यदि आप ताजा समाचारों और इंटरनेट की दुनिया में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने कभी न कभी तारिक फतेह का नाम जरूर सुना होगा। मूल रूप से पाकिस्तान में जन्मे तारिक फतेह कनाडाई नागरिकता ले चुके थे। तारिक फतेह (Tarek Fatah) का दिनांक 24 अप्रैल 2023 को निधन हो गया है। यदि आप नहीं जानते हैं कि तारिक फतेह कौन हैं तो आज हम आपको इस लेख में तारिक फतेह के बारे में बताने जा रहे हैं। तारिक फतेह का जीवन परिचय (Tarek Fatah Biography) और उनके लेखन तथा पत्रकारिता के बारे में पूरा विवरण जानने के लिये इस लेख को अंत तक अवश्य पढें।
तारिक फतेह कौन हैं
तारिक फतेह एक प्रगतिशील लेखक, पत्रकार, टीवी एंकर और एक सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता थे। तारिक फतेह को कट्टरपंथी इस्लाम की प्रखर आलोचना करने के लिये भी जाना जाता था। पाकिस्तान के मुसलमानों के द्वारा बलूचिस्तान में किये जा रहे मानवाधिकार हनन के बारे में भी तारिक फतेह अक्सर भारतीय और पाकिस्तानी मुसलमानों की आलोचना किया करते थे। वे अपने आप को हिंदुस्तानी राजपूत कहा करते थे। उनका कहना थ कि उनके पूर्वज राजपूत थे जिन्हें 19 वीं सदी में जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया था। इस वजह से तारिक भारत में दक्षिणपंथी राजनीति में सक्रिय लोगों के काफी नजदीक माने जाते थे। इसी वजह से तारिक फतेह भारत की राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों में भी काफी लोकप्रिय हो गये थे। तारिक फतेह आजाद बलूचिस्तान के पक्षधर लोगों में से थे।
Tarek Fatah का जन्म तो पाकिस्तान में हुआ था लेकिन बाद में वे कनाडा के नागरिक बन गये और कनाडाई नागरिकता ले ली। उन्होंने कनाडाई मुस्लिम कांग्रेस की स्थापना की और इस्लाम की उदारवादी और प्रगतिशील भूमिका को लेकर वक्तव्य जारी किये। भारत में उन्हें इस्लामिक विचारधारा को सिरे से खारिज करने वाले एक मुसलमान के तौर पर पेश किया जाता रहा है। इसी क्रम में उनका जी टीवी पर प्रसारित शो फतेह का फतवा भी काफी लोकप्रिय रहा था। पाकिस्तान और मुसलमानों के खिलाफ उनके द्वारा दिये गये बयान अक्सर सुर्खियों में रहा करते थे। और नये विवादों को जन्म देते थे। उनके पाकिस्तान की व्यवस्थापिका, इस्लामिक कट्टरपंथ, इस्लाम की परंपराओं और कश्मीर तथा बलूचिस्तान के मुद्दों पर पेश किये गये नजरिये ने व्यापक रूप से सुर्खियां बटोरी और साथ ही धार्मिक आतंकवाद में मुसलमानों की अधिक भूमिका पर बहस भी छेड दी।
Tarek Fatah Biography Highlights
आर्टिकल | तारिक फतेह का जीवन परिचय |
नाम | तारिक फतेह (Tarek Fatah) |
उपनाम | ज्ञात नहीं |
जन्म | 20 नवम्बर 1949 कराची, सिंध, पाकिस्तान |
राष्ट्रीयता | कनाडाई |
मृत्यु | 24 अप्रैल 2023 (73 वर्ष) |
पेशा | राजनीतिक कार्यकर्ता, लेखक, प्रसारक, टेलीविजन होस्ट |
धर्म | इस्लाम |
वैवाहिक जीवन | विवाहित |
पत्नी | नरगिस टपला |
बच्चे | पुत्री नताशा फतेह |
रचनायें | चेजिंग ए मिराज द ट्रेजिक इल्यूज़न ऑफ ए इस्लामिक स्टेट (Chasing a Mirage-The Tragic Illusion of an Islamic State) द ज्यू इज़ नॉट माय एनिमी अनवीलिंग द मिथ्स द फ्यूल मुस्लिम (The Jew Is Not My Enemy-Unveiling the Myths of the Fuel Muslim) |
तारिक फतेह का जीवन परिचय
तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 को तत्कालीन पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के कराची में हुआ था। फतेह एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में पैदा हुये थे। तारिक फतेह के अभिभावक साल 1947 में भारत का बंटवारा होने के पश्चात तत्कालीन बॉम्बे से कराची चले गये थे। तारिक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पाकिस्तान में ही प्राप्त की है। उन्होंने कराची विश्वविद्यालय से जैव रसायन में ग्रेजुऐशन किया। इस दौरान वे वामपंथी विचारधारा के छात्रनेता भी रहे। उस दौर में पाकिस्तान में सैन्य शासन था। सैन्य शासन के दौरान तारिक को दो बार कैद भी किया गया था। इसके बाद तारिक का झुकाव पत्रकारिता की ओर हुआ और उन्होंने साल 1970 में अपने पत्रकारिता करियर की शुरूआत की। प्रारम्भ में वे कराची सन के लिये रिपोर्टर के रूप में कार्य करने लगे। उसके बाद वे पाकिस्तान टेलीविजन के लिये एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्टिंग करने लगे।
साल 1977 में तारिक फतेह को देश से गद्दारी करने के आरोप में पत्रकारिता करने से प्रतिबंधित कर दिया गया। इस घटना के बाद तारिक ने पाकिस्तान छोडने का फैसला लिया। इसके लिये वे पहले सउदी अरब चले गये और वहां बस गये। हालांकि साल 1987 में तारिक सउदी अरब छोडकर कनाडा आ गये और यहीं बस गये। खुद के बारे में तारिक का कहना है कि वे पाकिस्तान में पैदा हुये एक भारतीय हैं, इस्लाम में पैदा हुये पंजाबी हैं, और कनाडा से प्रेम करते हैं। भारत के बंटवारे की आलोचना करते हुये तारिक कहते हैं कि हम एक महान भारतीय सभ्यता से ताल्लुक रखते थे लेकिन बंटवारे ने हमें शरणार्थी बनाकर छोड दिया। तारिक फतेह लम्बे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। 24 अप्रैल 2023 को टोरंटो, कनाडा में उनका निधन हो गया। उनकी मौत की वजह कैंसर का होना बताया जा रहा है।
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तारिक फतेह और इस्लामिक मुद्दे
तारिक फतेह को अक्सर उनके इस्लाम धर्म के विरोध में दिये गये बयानों के कारण जाना जाता था। वे इस्लाम के मूलभूत सिद्वांतो के खिलाफ मुखर आवाज उठाने वाले शख्स थे। इस कारण इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर अक्सर तारिक फतेह रहा करते थे। जब तारिक फतेह को रीढ की हड्डी का कैंसर हुआ तो इस्लामिक कट्टर पंथ का समर्थकों में खुशी की लहर दौड गयी। तारिक फतेह पर धुर दक्षिणपंथी होने का हमेशा से आरोप लगता रहा। क्योंकि वे ऐसे शख्स से जो कि धार्मिक रूप से मुसलमान होते हुये भी इस्लामी परंपराओं पर सवालिया निशान लगाने का कार्य करते थे। वे कई इस्लामी परंपराओं जैसे कि एक से अधिक शादियां, औरतों का पर्दा करना और धर्म के नाम पर मुसलमान युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने की कडी आलोचना करते रहे।
पाकिस्तान को लेकर उनका कहना था कि एक दिन बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो जायेगा और पाकिस्तान का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा। उनके इस प्रकार के बयानों के कारण भारत में तारिक को काफी लोकप्रियता हासिल हुयी। तारिक ने भारत की कई यात्रायें भी की थीं। उन्होंने जी टीवी के लिये एक शो फतेह का फतवा भी किया जो कि मूल रूप से इस्लाम की आलोचना करने पर आधारित था। इसे भारत के राष्ट्रवादी गुट का भी खूब समर्थन मिला। भारतीय जनता पार्टी के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तारिक फतेह के निधन पर उन्हें श्रद्वांजलि देते हुये कहा है कि मीडिया और साहित्य जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। वे पूरा जीवन अपने सिद्धांतों और विश्वास के लिए प्रतिबद्ध रहे और अपने साहत और दृढ़ विश्वास के लिए वे सम्मानित रहे।
तारिक फतेह का जीवन परिचय से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिनांक 24 अप्रैल 2023 को कैंसर की लम्बी बीमारी के बाद तारिक फतेह का टोरंटो, कनाडा में निधन हो गया। उनकी पुत्री नताशा फतेह के द्वारा उनकी मृत्यु की पुष्टि की गयी है।
तारिक फतेह पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता और टीवी रिप्रेजेंटर थे।
पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के कराची शहर में 20 नवम्बर 1949 में तारिक फतेह का जन्म हुआ था। हालांकि तारिक फतेह ने 1977 में पाकिस्तान छोड दिया था। इसके बाद वे पहले सउदी अरब और उसके बाद कनाडा में बस गये थे।
दिनांक 24 अप्रैल 2023 को तारिक फतेह का निधन हो गया था। निधन के समय उनकी आयु 73 वर्ष थी।