मजदूरों के द्वारा की गई कड़ी मेहनत तथा समाज के लिए दिए उनके योगदान को याद करने के लिए श्रम दिवस मनाया जाता है जो की दुनिया में अधिकांश देशों जैसे- भारत, जॉर्डन, पेरू, घाना, ईरान, लीबिया, चिली, मैक्सिकों तथा उरुग्वे में 1 मई को मनाया जाता है। हालांकि यह दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है लेकिन कई देश इसे अलग-अलग तिथि के दिन मनाते हैं। यह दिवस पूर्ण रूप से श्रमिकों तथा मजदूरों को समर्पित किया जाता है। हम समाज में इनके बलिदान, अधिकार और मेहनत को पहचान सके इसके लिए यह दिवस मनाया जाता है। आज हम इस लेख में मजदूर/श्रम/श्रमिक दिवस पर भाषण (Speech on Labour Day) लिखने जा रहें हैं जो की स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के काम आ सकता है। अतः आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें तथा अपने अन्य दोस्तों को शेयर करें।
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Speech on Labour Day- 10 Line
- मजदूर दिवस को मई दिवस के नाम से भी बुलाया जाता है।
- हर वर्ष मजूदर अथवा श्रमिकों को प्रेरित तथा उन्हें सम्मान दिलाने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस को श्रमिक वर्ग की छुट्टी के रूप में मानते हैं।
- यह दिवस मजदूरों के अधिकार के बारे में बताता है ताकि सभी लोग इनका सम्मान कर सके।
- वर्ष 1993 में भारत का पहला मजदूर दिवस मद्रास प्रान्त में मनाया गया।
- इस दिवस के दिन स्कूल तथा कॉलेज में बच्चों को भाषण व निबंध लिखने के लिए दिया जाता है ताकि बच्चे श्रमिकों की कड़ी मेहनत क्या होती है, जान सके।
- भारत के साथ-साथ दुनिया में करीबन 80 से अधिक देश इस दिन छुट्टी मनाते हैं।
- भारत में पहला ग्रुप लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान था जिसमें भारत में मई दिवस को बड़े उत्सव के साथ मनाया।
- किसी भी राष्ट्र की बढ़ती अर्थवतवस्था के लिए सबसे बड़ा योगदान मजदूर प्रमुख माना जाता है।
- कारखानों तथा उद्योगों में सबसे अधिक जिनका कार्य होता है वे मजदूर होते हैं ये कड़ी मेहनत कर रोजगार कमाते हैं।
मजदूर/श्रम/श्रमिक दिवस पर भाषण- 1
नमस्कार मित्रों,
सभी को सुप्रभात, मेरा नाम अमन है तथा मैं हरिद्वार संस्कृत स्कूल का विद्यार्थी हूँ। आज उन लोगों के समूह के बारे में भाषण देने जा रहा हूँ जिनके बारे में हम कभी गौर करके नहीं सोचते हैं और वे हमारे घर को बनाने वाले मजदूर तथा श्रमिक हैं। यह हमारे कई कामों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत में 1 मई 1923 को मजदूर दिवस की शुरुआत हुई थी। तथा लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान में भी 1 मई 1923 को ही इसको शुरू किया गया। इस दिन मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर लाल रंग का झंडा फहराया गया। इस समय भारत में मजदूर आंदोलन चलाया गया जिसमें वामपंथी व सोशलिस्ट पार्टियां नेतृत्व कर रही थी। विश्व भर में मजदूर एकजुट होकर अपने अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने लगे।
इस दिन मजदूर वर्ग के योगदान के लिए लोगों द्वारा खूब उत्सव मनाया जाता है। इसके साथ ही उनको उचित रूप से मजदूरी दी जाती है। यह हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं तथा अपना खून पसीना एक करके दुनिया को मजबूत बनाते हैं।
हम अकसर श्रमिकों को बहुत ही छोटा आदमी अथवा गरीब बताते हैं या फिर उनके काम को कोई महत्व नहीं देते हैं। जिस घर में हम अपने परिवार के साथ मिलकर रहते हैं उसे पहले बहुत से श्रमिकों में मिलकर बनाया है तथा जिस सड़क पर हम इधर से उधर गाड़ियों में घूमते है ऐसी ही कई चीजें श्रमिकों द्वारा मेहनत से बनाई गई हैं। वे लोग कई विपरीत परिस्थितियों में अपना कार्य मेहनत से करते हैं तथा अपनी जान को दाव पर लगाकर कई चुनौती पूर्ण एवं खतरनाक कार्य करते हैं।
अतः मजदूर दिवस केवल कोई उत्सव अथवा जश्न मनाने के लिए नहीं मनाया जाता बल्कि यह इसलिए मनाया जाता है ताकि उन्हें समाज में सम्मान से देखा जाए उनके प्रत्येक कार्य के मूल्य को पहचाना जाए तथा उनके साथ बेहतर व्यवहार किया जाए। साथ ही मजदूरों के कार्य की परिस्थिति को समझा जाए जिससे उन्हें अपने अधिकार प्राप्त हो सके। आइए हम इस विश्व में सभी श्रम करने वाले श्रमिकों से एक अच्छा व्यवहार कर सके।
धन्यवाद।
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मजदूर/श्रम/श्रमिक दिवस पर भाषण- 2
सभी को सुप्रभात, सरस्वती विद्या मंदिर कॉलेज में लेबर डे के उत्सव में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन है। मेरा नाम प्रिय है, और इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं एक भाषण प्रस्तुत करने जा रही हूँ।
दुनिया भर में श्रमिक दिवस मजदूरों के योगदान तथा समर्पण का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष 1 मई को यह दिवस उत्सव के साथ आयोजित होता है परन्तु कई ऐसे देश हैं जो इस जश्न को विभिन्न तरीकों में मनाते हैं। इस दिवस को International Labour Day भी कहते हैं। इस दिन विश्व में सरकारी अथवा प्राइवेट क्षेत्र के काम करने वाले लेबरों को अवकाश दिया जाता है ताकि वे भी इस उत्सव का आनंद उठा पाए।
मजदूर देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इनका सबसे कठिन कार्य होता हैं जिससे हम अपने राष्ट्र का विकास कर पाते हैं अतः इनका समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। भारत में श्रमिक कल्याण और उनके अधिकारों के लिए कई श्रमिक ट्रेड यूनियन तथा संगठन बनाए गए हैं।
मजदूर समाज में उपस्थित सभी लोगों के सहायता कर्ता होते हैं चाहे वह उद्योगों में कार्य करने में मदद करते हो अथवा व्यक्तिगत मजदूर हो। यदि दुनिया में सभी लोग डॉक्टर अथवा इंजीनियर होंगे तो मजदूर भी कौन बनेगा। हालाँकि कारखाना अथवा उद्योग मालिक बनाता है लेकिन उसमें काम करने वाले श्रमिक ही होते हैं। मजदूर ही उन वस्तुओं का निर्माण करते हैं और उत्पादन की संभव बनाते हैं।
आजकल कई देशों में नई तकनीकी आ गई हैं जिसके तहत कम्पनियाँ इलेक्ट्रॉनिक ऑटोमेशन को अपनाती है इसके तहत श्रमिकों की संख्या कम हो जाती है, तथा इनके बदले का कार्य रोबोट तथा कंप्यूटर मशीनों ने ले लिया है। परन्तु भारत जैसे देश में जनसंख्या अधिक होने से यह संभव हो पाना मुश्किल है। अतः हमें हमेशा मजदूरों तथा प्रत्येक श्रम करने वाले श्रमिक का सम्मान कर चाहिए तथा उनके अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।
धन्यवाद।
मजदूर/श्रम/श्रमिक दिवस पर भाषण- 3
सभी को मेरा प्रणाम। मैं आज मजदूर दिवस के इस कार्यक्रम में आप सभी का इस सभा हार्दिक स्वागत करता हूँ।
प्रत्येक वर्ष यह दिवस भारत के साथ कई देशों में 1 मई को मनाया जा रहा है। इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस अथवा मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी लेबरों की आर्थिक तथा सामाजिक उपलब्धियों को समर्थन करने के लिए यह दिवस भारत में खूब उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही श्रमिक समूह को बढ़ावा व प्रेरित किया जाता है। इस दिवस को मनाना इसलिए शुरू किया गया क्योंकि पहले मजदूरों को 12 से लेकर 16 घंटे के करीबन काम करना पड़ता था कभी तो इससे भी अधिक। इतने घंटे कार्य कर पाने के कारण श्रमिकों को कई परेशानियों को सामना करना पड़ा जिसके लिए कार्य के इस समय को बदलकर प्रतिदिन 8 घंटे कार्य करना बहुत ही आवश्यक था।
एक बार आप भी ध्यान दीजिए कि आप अपने ऑफिस या घर पर कितने घंटे कार्य करते हैं ज्यादा से ज्यादा 8 या फिर 10 घंटे, और इस कार्य में भी आपको बहुत थकावट हो जाती है भले ही आप ऑफिस पर तो आराम ना कर सके लेकिन घर पर तो आप आराम कर ही लेते हैं। और अगर हम प्रतिदिन 12 से 16 घंटे कार्य करेंगे तो हम बहुत परेशान हो जाएंगे अथवा उस कार्य को छोड़ देंगे क्योंकि इतने घंटे कार्य कर पाना हमारे लिए संभव नहीं है। लेकिन मजदूरों ने इतने घंटे बिना रुके बिना आराम किए काम किया है सोचिए उन्हें कितनी परेशानी हुई होगी।
दुनिया में यह एक ऐतिहासिक उत्सव है जिसे वैश्विक स्तर पर विभिन्न प्रकार के श्रमिक संगठनों द्वारा मनाया जाता है। भारत में साल 1923 को पहली बार श्रम दिवस मनाया गया था। इस दिन मजदूर एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
समाज में हम सभी को लेबरों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए तथा लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। ताकि वे इस समाज में बेहतर जीवन जी सके। कभी भी मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए हमें उनको अच्छे से कार्य समझाना चाहिए जिस तरह से हम अन्य लोगों के साथ बात करते हैं। विश्व में अधिकांश देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है लेकिन इस दिन अवकाश के रूप में नहीं बल्कि उनके द्वारा किए गए बलिदान और प्रयासों का सम्मान करना चाहिए। हमें अपने परिवार, छोटे बच्चों तथा अपने आस पास अन्य लोगों को भी इस दिवस का महत्व समझाना चाहिए।
भारत सरकार इस दिन कई सत्र और विशेष सेमिनार आयोजित करती है ताकि हम श्रम के महत्व को जान सके।
धन्यवाद।
Speech on Labour Day से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 को हुई थी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाता है।
भाषण को शुरू करते हुए किस शब्द कर प्रयोग करते हैं?
भाषण को शुरू सुप्रभात मित्रों के शब्द से किया जाता है।
Labour Day क्यों मनाया जाता है?
मजदूरों के संघर्ष एवं बलिदानों को याद करने के लिए हर साल Labour Day मनाया जाता है।