तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
दो शब्दो के मेल से बने नए शब्द को तत्पुरुष समास कहते है। किसी भी शब्द को कम करने के लिए तत्पुरुष समास का प्रयोग किया जाता है। Tatpurush Samas में हमेशा उत्तर पद प्रधान होता है। उत्तर का अर्थ का किसी शब्द का दूसरा पद या बाद का पद। तत्पुरुष में उत्तर पद संज्ञा या फिर विशेषण होता है। तत्पुरुष समास दो शब्दो के बीच के सम्बन्धों को दर्शाता है। व्याकरण में यह एक महत्वपूर्ण व्याकरणिक अवधारणा है। जो की किसी वाक्य की रचना करने में संघटित और सुसंगत होती है।
तत्पुरुष समास की परिभाषा
हिंदी व्याकरण में दो शब्दो के मेल से एक शब्द का गठन किया जाता है। इसमें प्रधान शब्द को ‘कर्मण’ और दूसरे शब्द को ‘कर्म’ कहते है। इसे “उपसर्ग” भी कहते है। तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा या विशेषण होता है और द्वितीय पद/ अंतिम पद लिंग-वचन का बोध कराता है। क्या आप जानते हो वचन क्या होते है और इसके कितने भेद होते है? ये जानना सभी के लिए आवश्यक है।
तत्पुरुष समास के भेद
तत्पुरुष समास के अंतर्गत छह प्रकार के भेद होते है :-
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरूष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बन्ध तत्पुरूष समास
- अधिकरण तत्पुरूष समास
1) कर्म तत्पुरुष समास (karma tatpurusha compound)
कर्म तत्पुरुष समास एक प्रकार का तत्पुरुष समास है, यहां प्रधान शब्द किसी कर्म को करने का बोध प्रकट करता है। इस समास से प्रधान शब्द के बाद वाला शब्द कार्य शब्द होता है। यह समास वाक्य में किसी कार्य होने का बोध बताता है। इस समास में दो शब्दो के बीच “को” चिन्ह का प्रयोग होता है। कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण :-
- हस्तगत = हस्त को गया हुआ
- जेबकतरा = जेब को कतरने वाला
- नरभक्षी = नरों का भोजन करने वाला
- गगनचुम्बी = गगन को चूमने वाला
- देश + रक्षक = देशरक्षक (देश का रक्षक)
- संगणक + यांत्रिक = संगणकयांत्रिक (संगणक का यांत्रिक)
- अकाल + मृत्यु = अकालमृत्यु (अकाल की मृत्यु)
- सौर + ऊर्जा = सौरऊर्जा (सौर की ऊर्जा)
ऊपर दिए गए उदाहरण में प्रधान शब्द किसी कार्य के होने का बोध दर्शाया जा रहा है। जिसे उपसर्ग कहते है।
2) करण तत्पुरूष समास (Karan Tatpurusha Compound)
कारण तत्पुरुष समास में प्रधान शब्द एक कर्म के कारण का बोध करवाता है। और प्रधान शब्द के बाद वाला शब्द कारण शब्द होता है। यह वाक्य किसी कार्य के कारण को दर्शाता है। इस समास में दो शब्दो के बीच “से” और “के द्वारा” का प्रयोग होता है। करण तत्पुरूष समास के उदाहरण इस प्रकार है :-
- मनमाना = मन से माना हुआ
- शराहत = शर से आहत
- रत्न जड़ित = रत्नों से जड़ित
- गुणयुक्त = गुण से युक्त
- जलावृत = जल से आवृत (घिरा हुआ)
- ईश्वर-प्रदत्त = ईश्वर से प्रदत्त
- रोगग्रस्त = रोग से ग्रस्त
- आनदमय = आनद से मय (मुक्ति)
3) सम्प्रदान तत्पुरुष समास (Sampradana Tatpurusha Samasa)
सम्प्रदाय तत्पुरुष समास में प्रधान शब्द दान करने / देने का काम करने का बोध करता है। सम्प्रदाय का पहचान चिन्ह “के लिए” होता है। यह समास शब्द किसी वस्तु/चीज़ को दान देने का भाव प्रकट करता है। सम्प्रदान तत्पुरुष समास के उदाहरण:-
- देश + भक्ति = देश के लिए भक्ति
- हवन + सामग्री – हवन के लिए सामग्री
- खाना + दान = खानदान (खाना का दान)
- धन + दान = धनदान (धन का दान)
- ज्ञान + दान = ज्ञानदान (ज्ञान का दान)
- गोशाला =गौ के लिए शाला
- पुस्तक + दान = पुस्तकदान (पुस्तक का दान)
4) अपादान तत्पुरुष समास (Apadana Tatpurusha Samas)
अपादान तत्पुरुष समास में प्रधान शब्द किसी को अलगाव होने यानी अलग होने का बोध दर्शाता है। इस तत्पुरुष समास की पहचान “से” होती है। यहाँ पर से शब्द किसी को अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता है। अपादान तत्पुरुष समास के उदाहरण:-
- ऋण + मुक्त – ऋण से मुक्त
- दोष + मुक्त = दोष से मुक्त
- जल + जात = जल से जात
- भोजन + स्थान = भोजनस्थान (भोजन का स्थान)
- गणित + कक्षा = गणितकक्षा (गणित की कक्षा)
- वाद्य + यंत्र = वाद्ययंत्र (वाद्य यंत्र)
- सेवा + मुक्त = सेवा से मुक्त
5) सम्बन्ध तत्पुरूष समास (Relationship Tatpurush Samas)
सम्बन्ध तत्पुरूष को कारक के सम्बन्ध में देखा जाएं तो इस समास की पहचान का, की, के होती है। यहाँ प्रधान शब्द और उपसर्ग एक दूसरे के बीच का संबंध दर्शाता है। इस समास वाक्य में किसी वस्तु या व्यक्ति के संबंध का बोध होता है। सम्बन्ध तत्पुरुष समास के उदाहरण:-
- विद्यालय = विद्या का आलय
- ग्रामोत्थान =गांव का उत्थान
- सूर्योदय = सूर्य का उदय
- कन्यादान = कन्या का दान
- मंत्रिपरिषद = मंत्रियो की परिषद
- चरित्रहनन = चरित्र का हनन
6) अधिकरण तत्पुरूष समास (Adhikaran Tatpurusha Samas)
अधिकरण तत्पुरुष को कारक से सम्बन्ध से देखा जाएं तो इस समास की पहचान “में” या “पर” से होती है। अधिकरण तत्पुरूष समास के उदाहरण :-
- जलमग्र = जल में मग्न
- घुड़सवार = घोड़े पर सवार
- हरफ़नमौला = हर फ़न में मौला
- नराधम = नरों में अधम
- दानवीर = दान में वीर
- आपबीती = आप पर बीती
- कविपुंगव – कवियों में पुंगव ( श्रेष्ठ)
Tatpurush Samas से संबंधित सवालों के जवाब FAQs –
तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
Tatpurush Samas वह रूप होता है जिसमे प्रथम पद गौण होता है, और उत्तरपद प्रधान होता है प्रथम पद उत्तर पद की प्रधानता होती है। तत्पुरुष समास में जब किसी पद के मध्य कारक चिन्ह लगता है। और दो शब्दो को अलग किया जाता है, तो ऐसे में एक नए शब्द का उदय होता है।
तत्पुरुष समास में कितने भेद होते है ?
तत्पुरुष समास में कुल छह प्रकार के भेद होते है।
कर्म तत्पुरुष समास क्या होता है ?
जिस तत्पुरुष समास में कर्म कारक के रूप में “को” शब्द का प्रयोग होता है, उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते है।