फिर शुरु होंगे 1000 के नोट? जानें मोदी सरकार का क्या है प्लान, ये रही पूरी डिटेल

क्या सरकार 500 रुपये से ज्यादा वैल्यू के नोट लॉन्च करने वाली है? 2000 रुपये के नोटों का भविष्य क्या है? वित्त राज्य मंत्री के बयान ने सभी अटकलों पर लगाया विराम। जानिए, आरबीआई के आंकड़े और नोट जमा करने के नियम। पढ़ें पूरी खबर

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Reported by Saloni Uniyal

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फिर शुरु होंगे 1000 के नोट? जानें मोदी सरकार का क्या है प्लान, ये रही पूरी डिटेल
फिर शुरु होंगे 1000 के नोट? जानें मोदी सरकार का क्या है प्लान, ये रही पूरी डिटेल

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 500 रुपये से अधिक वैल्यू वाले करेंसी नोट लॉन्च करने की कोई योजना नहीं है। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बात की पुष्टि की। सांसद घनश्याम तिवारी ने सवाल किया था कि क्या सरकार 500 रुपये से अधिक वैल्यू के करेंसी नोट पेश करने की योजना बना रही है? इसके जवाब में चौधरी ने सीधे शब्दों में कहा, “नहीं, सर।” इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार की ओर से इस प्रकार की कोई योजना नहीं है।

2000 रुपये के नोट को लेकर वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी

सांसद घनश्याम तिवारी ने 2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन और ऊंची वैल्यू के करेंसी नोटों की छपाई से जुड़े अन्य सवाल भी पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि 2000 रुपये के नोट कितने पेश किए गए थे, और इनकी वापसी के समय कितने नोट सर्कुलेशन में थे। इसके अलावा, अभी तक कितने नोट सर्कुलेशन में बचे हुए हैं?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि नवंबर 2016 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने RBI Act, 1934 के Section 24(1) के तहत 2000 रुपये के नोट जारी किए थे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2017 तक 2000 रुपये के कुल 32,850 लाख पीस सर्कुलेशन में थे। यह संख्या 31 मार्च 2018 तक बढ़कर 33,632 लाख पीस हो गई।

जब 19 मई 2023 को सरकार ने 2000 रुपये के करेंसी नोट को वापस लेने की घोषणा की, उस समय सर्कुलेशन में कुल 17,793 लाख पीस थे। चौधरी ने बताया कि 15 नवंबर 2024 तक 17,477 लाख पीस आरबीआई के पास वापस आ चुके हैं, जबकि 346 लाख पीस अभी भी सर्कुलेशन में हैं।

2000 रुपये के नोट जमा करने का विकल्प

सरकार ने 2000 रुपये के नोटों को जमा करने और एक्सचेंज करने के लिए नियम तय किए हैं। जिन नागरिकों के पास अभी भी 2000 रुपये के नोट बचे हैं, वे इन्हें RBI के 19 Issue Offices में जाकर जमा करा सकते हैं। इसके अलावा, इन्हें India Post Services के माध्यम से भी जमा किया जा सकता है।

बड़ी वैल्यू वाले नोट पेश करने की चर्चा पर विराम

वित्त मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि सरकार की ओर से 500 रुपये से ज्यादा वैल्यू वाले करेंसी नोट पेश करने की कोई योजना नहीं है। यह बयान उन अटकलों पर विराम लगाता है, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार नई वैल्यू वाले करेंसी नोट लॉन्च कर सकती है।

2000 रुपये के नोट का ऐतिहासिक संदर्भ

2000 रुपये के नोट को पहली बार नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद पेश किया गया था। इसका उद्देश्य बड़ी वैल्यू के नोटों को सर्कुलेशन में लाना और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना था। हालांकि, मई 2023 में सरकार ने इन नोटों को वापस लेने का ऐलान किया। इसके बाद से आरबीआई लगातार नागरिकों से इन नोटों को जमा कराने का आग्रह कर रहा है।

भविष्य की योजनाओं पर सरकार का रुख

वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में अपने जवाब से यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल सरकार का ध्यान बड़ी वैल्यू वाले करेंसी नोट जारी करने पर नहीं है। इसके बजाय, सरकार का जोर डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने पर है।

1. क्या सरकार 500 रुपये से अधिक वैल्यू वाले नोट लॉन्च करने की योजना बना रही है?
नहीं, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 500 रुपये से अधिक वैल्यू वाले नोट पेश करने की कोई योजना नहीं है।

2. 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में कब आए थे?
2000 रुपये के नोट नवंबर 2016 में आरबीआई द्वारा पेश किए गए थे।

3. 2000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा कब की गई थी?
19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की गई थी।

4. अभी 2000 रुपये के कितने नोट सर्कुलेशन में हैं?
15 नवंबर 2024 तक 2000 रुपये के कुल 346 लाख पीस अभी भी सर्कुलेशन में हैं।

5. 2000 रुपये के नोट कहां जमा कर सकते हैं?
नागरिक 2000 रुपये के नोट आरबीआई के 19 Issue Offices या India Post Services के जरिए जमा कर सकते हैं।

6. 2000 रुपये के नोट पेश करने के समय कितने नोट सर्कुलेशन में थे?
31 मार्च 2017 तक 32,850 लाख पीस 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे।

7. क्या सरकार नई करेंसी वैल्यू लॉन्च कर सकती है?
फिलहाल सरकार ने ऐसी किसी योजना से इनकार किया है।

8. 2000 रुपये के नोटों की वापसी से अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
यह कदम डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने और कैश सर्कुलेशन को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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