भारत की अर्थव्यवस्था में हमारे बैंकिंग क्षेत्र का अहम योगदान है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है जब उस देश के बैंक और वित्तीय संस्थाएं सुचारु रूप से काम करें। लेकिन दोस्तों आज हम बात करेंगे देश के सभी बैंकों के मुखिया Reserve Bank of India- RBI के बारे में। आप जानते होंगें की जब भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा रेपो रेट बढ़ाया जाता है तो बैंक के द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज दर में बदलाव होता है। पर दोस्तों बैंक ऐसा क्यों करता है इसके पीछे क्या कारण है आज हम आपको इन्हीं सब के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। आगे जानिए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के बारे में।
दोस्तों आपको बताते चलें की भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में अब 50 अंक बढ़ाकर अब इसकी ब्याज दर 5.9 प्रतिशत कर दी है। रिज़र्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने बताया की रिज़र्व बैंक अपने लिए जाने वाले नीतिगत फैसलों के अंतर्गत प्राप्त सभी डेटा को कैलिब्रेट करेगा जिससे ग्राहकों को लोन ब्याज दर में कुछ छूट मिलने की उम्मींद है। चलिए आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट , CRR और SLR आदि के बारे में।
क्या है रेपो रेट (Repo Rate) जानें ?
दोस्तों यदि आपने बैंक से लोन लिया है तो आपको पता होगा की बैंक से ली जाने वाली लोन राशि पर बैंक द्वारा ग्राहक से कुछ ब्याज लिया जाता है। दोस्तों इसी तरह जब भी कोई सरकारी या निजी बैंक RBI से लोन राशि के रूप में कर्ज लेता है तो RBI द्वारा दी गयी लोन राशि पर बैंक से ब्याज दर वसूलता है।
दोस्तों यही ब्याज दर रेपो रेट कहलाती है। रेपो रेट का कम या ज्यादा होना बाज़ार की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि रेपो रेट कम है तो ग्राहक द्वारा लिए जाने वाले कार लोन , होम लोन आदि की ब्याज दर कम होती है। जिससे ग्राहक सस्ती दर पर बैंक से लोन ले सकते हैं। भारतीय बैंक प्रणाली के इतिहास के बारे में भी जानिए।
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वर्तमान में रेपो रेट कितना है ?
- RBI और केंद्रीय बैंक (Central Bank) के मिलकर लिए गए निर्णय के बाद अब रेपो रेट की दर 6.50% है।
क्या है रिवर्स रेपो रेट (Reserve Repo Rate):
- रिवर्स रेपो रेट वह होती है जब कोई बैंक अपनी जमापूंजी किसी FD या स्कीम के तहत भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कराता है और बैंक को जमा की गयी धनराशि पर RBI द्वारा एक निश्चित दर पर ब्याज प्राप्त होता है। यह निश्चित दर रिवर्स रेपो रेट कहलाती है। रिवर्स रेपो रेट का नियंत्रण बाज़ार में नकदी लिक्विडिटी के तहत किया जाता है। कभी-कभी बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए ज्यादा से ज्यादा रकम RBI के पास जमा करता है।
वर्तमान में रिवर्स रेपो रेट कितना है ?
- दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें की RBI ने रिवर्स रेपो रेट की वैल्यू 5.90% से घटाकर अब 3.35% कर दी है। इस कारण बैंकों में होम लोन की ब्याज दरें बढ़ गईं हैं।
CRR (Cash Reserve Ratio) का मतलब क्या होता है जानें ?
- CRR का मतलब है Cash Reserve Ratio दोस्तों देश के हर बैंक को अपने पास जमा धनराशि में से कुछ निश्चित अनुपात राशि RBI के पास जमा रखनी होती है। क्योंकि यदि जब भी देश में कोई आर्थिक संकट आये तो संकट से निपटने के लिए RBI के पास एक बैकअप होना चाहिए। आपने देखा होगा की कई बार कोई बैंक अपने आप को दिवालिया घोषित करता है तो उस बैंक से संबंधित ग्राहकों को दी जाने वाली राशि इसी CRR राशि से दी जाती है।
वर्तमान में CRR?
- भारतीय रिजर्व बैंक ने बाज़ार की मुद्रास्फीति (Inflation) की स्थिति को देखते हुए CRR की वैल्यू 4.5% शुद्ध मांग के अनुरूप कर दी है जिससे बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन अब महंगे हो गए हैं।
SLR क्या है ?
- SLR की फुल फॉर्म है Statutory Liquidity Ratio इसके तहत RBI नकदी के लिक्विडिटी कंट्रोल के लिए SLR का उपयोग करता है। बैंको का SLR वह जमा फंड होता है जो बैंक किसी लोन देने से पहले कुछ फंड अनिवार्य रूप से अपने पास रखना होता है। इस फंड में नकदी , गोल्ड रिजर्व , सरकारी प्रतिभूति बांड्स आदि होते हैं। एसएलआर के तहत कॉमर्शियल बैंकों को RBI के पास एक निश्चित रकम जमा करानी होती है।
वर्तमान में SLR की निश्चित दरें
आधार दर | 8.75% – 10.10% प्रतिवर्ष |
एमसीएलआर (ओवरनाइट) | 7.90% – 8.50% प्रतिवर्ष |
बचत जमा दर | 2.70% – 3.00% प्रतिवर्ष |
सावधि जमा दर 1 वर्ष के लिए | 6.00% – 7.25% |
SBI की होम लोन ब्याज दर कितनी है ?
वर्तमान में SBI होम लोन ब्याज दर 8.40% प्रति वर्ष है और इस लोन की अवधि 30 साल है।
वर्तमान में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट कितनी है ?
वर्तमान में रेपो रेट 4.9% से बढ़कर 5.40% और रिवर्स रेपो रेट 5.90% से घटाकर अब 3.35% हो गई है।
वर्तमान में RBI के गवर्नर कौन हैं ?
वर्तमान में RBI के गवर्नर शशिकांत दास जी हैं।
CRR की फुल फॉर्म क्या होती है ?
CRR की फुल फॉर्म Cash Reserve Ratio है।
रिवर्स रेपो रेट में लेने वाले लोन की अवधि कितनी समय की होती है ?
रिवर्स रेपो रेट में लेने वाले लोन की अवधि ओवर नाइट से लेकर 28 दिनों तक होती है।
एमएसएफ (MSF) क्या है ?
एम एस एफ RBI के द्वारा जारी की जाने आर्थिक नीति समीक्षा है जिसको RBI ने 9 मई 2011 के वित्त वर्ष के लिए जारी कर इसकी शुरुआत की थी। MSF के तहत RBI के अंर्तगत रजिस्टर Commercial बैंक RBI से अपनी जमा राशि का 1 % ओवरनाइट लोन (कर्ज) ले सकते हैं।