युद्ध होने वाला है, हथियारों की कमी से जूझ रहा भारत, रक्षा बजट और चीन-पाकिस्तान से खतरा

भारत का रक्षा बजट 5.93 लाख करोड़ रुपये है, जो GDP का लगभग 2% है, लेकिन यह चीन और पाकिस्तान के संयुक्त खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। भारतीय सशस्त्र बलों को अपनी लड़ाकू शक्ति बढ़ाने और आधुनिक हथियारों की आवश्यकता है ताकि वे दो-फ्रंट युद्ध की स्थिति से निपट सकें।

Photo of author

Reported by Rohit Kumar

Published on

युद्ध होने वाला है, हथियारों की कमी से जूझ रहा भारत, रक्षा बजट और चीन-पाकिस्तान से खतरा

हाल के वर्षों में भारत का रक्षा बजट बढ़ाया गया है, लेकिन यह अभी भी चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न हो रहे खतरों (Threats arising from China and Pakistan) से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। 2023-24 के लिए भारत का रक्षा बजट 5.93 लाख करोड़ रुपये (लगभग $72.6 बिलियन) है, जो कि भारत की GDP का लगभग 2% है। हालांकि, यह वृद्धि महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भारत की सेनाएं दो-फ्रंट युद्ध की स्थिति से निपट सकें।

चीन और पाकिस्तान से खतरा

चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य सहयोगिता भारत के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा बनती जा रही है। चीन ने पाकिस्तान को जे-10 और जेएफ-17 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराए हैं, जिससे पाकिस्तान की वायु शक्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इसके अलावा, पाकिस्तान और तुर्की के बीच उच्च तकनीक वाले ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों का भी आदान-प्रदान हो रहा है। इन सबके बीच, भारतीय वायु सेना (IAF) को अपने लड़ाकू विमान स्क्वाड्रनों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान में IAF के पास केवल 29 स्क्वाड्रन हैं, जबकि आदर्श रूप से यह संख्या 42 होनी चाहिए।

भारतीय सेना और नौसेना की स्थिति

भारतीय सेना को भी अपनी पुरानी हो चुकी सैन्य तकनीक को बदलने की आवश्यकता है। 68% उपकरण अभी भी विंटेज श्रेणी के हैं, जो 1970 के दशक के हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ नई विध्वंसक तोपों और हेलीकॉप्टरों को शामिल किया गया है, लेकिन वे संख्या में काफी कम हैं। भारतीय नौसेना को भी अपने पनडुब्बी बेड़े को उन्नत करने की जरूरत है, जिसमें से आधी पनडुब्बियां अब पुरानी हो चुकी हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है।

यह भी देखेंHow to make Career In AI: AI सेक्टर में करियर कैसे बनाएं, कौन सी स्किल्स हैं जरूरी जानें

How to Make Career In AI: AI सेक्टर में करियर कैसे बनाएं, कौन सी स्किल्स हैं जरूरी जानें

बढ़ती हुई आवश्यकताएँ

भारत की सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, रक्षा बजट को GDP के 3% तक बढ़ाना आवश्यक है। इससे भारतीय सशस्त्र बलों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे और वे दो-फ्रंट युद्ध के खतरे से निपटने में सक्षम होंगे। इसके लिए बड़ी मात्रा में वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी, जिसे सरकार को तत्काल उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना के लिए 10 अतिरिक्त स्क्वाड्रन राफेल विमानों की खरीद भी जरूरी है, जिससे वायु सेना की ताकत में बढ़ोतरी हो सके।

भारत को अपनी रक्षा बजट को बढ़ाकर आधुनिक हथियार और तकनीक को शामिल करना होगा, ताकि चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले दो-फ्रंट युद्ध की स्थिति से निपटा जा सके। इसके लिए सरकार को तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों को समय पर और पर्याप्त संसाधन मिल सकें।

यह भी देखेंबॉलीवुड में शोक की लहर: टी-सीरीज़ के को-ओनर कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का निधन

बॉलीवुड में शोक की लहर: टी-सीरीज़ के को-ओनर कृष्ण कुमार की बेटी तिशा कुमार का निधन

Photo of author

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें