Delhi Rain: दिल्ली में टूट गया 101 साल का रिकॉर्ड, हो गई अबतक की सबसे भारी बारिश

बेमौसम बारिश ने दिल्ली-एनसीआर को पानी-पानी कर दिया है। 24 घंटों में 41.2 मिमी बारिश और ओलों ने ठंड बढ़ाई, जबकि AQI हुआ मध्यम। जानिए, इस अनोखे मौसम के पीछे की वजह और इसका असर

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Reported by Saloni Uniyal

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Delhi Rain: दिल्ली में टूट गया 101 साल का रिकॉर्ड, हो गई अबतक की सबसे भारी बारिश
Delhi Rain: दिल्ली में टूट गया 101 साल का रिकॉर्ड, हो गई अबतक की सबसे भारी बारिश

दिल्ली और एनसीआर (Noida, Ghaziabad, Gurugram) में पिछले 24 घंटों में हुई बेमौसम बारिश ने पूरे माहौल को बदल दिया है। तेज बारिश और बादलों के कारण दिन में भी रात जैसा अंधेरा छाया रहा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह बारिश कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। शनिवार सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटों में 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो दिसंबर महीने में 101 सालों में एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश है।

1923 के बाद दूसरी सबसे अधिक बारिश

आईएमडी (IMD) के मुताबिक, इससे पहले 3 दिसंबर 1923 को एक दिन में 75.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इस बार हुई बारिश ने दिसंबर 2024 को मासिक बारिश के मामले में 1901 से शुरू हुए रिकॉर्ड में पांचवां सबसे अधिक बारिश वाला महीना बना दिया है। यह दिसंबर की सामान्य बारिश के आंकड़ों से काफी ऊपर है। बारिश के कारण कंपकंपाती ठंड में और बढ़ोतरी हुई है।

पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं की परस्पर क्रिया

मौसम विभाग ने बताया कि यह बारिश एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के साथ हुई परस्पर क्रिया का नतीजा है। यह केवल दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, बल्कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भी हल्की से मध्यम बारिश का कारण बनी। दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के अनुकूल नहीं है। नोएडा और आस-पास के इलाकों में तो कल रात ओले भी गिरे, जिससे ठंड और बढ़ गई।

वायु गुणवत्ता में सुधार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, बारिश के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। शनिवार सुबह 9 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 152 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। यह प्रदूषण के स्तर में गिरावट का संकेत देता है। AQI के मानकों के अनुसार, 0-50 के बीच ‘अच्छा,’ 51-100 ‘संतोषजनक,’ 101-200 ‘मध्यम,’ 201-300 ‘खराब,’ 301-400 ‘बहुत खराब,’ और 401-500 ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

येलो अलर्ट जारी, और बारिश का अनुमान

आईएमडी ने दिल्ली और एनसीआर में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और ठंड के इस मेल ने दिल्ली के निवासियों को राहत और परेशानी दोनों दी है। जहां बारिश ने वायु प्रदूषण को कम किया है, वहीं सड़कों पर जलभराव और यातायात बाधित हुआ है।

ओले गिरने और जलभराव से बढ़ी समस्याएं

नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में भारी जलभराव और ओले गिरने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों पर पानी भरने के कारण वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति रही।

दिसंबर के महीने में बारिश का ऐतिहासिक महत्व

दिसंबर के महीने में इतनी अधिक बारिश एक असामान्य घटना है। यह न केवल मौसमी बदलाव को दर्शाती है, बल्कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के संकेत भी देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते प्रदूषण और अनियमित मौसमी परिस्थितियों के चलते इस तरह की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

FAQs

1. दिल्ली में बारिश का यह रिकॉर्ड किस साल के बाद तोड़ा गया है?
दिल्ली में 24 घंटों में हुई बारिश का यह रिकॉर्ड 1923 के बाद तोड़ा गया है।

2. दिल्ली में 24 घंटों में कितनी बारिश दर्ज की गई?
शनिवार सुबह 8:30 बजे तक 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।

3. क्या बारिश से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है?
जी हां, बारिश के कारण दिल्ली का AQI 152 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।

4. बारिश का मुख्य कारण क्या है?
बारिश का मुख्य कारण सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के साथ हुई परस्पर क्रिया है।

5. क्या बारिश के बाद ठंड में वृद्धि हुई है?
हां, बारिश के कारण ठंड में बढ़ोतरी हुई है। न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से अधिक है।

6. क्या दिल्ली-एनसीआर में येलो अलर्ट जारी किया गया है?
जी हां, मौसम विभाग ने हल्की से मध्यम बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

7. नोएडा और आस-पास के इलाकों में क्या हुआ?
नोएडा में कल रात ओले गिरे, जिससे ठंड और बढ़ गई। साथ ही जलभराव की समस्या भी देखी गई।

8. यह बारिश जलवायु परिवर्तन का संकेत देती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अनियमित बारिश और बदलता मौसम जलवायु परिवर्तन का संकेत है।

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