![मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक, क्या 7 दिन सरकारी छुट्टी भी रहेगी? जानें](https://hindi.nvshq.org/wp-content/uploads/2024/12/Rashtriya-Shok-For-manmohan-Singh-1024x576.jpg)
नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। भारत सरकार ने उनके सम्मान में 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है और आज के लिए तय सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
क्या होता है राजकीय शोक?
देश में जब किसी ऐसे शख्स का निधन होता है, जिसने अपने जीवनकाल में राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, तो उनके सम्मान में राजकीय शोक घोषित किया जाता है। यह एक सरकारी प्रक्रिया है, जिसके तहत महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया रूल्स के अनुसार, राजकीय शोक के दौरान कोई भी औपचारिक या मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता।
राजकीय शोक की घोषणा का अधिकार किसके पास?
पहले राजकीय शोक की घोषणा केवल राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में थी। राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर राजकीय शोक की घोषणा करते थे। हालांकि, वर्तमान में यह अधिकार राज्यों को भी दिया गया है। अब केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर राजकीय शोक की घोषणा कर सकती हैं।
क्या राजकीय शोक के दौरान सरकारी छुट्टी रहती है?
1997 में केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, राजकीय शोक के दौरान सरकारी छुट्टी नहीं होती। नियम यह कहता है कि अगर किसी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति का निधन उनके कार्यकाल के दौरान होता है, तो उस स्थिति में सरकारी छुट्टी घोषित की जा सकती है। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारें विशेष परिस्थितियों में छुट्टी की घोषणा कर सकती हैं।
राजकीय शोक के दौरान किन बातों का पालन होता है?
राजकीय शोक के दौरान निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाता है:
- राष्ट्रीय ध्वज: सभी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों, सचिवालय और विधानसभाओं में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।
- कार्यक्रमों पर रोक: कोई औपचारिक या मनोरंजक सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता।
- मनोरंजन पर प्रतिबंध: राजकीय शोक के दौरान आधिकारिक मनोरंजन पर पूर्णतः रोक रहती है।
- विशेष कार्यों की अनुमति: केवल विशेष और आवश्यक कार्य किए जाते हैं।
कितने दिन का होता है राजकीय शोक?
राजकीय शोक की अवधि सरकार द्वारा तय की जाती है। इसमें कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है। उदाहरण के लिए, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर 7 दिनों का शोक घोषित किया गया था, जबकि पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर 3 दिनों का शोक रखा गया था।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देश में शोक
डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी, अपने कार्यकाल में देश को आर्थिक सुधार और स्थिरता की ओर अग्रसर किया। उनके योगदान को सम्मान देते हुए सरकार ने पूरे देश में 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
FAQs
1. राजकीय शोक क्या है?
राजकीय शोक किसी बड़े राष्ट्रीय व्यक्तित्व के निधन पर उनके सम्मान में घोषित किया जाता है। इसके दौरान सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है और औपचारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए जाते हैं।
2. क्या राजकीय शोक के दौरान छुट्टी होती है?
आम तौर पर राजकीय शोक के दौरान सरकारी छुट्टी नहीं होती। लेकिन विशेष परिस्थितियों में केंद्र या राज्य सरकारें छुट्टी की घोषणा कर सकती हैं।
3. राजकीय शोक की घोषणा कौन करता है?
राजकीय शोक की घोषणा केंद्र सरकार, राष्ट्रपति या राज्य सरकारें कर सकती हैं।
4. कितने दिनों तक चलता है राजकीय शोक?
राजकीय शोक की अवधि सरकार तय करती है। यह 1 दिन से लेकर 7 दिन या उससे अधिक भी हो सकती है।
5. राजकीय शोक के दौरान क्या गतिविधियाँ रद्द की जाती हैं?
इस दौरान कोई भी औपचारिक या मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है।
6. फ्लैग कोड ऑफ इंडिया क्या है?
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग और सम्मान के लिए बनाए गए नियमों का एक सेट है।
7. क्या राजकीय शोक केवल राष्ट्रीय नेताओं के लिए होता है?
नहीं, राजकीय शोक कलाकारों, वैज्ञानिकों, और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए भी घोषित किया जा सकता है, जिन्होंने राष्ट्र के लिए योगदान दिया हो।
8. डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कब और कहां होगा?
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इसकी तारीख और स्थान की जानकारी जल्द ही घोषित की जाएगी।