केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रोग्राम है जिसके माध्यम से देश की शिक्षा नीति में कुछ महत्वपूर्ण व आधारभूत बदलाव किये जाएंगे। इस से न सिर्फ शिक्षा के स्तर में सुधार होगा बल्कि नौनिहालों के भविष्य भी सुरक्षित होगा। शिक्षा मानव जीवन का ऐसा महत्वपूर्ण घटक होता है जिससे एक व्यक्ति का सम्पूर्ण विकास हो सकता है। और इसीलिए आवश्यक है कि शिक्षा के क्षेत्र में समय के अनुरूप बदलाव होते रहना चाहिए। जिससे विकास की धारा अनवरत बहती रहे। आज इस लेख में हम आप को समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे। विस्तृत जानकारी हेतु इस लेख को पूरा पढ़ें।
जानिये क्या है Samagra Shiksha Abhiyan?
समग्र शिक्षा अभियान मूल रूप से शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए लायी गयी योजना है। इसका ध्येय मूल रूप से शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। जिससे सभी बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इस के लिए एक अम्ब्रेला स्कीम (Umbrella Scheme ) की शुरुआत की गयी है। अम्ब्रेला स्कीम अर्थात जिस में अन्य सब स्कीमों को सम्मिलित किया जाता है। समग्र शिक्षा अभियान एक ऐसी स्कीम है जिसे अभी तक की तीन अन्य स्कीमों को मिला कर बनाया गया है। ये स्कीम हैं – सर्व शिक्षा अभियान , टीचर्स एजुकेशन से संबंधित स्कीम और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान। इन तीनों स्कीमों को समग्र शिक्षा अभियान में सम्मिलित कर दिया गया है।
समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। जो कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत आती है। इसमें सभी उम्र के बच्चे अर्थात प्री – प्राइमरी से लेकर सेकेंडरी तक के विद्यार्थियों को इसका लाभ प्रदान किया जाएगा।
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Highlights Of Samagra Shiksha Abhiyan
स्कीम का नाम | समग्र शिक्षा अभियान /Samagra Shiksha Abhiyan |
योजना प्रकार | केंद्र सरकार की योजना |
वर्तमान साल | 2023 |
योजना का उद्देश्य | देस की शिक्षा नीति में समयानुसार बदलाव और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना। |
योजना का लाभार्थी | प्री प्राइमरी से लेकर सेकंडरी कक्षाओं के विद्यार्थी |
योजना की शुरुआत का वर्ष | 2018 |
अधिकारिक वेबसाइट | समग्र शिक्षा अभियान आधिकारिक वेबसाइट |
समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी Samagra Shiksha Abhiyan योजना का उद्देश्य हमारे देश की शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता लाना है। इसका उद्देश्य विशेषकर स्कूली शिक्षा पर ध्यान देना है। इससे शिक्षा की नींव मजबूत होगी और आगे की पढाई के लिए बच्चों में पहले से ही तैयारी रहेगी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि –
- इस स्कीम का उद्देश्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उनकी सीखने की क्षमता का विकास करना है।
- इसके अतिरिक्त स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक गैप भरने का प्रयास किया जाएगा।
- स्कूलिंग प्रावधानों में न्यूनतम मानक तैयार कर व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना है।
- शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। जिससे वे बेहतर तरीके से अपना कार्य कर सके।
- शिक्षण प्रक्रिया में नयी तकनीकों का प्रयोग किये जाने का प्रावधान किया जाएगा। जिससे अच्छी तरह से शिक्षा प्रदान की जा सके।
कार्यान्वयन की प्रक्रिया
समग्र शिक्षा अभियान केंद्र सरकार द्वारा चलायी गयी एक अम्ब्रेला योजना है जिसके अंतर्गत स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। विद्यालयी शिक्षा के विभिन्न घटकों को ध्यान में रखकर उनके विकास पर ध्यान दिया जाएगा। विशेषकर जैसे कि –
- Teacher (शिक्षक)
- Technology (तकनीक)
बात करें शिक्षा संबंधी घटकों की तो सबसे महत्वपूर्ण है शिक्षक। इसी बात रखते हुए नयी शिक्षा नीति के तहत सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग करवाई जाएगी। जिससे उन्हें बेहतर शिक्षण तकनीक भी सिखाई जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा देने हेतु वर्तमान में उपलब्ध विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों में बेहतर समझ का विकास कर सके। समग्र शिक्षा अभियान के तहत RTE 2009 को लेकर आगे बढ़ाया जा रहा है।
फंडिंग पैटर्न : ये स्कीम सेंटर द्वारा स्पॉन्सर की जा रही स्कीम है जिस के कार्यान्वयन हेतु केंद्र सरकार फंडिंग करेगी। इसमें नार्थ ईस्टर्न स्टेट्स (उत्तर पूर्वी राज्यों) के लिए केंद्र सरकार कुल धनराशि की 90 प्रतिशत अंश देगी जबकि बाकी के 10 प्रतिशत राज्य सरकार वहां करेगी। इसके अलावा अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार द्वारा कुल धनराशि का 60 प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा जबकि राज्यों द्वारा बाकी के 40 प्रतिशत का खर्चा वहन किया जाएगा।
वर्तमान में समग्र शिक्षा अभियान 2.0 चल रहा है। इसके तहत इस स्कीम में कुछ अन्य आधारभूत बदलाव किये जा रहे हैं जिससे इस स्कीम के आउटपुट को और बेहतर बनाया जा सके। देश के तकरीबन 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे एवं 57 लाख शिक्षकों को इस का लाभ प्रदान किया जाएगा। साथ ही इस स्कीम की पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न पक्षों पर ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल ड्रेस, पाठ्यपुस्तकें, परिवहन भत्ते आदि जो कि सभी लाभर्थियों के बैंक खाते में डीबीटी के जरिये भेज दिया जाएगा।
समग्र शिक्षा अभियान के लाभ और इसकी विशेषताएं
- समग्र शिक्षा अभियान को संक्षिप्त में SSA 2.0 भी कहते हैं।
- Samagra Shikhsa Abhiyan स्कीम की शुरुआत 4 अगस्त 2021 को केंद्र सरकार द्वारा की गयी है।
- इस स्कीम के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य से (SDG -4) और राष्ट्रीय शिक्षा पालिसी 2020 के साथ सम्मिलित करके एक नया स्वरुप प्रदान किया गया है।
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत देश की शिक्षा नीति में कुछ आमूलचूक परिवर्तन करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इसके लिए शिक्षा और शिक्षकों के विकास हेतु कार्य किया जाएगा।
- योजना के तहत स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को लाभन्वित किया जाएगा। इसमें प्री एलीमेंट्री अर्थात प्राथमिक शिक्षा से लेकर बारहवीं तक सामान समावेशी कक्षा वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।
- केंद्र सरकार द्वारा SSA 2.0 को 1 अप्रैल 2021 से 26 मार्च 2026 तक लागू किया गया है।
- समग्र शिक्षा के तहत इसमें 2.94 लाख रूपये लाख करोड़ रूपये का बजट तैयार किया गया है, जिससे केंद्र सरकार इस स्कीम के क्रियान्वयन हेतु इस्तेमाल करेगी।
- योजना के तहत जल्द ही सभी सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक, स्मार्ट क्लास आदि की व्यवस्था की जाएगी जिससे षिक्ष गुणवततापूर्ण हो सके।
- इसके साथ ही विद्यालयों में बुनियादी ढाँचे,वर्चुअल क्लासरूम, डिटेल चैनल के समर्थ, व्यावसायिक शिक्षा और रचनात्मक शिक्षा विधि, सहित आईसीटी लैब की व्यवस्था की जाएगी।
- समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 5वीं कक्षा तक के छात्रों को खेल सामग्री हेतु 5 हजार रूपए , 10वीं कक्षा हेतु 10 हजार रूपए और कक्षा 12 के छात्रों को 15 हजार रूपए दिए जाएंगे।
- सभी विद्यालयों में छात्रों के लिए एक घंटे की फिजिकल एक्टिविटी को आवश्यक किया गया है।
- इस स्कीम के अंतर्गत शिक्षक पाठ्य सामग्री भी तैयार की जाएगी। इस के लिए प्रत्येक छात्र 500 रूपए राशि रखी गयी है।
- जो भी दिव्यांग विद्यार्थी देश के केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं उन्हें हर महीने 200 रूपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
- समग्र शिक्षा अभियान के कार्यान्वयन हेतु लगने वाली राशि का 60 प्रतिशत भुगतान केंद्र सरकार करेगी। वहीँ राज्य द्वारा इसके लिए 40 प्रतिशत का योगदान दिया जाएगा।
- उत्तर पूर्वी क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों हेतु सरकार 90 प्रतिशत का भुगतान करेगी जबकि राज्य सरकार को मात्र 10 प्रतिशत का योगदान ही करना होगा।
- समग्र शिक्षा अभियान 2.0 के अंतर्गत स्कूली शिक्षा को बीच में ही छोड़ देने वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए कौशल और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- Samagra Shiksha Abhiyan के तहत सभी स्कूलों में लाइब्रेरी के निर्माण पर किताबों की खरीद को ध्यान में रखते हुए 5 हजार रूपए से लेकर 10 हजार रूपए तक की धनराशि प्रदान की जाएगी।
Samagra Shiksha Abhiyan से संबंधित प्रश्न उत्तर
Samagra Shiksha Abhiyaan को अम्ब्रेला स्कीम इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसमें तीन अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को सम्मिलित किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत 4 अगस्त 2021 को की गयी है।
Samagra Shiksha Abhiyaan 4 अगस्त 2021 को शुरू किया गया एक ऐसा प्रोग्राम है जिससे देश की शिक्षा व्यवस्था को पहले से बेहतर बनाया जा सके। इस अभियान के माधयम से सभी प्री स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा के सभी आयामों को शामिल किया जाएगा। प्रोग्राम में किये गए प्रावधान नयी शिक्षा नीति के तहत किये गए हैं। ये एक अम्ब्रेला स्कीम है जिसके तहत तीन अन्य महत्वपूर्ण स्कीमों कको भी सम्मिलित कर दिया गया है।
समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारना और उसे पहले से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाना है। जिससे आज के नौनिहालों को बेहतर भविष्य मिल सके।
भारत सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान देश की शिक्षा नीति से संबंधित है। जिसे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए लाया गया है।
इस अभियान (समग्र शिक्षा अभियान) के अंतर्गत देश की शिक्षा नीति में बदलाव किया जाएगा। इस नीति के तहत कुछ बदलाव और सुधार किये जाएंगे जिससे शिक्षा गुवात्तापूर्ण बने और इस के लिए शिक्षा से संबंधी सभी आयामों और इसके घटकों पर ध्यान दिया जाएगा।
आज इस लेख के माध्यम से आप ने Samagra Shiksha Abhiyaan के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है आप को ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य उपयोगी लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ पर विजिट कर सकते हैं।