रुक जाएगी भारत की अर्थव्यवस्था, कांग्रेस के विरासत कानून सुझाव पर बोले अर्थशास्त्री

अर्थशास्त्री गौतम सेन ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत के दौरान कहा कि संपत्ति के बंटवारे की योजना भारत में काम नहीं करने वाली

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Reported by Rohit Kumar

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रुक जाएगी भारत की अर्थव्यवस्था, कांग्रेस के विरासत कानून सुझाव पर बोले अर्थशास्त्री
रुक जाएगी भारत की अर्थव्यवस्था, कांग्रेस के विरासत कानून सुझाव पर बोले अर्थशास्त्री

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच विरासत कानून (संपत्ति के बंटवारे) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपनी चुनावी रैलियों में विरासत कर का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं।

भाजपा ने लगाया कांग्रेस पर आरोप

भाजपा का आरोप है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देशवासियों की आधी संपत्ति पर सरकार कब्जा कर लेगी। बता दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और जातिगत सर्वे करवाने की बात कही गई है। कांग्रेस ने कहा कि इस सर्वे से मिली जानकारियों के आधार पर कदम उठाए जाएंगे। कांग्रेस इस सर्वे के आधार पर विरासत कर लगाएगी।

कांग्रेस का बचाव

बता दें कि कांग्रेस लगातार ये बहती कहती आई है कि पार्टी के घोषणापत्र में संपत्ति के बंटवारे का जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि, घोषणापत्र में आर्थिक और जातिगत सर्वे करवाने की बात है, जिसका भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया है। केवल आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण होगा। सर्वेक्षण का उपयोग नीति निर्माण के लिए किया जाएगा।

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अर्थशास्त्री गौतम सेन का मत

  • अर्थशास्त्री गौतम सेन: इसी बीच अर्थशास्त्री गौतम सेन ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत के दौरान कहा कि संपत्ति के बंटवारे की योजना भारत में काम नहीं करने वाली।
  • 12 करोड़ लोगों के पास 102 करोड़ से अधिक की संपत्ति: उनका कहना है कि केवल लगभग 12 करोड़ लोगों के पास 102 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। लेकिन इनमें से लगभग सभी ने अपने व्यवसायों में निवेश किया है।
  • 98-99% लोगों पर बुरा असर: वहीं, संपत्ति के बंटवारे की वजह से देश के 98 से लेकर 99 प्रतिशत लोगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ेगा।
  • गरीबों की जिंदगी बेहतर: गौतम सेन ने आगे कहा,”देश में जो लोग दुकान चलाते हैं छोटे व्यापार करते हैं अगर उनकी संपत्ति का बंटवारा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था रुक जाएगी। देश की संपत्ति का बंटवारा करने के लिए आपको हर दो साल में सर्वेक्षण करना होगा। पिछले 10 वर्षों में असल मायने में संपत्ति का बंटवारा देखा जा सकता है, जहां देश में सड़कों का निर्माण हुआ, लोगों के घर बनाए गए, शौचालय बनाए गए। हेल्थ सेक्टर पर पैसे खर्च किए गए। गैस सब्सिडी दिए गए।
  • मोदी सरकार के फैसले: उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के लिए गए ज्यादातर फैसले गरीबों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए लिए गए। देश में 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से ऊपर लाए गए।

विरासत कर (संपत्ति के बंटवारे) को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। यह देखना बाकी है कि इस मुद्दे पर चुनाव में क्या प्रभाव पड़ता है।

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