झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा वर्ष 2025 के लिए प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों की एकीकृत अवकाश तालिका जारी की गई है। इस तालिका में 60 दिनों के अवकाश का उल्लेख है, लेकिन इसमें व्यापक त्रुटियों और असमानताओं को लेकर शिक्षकों में भारी नाराजगी है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस तालिका का कड़ा विरोध करते हुए इसे शिक्षकों के अधिकारों का हनन बताया है।
ग्रीष्मावकाश घटाने पर शिक्षक संघ का आक्रोश
संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि पहले शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के रूप में 20 दिन मिलते थे, जिसे अब घटाकर 12 दिन कर दिया गया है। उन्होंने इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि ग्रीष्मावकाश शिक्षकों के अर्जित अवकाश के बदले दिया जाता है, जबकि अन्य राज्यकर्मियों को 33 दिन का अर्जित अवकाश दिया जाता है। संघ की मांग है कि शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश घोषित किया जाए, यदि ग्रीष्मावकाश कम किया जा रहा है।
उर्दू विद्यालयों की छुट्टियों में असमानता
संघ ने उर्दू विद्यालयों की छुट्टियों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। इन विद्यालयों में शुक्रवार का साप्ताहिक अवकाश होता है, जिसे 60 दिनों की सूची में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, उर्दू विद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण पर्व जैसे मुहर्रम और शब-ए-बरात की छुट्टियां शामिल नहीं की गई हैं। संघ ने इसे असंवेदनशीलता और प्रशासन की लापरवाही करार दिया है।
स्थानीय पर्वों की उपेक्षा से नाराजगी
संघ ने आरोप लगाया कि अवकाश सूची में स्थानीय पर्वों और संस्कृति का ध्यान नहीं रखा गया है। उदाहरण के तौर पर, रांची जिले में मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व टुसू परब छुट्टियों में शामिल नहीं है। संघ का मानना है कि इस दिन बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र छुट्टी पर रहेंगे, जिससे स्कूलों में उपस्थिति नगण्य रहेगी।
त्रुटियों और अनियमितताओं से भरी सूची
अवकाश तालिका में कई अन्य खामियां भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, 16 अगस्त को जन्माष्टमी की छुट्टी दी गई है, जो तीसरे शनिवार को पड़ती है। इसी तरह, 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के लिए छुट्टी की घोषणा की गई है, जबकि यह भी तीसरा शनिवार है। इन त्रुटियों के चलते छुट्टी की कुल संख्या को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है।
सुधार के लिए शिक्षक संघ की मांग
संघ ने मांग की है कि अवकाश सूची तैयार करने में शिक्षकों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। प्रत्येक जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को अपनी स्थानीय जरूरतों के अनुसार अवकाश सूची बनाने का अधिकार दिया जाना चाहिए। इससे सूची में व्यावहारिकता और सटीकता सुनिश्चित होगी।
संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि अवकाश सूची में अगर शिक्षक शामिल होते, तो इस तरह की व्यापक गलतियां नहीं होतीं। संघ ने प्रशासन से इसे तुरंत सुधारने की मांग की है।
विरोध करने वाले प्रमुख शिक्षक नेता
इस अवकाश तालिका का विरोध करने वाले प्रमुख शिक्षकों में अनूप केशरी, राममूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद, असदुल्लाह, संतोष कुमार, हरेकृष्ण चौधरी, बाल्मीकि कुमार, राजीव लोचन सिंह, श्रीकांत सिन्हा, उपेंद्र कुमार, राकेश कुमार, अनिल कुमार सिंह, अजय ज्ञानी, और राजेश गुप्ता शामिल हैं।
संघ का सुझाव: त्रुटिहीन सूची के लिए साझी प्रक्रिया
संघ का कहना है कि प्रशासन को एकीकृत अवकाश सूची तैयार करने से पहले प्रत्येक जिले की स्थानीय परिस्थितियों और पर्वों का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए शिक्षक संघ के साथ समन्वय स्थापित किया जाए और सूची में सभी वर्गों की जरूरतों का ख्याल रखा जाए।
FAQs
Q1: झारखंड के शिक्षकों में अवकाश तालिका को लेकर आक्रोश क्यों है?
A: शिक्षकों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश को 20 दिन से घटाकर 12 दिन कर दिया गया है और स्थानीय पर्वों को नजरअंदाज किया गया है।
Q2: संघ ने अवकाश तालिका में कौन-कौन सी खामियां बताई हैं?
A: अवकाश सूची में स्थानीय पर्वों की उपेक्षा, उर्दू विद्यालयों की छुट्टियों में असमानता, और तीसरे शनिवार को पहले से घोषित छुट्टियों को गिनती में शामिल करना प्रमुख खामियां हैं।
Q3: शिक्षकों के लिए संघ की मुख्य मांग क्या है?
A: संघ ने शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश की घोषणा करने और स्थानीय जरूरतों के अनुसार अवकाश सूची तैयार करने की मांग की है।
Q4: उर्दू विद्यालयों के लिए अवकाश सूची में क्या समस्याएं हैं?
A: उर्दू विद्यालयों के शुक्रवार के अवकाश को 60 दिनों की सूची में जोड़ा गया है, जबकि मुहर्रम और शब-ए-बरात की छुट्टियां शामिल नहीं की गई हैं।
Q5: संघ का अवकाश सूची को लेकर क्या सुझाव है?
A: संघ का सुझाव है कि सूची तैयार करने में शिक्षक प्रतिनिधियों और जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया जाए।
Q6: स्थानीय पर्वों की छुट्टियों का क्या मुद्दा है?
A: अवकाश सूची में रांची जिले के टुसू परब जैसे स्थानीय पर्व शामिल नहीं हैं, जिससे शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति प्रभावित होगी।
Q7: अवकाश सूची में तीसरे शनिवार की छुट्टियों को क्यों गिना गया है?
A: 16 अगस्त और 15 नवंबर को तीसरे शनिवार की नियमित छुट्टी को सूची में शामिल कर अनावश्यक रूप से संख्या बढ़ाई गई है।
Q8: संघ ने सूची में सुधार के लिए क्या कदम सुझाए हैं?
A: संघ ने प्रशासन से त्रुटिहीन सूची बनाने के लिए शिक्षक संघ के साथ समन्वय करने और स्थानीय परिस्थितियों का ध्यान रखने की मांग की है।