पुरी, ओड़ीशा: ओड़ीशा में बीजेपी ने सरकार में आने के दो दिनों के भीतर ही अपना एक महत्वपूर्ण चुनावी वादा पूरा कर दिया है। वर्षों से जगन्नाथ मंदिर के तहखाने (jagannath mandir ratan bhandar) को खोलने की मांग उठ रही थी और अब यह मांग पूरी हो गई है। 46 साल बाद जब तहखाना खोला गया, तो इसके अंदर क्या कुछ मिला और इससे जुड़े रहस्यों को जानने के लिए सभी उत्सुक थे।
जगन्नाथ मंदिर के तहखाने को लेकर सियासत और सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। मंदिर के तहखाने में सांपों की मौजूदगी और चाबियों के रहस्य ने इस स्थान को और भी रहस्यमय बना दिया है। कल जब तहखाना खोला गया, तो इसमें क्या मिला, इसका खुलासा आज हुआ।
आज सुबह भगवान श्री लोकनाथ जी के मंदिर में अभिषेक और अर्चन किया गया। महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खोला गया और इसमें रखे गए आभूषणों की गिनती की गई। यह प्रक्रिया भगवान के भक्तों की उत्सुकता का विषय बनी रही।
800 साल पुराने जगन्नाथ धाम का रहस्य
800 साल पुराने जगन्नाथ धाम के तहखाने का रहस्य सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच तहखाने को खोला। इस दौरान मंदिर के प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और मंदिर के अंदर एक्सपर्ट्स की टीम बड़ी-बड़ी ड्रिल मशीनों, हैवी लाइट्स, और मेटल डिटेक्टर्स के साथ पहुंची।
Jagannatha Mandir तहखाने की चाबियों का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर के तहखाने में तीन चाबियां होती हैं, जो मंदिर प्रबंधन, डीएम, और सरकार के पास होती हैं। 2018 में जब तहखाना खोलने की कोशिश की गई, तो पता चला कि चाबियां पिछले 6 साल से गायब हैं। इसके बाद एएसआई की टीम डुप्लीकेट चाबियां लेकर पहुंची और प्लान बी के तहत ताला तोड़ने वालों को भी बुलाया गया।
क्या मिला तहखाने में?
तहखाने के बाहरी कक्ष में भगवान जगन्नाथ जी, बलभद्र जी, देवी सुभद्रा जी, और श्री सुदर्शन प्रभु जी के रोजाना इस्तेमाल में आने वाले आभूषण रखे गए हैं। आंतरिक कक्ष में प्राचीन और बहुमूल्य रत्न रखे गए हैं। विशेषज्ञों की टीम ने बाहरी और भीतरी कक्ष के तालों को सफलतापूर्वक खोला और बहुमूल्य आभूषणों की लिस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की।
खजाने की सुरक्षा और सांपों का रहस्य
मंदिर के तहखाने में सांपों की मौजूदगी और उनकी आवाजें सुनाई देने की मान्यता है। रत्न भंडार को खोलने से पहले भुवनेश्वर से सांप पकड़ने वालों को बुलाया गया। माना जाता है कि सांपों का एक समूह रत्नों की रक्षा करता है।
भविष्य की योजनाएं
अब जब तहखाना खुल गया है, विशेषज्ञों की टीम कीमती आभूषणों की डिजिटल लिस्टिंग करेगी और इसके लिए 60 से 70 दिन का वक्त लगेगा। रत्नों की जानकारी कमेटी, सरकार, और हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। साथ ही, एएसआई के इंजीनियर्स तहखाने की मरम्मत के काम के लिए सर्वे भी करेंगे।
पुरी के जगन्नाथ धाम में रत्न भंडार खोलने की प्रक्रिया के बाद अब भक्तों की उत्सुकता और बढ़ गई है। मंदिर के तहखाने में मिले खजाने की सही जानकारी आने वाले दिनों में सामने आएगी।