भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान | 12 Jyotirling Name and Place in hindi

पुराणों में कहा गया हैं कि संसार में प्रत्येक कण की उत्पति शिवजी से हुई है, और उन्हीं में प्रत्येक कण समाप्त अर्थात खत्म हो जाता है। शिवजी को कई प्रकार के नामों से बुलाया जाता है

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Reported by Saloni Uniyal

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भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम: आपने ज्योतिर्लिंग का नाम तो सुना ही होगा इसका जो सम्बन्ध है, वो शिव से जुड़ा है। शिवजी के दीप्तिमान प्रतीक को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। ज्योतिर्लिंग को हिंदू आस्था का सबसे बड़ा केंद्र भी कहा जाता है। ज्योतिर्लिंगम या ज्योतिर्लिंग भगवान को हम महादेव का एक भक्तिपूर्ण प्रतीक भी कहते है। शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है।

पुराणों में कहा गया हैं कि संसार में प्रत्येक कण की उत्पति शिवजी से हुई है, और उन्हीं में प्रत्येक कण समाप्त अर्थात खत्म हो जाता है। शिवजी को कई प्रकार के नामों से बुलाया जाता है जैसे- नीलकंठ, भोलेनाथ, महादेव, महेश, रूद्र तथा शंकर आदि नामों से भी पुकारा जाता है। भारत में 12 तरह की ज्योतिर्लिंग पाए जाते है। हम आपको इस आर्टिकल में भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान के विषय में पूरी जानकारी देंगे।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान | 12 Jyotirling Name and Place in hindi
12 Jyotirling Name and Place in hindi

ज्योतिर्लिंग की कथा (Story of Jyotirling)

ज्योतिर्लिंग की कथा का उल्लेख विष्णु पुराण में बताया गया है। हम आपको यह कहानी शिव महा पुराण के अनुसार बताएंगे। विष्णु और ब्रह्मा जी में सर्व श्रेष्ठता (सर्वोच्चता) के विषय को लेकर आपस में कलह (dispute) हो रहा था इस विवाद को देखकर भगवान शिव ने उन दोनों को (विष्णु और ब्रह्मा जी) एक कार्य सौंप कर वे खुद प्रकाश का एक बड़ा सा और विशाल स्तम्भ एक ज्योतिर्लिंग के रूप में तीनों रूप में संचारित (प्रसारित) हो गए और उन्होंने विष्णु और शिवजी को दोनों दिशाओं में प्रकाश का अंत ढूंढ़ने के लिए बोला।

भगवान शिव के कहने पर विष्णु और ब्रह्मा जी प्रकाश का अंत ढूँढ़ने के लिए ऊपर तथा नीचे की और अपना रास्ता पृथक करते है। दोनों के दोनों प्रकाश की खोज में लग गए। ब्रह्मा जी ने झूठ बोलते हुए कहा कि उनको प्रकाश का अंत मिल गया है फिर विष्णु जी ने निराश होते हुए कहा की उनको प्रकाश का अंत नहीं मिला फिर उन्होंने अपनी पराजय स्वीकार कर ली। ब्रह्मा जी के झूठ बोलने पर शिवजी ने उनको श्राप दिया कि तुम ब्रह्मांड के रचयिता हो परन्तु तुम्हारी पूजा नहीं होगी।

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ब्रह्मा और विष्णु जी को पता लग गया की भगवान शिव ही वह महान और अन्नंत ज्योति (प्रकाश) है। जिसकी सीमा का कोई अंत नहीं है। अब आपको बताये की जहां पर शिव एक प्रकाश के स्तम्भ के रूप में प्रकट हुए थे वही पर जितने भी भारत में ज्योतिर्लिंग पाए जाते हैं उसी स्थान पर मंदिर स्थित है। 12 ज्योतिर्लिंग स्थलों में हर किसी ज्योतिर्लिंग का नाम उनके मुख्य आराध्य भगवान महादेव के जितने भी अवतार है उनके नाम से जाना जाता है। इन सभी स्थलों पर भगवान शिव की पूजा होती है तथा उनकी प्रमुख मूर्ति (छवि) के रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है

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भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान (Names and locations of 12 Jyotirlingas in India)

भारत में 12 प्रकार के ज्योतिर्लिंग पाए जाते है तथा ये उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में स्थित रामेश्वर मंदिर विभिन राज्यों में फैल रखे है, जिन भी क्षेत्रों में 12 ज्योतिर्लिंग पाए जाते है उन स्थलों को विशेष क्षेत्र की पहचान कहा जाता है भारत तथा नेपाल में 64 ज्योतिर्लिंग मंदिरो का उल्लेख शिव पुराण में बताया गया है।

क्र.स.ज्योतिर्लिंग का नामराज्यस्थान
1.सोमनाथ ज्योतिर्लिंगगुजरातवेरावल, सोमनाथ
2.मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगआंध्र प्रदेशश्रीशेलम
3.महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगमध्य प्रदेशउज्जैन
4.ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंगमध्य प्रदेशखंडवा
5.वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंगझारखण्डदेवघर
6.भीमाशंकर ज्योतिर्लिंगमहाराष्ट्रखेड़ तालुका, पुणे
7.रामेश्वर ज्योतिर्लिंगतमिलनाडुरामेश्वर
8.नागेश्वर ज्योतिर्लिंगगुजरातद्वारका
9.काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंगउत्तर प्रदेशवाराणसी
10.त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगमहाराष्ट्रनासिक
11.केदारनाथ ज्योतिर्लिंगउत्तराखंडकेदारनाथ
12.घृणेश्वर ज्योतिर्लिंगमहाराष्ट्रऔरंगाबाद

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, गुजरात

भारत के पहले ज्योतिर्लिंग के रूप में सोमनाथ मंदिर को जाना जाता है और जो मंदिर है उसको चालुक्य शैली में बनाया गया है। यह जो मंदिर है वह भारत के पश्चिमी हिस्से के गुजरात राज्य के काठियावाड़ जिले के वेरावल क्षेत्र के पास स्थित है और यह मंदिर अरब सागर के तट पर स्थित है। सोमनाथ मंदिर में प्रत्येक साल हजारों श्रद्धालु (भक्त) आते है। परन्तु महा शिवरात्रि पर यहाँ बहुत संख्या में भक्त पहुंचे रहते है। सोमनाथ मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों से सबसे पवित्र मंदिर कहा जाता है।

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ये कहा जाता है कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण शुद्ध सोने से चन्द्रमा (सोमदेव) ने किया था। उसके बाद फिर रावण ने चांदी से इसका नवीकरण किया था। बाद में कृष्ण जी ने चन्दन से तथा भीमदेव जी ने पत्थर से इसका निर्माण किया। इस मंदिर को कई बार लूटने के उद्देश्य से तुर्क वंश के राजा (शासक) मेहमूद गजनवी ने इस मंदिर पर सोना लूटने के लिए कई बार हमले किये।

2. मलिक्कार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर, आंध्रप्रदेश

मलिक्कार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है यह आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के देखभाल (रखरखाव) करने में कई राजाओं ने अपना पूरा सहयोग किया था परन्तु सबसे पहला नाम सतवाहन साम्राज्य का है, यह नाम इतिहास की किताबों में छप गया है। छत्रपति शिवजी महाराज ने इस मंदिर की देखभाल अपना पूरा योगदान दिया था। दोस्तों आपको पता है की भारत में 51 शक्तिपीठ स्थित है, उनमें से एक मलिक्कार्जुन मंदिर के पास भी स्थित है।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
मलिक्कार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर, आंध्रप्रदेश

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, मध्य प्रदेश

12 ज्योतिर्लिंग में से यह एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। पुराणों में कहा गया है की यह ज्योतिर्लिंग अपने आप उत्पन्न हुआ था और आपको बता दे की इस मंदिर में हर दिन 5,000 से ज्यादा श्रद्धालु आते है। यह जो मंदिर है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में महादेव की जो पूजा होती है वो जलती हुई चिता की राख और भस्म से महाकाल शिवजी की पूजा होती है। त्योहारों में यह ज्यादा भीड़ लगी होती है 30,000 से भी अधिक श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते है।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, मध्य प्रदेश

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, मध्य प्रदेश

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा क्षेत्र में स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे एक शिवपुरी नामक द्वीप है उस पर स्थित है। लोग इस मंदिर को मंधाता पर्वत के नाम से भी पुकारते हैं। ओंकारेश्वर मंदिर एक तीन मंजिला मंदिर है और यह ग्रेनाइट के विशाल स्तम्भों से बना है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को ओंकार के भगवान तथा ओमध्वनि के भगवान भी कहते है।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, मध्य प्रदेश

5. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, झारखण्ड

भारत में बाबा बैधनाथ ज्योतिर्लिंग सबसे प्रसिद्ध मंदिर की श्रेणी में आता है। यह मंदिर झारखण्ड के संथाल परगना नामक क्षेत्र में स्थित है इस क्षेत्र को भगवान शिव की चिता भूमि भी मानते है। यह जो मंदिर है वो भी 51 शक्ति पीठों में से एक है।

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भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, झारखण्ड

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

यह मंदिर महाराष्ट्र के खेड़ तालुका, पुणे क्षेत्र में समहाद्री पर्वत के पास स्थित है, और यह भीमा नदी के पास बसा हुआ है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से 6वां ज्योतिर्लिंग है यह द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोतम के अनुसार बताया गया है।

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग के नाम
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

7. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, तमिलनाडु

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर तमिलनाडु में कन्याकुमारी क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में ही पहली बार भगवान राम तथा विभीषण की आपस में मुलाकात हुई थी। आपने रामेश्वर मंदिर में जो 24 कुएँ है उनका निर्माण भगवान श्री राम ने वानर सैना की प्यास बुझाने के लिए किये थे।

रामेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर तमिलनाडु

8. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, गुजरात

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गुजरात के द्वारका क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर को नागनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों यह मंदिर द्वारकापुरी से लगभग 17 किलो मीटर दूर स्थित है। इस मंदिर का जो रंग है वह गुलाबी है यह गुलाबी पत्थर से बनाया गया है यह एक दक्षिणा मूर्ति है। इस मंदिर में भगवान शिव की 80 फ़ीट की मूर्ति स्थित है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर गुजरात
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, गुजरात

9. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, उत्तरप्रदेश

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थान में स्थित है। वाराणसी को विश्व का सबसे पूजनीय स्थल माना जाता है बनारस शहर की भीड़-भाड़ वाली गलियों में यह पवित्र स्थान बसा हुआ है। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को कई बार मुस्लिमों द्वारा बहुत नुकसान तथा लूटा गया था।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर उत्तरप्रदेश

10. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र के नासिक शहर से दूर गौतमी नदी के तट पर स्थित है। पर्वत पर यह मंदिर स्थित है। यहां पर शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी के तीन छोटे-छोटे लिंग प्रतीक के रूप में जाने जाते है। इसलिए इस मंदिर को त्रम्बकेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

Trimbakeshwar Temple Nashik Maharashtra
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

11. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, उत्तराखंड

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर मन्दाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला पर 3,583 मीटर (11,755फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है। हिन्दू धर्म में 4 धामों में से एक केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को माना जाता है।

Kedarnath Temple

12. घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र शहर के औरंगाबाद क्षेत्र में स्थित है यह 12 शिवलिंग में से आखरी शिवलिंग है इस कारण इसे भगवान शिवालय भी कहते हैं।

Grishneshwar Temple
घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाराष्ट्र

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग कौन-सा है ?

भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर है।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर किस राज्य में स्थित है?

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है।

कौन से राज्य में दो शिवलिंग स्थित जाते है नाम बताइये?

गुजरात राज्य में दो शिवलिंग स्थित है, पहला सोमनाथ और दूसरा नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर किस राज्य में स्थित है?

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा क्षेत्र में स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है

कौन-सा मंदिर महाराष्ट्र के खेड़ तालुका, पुणे क्षेत्र में समहाद्री पर्वत के पास स्थित है?

महाराष्ट्र के खेड़ तालुका, पुणे क्षेत्र में समहाद्री पर्वत के पास भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर स्थित है।

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