राजस्थान की गहलोत सरकार ने 21 मार्च 2023 को बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य का अधिकार बिल (Right to Health Bill) विधानसभा में पारित कर दिया है। इस लेख में हम आपको राजस्थान सरकार के बहुचर्चित बिल राजस्थान राईट टू हेल्थ (Right to Health Bill) के बारे में बताने जा रहे हैं। इस बिल की पूरी जानकारी के लिये इस लेख को अंत तक अवश्य पढें।
राईट टू हेल्थ बिल क्या है (Right to Health Bill Rajasthan)
प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधायें देने के लिये राजस्थान की सरकार के द्वारा एक बिल विधानसभा सत्र में पेश किया गया। इस बिल को Right to Health Bill कहा जा रहा है।
इस बिल के जरिये राजस्थान राज्य सरकार एक कानून बनाने जा रही है। जिससे कि राज्य में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को इसका फायदा मिल सके। राईट टू हेल्थ बिल में मरीज के इलाज के लिये किसी भी अस्पताल में किसी प्रकार की अग्रिम राशि का भुगतान करने से छूट भी शामिल है।
साथ ही यदि किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आप अस्पताल पंहुचाते हैं या अस्पताल पंहुचाने में सहयोग करते हैं तो राजस्थान सरकार इसके लिये प्रोत्साहन के तौर पर 5000 रूपये देने की घोषणा इस बिल में कर चुकी है।
हालांकि गहलोत सरकार के इस बिल (Rajasthan Right to Health Bill)का विपक्ष और राज्य के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के द्वारा भारी विरोध किया जा रहा है। बावजूद इसके यह बिल 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधानसभा में ध्वनि मत से पारित हो गया है।
इस बिल के लागू होने पर राजस्थान भारत का पहला राज्य बन जायेगा जो कि राज्य के नागरिकों को इस प्रकार के स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करता है।
Right to Health Bill Rajasthan Overview
आर्टिकल का नाम | राइट टू हेल्थ बिल राजस्थान |
योजना का नाम | Right To Health Bill Rajasthan |
राज्य | राजस्थान |
संबंधित विभाग | राजस्थान स्वास्थ्य विभाग (Department of Health Rajasthan) |
योजना की शुरूआत | 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधानसभा में पारित |
योजना के लाभार्थी | राजस्थान राज्य के निवासी |
योजना के लिये पात्रता | राजस्थान राज्य के निवासी |
प्रोत्साहन राशि | दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पंहुचाने वाले को 5000 रूपये की धनराशि |
राईट टू हेल्थ बिल के प्रावधान (Provisions of Right to Health Bill)
- Right to Health Bill बिल में राज्य सरकार के द्वारा आपातकालीन स्थिति में निजी अस्पतालों को भी निशुल्क इलाज करने का प्रावधान किया गया है। यदि मरीज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उसके पास इलाज के लिये पैसे नहीं हैं तो भी निजी अस्पताल उसका इलाज करने से इनकार नहीं कर सकेंगे।
- राजस्थान राईट टू हेल्थ बिल के तहत प्रदेश में राज्य और जिला स्तर पर मरीजों के अधिकारों की रक्षा और निजी अस्पतालों की लूट और अत्यधिक मंहगे इलाज के रोकथाम के लिये एक प्राधिकरण का गठन किया जायेगा।
- यदि मरीज किसी दुर्लभ और गंभीर बीमारी से पीडित है और उसका इलाज भर्ती किये गये अस्पताल में नहीं किया जा सकता है। तो भी उस अस्पताल को मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर करने के साथ साथ एंबुलेंस की व्यवस्था भी मरीज के लिये करनी होगी।
- किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पंहुचाने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार के द्वारा 5000 रूपये बतौर प्रोत्साहन राशि दिये जायेंगे।
- Right to Health Bill में अस्पतालों के साथ साथ मरीजों और उनके परिजनों के लिये भी प्रावधान तय किये गये हैं।
- अस्पताल के किसी भी कर्मचारी, नर्स आदि के साथ मरीज और उसके परिजन दुर्व्यव्हार नहीं करेंगे।
- यदि मरीज की मृत्यु संदिग्ध अथवा अप्राकृतिक स्थितियों में हुयी है। तो ऐसे मामलों में परिजनों को शव का पोस्टमार्टम करने की अनुमति प्रदान करनी होगी।
- राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कानूनी मामले का निराकरण करने का कार्य करेगा।
- राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण शिकायतों के उचित निपटारे के लिये भी उत्तरदायी होगा।
- किसी भी प्रकार की शिकायत के लिये सरकार के द्वारा एक वेब पोर्टल विकसित किया जायेगा।
- शिकायत मिलने पर शिकायत पर 24 घण्टे के अन्दर प्रतिक्रिया और शिकायत का निपटारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के द्वारा प्रस्तावित है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (Rajasthan State Health Authority 2023)
रइस बिल के अनुसार राज्य में बिल के समुचित क्रियान्वयन और न्यायसंगत प्रक्रिया के लिये राज्य सरकार के द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया जायेगा। इसके अर्न्तगत ही जिला स्तर पर भी एक मानद प्राधिकरण स्थापित किया जायेगा। सरकार द्वारा जारी सूचना के अनुसार राज्य स्तरीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पदाधिकारी इस प्रकार से होंगें –
- राज्य के संयुक्त सचिव की रैंक का अधिकारी इस प्राधिकरण की अध्यक्षता करेगा।
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के राज्य निदेशक प्राधिकरण के पदेन सदस्य और सचिव होंगे।
- चिकित्सा एंव शिक्षा के आयुक्त अथवा अतिरिक्त निदेशक इस प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे।
- राजस्थान स्वास्थ्य ऐश्योरेन्स ऐजेंसी (Rajasthan Health Assurance Agency) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी पदेन सदस्य का दर्जा दिया गया है।
- राज्य में आर्युवेद चिकित्सा एंव शिक्षा के निदेशक पदेन सदस्य होंगे।
- राज्य में होम्योपैथिक चिकित्सा एंव शिक्षा के निदेशक या उप निदेशक पदेन सदस्य होंगे।
- यूनानी चिकित्सा पद्वति के निदेशक भी सदस्य के रूप में इस प्राधिकरण में शामिल होंगे।
विरोध प्रदर्शन (Right To Health Protest)
राजस्थान सरकार के इस बिल का निजी अस्पतालों और प्राईवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। बिल के सदन में पेश होने तक विपक्षी पार्टियों के द्वारा भी इस बिल का विरोध किया गया है।
वहीं राज्य के निजी अस्पतालों के डाक्टरों के द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किये गये हैं। उनका कहना है कि इस बिल के आने से प्रदेश में निजी अस्पतालों को इलाज की गुणवत्ता से समझौता करना होगा जिससे कि निजी अस्पतालों का भविष्य अधर में है।
बिल के पारित होने की तिथि से लगातार इसका विरोध हो रहा है। प्रदेश के डाक्टर्स इस बिल को राईट टू किल कहकर संबोधित कर रहे हैं। निजी अस्पतालों का कहना है कि एक अस्पताल में कई कर्मचारी और डाक्टर कार्य करते हैं।
यदि अस्पताल के द्वारा मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता रहा तो अस्पताल के कर्मचारियों के उपर रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जायेगा। प्रदेश के कई निजी अस्पतालों ने सांकेतिक तौर पर अस्पतालों को बन्द भी कर दिया गया है।
Right to Health Bill 2023 के लाभ
- मरीजों को अब प्राईवेट अस्पतालों में भी आपातकाल की स्थिति में मुफ्त इलाज मिलेगा।
- इस बिल के तहत ओपीडी मरीज, अस्पताल में भर्ती मरीज, आपातकाल और ऐंबुलेंस की सुविधा का भी प्रावधान किया गया है।
- राजस्थान राज्य के प्रत्येक निवासी का स्वास्थ्य बीमा राज्य सरकार के द्वारा गठित प्राधिकरण के तहत किया जायेगा।
- आपातकालीन परिस्थिति में निजी अस्पताल में अग्रिम भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी।
- इस बिल के तहत यदि मामला अपराध से जुडा है। तो भी अस्पताल मरीज के इलाज में पुलिस वेरिफिकेशन के लिये विलम्ब नहीं कर सकते हैं।
- इलाज के दौरान यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है तो भी भुगतान न होने की स्थिति में शव को अस्पताल के द्वारा रोका नहीं जा सकता है।
- यदि मरीज की हालत गंभीर है और उसे किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती करने की राय दी जाती है। तो दूसरे अस्पताल में मरीज को भर्ती करने की जिम्मेदारी अस्पताल की होगी।
- यदि कोई निजी अस्पताल इस बिल में दिये गये प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- पहली बार उल्लंघन करने पर दस हजार रूपये का जुर्माना अस्पताल को भरना होगा।
- यदि दूसरी बार नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो जुर्माने के रूप में पच्चीस हजार रूपये अस्पताल से वसूल किये जायेंगे।
राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल से सम्बन्धित प्रश्न
राजस्थान राज्य सरकार के द्वारा बिल पारित किया गया है। इस बिल में राज्य के निजी अस्पतालों में आपातकालीन स्थितियों में भी निशुल्क इलाज का प्रावधान राज्य सरकार के द्वारा किया गया है।
यह बिल 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया था। जो कि ध्वनि मत से पारित हो गया है। जल्द ही इस बिल को पूरे राज्य में लागू कर दिया जायेगा।
Right to Health bill राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोल गेहलोत जी के द्वारा बनाया गया है।
किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पंहुचाने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार के द्वारा 5000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किये जाएंगे