भारत में जब किसी को प्रॉपर्टी या भू-संपत्ति गिफ्ट के रूप में मिलती है, तो इस पर स्टांप शुल्क और आयकर नियम लागू होते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में गिफ्ट डीड के लिए स्टांप ड्यूटी अलग-अलग है। यह आमतौर पर 2% से 8% तक होती है, लेकिन कुछ राज्यों में खून से जुड़े रिश्तों (रक्त संबंधियों) के मामलों में स्टांप शुल्क माफ किया गया है। यह लेख आपको गिफ्ट डीड, स्टांप शुल्क, आयकर और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देगा।
गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क का भुगतान कौन करता है?
गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान आमतौर पर दाता यानी संपत्ति उपहार में देने वाला व्यक्ति करता है। हालांकि, यदि प्राप्तकर्ता किसी तरह का भुगतान करता है, तो इसे ‘संपत्ति हस्तांतरण’ माना जाएगा और संबंधित शुल्क प्राप्तकर्ता पर लागू होगा।
2024 में भारतीय राज्यों में गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क
गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में खून के रिश्तों के मामलों में यह मात्र ₹200 है, जबकि तमिलनाडु जैसे राज्यों में यह 7% तक हो सकता है। उत्तर प्रदेश में, रक्त संबंधियों के बीच गिफ्ट पर स्टांप शुल्क ₹5,000 और प्रोसेसिंग शुल्क ₹1,000 तय किया गया है।
गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क की गणना कैसे करें?
स्टांप शुल्क की गणना संपत्ति के मूल्य के आधार पर होती है। उदाहरण के लिए, यदि यूपी में संपत्ति का मूल्य ₹1 करोड़ है, तो गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क 2% यानी ₹2 लाख होगा। यह शुल्क ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा किया जा सकता है।
रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड स्टांप शुल्क में छूट
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा जैसे राज्यों में रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड पर विशेष छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में भाइयों के बीच गिफ्ट पर स्टांप शुल्क केवल ₹200 है।
गिफ्ट डीड की कानूनी आवश्यकताएं और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
गिफ्ट डीड को कानूनी रूप से मान्य बनाने के लिए इसे रजिस्टर कराना अनिवार्य है। यह निम्नलिखित शर्तों के साथ होता है:
- गिफ्ट डीड में संपत्ति का स्पष्ट विवरण और दाता-प्राप्तकर्ता की जानकारी होनी चाहिए।
- दानकर्ता की सहमति से गिफ्ट दिया जाना चाहिए और इसे प्राप्तकर्ता द्वारा स्वीकार करना होगा।
- डीड का रजिस्ट्रेशन स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करके करना होगा।
गिफ्ट डीड पर आयकर का प्रावधान
आयकर कानून के तहत, यदि किसी वर्ष में प्राप्त सभी उपहारों का मूल्य ₹50,000 से कम है, तो आयकर में छूट मिलती है। लेकिन यदि गिफ्ट की संपत्ति का मूल्य ₹50,000 से अधिक है, तो यह कर योग्य होगी। हालांकि, माता-पिता, भाई-बहन और जीवनसाथी जैसे करीबी रिश्तेदारों से प्राप्त गिफ्ट पर कोई आयकर लागू नहीं होता।
गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क का भुगतान कैसे करें?
स्टांप शुल्क का भुगतान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। भुगतान के लिए संबंधित राज्य की IGRS (Inspector General of Registration and Stamps) वेबसाइट का उपयोग किया जा सकता है।
गिफ्ट डीड रद्द करने की शर्तें
गिफ्ट डीड को रद्द करने के लिए दानकर्ता को ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 126 के तहत अधिकार रखना होगा। यह अधिकार रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड में स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए।
गिफ्ट डीड के अन्य महत्वपूर्ण पहलू
- गिफ्ट डीड को निष्पादित करने के लिए स्नेह और लगाव का कारण बताना आवश्यक है।
- गिफ्ट डीड वैध तभी होती है जब इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत निष्पादित और रजिस्टर किया गया हो।
- गिफ्ट डीड के जरिए दी गई संपत्ति को वापस लेना संभव नहीं है, जब तक कि धोखाधड़ी का मामला साबित न हो।
FAQs
Q1: गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क कौन देता है?
A1: गिफ्ट डीड पर स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान आमतौर पर दाता करता है।
Q2: क्या गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है?
A2: हां, लेकिन यह तभी संभव है जब गिफ्ट डीड में रद्दीकरण का अधिकार स्पष्ट रूप से उल्लेखित हो।
Q3: रक्त संबंधियों के लिए गिफ्ट डीड पर टैक्स छूट है?
A3: हां, माता-पिता, भाई-बहन और जीवनसाथी जैसे रिश्तेदारों से प्राप्त गिफ्ट पर आयकर नहीं लगता।
Q4: गिफ्ट डीड की वैधता के लिए क्या जरूरी है?
A4: गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन, स्टांप शुल्क का भुगतान और प्राप्तकर्ता द्वारा इसे स्वीकार करना अनिवार्य है।
Q5: गिफ्ट डीड पर आयकर कब लगता है?
A5: यदि गिफ्ट की संपत्ति का मूल्य ₹50,000 से अधिक है और यह गैर-रिश्तेदार से प्राप्त हुआ है, तो आयकर देय होगा।
Q6: क्या प्रॉपर्टी गिफ्ट डीड के बिना गिफ्ट की जा सकती है?
A6: नहीं, प्रॉपर्टी गिफ्ट डीड के बिना कानूनी रूप से ट्रांसफर नहीं की जा सकती।
Q7: क्या गिफ्ट डीड में केवल चल संपत्ति शामिल हो सकती है?
A7: नहीं, गिफ्ट डीड में चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्ति शामिल हो सकती है।
Q8: गिफ्ट डीड के जरिए दी गई प्रॉपर्टी को कब बेचा जा सकता है?
A8: गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन के बाद प्राप्तकर्ता इसे बेचने का हकदार होता है।