तीन बार क्रैक किया UPSC, किसान का बेटा कैसे बना हिंदी मीडियम टॉपर और हासिल किया IAS का पद

भारतीय सिविल सेवा (आईएएस) भारत सरकार की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण सेवाओं में से एक है। उम्मीदवारों को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है, जो देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। सफल उम्मीदवारों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) के लिए चुना जाता है।

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Reported by Rohit Kumar

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तीन बार क्रैक किया UPSC, फिर भी फेल, किसान का बेटा कैसे बना हिंदी मीडियम टॉपर और हासिल किया IAS का पद
किसान का बेटा कैसे बना हिंदी मीडियम टॉपर और हासिल किया IAS का पद

भारत में हर साल लाखों उम्मीदवार IAS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ सौ ही सफल होते हैं। दरअसल, IAS बनने के लिए, उम्मीदवारों को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, UPSC सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए, लाखों उम्मीदवार कोचिंग में पढ़ाई करते हैं, लेकिन इसके बावजूद, कई छात्र कई प्रयासों के बाद भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते हैं।

हालांकि, ऐसे भी कई छात्र हैं जिन्होंने दो या तीन बार इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार, IAS रवि सिहाग के बारे में बताएंगे, जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 3 बार सफलता हासिल की है और अपने बैच के हिंदी मीडियम टॉपर भी रहे हैं।

रवि सिहाग, एक ऐसे नाम जो प्रेरणा बन गया है उन लाखों युवाओं के लिए जो सिविल सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर देश की सेवा करना चाहते हैं। राजस्थान के एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रवि ने ना केवल सपनों की उड़ान भरी, बल्कि अपनी जिद्द और कड़ी मेहनत से उस उड़ान को सफलता की मंजिल तक पहुंचाया।

2018 और 2019 में क्रैक कर चुके हैं UPSC

रवि हमेशा से ही देश की सेवा करने और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित थे। इसलिए, उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया। उन्होंने दिल्ली में रहकर कोचिंग ली और कठोर परिश्रम किया।

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रवि ने पहली बार 2018 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा दी और 337वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्हें भारतीय रक्षा लेखा सेवा (IDAS) आवंटित की गई। 2019 में, उन्होंने फिर से परीक्षा दी और 317वीं रैंक प्राप्त की, जिसके बाद उन्हें भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) आवंटित किया गया। लेकिन, रवि का सपना IAS बनने का था। इसलिए, उन्होंने 2021 में तीसरी बार परीक्षा दी। लेकिन, वे प्रीलिम्स में भी सफल नहीं हो पाए। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अगले साल फिर से परीक्षा दी। 2021 में, अपने चौथे प्रयास में, उन्होंने 18वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया।

किसान के बेटे हैं IAS रवि सिहाग

रवि सिहाग राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता एक किसान हैं और उनका परिवार खेती से जुड़ा हुआ है। रवि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज, हनुमानगढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की।स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, रवि ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने दिल्ली में रहकर कोचिंग भी ली।

रवि सिहाग की प्रेरणा

रवि सिहाग उन सभी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा हैं जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। उनकी कहानी बताती है कि कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण से सपने पूरे किए जा सकते हैं।

रवि सिहाग की उपलब्धियां:

  • UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 3 बार सफलता प्राप्त की
  • अपने बैच के हिंदी मीडियम टॉपर रहे
  • IAS अधिकारी के रूप में कार्यरत

रवि सिहाग से सीख:

  • सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है।
  • असफलताओं से हार न मानें, उनसे सीखें और आगे बढ़ें।
  • एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाएं और अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें।
  • खुद पर विश्वास रखें और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करें।
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