ताज महल | जनपद आगरा , उत्तर प्रदेश सरकार के आधीन एक ऐतिहासिक स्मारक है। आज हम आपको आपने आर्टिकल के माध्यम के Taj Mahal के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएगे। आज के समय कौन ताज महल बारे में नहीं जानता होगा। यदि नहीं जानते है तो आज हम आपको बताएँगे। ताज महल विश्व भर में प्रसिद्ध मकबरा है।
जिसकी सुन्दरता को देखने के लिए सिर्फ भारत के लोग ही नहीं देश-विदेश के लाखों लोग हर साल देखने को आते है,ये इतना आकर्षित, मनोहर है, जिससे सब इसकी तरफ आकर्षित होते है ताज महल विश्व के सात अजूबों में से एक अजूबा है जो हमारे देश में स्थित है चलिए जानते हैं ताज महल किसने बनवाया था ? इसके बारे में विस्तार से।
इसको प्यार की निशानी के रूप में मन जाता है पर्यटकों के लिए बना ये ऐतिहासिक ताज महल है जो यमुना नदी के तट पर स्थित है, आगे हम आपको बताएगें ताज महल किसने बनवाया और इससे जुड़ी जानकारियों को जो अभी तक आप नहीं जानते होंगे।
आकर्षित ताज महल का निर्माण मुगलो के पांचवे राजा शाहजहाँ ने बनवाया था। ताज महल उन्होंने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था शाहजहाँ अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करते थे ताज महल की शुरुआत सन 1632 में हुआ और 1652 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
जब ताजमहल का काम चल रहा था तब मुमताज की कब्र को दूसरे स्थान पर रखा गया निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मुमताज की कब्र को ताजमहल में स्थानांतरित किया। कहा जाता है जब मुगलो के पांचवे राजा शाहजहाँ की मृत्यु हुई तो उनकी कब्र को उनकी पत्नी के कब्र के पास दफनाया गया है, इसलिए इसको प्यार का प्रतीक माना जाता है जो आज के समय में देखने को नहीं मिलता है।
Taj Mahal highlights
लेख | ताज महल | जनपद आगरा, उत्तर प्रदेश सरकार | India – AGRA |
ताजमहल निर्माण | सफेद संगमरमर, नीलम, जैस्पर, फिरोजा और क्रिस्टल |
समय अवधि | 22 साल |
ताजमहल मस्जिद का निर्माण | लाल पत्थरों द्वारा |
परिसर केंद्र बिंदु | 42 एकड़ |
शाहजांह ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज को हमेशा याद करने के लिए और एक अलग सी पहचान बनने के लिए ताजमहल का निर्माण किया था वो अपनी पत्नी से बहुत प्रेम करने थे प्यार की मिसाल को पूरी दुनिया में बांटने के लिए ताज महल जैसे ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण करवाया।
हजारों वर्षो तक लोग इसको प्यार के प्रतीक के रूप में देखें। शाहजांह की चाह थी,एक किसी ऐसे महल का निर्माण करना जो पहले कभी नहीं था और न ही कभी भविष्य में होना चाहिए। उनकी इसी चाह से विशाल सुन्दर ताजमहल का निर्माण हुआ।
ताज महल का इतिहास
Tajmahal का निर्माण सफेद पत्थर (संगमरमर) से किया गया है इसको बनने में पुरे 22 साल का समय लगा। ये आगरा शहर में स्थित है जिसकी ऊँचाई लगभग 73 मीटर है ताजमहल को बनवाने में करीब 20,000 मजदूरों को हाथ था ये मजदूर देश के अलग-अलग जगह (भारत, फ़ारस और तुर्की) से लाये गए थे।
सामान के एक जगह से दूसरी जगह ले जाने ले लिए 1000 से ज्यादा हाथी का इस्तेमाल किया गया। मजदूरों ने ताजमहल को इतनी खुबसूरती से बनावाया जो आज के समय में भी बहुत आकर्षित है,कहा जाता है जिन मजदूरों ने Tajmahal को बनवाया था उन सभी के हाथ काट दिए थे ताकि दुबारा ऐसा सुन्दर महल न बना सकें।
प्यार की निशानी माने जाने वाले महल का निर्माण शाहजांह ने अपनी तीसरी बेगम के प्यार की याद में बनवाया था जिसको बनाने के लिए खास तरह के कारीगरो को अलग-अलग स्थान से बुलवाया गया था इन कारीगरों की मुख्य विषेशता ये थी कि ये पत्थर पर छेद कर चित्र का निर्माण करते थे।
ये कारीगर पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को तराश सकता था वही गुम्बदों और मीनारों का निर्माण करने के लिए अलग-अलग कारीगरों को बुलवाया गया था ताजमहल को बनवाने में करीब सन 1653 में 32 मिलियन रूपये ख़र्च हुए। जिसकी वर्तमान कीमत 70 मिनियल से ज्यादा होगी।
ताजमहल 42 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमे मज्जिद और गेस्ट हाउस भी है ताज महल का मुख्य ईमारत यहाँ की मुमताज महल का मकबरा है,इसके अलावा बहुत ही ईमारत देखने के लिए है जैसे-प्रवेश द्वार,चार बाग,अतिथि गृह,मीनारें,ताजमहल मस्जिद,छतरिया सभी ईमारत बहुत सुन्दर है जो ताजमहल पर चार चाँद लगा देते है।
यह भी कहा जाता है ताजमहल का रंग दिन में कई बार बदलता है सूर्योदय के समय गुलाबी नजर आता है दिन को धुप की वजह से अपने रंग सफेद में दिखाई देता है और रात को सुनहरे रंग में दिखाई पड़ता है।
ताजमहल को बनाने में लगे पत्थर
ताजमहल देखने में बहुत सुन्दर लगता है,पर आप लोग जानते है इसको बनाने में किन पत्थरो को इस्तेमाल किया है आइये जानते है-
ताजमहल को दुनिया का सातवाँ अजूबा युहि नहीं कहा जाता है इनको बनाने में अलग-अलग तरह के पत्थरों को मिला कर बनाया गया है Tajmahal को बनाने में अलग तरह के सफेद संगमरमर को भारत,एशिया कई देशों दे लाया गया है इतना ही नहीं इसके निर्माण के कारीगरों को भी कई देशों से बुलवाया गया है,
इन कारीगरों को अलग -अलग चित्रकला (गुंबद ,पत्थर बाज, बढ़ाई, चित्रकार, सुलेखा, राजमिस्त्री, जड़ने) सभी कारीगरों को देश के कोने-कोने से लाया गया है ये देश है भारत,एशिया और ईरान।गुंबद बनाने के लिए तुर्की से महान कारीगरों को लाया गया। इतना ही नहीं पत्थर पर फूल तराशने के लिए बुखारा से कारीगरों को बुलवाया था।
इस तरह से अनेक महान कारीगरों को बुलाया गया। ताजमहल को सबसे अलग और अलौकिक बनाने में शाहजहाँ ने कोई कमी नहीं छोड़ी। माना जाता है ताजमहल को बनाने में कुल मिला कर अठ्ठाइस प्रकार के बहुमूल्य पत्थर एवं रत्न श्वेत संगमर्मर में जडे गए थे। इसलिए ताजमहल की शोभा अभी तक बनी हुई है।
ताजमहल की विशेषता (Importance)
वैसे तो ताजमहल अपने आप में बहुत खास है अपनी सौंदर्य के कारण लोग दूर-दूर से देखने आते है आज हम आपको ताजमहल के अलग-अलग खास हिस्सों के बारे में बतायेंगे आइये आगे जानते है-
प्रवेश द्वार (Entry Gate)
- Tajmahal का प्रवेश द्वार ऊचाई लगभग 93 फीट है इसमें द्वार पर बारीक़ कलाकृति की हुई है द्वार पर लाल रंग के संगमरमर और कीमती पत्थर की जड़ाई का काम किया हुआ है दरवाजे के बाहर सफेद संगमरमर में कुरान की कुछ आयते बनी हुई है कहा जाता है यदि कोई व्यक्ति द्वार से ताजमहल की तरफ जाता है तो उसको मकबरा दूर जाता हुआ प्रतीक होता है
मकबरा (mausoleum)
- मकबरा ताजमहल का केंद्र बिंदु है जो संगमरमर पत्थर पर बना वर्गाकार आकार का है इस मकबरे में शाहजहाँ और उनकी पत्नी की कब्र को रखा गया था इस तरह की प्रथा मुस्लिम एवं ईसाइयों की होती है। इस ईमारत के ऊपर विशाल गुम्बद मौजूद है
गुंबद (Dome)
- गुम्बद मकबरे की सुंदरता और बड़ा देता है ये गोल आकार का होता है इसकी ऊँचाई ईमारत के आधार के बराबर,32 मीटर है,
मीनार (Tower)
- ताजमहल के बाहर चार विशाल मीनार स्थित है जो तालमहल की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देती है इसकी ऊँचाई 40 मीटर है ये मीनार थोड़ा ताजमहल की बाह की ओर झुकी हुए है ताकि भविष्य में मीनार से ताजमहल को कोई हानि न हो। प्रत्येक मीनार 2-2 छज्जों में बटा हुआ है इन मीनारों पर ताजमहल के ऊपर बने छतरी के सामान ही है इन पर भी कलाकृति की हुई है।
पर्यटन स्थान (touristic places)
ताजमहल पर्यटकों के लिए बहुत ही आकर्षित जगह है जिसको देखने के लिए देश-विदेश से लोग यहाँ आते है देखा गया है साल में 20-40 लाख लोग हर साल आते है जिसमे से 2 लाख से ज्यादा विदेशी होते है ज्यादातर पर्यटक सर्दियों के महीने अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी में आते है ज्यादा लोगो के यहाँ आने से प्रदूषण भी अधिक होता है।
इसलिए इसके आस-पास आप अपनी गाड़ियों को नहीं ले जा सकते है वहाँ तक आपको पैदल जाना होगा। इसके अलावा इलेक्ट्रोनिंग बस की सुविधा भी है पर्यटक के मामले में ताजमहल का स्थान सबसे ऊपर रहा है Tajmahal की सौन्दर्य को देखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 50 और अन्य लोगो से 540 -1000 का टिकट लेना होगा। यहाँ जाने का समय सुबह 6 बजे से शाम के 7 बजे तक होता है।
ताजमहल की सम्बंधित प्रश्नो के उत्तर-
ताजमहल को 1983 में युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
ताजमहल को बनाने में 20,000 मजदुर लगे थे।
ताजमहल निर्माण में 22 साल (1632-1653) समय लगा।
शाहजांह ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज के लिए बनवाया था
ताजमहल को देखने लिए देश-विदेशों से 20-40 लाख लोग आते है।