दुनिया के सात अजूबों के बारे में आप ने सुना तो होगा ही। खासकर जब भी 7 Wonders of the World की बात होती है तो आप के दिमाग में एक बार तो ताज महल का नाम तो आता ही होगा। आखिर ये हमारे देश भारत में जो स्थित है। लेकिन ऐसे ही अन्य 6 और अजूबे हैं जिनके बारे में आज आप इस लेख में पढ़ सकते हैं। आज आप इसमें दुनिया के सभी 7 अजूबों के बारे में पढ़ सकते हैं
और उनसे जुडी कई महत्वपूर्ण और रोचक बातों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइये जानते हैं दुनिया के सात अजूबे के बारे में।
यहाँ जानिए क्या होते हैं दुनिया के सात अजूबे
दुनिया के सात अजूबों में शामिल किये गए विभिन्न स्थलों को आप नीचे दी गयी सारिणी में देख सकते हैं। यहाँ नाम , निर्माण और स्थान के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।
आप की जानकारी के लिए बता दें कि इन सात अजूबों में किसे शामिल करना है और किसे नहीं, इसका निर्णय लोगों द्वारा दिए गए वोटों के आधार पर किया जाता है।
अजूबे का नाम | निर्माण | स्थान |
चीन की दीवार | 8वीं शताब्दी | चीन |
माचू पिच्चु | 1430 ई. | पेरू |
ताजमहल | सन 1632 | भारत |
पेट्रा | 309 ई.पू | जोर्डन |
चिचेन इत्जा | 514 ई.पू | मैक्सिको |
क्राइस्ट रिडीमर | सन 1931 | ब्राजील |
कोलोज़ीयम | 80 ई.पू | इटली |
दुनिया के सात अजूबे
आइये अब जानते हैं कि 7 Wonders of the World में किस किस को शामिल किया गया है।
ताजमहल (Taj mahal) 7 Wonders of the World
पहले शुरू करते हैं हम अपने देश भारत में स्थित एक अजूबे से, जिसका नाम है ताजमहल। ताज महल भारत देश के उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है। यमुना नदी के किनारे स्थित ताजमहल को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।
इसे बनाने के लिए सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों का प्रयोग किया गया है। प्रेम का प्रतीक के तौर पर जाना जाने वाला ताजमहल विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल एक मकबरा है।
इसका निर्माण निर्माण 1631 से 1653 ई. के मध्य हुआ था। बताया जाता है कि इसके निर्माण में कुल 20 हजार कारीगर शामिल थे। इसकी वास्तुकला मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी शैली को हम फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा समिश्रण कह सकते हैं।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
ताज महल | आगरा, भारत | 1631–1653 ई. |
चीन की दीवार (Great Wall of China)
Great Wall of China को दुनिया के सात अजूबों में से एक है। ये चीन में बनी एक विशाल दीवार है जिसे मिटटी, पत्थर, ईंट,लकड़ी, धातु, आदि अन्य ऐसी सामग्रियों के प्रयोग से बनाया गया है।
यही नहीं इसके निर्माण के लिए चावल के घोल का प्रयोग भी हुआ है। जिससे दीवार को मजबूती दी जा सके। इस दीवार (चीन की दीवार) का निर्माण तकरीबन 20 वर्ष यानी 5 वीं शताब्दी से -16 वीं शताब्दी तक किया गया था।
बता दें कि चीन की दीवार कुल लगभग 21,196 किलोमीटर लम्बी है। ये दीवार 7.8 मीटर ऊंची और लगभग़ 5 मीटर तक चौड़ी है बताते हैं कि 10 लोग एक बार में आराम से चल सकते है।
इसके निर्माण की शुरुआत चीन के पहले शासक किन शी हुआंग के समय शुरू हुई थी और इसके बाद विभिन्न शासकों द्वारा विभिन्न समयांतराल पर इसका निर्माण जारी रखा गया।
ये एक किलेनुमा दीवार है जिसका निर्माण अपने राज्य को उत्तरी भाग से होने वाले कबीलाई हमलों से बचाना व अन्य बाहरी आक्रमणकारियों से देश की सीमा की रक्षा करना था। ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना को दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान के तौर पर भी जाना जाता है।
ऐसा इसलिए क्यूंकि इसके निर्माण के दौरान तकरीबन 10 लाख से भी ज्यादा व्यक्तियों की मौत हो गयी थी। Great Wall of China के लिए मशहूर है कि एहि एक ऐसा मानव निर्मित ढांचा है जिसे अंतरिक्ष से भी देखा जाता है। हालाँकि आप को जानकारी दे दें कि ऐसा असल में है नहीं।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
चीन की दीवार (Great Wall of China) | चीन | 5 वीं शताब्दी से -16 वीं शताब्दी तक |
क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer)
ये ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जो कि ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो के तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थापित है। ये दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक माना जाता है।
जिसे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। इसके निर्माण की अवधि 1922 और 1931 के बीच है। इसे बनाने के लिए मजबूत कंक्रीट और सोपस्टोन का उपयोग किया गया है। बताया जाता है कि मूर्ती का वजन वजन लगभग 635 टन है।
इसका आधार 31 फीट जिसे मिलाकर ऊँचाई 130 फीट और चौड़ाई 98 फ़ीट है। मूर्ती के डिज़ाइन तैयार करने का श्रेय ब्राजील के सिल्वा कोस्टा को और बनाने का श्रेय फ्रेंच के महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी को जाता है।
7 Wonders of the World में से एक क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer) को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध यह प्रतिमा साउथ अमेरिका में प्रसिद्ध 7 Wonders साइट में से भी एक है।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer) | ब्राज़ील | 1922- 1931 |
पेट्रा जॉर्डन (Petra Jordan)
दुनिया के सात अजूबों में से एक पेट्रा जॉर्डन (Petra Jordan) भी है। ये मध्य एशिया में पेट्रा जॉर्डन के मआन प्रान्त में बसा है। ये एक प्राचीन / ऐतिहासिक नगरी है जो बड़ी बड़ी चट्टानों और पत्थरों से तराशकर निर्मित की गयी है।
इसका निर्माण 1200 ईसापूर्व के लगभग शुरू किया गया था। इसके निर्माण का श्रेय अरब देश के मूल अरबवासियों को जाता है। ये शहर मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है और युनेस्को की एक विश्व धरोहर स्थलों की सूची में है।
ये शहर व्यापारिक मार्ग पर स्थित था और यहाँ से सिल्क रूट एवं मसालों का व्यापार होता था। जिससे की नाबातियाँ या रकमु लोग यानी अरब के मूलनिवासी काफी समृद्ध हुए
और इन्होने ही इस शहर का निर्माण शुरू किया था। यहाँ के मुख्य आकर्षणों में प्राकृतिक संरचनाओं जैसे कैनियन एवं अन्य चट्टानों को तराशकर बनायीं गयी शानदार नक्काशी एवं स्थापत्य आकृतियों को शामिल किया गया है। इसके अतिरक्त आप यहाँ रेगिस्तान में भी जल संरक्षण हेतु बनाये गए अद्धभुत स्थापत्य कला को भी देख सकते है।
यहाँ मिलने वाली अद्धभुत स्थापत्य कला अधिकतर गुलाबी रंग की चट्टानों से निर्मित की गयी है और ईसिस वजह से इस शहर को भी गुलाबी शहर कहा जाता है।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
पेट्रा जॉर्डन (Petra Jordan) | जॉर्डन | 309 ई.पू.- प्रथम ई. |
चीचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)
माया सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक धरोहर हैं जिन्हे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है। चीचेन इट्ज़ा माया सभ्यता की जनजाति (मेक्सिको में रहने वाली) का सबसे बड़े शहर के रूप में जाना जाता था। इस शहर का निर्माण 9 वीं सदी से लेकर 12वीं सदी के मध्य किया गया माना जाता है।
इसका निर्माण कराने का श्रेय पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों को जाता है। यहां आप को बहुत से पिरामिड, मंदिर व खेल के मैदान और कॉलम देखने को मिल जाएंगे। इनमे विशेष ये है कि यहां अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं।
मैक्सिको का सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थल विश्व प्रसिद्ध मायन मंदिर है जिसे कुकुलकन मंदिर (Temple of Kukulkán) कहा जाता है। ये मंदिर पिरामिड की तरह है जिसके शीर्ष पर जाने के लिए चारों तरफ से 365 सीढ़ियां है। जो कि साल के 365 दिनों के प्रतीक हैं।
प्रत्येक दिशा में 91 सीढ़ियां हैं जिनका कुल योग 365 है। माया सभ्यता में इस मंदिर में जिन आराध्य की पूजा होती है उन्हें सर्प वाले देवता के रूप में जाना जाता है। यहाँ होने वाले विभिन्न उत्सवों के निशान भी यहाँ देखे जा सकते हैं।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
चीचेन इट्ज़ा (Chichen Itza) | मेक्सिको | 514 ई.पू. |
कोलोजियम (Colosseum)
दुनिया के सात अजूबों में शामिल कोलोजियम (Colosseum) इटली के रोम नगर के मध्य स्थित है। ये एक अभी तक का ज्ञात सबसे विशाल स्टेडियम के रूप में जाना जाता है जिसका निर्माण 70 ईसवी और 82 ईसवी के मध्य हुआ था। इसका निर्माण सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने शुरू कराया था।
जिसे सम्राट टाइटस ने पूरा कराया था। यहाँ जानवरों की लड़ाई, खेल कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम,तलवारबाजी जैसे मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित कराये जाते थे। आज के समय ये दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन एम्फीथिएटर है।
ये थिएटर रोमन साम्राज्य का जीवंत इतिहास है जो रोमन साम्राज्य की अद्धभुत स्थापत्य कला का उदाहरण है। इस स्टेडियम की दर्शक दीर्घ में 65,000 से लेकर 80,000 लोग आसानी से बैठ सकते हैं। वर्तमान में इस थिएटर / स्टेडियम का दो तिहाई हिस्सा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते नष्ट हो चूका है।
हालाँकि आज भी इसकी विशालता और रोम साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास के रूप में कंक्रीट और रेत से बना ये स्टेडियम अभी भी देखा जा सकता है। इसे दुनिया की सबसे पुरानी वास्तुकलाओं में से एक माना जाता है।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
कोलोजियम (Colosseum) | इटली | 70 ई. -72 ई. |
माचू-पिच्चू (Machu Picchu)
दुनिया के सात अजूबों में शामिल माचू- पिच्चू साउथ अनेरिका के पेरू (एंडीज पर्वतमाला में) में स्थित है। इसे ‘इंकाओं का खोया हुआ शहर’ / लॉस्ट सिटी ऑफ़ इन्का” भी कहते हैं। वर्ष 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
ये पेरू का एक ऐतिहासिक मंदिर / देवालय के रूप में जाना जाता है। इस शहर का निर्माण 1430 में हुआ था जिसे राजा पचाकुती के द्वारा धार्मिक समारोह आयोजित करने एक उद्देश्य के लिए किया था। एक प्रकार से ये इन्का सभ्यता के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
माचू-पिच्चू (Machu Picchu) की समुद्र से ऊंचाई 2430 मीटर है। इस शहर को इस शहर को1532 में स्पेनिश उपनिवेशवादियों द्वार आक्रमण के बाद छोड़ दिया गया था। हालाँकि 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम द्वारा इसे फिर से दुनिया के सामने लाया गया।
अजूबा (Wonder name) | स्थित/सम्बंधित देश (Location/Country) | निर्माण वर्ष (Construction period) |
माचू-पिच्चू (Machu Picchu) | पेरू | 1430 ई. |
दुनिया के सात अजूबे से सम्बंधित प्रश्न उत्तर
दुनिया में कुल 7 अजूबे हैं।
दुनिया के 7 अजूबे विभिन्न देशों में हैं जैसे कि – भारत, चीन, ब्राज़ील, मेक्सिको, इटली, पेरू और जॉर्डन में स्थित हैं।
गीज़ा का महान पिरामिड (जिसे खुफू का पिरामिड भी कहा जाता है) सभी सात अजूबों में से सबसे पुराने अजूबे के तौर पर जाना जाता है।
दुनिया के 7 अजूबों में शामिल किये गए नाम – ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना, ताजमहल, क्राइस्ट द रिडीमर, चिचेन इट्जा, कालीजीयम, माचू पिच्चू और पेट्रा। इन सभी सातों अजूबों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप हमारे लेख को पढ़ें।