद्यानों के लिये विश्व प्रसिद्व है। उत्तर पूर्वी राज्यों में यह सबसे बडी झील है। |
4 | वुलर झील | 1990 | जम्मू कश्मीर | वुलर झील अपने पर्यटन और सुंदरता के लिये प्रसिद्व है। यह भारत की सबसे बडी ताजे पानी की झील भी है। |
5 | हरिके झील | 1990 | पंजाब | यह झील पंजाब में स्थित है। प्रसिद्व इंदिरा गांधी नहर का निर्माण इसी क्षेत्र में किया गया था। |
6 | सांभर झील | 1990 | राजस्थान | यह झील यहां प्रवास करने वाले विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्व है। |
7 | कंजली झील | 2002 | पंजाब | यह झील कछुओं के लिये विश्व प्रसिद्व है। विभिन्न प्रकार के जलीय जीव इस झील में पाये जाते हैं। |
8 | रोपड वेटलैंड | 2002 | पंजाब | सतलुज नदी के द्वारा इस वेटलैंड का निर्माण हुआ है। यह क्षेत्र पंजाब के रोपड क्षेत्र में पडता है। |
9 | कोलेरू झील | 2002 | आंध्र प्रदेश | यह झील अपने मीठे पानी के लिये प्रसिद्व है। |
10 | दीपोर बील वन्य जीव अभयारण्य | 2002 | असम | यह क्षेत्र ब्रहमपुत्र नदी के द्वारा निर्मित है। सुंदरवन डेल्टा की तरह ही यह क्षेत्र विस्तृत भूमि में फैला हुआ है। |
11 | पोंग बांध झील | 2002 | हिमाचल प्रदेश | यह झील हिमाचल की मशहूर महाशीर मछली के लिये प्रसिद्व है। इसे महाराणा प्रताप सागर भी कहा जाता है। |
12 | त्सो मोरीरी झील | 2002 | लद्दाख | यह भारत की सबसे अधिक उंचाई पर स्थित महत्वपूर्ण झीलों में से एक है। |
13 | अष्टा मुडी झील | 2002 | केरल | यह झील प्रवासी पक्षियों के निवास स्थान के रूप में प्रसिद्व है। |
14 | सस्थम कोट्टा | 2002 | केरल | सस्थम कोट्टा मंदिर के पास स्थित होन के कारण इसे भी सस्थम कोट्टा कहा जाता है। यह केरल राज्य की सबसे बडी झीलों में से एक है। |
15 | वेम्बनाड कोल वेटलैंड | 2002 | केरल | लम्बाई के मामले में यह भारत की सबसे लम्बी झील है। इस झील में केरल की प्रसिद्व नौका दौड का आयोजन भी किया जाता है। |
16 | भोज ताल वेटलैंड | 2002 | मध्य प्रदेश | यह क्षेत्र संरक्षित पक्षी सारस के निवास स्थान के लिये प्रसिद्व है। सारस भारत सरकार के द्वारा संरक्षित पक्षी है जो कि लुप्तप्राय है। |
17 | भितरनिका मेंग्रोव | 2002 | उडीसा | यह क्षेत्र दलदली भूमि में आता है और अपने मैंग्रोव के घने जंगलों केे लिये प्रसिद्व है। |
18 | प्वाइंट कैलिमरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य | 2002 | तमिलनाडु | यह पक्षी अभयारण्य प्रवासी पक्षियों और काले हिरणों के लिये प्रसिद्व है। |
19 | ईस्ट कोलकाता वेस्टलैंड | 2002 | पश्चिम बंगाल | यह एक कृत्रिम झील है जो कि अपने विशिष्ट पर्यावरण के लिये भारत में मशहूर है। |
20 | चंद्रताल आर्द्रभूमि | 2005 | हिमाचल प्रदेश | यह स्थान हिमाचल में चन्द्र नदी का उद्गम है। और हिमालयी पक्षियों के लिये मशहूर है। |
21 | रेणुका वेटर्लैंड | 2005 | हिमाचल प्रदेश | इस झील का नाम हिमाचल के लोक देवता भगवान परशुराम की पुत्री माता रेणुका के नाम पर रखा गया है। |
22 | होकरसर आर्द्रता भूमि | 2005 | जम्मू एवं कश्मीर | पीर पंजाल रेंज में स्थित यह क्षेत्र भारत में लुप्तप्राय रेडबीडस पक्षियों का एकमात्र निवास स्थान है। |
23 | सुरिंसर झील और मानसर झील | 2005 | जम्मू एवं कश्मीर | यह जम्मू कश्मीर की महत्वपूर्ण नदी झेलम के द्वारा बनायी गयी झील है। |
24 | रूद्रसागर झील | 2005 | त्रिपुरा | यह झील प्राकृतिक झरनों के संगम पर स्थित है। पारिस्थितिकी के लिये यह एक महत्वपूर्ण झील है। |
25 | उपरी गंगा वेस्ट लैंड | 2005 | उत्तर प्रदेश | यह स्थान जलीय जीवों जैसे कछुआ, घडियाल और मगरमच्छों के लिये प्रसिद्व है। इसके साथ ही गंगा डॉलफिन के लिये भी यह क्षेत्र प्रसिद्व है। |
26 | नल सरोवर पक्षी विहार और अभयारण्य | 2012 | गुजरात | गुजरात की मरू भूमि में स्थित यह मरूस्थल का सबसे बडा अभयारण्य है। यह विहार पक्षियों के साथ ही जंगली गधों के लिये भी प्रसिद्व है। |
27 | सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र | 2019 | पश्चिम बंगाल | संुदरवन विश्व का सबसे बडा डेल्टा क्षेत्र है। यह स्थान द ग्रेट बंगाल टाईगर के लिये विश्व प्रसिद्व है। दलदली भूमि पर इस क्षेत्र में विश्व का सबसे बडा मैंग्रोव वन स्थित है। |
28 | नंदुर मध्य महेश्वर | 2019 | महाराष्ट्र | पक्षी विहार के लिये प्रसिद्व |
29 | नवाबगंज पक्षी विहार और अभयारण्य | 2019 | उत्तर प्रदेश | इसे शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार के नाम से भी जाना जाता है। |
30 | केशोपुर मिआनी कम्यूनिटी रिजर्व | 2019 | पंजाब | भारत के सबसे बडे संरक्षित स्थलों में से एक |
31 | व्यास संरक्षित क्षेत्र | 2019 | पंजाब | डॉलफिन के लिये प्रसिद्व |
32 | नांगल वन्यजीव अभयारण्य | 2019 | पंजाब | वन्यजीवों में पैंगोलिन के लिये प्रसिद्व |
33 | सांडी पक्षी अभयारण्य | 2019 | उत्तर प्रदेश | यह अभयारण्य पूर्ण रूप से मानसून पर निर्भर है। |
34 | समसपुर पक्षी विहार और अभयारण्य | 2019 | उत्तर प्रदेश | दलदली भूमि पर स्थित वेटलैंड |
35 | समान पक्षी अभयारण्य | 2019 | उत्तर प्रदेश | पूरी तरह से मानसून पर निर्भर वेटलैंड |
36 | पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य | 2019 | उत्तर प्रदेश | गिद्वों के संरक्षण के लिये आरक्षित अभयारण्य |
37 | सरसई नावर झील | 2019 | उत्तर प्रदेश | गिलुप्तप्राय और उत्तर प्रदेश के राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिये आरक्षित क्षेत्र |
38 | आसन कंजर्वेशन रिजर्व और पक्षी विहार | 2020 | उत्तराखंड | आसन अभयारण्य विदेशी पक्षियों के लिये स्वर्ग माना जाता है। |
39 | कंवर ताल का क्षेत्र | 2020 | बिहार | बिहार राज्य का सबसे महत्वपूर्ण वेटलैंड में से एक |
40 | लोनार झील | 2020 | महाराष्ट्र | माना जाता है कि यह झील उल्का पिंडों के प्रभाव से निर्मित हुयी है। |
41 | सुर सरोवर झील / कीथम झील | 2020 | उत्तर प्रदेश | सेंट्रल एशिया के प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्व झील |
42 | त्सो कर वेटलैंड क्षेत्र | 2020 | लद्दाख | भारत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में स्थित इस वेटलैंड को विश्व प्रसिद्व हिमतेंदुये और अन्य जंगली प्रजातियों के लिये प्रसिद्व है। |
43 | सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान | 2021 | हरियाणा | विभिन्न प्रकार के देशी और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थल |
44 | भिडावास वन्यजीव क्षेत्र और अभयारण्य | 2021 | हरियाणा | हरियाणा राज्य का सबसे बडा वेटलैंड क्षेत्र |
45 | थोल झील वन्यजीव अभयारण्य | 2021 | गुजरात | ——- |
46 | वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्र | 2021 | गुजरात | लाल गर्दन वाले बतखों की दुर्लभ प्रजाति के लिये यह वेटलैंड विश्व प्रसिद्व है। |
47 | हैदरपुर आर्द्रभूमि क्षेत्र | 2021 | उत्तर प्रदेश | लजलीय जंतुओं के निवास के लिये प्रसिद्व |
48 | खिजडिया पक्षी विहार और अभयारण्य | 2022 | गुजरात | ——– |
49 | पल्लीकरनई मार्श रिजर्व वन्यजीव क्षेत्र | 2022 | उत्तर प्रदेश | सबसे बडे प्राकृतिक वेटलैंड में से एक |
50 | करिकली पक्षी अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | यह पक्षी अभयारण्य अपनी विविधता के लिये प्रसिद्व है। |
51 | बखीरा वन्यजीव अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | ——– |
52 | पिचवरम मैंग्रोव क्षेत्र | 2022 | तमिलनाडु | देश के सबसे बडे मैंग्रोव वनों में से एक |
53 | पाला वेटलैंड भूमि | 2022 | मिजोरम | ——— |
54 | साख्य सागर | 2022 | मध्य प्रदेश | ——— |
55 | कूथनकुलम पक्षी विहार और अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | पक्षियों के लिये संरक्षित पक्षी अभयारण्य |
56 | मन्नार की खाडी और समुद्री बायोस्फीयर रिजर्व | 2022 | तमिलनाडु | समुद्री जीवों के लिये महत्वपूर्ण वेटलैंड क्षेत्र |
57 | वेम्बनूर आर्द्रभूमि का क्षेत्र | 2022 | तमिलनाडु | सबसे अनोखे कृत्रिम वेटलैंड में से एक |
58 | वेलोड पक्षी विहार और अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | यह भारत के कृत्रिम वेटलैंड में से एक है। |
59 | वेदान्थन्गल पक्षी अभयारण्य और विहार | 2022 | तमिलनाडु | —— |
60 | उदय मार्थन्द पुरम पक्षी अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | ——- |
61 | सिरपुर वेटलैंड | 2022 | मध्य प्रदेश | ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण प्राकृतिक वेटलैंड क्षेत्र |
62 | सतकोसिया गार्ज का आर्द्रभूमि क्षेत्र | 2022 | ओडिशा | अपने प्राकृतिक वातावरण के लिये प्रसिद्व रामसर स्थल |
63 | नंदा झील का क्षेत्र | 2022 | गोवा | गोवा राज्य में स्थित एक मात्र रामसर स्थल |
64 | रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य | 2022 | कर्नाटक | ——- |
65 | यशवंत सागर की वेटलैंड भूमि | 2022 | मध्य प्रदेश | यह एक कृत्रिम ताल है। |
66 | ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो पक्षी विहार | 2022 | महाराष्ट्र | प्रवासी पक्षियों के लिये आरामगाह क्षेत्र |
67 | हाइगम आर्द्रभूमि कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र | 2022 | जम्मू और कश्मीर | अनेक हिमालयी दुर्लभ प्रजातियों के लिये प्रसिद्व रामसर स्थल |
68 | शालबुग वेटलैंड आरक्षित क्षेत्र | 2022 | जम्मू और कश्मीर | अनेक हिमालयी दुर्लभ प्रजातियों के लिये प्रसिद्व रामसर स्थल |
69 | टंपारा झील की आर्द्रभूमि | 2022 | ओडिशा | जलीय जीवों के लिये महत्वपूर्ण रामसर स्थल |
70 | हीराकुंड आरक्षित क्षेत्र | 2022 | ओडिशा | हीराकुंड बांध पर निर्मित रामसर स्थल |
71 | अनसुपा झील | 2022 | ओडिशा | बांस के जंगलों के लिये प्रसिद्व वेटलैंड |
72 | चित्रागंडी पक्षी विहार और अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा निवास स्थान |
73 | सुचिंद्रम थरूर आर्द्रभूमि क्षेत्र | 2022 | तमिलनाडु | प्रवासी पक्षियों के लिये आरामगाह क्षेत्र |
74 | वडुवुर पक्षी अभयारण्य | 2022 | तमिलनाडु | पक्षियों के लिये संरक्षित पक्षी अभयारण्य |
75 | कांजीरमकुलम पक्षी संरक्षित क्षेत्र | 2022 | तमिलनाडु | पक्षियों के लिये संरक्षित पक्षी अभयारण्य |
रामसर साइट सम्बंधित प्रश्न उत्तर
वर्तमान में भारत में 75 रामसर स्थल हैं।
वन्यजीवों के लिये अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि को यूनेस्को के द्वारा रामसर स्थल का दर्जा दिया जाता है। इन स्थानों के संरक्षण और विकास के लिये यूनेस्को के द्वारा वित्तीय मदद दी जाती है।
वर्तमान में तमिलनाडु राज्य में 14 रामसर साइट हैं। जो कि किसी भी राज्य में सबसे अधिक है।