फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में निवेश करने वाले ग्राहकों के लिए नई सहूलियतें आरबीआई (RBI) के ताजा नियमों में दी गई हैं। नए दिशा-निर्देशों के तहत अब ग्राहक छोटी जमाराशियों की निकासी पहले से आसान तरीके से कर पाएंगे। यह कदम निवेशकों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करता है और उनकी आकस्मिक जरूरतों को ध्यान में रखता है।
10 हजार रुपये से कम राशि पर आसानी से निकासी
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, यदि किसी ग्राहक का फिक्स्ड डिपॉजिट 10,000 रुपये से कम है, तो उसे समय से पहले भी निकासी की अनुमति होगी। हालांकि, इस पर कोई ब्याज लागू नहीं होगा। इसका उद्देश्य छोटी जमाराशियों वाले ग्राहकों को उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करना है।
10 हजार से अधिक राशि पर निकासी के लिए 10 महीने का इंतजार जरूरी
यदि एफडी की राशि 10 हजार रुपये से अधिक है, तो निवेशक को समय से पहले निकासी के लिए कम से कम 10 महीने का इंतजार करना होगा। यह नियम निवेशकों को लंबी अवधि के लिए बचत बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है, जबकि उन्हें जरूरत पड़ने पर निकासी का विकल्प भी देता है।
तीन महीने के भीतर निकासी पर मूल राशि का 50% तक लिमिट
तीन महीने से पहले निकासी के मामले में, निवेशक अपनी मूल राशि का अधिकतम 50% ही निकाल सकते हैं। हालांकि, यह लिमिट केवल उन जमाराशियों पर लागू होती है, जिनकी कुल राशि 5 लाख रुपये से कम है। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को उनकी तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं के लिए कुछ राहत मिले, लेकिन लंबी अवधि की बचत भी संरक्षित रहे।
गंभीर बीमारी के मामलों में पूरी मूल राशि की निकासी
ग्राहकों के लिए एक बड़ा राहतप्रद प्रावधान यह है कि यदि किसी ग्राहक या उसके परिवार के सदस्य को गंभीर बीमारी होती है, तो एफडी की अवधि समाप्त होने से पहले भी पूरी मूल राशि निकाली जा सकती है। इस प्रावधान का उद्देश्य निवेशकों को आपातकालीन स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
नॉमिनेशन और मैच्योरिटी से जुड़े नए नियम
फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नॉमिनेशन और मैच्योरिटी नियमों में भी आरबीआई ने बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है।
नॉमिनेशन प्रोसेस में बदलाव
अब, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को नॉमिनेशन फॉर्म जमा करने वाले ग्राहकों को एक्नॉलेजमेंट (Acknowledgement) जारी करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, अगर कोई ग्राहक नामांकन में बदलाव करता है या उसे रद्द करता है, तो इसे भी मान्यता दी जाएगी। यह प्रक्रिया ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करने और रिकॉर्ड को स्पष्ट बनाए रखने के लिए लागू की गई है।
पासबुक और रसीद पर नामांकन पंजीकरण
आरबीआई ने निर्देश दिया है कि एफडी की पासबुक और रसीद पर “नामांकन पंजीकृत” (Nomination Registered) शब्द स्पष्ट रूप से शामिल होना चाहिए। इससे निवेशकों को उनकी नॉमिनेशन की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
मैच्योरिटी नोटिफिकेशन में बदलाव
एफडी मैच्योरिटी से संबंधित नोटिस अब कंपनियों को मैच्योरिटी की तारीख से 14 दिन पहले ग्राहकों को जारी करना होगा। पहले यह नोटिस अवधि 2 महीने थी। यह बदलाव ग्राहकों को अधिक सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने के लिए किया गया है।
आज बाजार की स्थिति: सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल
बाजार में आज सकारात्मक रुख देखने को मिला, जहां सेंसेक्स (Sensex) में 200 अंकों से ज्यादा की बढ़त हुई। इसके अलावा, निफ्टी (Nifty) ने भी बढ़त हासिल की। खासतौर पर रिलायंस पावर (Reliance Power) के शेयरों में शानदार तेजी देखी गई। इस तेजी का मुख्य कारण रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) सेक्टर में कंपनी के निवेश को माना जा रहा है।
FAQs:
Q1. 10 हजार रुपये से कम की एफडी पर निकासी की शर्तें क्या हैं?
10 हजार रुपये से कम की एफडी पर समय से पहले निकासी की अनुमति होगी, लेकिन इस पर कोई ब्याज लागू नहीं होगा।
Q2. बड़ी एफडी पर समय से पहले निकासी के लिए कितनी अवधि का इंतजार करना होगा?
10 हजार रुपये से अधिक की एफडी के लिए निवेशकों को कम से कम 10 महीने का इंतजार करना होगा।
Q3. क्या गंभीर बीमारी के मामलों में पूरी एफडी निकाली जा सकती है?
हां, गंभीर बीमारी के मामलों में एफडी की अवधि खत्म होने से पहले पूरी मूल राशि निकाली जा सकती है।
Q4. नॉमिनेशन प्रक्रिया में नया बदलाव क्या है?
अब एनबीएफसी को नॉमिनेशन फॉर्म जमा करने या उसमें बदलाव करने वाले ग्राहकों को एक्नॉलेजमेंट जारी करना अनिवार्य है।
Q5. एफडी मैच्योरिटी नोटिस कब जारी किया जाएगा?
एफडी मैच्योरिटी नोटिस अब 14 दिन पहले जारी किया जाएगा।
Q6. गंभीर मामलों में निकासी की सीमा क्या है?
तीन महीने के भीतर निकासी पर मूल राशि का अधिकतम 50% निकाला जा सकता है, लेकिन यह केवल 5 लाख रुपये से कम की एफडी पर लागू होगा।
Q7. क्या पासबुक पर नामांकन की जानकारी अनिवार्य है?
हां, एफडी की पासबुक और रसीद पर “नामांकन पंजीकृत” शब्द अनिवार्य रूप से दर्ज होगा।
Q8. क्या मैच्योरिटी नोटिस अवधि में बदलाव हुआ है?
हां, पहले नोटिस अवधि 2 महीने थी, जिसे अब घटाकर 14 दिन कर दिया गया है।