सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण – Sakarmak Kriya in Hindi

जब किसी वाक्य में कर्ता, क्रिया और कर्म तीनों उपस्थित होते है, तो उसे सकर्मक क्रिया कहते है। प्रत्येक वाक्य को पूर्ण करने के लिए कर्ता, क्रिया और कर्म का होना जरुरी है, तभी पुरे वाक्य का सही अर्थ निकल पाता है। तो आइये विस्तार से जानते है सकर्मक क्रिया किसे कहते है, और इसकी पहचान कैसे होती है उदाहरण सहित। आर्टिकल को विस्तार से जानने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़े।

Sakarmak Kriya In Hindi
सकर्मक क्रिया

Sakarmak Kriya की परिभाषा

ऐसी क्रिया जिसमे कर्ता द्वारा किए गए कार्य का पता चलता है। अर्थात सकर्मक क्रिया में क्रम का बोध होता है उसे ही सकर्मक क्रिया कहते है।

जैसे – सीमा ने दूध पिया।
ऊपर दिए गए वाक्य में सीमा कर्ता है, दूध कर्म है और पिया क्रिया है। इस वाक्य में कर्ता, क्रम और क्रिया का बोध हो रहा है, इसलिए ये सकर्मक क्रिया है। क्या आप जानते हो कारक किसे कहते है, और इसकी परिभाषा क्या होती है

सकर्मक क्रिया के उदाहरण

  • राम ने पानी पिया।
  • सोहन गाना सुन रहा है।
  • महेश निबंध लिख रहा है।
  • पायल स्कूल जा रही है।
  • महक आम बेच रहा है।
  • हनुमान ने लंका को जला दिया।
राम ने पानी पिया। राम = कर्ता, पानी = कर्म, पिया = क्रिया
सोहन गाना सुन रहा है। सोहन = कर्ता, गाना = कर्म, रहा है = क्रिया
महेश निबंध लिख रहा है। महेश = कर्ता, निबंध = कर्म, रहा है = क्रिया
पायल स्कूल जा रही है। पायल = कर्ता, स्कूल = कर्म, जा रही है = क्रिया
महक आम बेच रहा है। महक = कर्ता, आम = कर्म, बेच रहा है =क्रिया
हनुमान ने लंका को जला दिया। हनुमान = कर्ता, लंका = कर्म, जला दिया = क्रिया

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) के प्रकार

सकर्मक क्रिया दो प्रकार के होते हैं –

  • एककर्मक क्रिया
  • द्विकर्मक क्रिया

1) एककर्मक क्रिया

वह क्रिया जिसका एक कर्म होता है, अर्थात ऐसे वाक्य जो केवल एक ही कर्म का दर्शाते है, उन्हें एककर्मक क्रिया कहते है।

उदाहरण सहित –

  • डाॅक्टर इलाज कर रहा है।
  • अजय लीची खाता है।
  • राम विद्यालय जाता है।
  • मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।

2) द्विकर्मक क्रिया

जिन वाक्यों में क्रिया के साथ -साथ दो कर्म का प्रयोग किया जाता है, उसे द्विकर्मक क्रिया कहते है। इस क्रिया में पहला कर्म प्राणीवाचक (सजीव) और दूसरा कर्म निर्जीव होता है।

उदाहरण सहित –

  • सीता ने मोहन को नाश्ता कराया।
  • मैंने भाई की पुरानी घड़ी बेच दी।
  • शाम आज बस से दिल्ली जाएगा।
  • राजा हमेशा जनता से कर वसूलता है।

उपरोक्त उदाहरण में, ‘सीता’ प्राणीवाचक या सजीव है, और सीता में मोहन को ‘नाश्ता’ कराया इस वाक्य में ‘नाश्ता’ शब्द निर्जीव कर्म है। इसी प्रकार से भाई और शाम सजीव वाक्य है और घड़ी, बस निर्जीव कर्म है। अंत ये द्विकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) से संबंधित सवालों के जवाब

सकर्मक क्रिया किसे कहते है ?

सकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है, जिसमे क्रिया का प्रभाव कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते है।

सकर्मक क्रिया के कितने भेद हटे है ?

सकर्मक क्रिया के दो भेद होते है – एककर्मक क्रिया, द्विकर्मक क्रिया।

सकर्मक क्रिया को कैसे पहचाने है?

मीना खाना खा रही है – इस वाक्य में ‘मीना ‘कर्ता, ‘खाना‘ कर्म और ‘खा रही है’ क्रिया है। जिसका प्रभाव ‘खाना’ पर पड़ रहा है। अंत ये सकर्मक क्रिया कहलाती है।

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