लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मोदी सरकार ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। CAA (नागरिकता संशोधन कानून) का प्रस्ताव 19 जुलाई 2016 को लोक सभा में प्रस्तुत किया गया था। इसका परिचय राज्यसभा में 11 दिसंबर 2019 को दिया गया था और इसे लोकसभा में 9 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था। इसके बाद 12 दिसंबर 2019 को यह कानून राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद लागू हुआ। इस कानून का मुख्य उद्देश्य भारत में धार्मिक मानदंड के आधार पर नागरिकता प्राप्ति को आसान बनाना है. CAA से संबंधित पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़े .
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CAA: क्या है नागरिकता संशोधन कानून ?
आप सभी को यह बता दे की CAA को नागरिकता संशोधन कानून के नाम से भी जाना जाता है .वैसे तो इस कानून को भारत के संसद में 2019 में पारित किया गया था.1 इस कानून का मुख्य उद्देश्य भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आने वाले लोगों को नागरिकता प्रदान करना है।
इस बिल के अंतर्गत केवल 6 समुदायों को शामिल किया गया है जो कुछ इस प्रकार है – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई आदि .जैसा की आप सभी यह जानते होंगे की वर्तमान समय में भारत में केवल उन लोगो को नागरिकता प्रदान की जाती थी जिनका जन्म भारत में हुआ है या फिर उस व्यक्ति को दी जाती थी जिसको भारत में रहते हुए 11 वर्ष हो चुके है .
CAA से किसी धर्म और समुदाय की नागरिकता पर कोई खतरा नहीं
भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से कोई खतरा नहीं है। प्रस्तावित संशोधन में भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) पंजीकरण को रद्द करने का प्रावधान भी शामिल है यदि OCI कार्डधारक नागरिकता अधिनियम या किसी अन्य लागू कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है।
किसे मिलेगी नागरिकता?
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत, 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जा सकती है। इन लोगों को यह साबित करना होगा कि वे 31 दिसंबर 2014 तक भारत में रह रहे थे और उनके पास इन देशों की नागरिकता नहीं है।
CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए, आवेदकों को निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:
- वे 31 दिसंबर 2014 तक भारत में रह रहे हों।
- उनके पास पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान की नागरिकता न हो।
- वे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय के हों।
- वे भारत में रहने का इरादा रखते हों।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी।2
सीएए के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिए:
- पंजीकरण: गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार
- दस्तावेजों का सत्यापन: सरकार द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन
- नागरिकता प्रमाण पत्र: सत्यापन के बाद नागरिकता प्रमाण पत्र जारी
CAA में नागरिकता के लिए कैसे आवेदन करें ?
अगर आप भी नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहते है, तो उसके बारे में हमने यहां पर कुछ स्टेप्स दिए है जिनकी मदद से आप भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है, इसलिए दिए गए स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पढ़े एवं फॉलो करें .
- सबसे पहले तो अप सभी को इसके लिए इसके आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा .
- उसके बाद आप इसके होम पेज पर पहुंच जाएंगे .
- वहां पर अप सभी को उस पेज को थोड़ा स्क्रॉल करना होगा, वहां पर आपको Click to submit application for Indian citizenship under CAA का विकल्प दिखाई देगा
- आपको उसपर क्लिक करना होगा
- उसके बाद उसमे आपसे आपकी ईमेल आईडी मांगी जाएगी और फिर आपको वहां पर दिए कैप्चा कोड को भरना होगा
- जिसके बाद आपसे आपका नाम और मोबाइल नंबर भी पूछा जाएगा आपको सभी जानकारी भर देना होगी .
- इस प्रकार से आप पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कर पाएंगे .
- फिर आपको लोगों करने के बाद दिए गए फॉर्म को भरना होगा
- फॉर्म को भरने के बाद अपने आवश्यक दस्तावेज़, जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि को स्कैन करें और तैयार रखें।
- आवश्यक दस्तावेज़ के साथ आवेदन करें और सही स्थिति में जानकारी प्रदान करें।
- इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें, यदि यह लागू हो।
- आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करें
- यदि आवेदन स्वीकृत होता है, तो नागरिकता प्राप्ति के लिए आवेदक को सूचित किया जाता है।
CAA के प्रावधान क्या हैं?
- नागरिकता प्राप्ति की अवधि: सरकार ने नागरिकता प्राप्ति की अवधि को 11 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है .
- पंजीकरण: गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नागरिकों का पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान जाएगी
- दस्तावेजों का सत्यापन: CAA के अनुसार नागरिकता प्राप्ति के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सत्यापन की आवश्यकता है, जैसे विदेशी राष्ट्रों की नागरिकता का प्रमाण और भारत में निवास का प्रमाण।
- नागरिकता प्रमाण पत्र: नागरिकता प्रमाण पत्र CAA के तहत नागरिकता प्राप्ति के लिए आवश्यक है, इसमें नाम, जन्मतिथि, और निवास का पता शामिल होना चाहिए।
विपक्ष क्यों कर रहा विरोध?
विपक्ष CAA का विरोध कई कारणों से कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
- संविधान का उल्लंघन – विपक्ष का तर्क है कि CAA संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है, जो सभी नागरिकों को समानता की गारंटी देता है। यहाँ तक कि संविधान के मुताबिक, किसी को भी धार्मिक आधार पर नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार नहीं हो सकता।
- धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान: विपक्ष दावा करता है कि CAA एक धार्मिक आधारित कानून है जो धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति अन्यायपूर्ण रूप से विभाजन को बढ़ावा देता है।
- अनावश्यक: विपक्ष का तर्क है कि CAA अनावश्यक है, क्योंकि भारत में पहले से ही नागरिकता प्रदान करने के लिए पर्याप्त कानून हैं।
- असमंजस: विपक्ष का यह भी दावा है कि CAA के प्रावधान में असंगतियाँ हैं और यह नागरिकता के मामले में अस्पष्टता और असमंजस बढ़ाएगा।
अब UCC चर्चा में
CAA लागू होने के बाद अब UCC भी काफी चर्चा में है, क्योंकि सरकार इस कानून को देश में लागू करने पर चर्चा चल रही है, भारत में, समान नागरिक संहिता (UCC) एक प्रस्तावित कानून है। इसका उद्देश्य पूरे देश में सभी धर्मों के लोगों के लिए व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनों का एक समान सेट लागू करना है। वर्तमान में, भारत में विभिन्न धार्मिक समुदायों के अपने व्यक्तिगत कानून हैं, जो विवाह, तलाक, विरासत, और गोद लेने जैसे मामलों को नियंत्रित करते हैं।
आप सभी को यह बता दे की वर्तमान समय में भारत में एक राज्य ऐसा भी है जो भारत में UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना है वह राज्य उत्तराखंड है, उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फरवरी 2024 को यूसीसी विधेयक पारित किया था।
NRC क्या है?
NRC (नागरिकता नोंट रजिस्टर) भारत में नागरिकता की रजिस्ट्रीकरण की एक राष्ट्रीय डेटाबेस है। इसका मुख्य उद्देश्य गैर कानूनी आवासों को रोकना और वास्तविक नागरिकों को पहचानना है। यह भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र के लिए एक मान्यता प्रमाण होता है। नागरिकता नोंट रजिस्टर का पहला ड्राफ्ट 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित किया गया था।
नागरिकता संशोधन कानून से संबंधित FAQs
CAA की फुल फॉर्म क्या है ?
CAA की फुल फॉर्म सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट(Citizenship Amendment Act)
CAA कानून कब पास हुआ था ?
इस कानून को भारत के संसद में 2019 में पारित किया गया था
विपक्ष इस बिल का विरोध क्यों कर रहा है ?
विपक्ष CAA के खिलाफ विरोध कर रहा है क्योंकि इसे धार्मिक आधार पर नागरिकता प्रदान करने का अनुच्छेद माना जा रहा है, जो संविधान के खिलाफ है।
CAA के प्रावधान क्या हैं?
CAA के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और पाकिस्तान से आए धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जो भारत में 2014 से पहले आये थे।