वीर सावरकर का जीवन जीवन परिचय | Veer Savarkar Biography in Hindi

भारत के स्वतंत्र संग्राम में कई स्वतंत्रता संग्रामियों ने अपने कार्यो को करके इतिहास में अपना नाम दर्ज किया हुआ है। कई तरह के महापुरुष है जिन्होंने अपना नाम इतिहास में प्रसिद्ध किया हुआ है।

जब हम स्वतंत्रता संग्रामियों के बारे में जान ही रहे है तो आपने इसमें वीर सावरकर का नाम तो जरूर सुना होगा और यदि आपने नहीं भी सुना होगा तो आपको बता दे ये भी एक स्वतंत्रता संग्रामी थे जिन्होंने अपने महान कार्य से अपना नाम इतिहास में दर्ज कर रखा है।

वीर सावरकर का जीवन जीवन परिचय | Veer Savarkar Biography In Hindi
वीर सावरकर का जीवन जीवन परिचय

भारत के राजनीति में सदैव वीर सावरकर तब से बहुत चर्चा में रहे जब उन्होंने स्वतंत्रता पाने के लिए शुरू किए थे। भारत के लोग उनको हिंदुत्ववादी, देशभक्त तथा अखंड राष्ट्रप्रेमी के रूप में पुकारा करते है। तथा कई लोग उनको विवादों में भी घेरते है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में वीर सावरकर का जीवन जीवन परिचय | Veer Savarkar Biography In Hindi के बारे में आपके साथ पूरी जानकारी साझा करेंगे।

वीर सावरकर प्रारंभिक जीवन

वीर सावरकर का जन्म नासिक जिले के भागलपुर में हिन्दू ब्राह्मण परिवार में 28 मई 1883 को उनका जन्म हुआ था ये एक साधारण परिवार में पैदा हुए थे।

वीर सावरकर जी ने भारत के स्वतंत्रता के लिए इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर है।

प्रारम्भ बचपन से ही देश भक्ति में सावरकर का बहुत अधिक भाव था उनके भाई का नाम नारायण सावरकर तथा उनकी माता का नाम राधाबाई सावरकर था।

12 वर्ष की छोटी उम्र में उन्होंने पहला वीर परचम को लहराया और देश भक्ति की और अपनी रूचि दिखाई।

भारत के राजनीत में विनायक दामोदर सावरकर आवश्यक भूमिका अदा करते थे। एक बार सावरकर ने मुसलमानों की भीड़ में छात्रों के समूह को भगा दिया उसके बाद वहां अफरा-तफरा मच गयी। आज तक उनके उस वीर साहस और बहादुरी की प्रसंशा होती रहती है।

इसी बहादुरी के कारण उनको वीर व्यक्ति का नाम दिया गया उसके बाद उनका नाम वीर सावरकर पड़ गया।

वे बचपन से ही देश की वीर भक्ति करते थे जिससे वे एक क्रांतिकारी युवा बन गए। तथा उसके साथ उनके बड़े भाई गणेश ने भी साथ निभाने की भूमिका अदा की।

Veer Savarkar Biography से सम्बंधित मुख्य बिंदु

बिंदु जानकारी
पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर
अन्य नाम वीर सावरकर
जन्म वर्ष 28 मई 1883
जाति हिन्दू (ब्राह्मण)
शैक्षिक योग्यता वकालत
जन्म स्थान नासिक, मुंबई
संस्था अभिनव भारत समिति
प्रसिद्धि हिंदुत्व
वैवाहिक स्तिथि मैरिड
पेशा वकील, राजनीतिज्ञ तथा सामाजिक कार्यकर्त्ता
राष्ट्रीयता भारतीय
पत्नी का नाम यमुनाबाई
पिता का नाम दामोदर सावरकर
माता का नाम राधाबाई सावरकर
भाई,बहन गणेश, नारायण और मैनाबाई
मृत्यु 26 फरवरी 1966

वीर सावरकर कौन है?

भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वीर सावरकर एक भारतीय स्वतंत्रता क्रांतिकारी के रूप में आज तक जाने जाते है।

उन्होंने आजादी तथा हिंदुत्व के उत्थान में अपना पूरा जीवन Dedicated (समर्पित) कर दिया। वे आजादी की लड़ाई में एक क्रांतिकारी गतिविधियों के रूप में एक क्रन्तिकारी व्यकित के रूप में प्रकट आये।

वीर सावरकर ने वकालत का पेशा सीखा था तथा तो वे एक प्रखर लेखक भी थे। तथा उन्होंने स्वतंत्रता के लिए बहुत लेख भी लिखे जिसके जरिये क्रांतिकारियों में जोश बढ़ाने का काम कर सके।

आजादी की लड़ाई में क्रांति कारी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए उनके द्वारा विभिन्न संगठनो का गठन किया गया। 1904 में प्रमुख अभिनव भारत संस्था को स्थापित किया गया।

विनायक दामोदर सावरकर की प्रारंभिक शिक्षा

विनायक दामोदर सावरकर ने नासिक जिले में स्थित शिवाजी हाई स्कूल से 1901 में मेट्रिक की शिक्षा प्राप्त की थी।

उन्होंने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं तथा अलग मुद्दों पर अलग-अलग तरह के लेखन लिखे। विद्याध्ययन की कुशलता से उन्होंने लेखनी का परिचय किया।

सावरकर ने फगर्यूसन कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री हासिल की। तथा श्यामजी कृष्ण वर्मा छात्रवृति उनको स्नातक की शिक्षा के रूप में और उन्होंने लन्दन से बेरिस्टर की डिग्री प्राप्त की।

जब सावरकर लन्दन का प्रवास कर रहे थे तो वहां भी उन्होंने कई प्रकार की क्रांतिकारी गतिविधियां की पर फिर मुफ्त भारत सोसाइटी नामक एक संगठन को स्थापित किया गया।

उनके द्वारा विदेशों में भी स्वतंत्रता के लेख लिखे गए। भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 को घोसित किया गया।

लन्दन की क्रांतिकारी गतिविधियाँ

सावरकर लॉ की पढ़ाई करने के लिए 1906 में लन्दन गए उन्होंने वहां भारत स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर किया।

बचपन से ही सावरकर कांग्रेस नेताओं के जीवन से बहुत प्रभावित थे जैसे- लाला लाज पत राय, बल गंगाधर तिलक तथा विपिन चंद्र पॉल आदि।

लन्दन के प्रवास के दौरान उन्होंने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को समझकर क्रांति गहन को भी पढ़ा। तथा उन्होंने 1857 में द इंडियन वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस का लेखन किया। परन्तु ब्रिटिश सरकार द्वारा इस लेखन को प्रतिबंधित कर लिए गया।

सावरकर ने 1909 में इंग्लैण्ड की राजधानी लन्दन से वकालत की परीक्षा पूरी की परन्तु उनको ब्रिटिश शासन द्वारा इस कार्य को करने की अनुमति प्रदान नहीं की गयी।

वीर सावरकर काला पानी सजा

वीर सावरकर ने लन्दन में भी कई क्रन्तिकारी गतिविधियों की थे। वीर सावरकर के दोस्त मदन लाल ढींगरा थे उन्होंने विलियम हट कर्जन वाइली की गोली मारके हत्या कर दी गयी। इस घटना के बाद सावरकर पर ब्रिटिश सरकार की उन पर मुख्य नजर थी।

ब्रिटिश सरकार ने सावरकर को कहा की कलेक्टर एम.टी जेक्शन की हत्या जिस बन्दुक से की गयी वह लन्दन से लायी गयी हो या फिर मुहैया कराया गया हो। इतिहासकारों का मानना था की यह सब जो साजिश रची गयी है वह अंग्रेजो ने की है।

जो भी में क्रन्तिकारी गतिविधियां की जा रही थी अग्रेजो द्वारा बगावत का मुकदमा चलाया गया और उनको भारत में वापस भेजने की तैयारी की गयी। परन्तु वे अंग्रेंजो से भाग कर फ़्रांस चले गए परन्तु वे जल्द ही वहां से गिरफ्तार किये गए और उनको वापस भारत भेजा गया।

वीर सावरकर की लेखनी

वीर सावरकर को बचपन से ही बड़ा लेखनी का शोक था उनके द्वारा स्वतंत्रता क्रांतिकारियों के लिए बहुत लेखन लिखे गए है जो नीचे निम्न प्रकार से बताये हुए है-

  • हिन्दू राष्ट्र
  • हिन्दू पद-पादशाही
  • काला पानी
  • हिंदुत्व- हू इज हिन्दू?
  • हिन्दू राष्ट्र दर्शन
  • द ट्रान्सपोर्टैशन ऑफ़ माई लाइफ
  • द इंडियन वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस- 1857

सावरकर का गाँधी से रहा विवाद

आपको बता दे सावरकर एक स्वतंत्रताकारी तो थे परन्तु वे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के बहुत बड़े कटु आलोचक भी थे। जब गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन चलाया गया तो सावरकर ने इस आंदोलन का पूर्ण विरोध किया और इस आंदोलन का समर्थन करने में सब इंकार करने लग गए।

जब जब कभी भी गाँधी जी द्वारा आंदोलन चलाये जाते थे तब सावरकर द्वारा उनका कड़ा विरोध किया गया। सावरकर ने अपने कई लेखों में गाँधी जी को अपरिपक्व एवं पाखंडी नेता कहा था।

जब गाँधी जी की हत्या हुई तो उनको गाँधी जी हत्या के आरोप के विरोध में गिरफ्तार कर दिया गया परन्तु उनका आरोप सिद्ध न होने के कारण उनसे माफ़ी मांगी गयी थी। सावरकर की याद में 28 मई को वीर सावरकर की जयंती मनाई जाती है।

वीर सावरकर की मृत्यु

वीर सावरकर की मृत्यु होने से कुछ समय ही पहले उन्होंने आत्महत्या नहीं आत्मानपर्ण के विषय पर एक लेख लिखा था। 1 फरवरी 1966 को घोषणा सावरकर ने की थी, उन्होंने उस घोसणा में कहा की जब तक उनकी मृत्यु नहीं होगी वे तब तक उपवास ही रखेंगे और भोजन ग्रहण नहीं करेंगे। बॉम्बे निवास में उनका देहांत 26 फरवरी 1966 को हो गया।

वीर सावरकर का जीवन परिचय से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

वीर सावरकर का पूरा नाम क्या है?

वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर है।

वीर सावरकर का पेशा क्या था?

वीर सावरकर का पेशा वकील, राजनीतिज्ञ तथा सामाजिक कार्यकर्त्ता था।

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