इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (India Post Payments Bank) ने नए साल की शुरुआत के साथ अपने ग्राहकों के लिए कैश जमा (Cash Deposit) और निकासी (Cash Withdrawal) पर नए चार्ज लागू कर दिए हैं। ये बदलाव बैंक द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transactions) को बढ़ावा देने और नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार, बैंक ग्राहकों को फ्री ट्रांजेक्शन की एक सीमा प्रदान करेगा, जिसके बाद अतिरिक्त लेनदेन पर शुल्क और GST लागू होगा।
बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर नए नियम
बेसिक सेविंग्स अकाउंट (Basic Savings Account) रखने वाले ग्राहकों के लिए हर महीने चार बार कैश जमा और निकासी की सुविधा मुफ्त दी जाएगी। यह सुविधा बैंक की बेसिक सेवाओं का हिस्सा है।
हालांकि, चार मुफ्त ट्रांजेक्शन के बाद, हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹25 या उससे अधिक का शुल्क लागू होगा। यह शुल्क ट्रांजेक्शन की राशि पर आधारित होगा, और इस पर अतिरिक्त GST भी लागू किया जाएगा।
सेविंग्स और करंट अकाउंट के नए चार्ज
सेविंग्स अकाउंट:
- कैश जमा: हर महीने ₹10,000 तक की नकद जमा पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- ₹10,000 से अधिक जमा करने पर 0.50% शुल्क लागू होगा, जिसमें न्यूनतम चार्ज ₹25 होगा।
- यही नियम नकद निकासी पर भी लागू होगा।
करंट अकाउंट:
- कैश निकासी: करंट अकाउंट धारकों के लिए हर महीने ₹25,000 तक की नकद निकासी मुफ्त होगी।
- इस सीमा के बाद, हर निकासी पर ₹25 या उससे अधिक का शुल्क लगाया जाएगा।
- नकद जमा पर भी यही सीमा और शुल्क लागू होगा।
डोरस्टेप बैंकिंग के लिए बढ़े हुए शुल्क
डोरस्टेप बैंकिंग (Doorstep Banking) सेवा के तहत ग्राहकों को घर बैठे नकद जमा और निकासी की सुविधा मिलती है। अगस्त 2021 में ही इस सेवा पर नए शुल्क लागू किए गए थे। 1 जनवरी 2022 से लागू नए नियम इस सेवा को और महंगा बना सकते हैं।
इसके अलावा, ट्रांजेक्शन चार्ज और GST जोड़ने से डोरस्टेप बैंकिंग की कुल लागत में वृद्धि होगी। यह उन ग्राहकों पर सीधा असर डालेगा, जो नियमित रूप से इस सेवा का उपयोग करते हैं।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किए गए हैं। बैंक ने डिजिटल पेमेंट के लिए ग्राहकों को UPI, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसे विकल्पों का उपयोग करने की सलाह दी है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन न केवल तेज और सुरक्षित हैं, बल्कि इनमें किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लगता। बैंक का मानना है कि यह कदम ग्राहकों को चार्ज के बोझ से बचाने के साथ-साथ बैंकिंग प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाएगा।
नकद लेनदेन पर चार्ज और GST का प्रभाव
यदि ग्राहक बैंक की निर्धारित फ्री लिमिट से अधिक नकद जमा या निकासी करते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क के साथ GST/CESS भी देना होगा। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई ग्राहक ₹50,000 नकद जमा करता है और यह फ्री लिमिट से अधिक है, तो उसे 0.50% शुल्क देना होगा। GST/CESS जोड़ने पर यह शुल्क और बढ़ जाएगा।
यह नियम उन ग्राहकों को अधिक प्रभावित करेगा, जो बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन करते हैं।
डिजिटल लेनदेन के फायदे
डिजिटल पेमेंट के विकल्प जैसे UPI, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग न केवल सुविधाजनक हैं, बल्कि इन पर किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लगता। डिजिटल बैंकिंग से बैंकिंग प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और लागत-कुशल बनती है।
ग्राहकों को यह समझने की जरूरत है कि डिजिटल लेनदेन न केवल सुविधाजनक है, बल्कि नकद लेनदेन के चार्ज से भी बचाता है।
FAQ:
1. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के नए नियम कब से लागू हुए हैं?
1 जनवरी 2022 से नए नियम लागू हो चुके हैं।
2. बेसिक सेविंग्स अकाउंट में कितने फ्री ट्रांजेक्शन मिलेंगे?
हर महीने चार फ्री ट्रांजेक्शन (जमा और निकासी) की सुविधा दी जाएगी।
3. सेविंग्स अकाउंट पर नकद जमा की फ्री लिमिट क्या है?
हर महीने ₹10,000 तक नकद जमा पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
4. करंट अकाउंट पर नकद निकासी की फ्री लिमिट क्या है?
हर महीने ₹25,000 तक नकद निकासी मुफ्त है।
5. अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर कितना शुल्क लगेगा?
अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹25 या 0.50% शुल्क (जो भी अधिक हो) लागू होगा।
6. डिजिटल ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क लगेगा?
नहीं, डिजिटल ट्रांजेक्शन जैसे UPI, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
7. डोरस्टेप बैंकिंग पर क्या चार्ज लागू होगा?
डोरस्टेप बैंकिंग सेवा पर लागू ट्रांजेक्शन चार्ज और GST/CESS अलग से जोड़ा जाएगा।
8. क्या ये नियम नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए बनाए गए हैं?
हां, बैंक का उद्देश्य नकद लेनदेन को कम करना और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना है।